शनिवार, दिसंबर 23, 2017

गुजरात मॉडल एक झुठ : राहुल गांधी

राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक

नयी दिल्ली
नयी दिल्ली, 22 दिसंबर भाषा कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आज तीखा हमला बोलते हुये कहा कि उनका गुजरात मॉडल एक झाूठ है तथा इस तरह के झुठ एक-एक कर सामने आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब लोगों ने प्रधानमंत्री पर सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं।
राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद उन्होंने यह बात यहां संवाददाताओं से कही। उन्होंने कहा, मुझो लगता है कि 2जी मामले में अदालत का फैसला ने हमें सही साबित किया। उन्होंने कहा कि भाजपा का पूरा ढांचा झुठ पर खड़ा है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार सीडब्ल्यूसी की बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पार्टी का ध्यान इस बात की ओर दिलाया कि 2009 के आम चुनाव में कांग्रेस को शहरी क्षेत्रों में काफी वोट मिले थे। उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि बाद में पार्टी शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं की पसंद क्यों नहीं बन पा रही है
पूर्व प्रधानमंत्री का यह बयान इसलिए महत्व रखता है क्योंकि हाल में हुए गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा को शहरी क्षेत्रों में अच्छे वोट मिले जबकि कांग्रेस को ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं ने अधिक पसंद किया।
राहुल ने कहा, यदि आप गुजरात में मोदी मॉडल की बात करें तो यह पूरी तरह से झुठ है। जब हम गुजरात गये और लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि कोई मॉडल नहीं है। यह गुजरात के लोगों के संसाधानों की चोरी है। और यही उनकी योजना है। चाहे सभी के बैंक खातों में 15 लाख रूपये डालने की बात हो या 2जी हो या मोदी मॉडल हो, वे सब योजना थी। अब एक के बाद एक सब झुठ सामने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, दो और बड़े झाूठ हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र ने तीन माह में 50 हजार रूपये को 80 करोड़ रूपये में बदल दिया। यह सत्य है। हमारे प्रधानमंत्री को इस पर कुछ नहीं कहना है। राफेल सौदे को बदल दिया गया। एक व्यवसायी को पुरस्कार दिया गया।... प्रधानमंत्री स्वयं निर्णय लेते हैं और रक्षा मंत्री गोवा में बैठे थे। प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। हमने तीन सवाल पूछे थे। प्रधानमंत्री ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
सीडब्ल्यूसी बैठक में सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जर्नादन द्विवेदी और अहमद पटेल, मोहसिना किदवई सहित सीडब्ल्यूसी के सदस्यों एवं महासचिवों ने भाग लिया।
करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि अच्छा समाचार यह है कि लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। देश भर में लोग प्रधानमंत्री से अर्थव्यवस्था के बारे में सवाल कर रहे हैं। लोगों ने उनसे तब भी सवाल किये जब उन्होंने हमारे पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान किया। लिहाजा भावनाएं बढ़ रही हैं तथा कांग्रेस पार्टी के प्रति सकारात्मक भावना है। लिहाजा मुझो लगता है कि हमारे लिए हस्तक्षेप करने और फायदा लेने का समय है।
उन्होंने सुझााव दिया कि सीडब्ल्यूसी की बैठक हर दो माह में एक बार बुलायी जानी चाहिए ताकि संगठन और देश के समक्ष मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
बैठक के बारे जानकारी देते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में राहुल एवं मनमोहन ने पार्टी अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी के योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया। बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस जन की ओर से सोनिया का उनके मार्गदर्शन एवं नेतृत्व के लिए आभार व्यक्त किया गया।
सुरजेवाला ने बताया कि बैठक में भाग लेने वाले सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने कहा कि 2जी के बारे में विशेष सीबीआई अदालत का फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी, विा मंत्री अरूण जेटली और पूरे भाजपा की साजिश बेनकाब हो गयी है। भाजपा ने साा पाने के लिए गलत आरोप लगाकर देश और कांग्रेस पार्टी की छवि खराब की। उन्होंने कैग के पूर्व प्रमुख विनोद राय पर 2जी मामले में साजिश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि आज आदर्श सोसाइटी मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण के पक्ष में अदालत ने फैसला देकर भाजपा के एक और झाूठ को बेनकाब कर दिया है।
राहुल को 11 दिसंबर को निर्विरोध कांग्रेस प्रमुख चुना गया था और उन्होंने 16 दिसंबर को अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला था।

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चारा घोटाले पर फैंसला आज

आज चारा घोटाले में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्र समेत अन्य पर फैसला सुनाया जाएगा। 

नई दिल्ली
21 साल पहले बिहार में हुए एक घोटाले की धमक पूरे देश की सियासत में सुनी गई। नाम था चारा घोटाला और फंसे थे तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव और पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र। सीबीआई की विशेष अदालत आज चारा घोटाले में देवघर के सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में दोनों पूर्व सीएम और अन्य के खिलाफ अपना फैसला देने वाली है। इससे पहले लालू और जगन्नाथ मिश्र को चाईबासा कोषागार से 45 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में सजा सुनाई जा चुकी है। आइए एक नजर डालते हैं देश को हिला देने वाले इस घोटाले की टाइमलाइन पर...


जनवरी 1996: करीब 950 करोड़ का चारा घोटाला उजागर हुआ। तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारा। ऐसे दस्तावेज मिले, जिनसे पता चला कि 1990 के दशक में ऐसी कंपनियों को सरकारी कोषागार से चारा आपूर्ति के नाम पर पैसे जारी किए गए, जो थी हीं नहीं।

मार्च 1996: पटना हाई कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच का आदेश दिया, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगाई।

मई 1997: सीबीआई ने लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए बिहार के राज्यपाल से औपचारिक अनुरोध किया।

जून 1997: राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद 23 जून को सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया। इसमें लालू समेत 55 लोगों को आरोपी बनाया गया। आईपीसी के सेक्शन 420 (धोखाधड़ी), 120बी (आपराधिक षडयंत्र) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13बी के तहत 63 केस दर्ज किए गए।

जुलाई 1997: लालू प्रसाद ने सीबीआई कोर्ट के सामने सरेंडर किया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

अगस्त 1998: लालू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया।

अप्रैल 2000: राबड़ी देवी का नाम भी सह-अभियुक्त के तौर पर शामिल हुआ हालांकि उन्हें जमानत मिल गई।

अक्टूबर 2001: नया राज्य बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को झारखंड को ट्रांसफर कर दिया।

फरवरी 2002: रांची की विशेष सीबीआई अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई।

दिसंबर 2006: नवंबर में बहस खत्म होने के बाद आय से अधिक संपत्ति मामले में लालू और राबड़ी को बरी कर दिया गया। 
मई 2007: 31 मई को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने लालू के दो भतीजों सहित 58 में से 57 दोषियों को सजा सुनाई। नब्बे के दशक में धोखाधड़ी करके चाइबासा कोषागार से 48 करोड़ रुपये निकालने के केस नंबर आरसी 66 ए/96 के इन दोषियों को 2.5 से 6 साल तक की सजा सुनाई गई।

मार्च 2012: चारा घोटाले से जुड़े एक केस में 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, जगन्नाथ मिश्र, जहानाबाद के तत्कालीन जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा समेत 31 के खिलाफ बांका और भागलपुर कोषागार में हुई धोखाधड़ी मामले में आरोप तय किए।

अगस्त 2013: लालू ने इस मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत के जज के ट्रांसफर की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया।

सितंबर 2013: 17 सितंबर को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा।

सितंबर 2013: 30 सितंबर को लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत 45 को सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी ठहराया।

अक्टूबर 2013: रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने 3 अक्टूबर को चाइबासा कोषागार से फर्जी निकासी मामले में लालू, जगन्नाथ मिश्र समेत अन्य को सजा सुनाई। लालू को 5 साल और जगन्नाथ मिश्र को 4 साल की जेल हुई। लालू की लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई और सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक उनपर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई।

दिसंबर 2017: 23 दिसंबर यानी आज चारा घोटाले में देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्र समेत अन्य पर फैसला सुनाया जाएगा।

मंगलवार, दिसंबर 05, 2017

दो दशकों से रामलला की सेवा में लगे ये मुस्लिम

  'हमें उम्मीद है कि अयोध्या में शांति और भाईचारे की यह परंपरा हमेशा कायम रहेगी।'

पिछले दो दशकों से जब भी भारी बारिश और तूफान आता है तो लोहे के कंटीले तार अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा करते हैं। इन तारों की रक्षा के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को अब्दुल वाहिद की मदद की जरूरत पड़ती है। 38 साल के अब्दुल वाहिद पेशे से वेल्डर हैं और 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मंदिर की सुरक्षा में मदद करते हैं। वाहिद अपने पेशे और काम से काफी खुश हैं।सादिक अली कुर्ता, सदरी, पगड़ी और पायजामे की सिलाई करते हैं। उन्हें गर्व है कि हर कुछ महीनों के बाद 'रामलला' की मूर्ति के लिए वस्त्र बनाने का काम उन्हें ही सौंपा जाता है। अली कहते हैं, 'भगवान हम सभी के लिए एक है।' अली को रामलला के वस्त्र बनाने का काम राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी देते हैं। अली के दोस्त महबूब ने सबसे पहले साल 1995 में सीता कुंड के पास सामुदायिक रसोई के लिए पानी की व्यवस्था हेतु मोटर लगाई थी। तभी से शहर के ज्यादातर मंदिरों में बिजली के काम की देखरेख महबूब ही करते हैं। महबूब इस जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाते हैं कि जहां रामलला की मूर्तियां रखी हैं वहां 24 घंटे रोशनी बनी रहे।
 ये तीनों ही लोग इस मंदिर से एक दशक से ज्यादा से जुड़े हुए हैं। वाहिद ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'मैंने 1994 से मंदिर में काम करना शुरू किया। तब मैं अपने पिता से काम सीख रहा था। मैं एक भारतीय हूं और सभी हिंदू मेरे भाई हैं। वे तार और अन्य सामान कानपुर से लेकर आते हैं और मैं उन्हें मंदिर के आसपास फिट कर देता हूं। मुझे मेरे काम पर गर्व है।' साल 2005 में राम जन्मभूमि मंदिर पर हुए लश्कर के हमले को याद करते हुए वाहिद बताते हैं, 'उस हमले के बाद से मैंने कई बैरियर बनाए हैं और मंदिर के बाहर उनकी रिपेयरिंग करता रहता हूं। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। मेरी तरह अनेक सीआरपीएफ और पुलिस के जवान 24 घंटे मंदिर की सुरक्षा में तैनात रहते हैं।'
 अली ने बताया, 'पिछले 50 सालों से मेरा परिवार सिलाई का काम कर रहा है और हम पुजारियों और साधु-संतों सहित हिंदुओं के लिए कपड़े सिलने का काम करते हैं। मैं राम जन्मभभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के बाद से इनके सभी याचिकाकर्ताओं के लिए सदरी बनाता हूं। इनमें रामचंद्र दास परमहंस से लेकर हनुमानगढ़ी मंदिर के वर्तमान अध्यक्ष रमेश दास शामिल हैं। लेकिन मुझे सबसे ज्यादा संतुष्टि तब मिलती है जब मैं रामलला के लिए वस्त्र तैयार करता हूं।' 57 साल के अली की दुकान 'बाबू टेलर्स' हनुमानगढ़ी की जमीन पर ही बनी हुई है और इसके लिए वह मंदिर को हर महीने 70 रुपया किराया देते हैं।
 रामलला की सेवा में लगे ये तीनों ही मुस्लिम अक्सर चाय पर मंदिर पुजारियों से मिलते हैं और सरयू नदी के किनारे घूमते हैं। फैजाबाद कमिश्नर की तरफ से राम जन्मभूमि परिसर की देखभाल करने वाले बंसी लाल मौर्य कहते हैं, 'हमें उम्मीद है कि अयोध्या में शांति और भाईचारे की यह परंपरा हमेशा कायम रहेगी।'