बुधवार, जनवरी 31, 2018

69वें गणतंत्र दिवस पर 61 अफसरों और जवानों को शेर-ए-कश्मीर पुलिस मेडल

जम्मू।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राज्य पुलिस के 61 अधिकारियों व जवानों को उत्कृष्ट सेवा तथा बहादुरी के लिए शेर-ए-पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया है।
मेडल हासिल करने वालों में आइजीपी राजेश कुमार, एसएसपी अब्दुल रशीद बट्ट, एसएसपी कुलबीर सिंह, एसएसपी शौकत हुसैन, एसपी मनोज कुमार पंडित, डीएसपी अल्ताफ अहमद डार शामिल है। डीएसपी रियाज अहमद, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल मुनीर अहमद, डीएसपी मीर मुर्तजा सोहिल, एसआई गुरदीप सिंह, कांस्टेबल बशारत अहमद, हेड कांस्टेबल निसार अहमद, कांस्टेबल ईजाज अहमद, एसपी श्री राम दिनकर, एसआई संजीव देव सिंह, फालोअवर मोहम्मद रमजान वानी, एसएसपी इम्तियाज इस्माइल परे, कांस्टेबल मोहम्मद रफीक, एएसपी इजाज अहमद जरगर, डीएसपी शेख इख्फाक अहमद, इंस्पेक्टर अतर समद, कांस्टेबल बिलाल अहमद, कांस्टेबल इम्तियाज अहमद सोफी, कांस्टेबल मुदसर, डीएसपी सादिक गिनाई, कांस्टेबल इरशाद अहमद, एसपी संदीप कुमार, कांस्टेबल मोहम्मद मकबूल, कांस्टेबल हमीद ऋषि, एसपी अतुल शर्मा, एसएचओ कुलदीप कृष्ण, कांस्टेबल रणधीर सिंह, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार, कांस्टेबल ओवेज अहमद, कांस्टेबल मोहम्मद याकूब, डीएसपी शौकत अहमद डार, एसआई सज्जाद अहमद, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल दाऊद अहमद बट्ट, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल अकील अहमद, डीएसपी रमीज रशीद, हेड कांस्टेबल मोहम्मद सादिक लोन, डीएसपी मशकूर अहमद, एसआइ जिया-उर-रहमान, कांस्टेबल सोहेल अहमद, कांस्टेबल मंजूर अहमद, डीएसपी जावेद इकबाल, डीएसपी ईजाज अहमद, एसआई फारूक अहमद खान, कांस्टेबल भरत पंडिता, डीएसपी हिलाल खालिक, इंस्पेक्टर विशाल शूर, कांस्टेबल अनिल सिंह, कांस्टेबल रशीद अहमद, इंस्पेक्टर आदिल रशीद, हैड कांस्टेबल देवेंद्र कुमार, फालोअर सतपाल सिंह, डीएसपी अजगर अली, इंस्पेक्टर मसरत अहमद मीर, एसआई मोहम्मद फारूक तथा सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल बिलाल अहमद शामिल है। वहीं, उत्कृष्ट सेवा के लिए इंस्पेक्टर अक्षय खजूरिया को प्रेजिडेंट पुलिस मेडल दिया गया।
भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा। यह शांति के समय दिया जानेवाला सबसे बड़ा सैन्य सम्मान होता है। निराला ने कश्मीर में पिछले साल नवंबर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अकेले ही दो आतंकियों को ढेर कर दिया था। वह बिहार के रोहतास जिले के बदलादीह गांव के रखने वाले थे। उनसे पहले सिर्फ दो वायुसेना के कर्मियों को ही यह सर्वोच्च वीरता पुरस्कार मिला है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि 69वें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 390 शौर्य एवं अन्य रक्षा सम्मान को मंजूरी दी है। शौर्य एवं रक्षा सम्मान सशस्त्र बलों के जवानों दिया जाता है। सीआरपीएफ के दो जवानों को
 झारखंड के लातेहार जिले में नक्सल विरोधी अभियान में बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए सीआरपीएफ के दो कोबरा कमांडो को शौर्य चक्र के लिए चुना गया है। 2016 में चलाए गए अभियान में छह नक्सली मारे गए थे। शौर्य चक्र पाने वालों में सहायक कमांडेंट विकास जाखर और उपनिरीक्षक रियाज आलम अंसारी शामिल हैं। दोनों कोबरा के लिए कमांडो बटालियन की 209वीं बटालियन से संबंधित हैं। अशोक चक्र और कीर्ति चक्र के बाद शौर्य चक्र शांति के समय में दिया जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है।
सीआइएसएफ के 32 कर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। गुरुवार को सम्मानित होने वालों में डीआइजी एनजी गुप्ता, वरिष्ठ कमांडेंट वर्तुल सिंह, निर्विकार और पी. प्रताप सिंह व निरीक्षक नरेश शामिल हैं। कांस्टेबल सत्येन सिंह और पीएम वर्मा को क्रमश: उत्तम जीवन रक्षक पदक और जीवन रक्षक पदक से सम्मानित किया गया है।
 भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के 14 अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया है। 90,000 कर्मियों वाले बल के कंधों पर 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की निगरानी करने का भार है। इसके अलावा यह बल नक्सल विरोधी अभियान सहित आंतरिक सुरक्षा में भी भाग लेता है। सम्मानित होने वालों में कमांडेंट विश्वत्रि आनंद और निरीक्षक जीएस नेगी भी शामिल हैं।
 एनसीबी अधिकारी रोहित कटियार को राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया है। एनसीबी से सम्मानित होने वाले वह अकेले अधिकारी हैं। सीआइएसएफ में 1995 बैच के अधिकारी कटियार 2008 में प्रधानमंत्री पुलिस पदक से सम्मानित किए गए थे।
सीबीआइ के 27 अधिकारियों को राष्ट्रपति पदक : सीबीआइ के 27 अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। एजेंसी ने कहा कि उल्लेखनीय सेवा और मेधावी सेवा के लिए गणतंत्र दिवस के मौके पर अधिकारी सम्मानित किए हैं। सम्मानित होने वाले अधिकारियों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोए सुनील एम्मानुएल, सीबीआइ अकादमी एवं रोहित श्रीवास्तव, एसी-3, उपाधीक्षक रोशनलाल यादव, एसी-1, सहायक उपनिरीक्षक वी. कविदास आदि शामिल हैं।

फिर गहरा सकता है डोकलाम विवाद, चीन ने इलाके पर किया दावा; निर्माण कार्य जारी

 डोकलाम विवाद पर चीन ने एक बार फिर पैंतरा दिखाना शुरू कर दिया है।
बीजिंग ।
डोकलाम विवाद पर चीन ने एक बार फिर पैंतरा दिखाना शुरू कर दिया है। उसने डोकलाम पर दावा करते हुए कहा है कि उस इलाके में निर्माण कार्य कराना उसके अधिकार क्षेत्र में आता है। हालांकि, इसके साथ ही चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने भारत-चीन सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से और मौजूदा तंत्र के जरिये सुलझाने पर जोर दिया है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को भारतीय राजदूत गौतम बंबावले द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनयिंग ने सोमवार को कहा, 'हमने हमेशा डोकलाम समेत अपने सीमावर्ती इलाकों में संप्रभुता कायम रखा है। मैं जोर देकर कहना चाहूंगी कि यह इलाका चीन की संप्रभुता में आता है, जिसमें हम सुविधाओं का निर्माण कर रहे हैं।
भारतीय राजदूत ने अपने साक्षात्कार में कहा था कि 3,488 किलोमीटर की सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों में यथास्थिति को नहीं बदला जाना चाहिए। इस पर चुनयिंग ने कहा, मुझे कहना चाहिए कि दोनों देशों को सीमा मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से देखना चाहिए और मौजूदा तंत्रों के जरिये इनका समाधान करना चाहिये। इससे हम मतभेदों के उचित समाधान के लिए स्थितियां और सक्षम माहौल बना सकेंगे।
 उल्लेखनीय है कि भारत और चीन में सीमा विवाद को लेकर मतभेद सुलझाने के लिए विशेष तंत्र मौजूद है। इसके अलावा विशेष प्रतिनिधि स्तर की सीमा वार्ता का तंत्र भी मौजूद है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने 1890 में ब्रिटेन और चीन की संधि का हवाला देते हुए कहा कि चीन-भारत सीमा का सिक्किम क्षेत्र इस ऐतिहासिक संधि से सीमांकित है। यह चीन के न्यायक्षेत्र में आता है। चीन कहता रहा है कि उस ऐतिहासिक संधि के जरिये सिक्किम क्षेत्र का सीमांकन कर लिया गया है। चुनयिंग ने कहा कि भारतीय मीडिया में डोकलाम इलाके में सैन्य जमाव और आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को लेकर खबरें आई हैं। वे इसे लेकर काफी उत्साहित हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल 16 जून को दोनों देशों के बीच डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर विवाद शुरू हुआ था। भारत-चीन की सेनाएं वहां लगभग ढाई महीने तक तंबू गाड़े रहीं। 28 अगस्त को 73 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से पहले विवाद सुलझा लिया गया था।

समुद्र में छूटेंगे चीन और पाकिस्तान के पसीने

पनडुब्बी आइएनएस 'करंज की लांचिंग 31 को

नई दिल्ली। 
समुद्र में दुश्मनों के होश ठिकाने लगाने वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी आईएनएस 'करंज लॉन्च होने जा रही है। आईएनएस करंज कल बुधवार को मुंबई मझगांव डॉक पर लॉन्च की जाएगी। इस दौरान नेवी चीफ सुनील लांबा भी मौजूद रहेंगे। पहली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को 14 दिसंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम समर्पित किया था। कलवरी में पिछली डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की तुलना में बेहतर छुपने वाली प्रौद्योगिकी है। आईएनएस करंज की खास बात यह है कि यह एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जो मेक इन इंडिया के तहत तैयार की गई है। कलवरी और खांदेरी के बाद करंज की ताकत देखकर दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगे।
अपने आधुनिक फीचर्स और सटीक निशाने की क्षमता वाली स्कॉर्पीन पनडुब्बी करंज दुश्मनों को चकमा देकर सटीक निशाना लगा सकती है। करंज की यह खूबी चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की मुश्किलें बढ़ा देगा। इसके साथ ही करंज टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है।
युद्ध की स्थिति में करंज पनडुब्बी हर तरह की अड़चनों से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देकर बाहर निकल सकती है। यानी इसमें सतह पर पानी के अंदर से दुश्मन पर हमला करने की खासियत भी है। इस पनडुब्बी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे किसी भी तरह की जंग में ऑपरेट किया जा सकता है। यह पनडुब्बी हर तरह के वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस को इक_ा करने जैसे कामों को भी बखूबी अंजाम दे सकती है। बता दें कि कंरज पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबा, 12.3 मीटर ऊंचा, 1565 टन वजनी है।
करंज रडार की पकड़ में नहीं आ सकता है।
जमीन पर हमला करने में सक्षम है करंज।
करंज पनडुब्बी में ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता।
लंबे समय तक पानी में रह सकती है करंज पनडुब्बी।
स्कॉर्पीन श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी खांदेरी 12 जनवरी 2019 को लॉन्च की गई थी। फ्रांस की रक्षा व ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस द्वारा डिजाइन की गईं पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत बनाई जा रही हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत अगली पीढ़ी की स्वदेशी पनडुब्बियों का निर्माण करेगा। आईएनएस कलवरी के भारतीय नौसेना में शामिल होने से भारत का हिंदमहासागर में दबदवा और बढ़ जाएगा। यह पनडुब्बी नौसेना की ताकत को भी एक अलग सिरे से परिभाषित करेगी।
स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली दो पनडुब्बियां कलवरी, और खांदेरी है।
13 दिसंबर, 2017 को प्रधानमंत्री मोदी ने आइएनएस कलवरी को देश के नाम समर्पित किया था।
वहीं, खांदेरी पनडुब्बी को 12 जनवरी, 2017 को लॉन्च किया गया था।
कलवरी और खंडेरी पनडुब्बियां आधुनिक फीचर्स से लैस है।
यह दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती हैं।
इसके साथ ही टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती हैं।
आईएनएस कलवरी में पिछली डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की तुलना में बेहतर छुपने वाली प्रौद्योगिकी है।
इस पनडुब्बी के माध्यम से टारपीडो के साथ एक हमले शुरू किए जा सकते है। यह उष्णकटिबंधीय समेत सभी सेटिंग्स में काम कर सकती हैं। माइन बिछाने, क्षेत्र निगरानी, खुफिया जानकारी और युद्ध गतिविधियों सहित इस गुप्तता वाली पनडुब्बी के माध्यम से कई रक्षा गतिविधियों का संचालन किया जा सकता है। इस पनडुब्बी के माध्यम से पानी की सतह पर या नीचे की सतह से एंटी शिप मिसाइल लॉन्च की जा सकती है। कलवारी को विशेष इस्पात से बनाया गया है । जिससे ये उच्च तीव्रता के हाइड्रोस्टाटिक बल का सामना कर सकती है और महासागरों में गहराई से गोता लगा सकती है।
स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बी खांदेरी की खास बातें-
स्कॉर्पीन श्रेणी की यह पनडुब्बी अत्याधुनिक फीचरों से लैस है।
इनमें रडार से बच निकलने की इसकी उत्कृष्ट क्षमता और सधा हुए वार कर दुश्मन पर जोरदार हमला करने की योग्यता शामिल है।
यह हमला टॉरपीडो से भी किया जा सकता है और ट्यूब-लॉन्च्ड पोत विरोधी मिसाइलों से भी रडार से बच निकलने की क्षमता इसे अन्य कई पनडुब्बियों की तुलना में अभेद्य बनाएगी।
यह पनडुब्बी हर तरह के मौसम और युद्धक्षेत्र में संचालन कर सकती है।
यह किसी भी अन्य आधुनिक पनडुब्बी की तरह सतह-रोधी युद्धक क्षमता, पनडुब्बी-रोधी युद्धक क्षमता, खुफिया जानकारी जुटाना, क्षेत्र की निगरानी कर सकती है।
क्क-75 प्रोजेक्ट के तहत बन रही हैं पनडुब्बी
 आईएनएस कलवरी देश में बनी पहली परमाणु पनडुब्बी है जो भारतीय नौसेना में शामिल की गई थी। क्क-75 प्रोजेक्ट के तहत मुंबई के मझगांव डॉक लीमिटेड में बनी कलवरी क्लास की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलावरी है। कलवरी क्लास की 6 पनडुब्बी मुंबई के मझगांव डॉक में एक साथ बन रही हैं और मेक इन इंडिया के तहत इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है। कलवरी के बाद खांदेरी और अब प्रोजक्ट की तीसरी पनडुब्बी करंज 31 जनवरी को लॉन्च होगी।
 

मेजर पर एफआईआर को लेकर आमने-सामने बीजेपी-पीडीपी

जम्मू।
कश्मीर के शोपिया में सेना की फायरिंग से दो नागरिकों की मौत के मामले में सेना के मेजर पर हत्या का केस दर्ज किया गया है।  इसको लेकर राज्य में गठबंधन सरकार चला रहे पीडीपी और बीजेपी आमने सामने हो गए हैं।  जहां सीएम महबूबा मुफ्ती मेजर पर एफआईआर के पक्ष में हैं तो वहीं बीजेपी ने एफआईआर में से मेजर का नाम हटाने की मांग की है।
सोमवार को विधानसभा में महबूबा मुफ्ती ने कहा, रक्षा मंत्री से बात करने के बाद ही सेना के अफसर पर केस दर्ज किया गया है।  साथ ही मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी रिपोर्ट 20 दिनों में आएगी।
बता दें, शापिया में शनिवार को करीब 200 लोगों की भीड़ ने आर्मी के दस्ते पर हमला कर दिया।  जवाबी कार्यवाही में सेना ने भी फायरिंग की जिसमें 2 युवाओं की मौत हो गई और एक युवक घायल हो गया।  इस मामले में रविवार को पुलिस ने मेजर आदित्य और 10, गढ़वाल यूनिट के एक सैनिक पर हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया।  सोमवार को विधानसभा में इसी मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ।
विधानसभा में बीजेपी ने एफआईआर में से मेजर का नाम हटाने की मांग की।  बीजेपी का कहना है कि इससे सेना का मनोबल गिरेगा।  बीजेपी की इस मांग को सीएम महबूबा मुफ्ती ने खारिज कर दिया।  उन्होंने कहा राज्य सरकार ने इसमें जांच के  आदेश दे दिए हैं।
महबूबा ने कहा, ये एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।  आर्मी का मनोबल सिर्फ एक एफआईआर से नहीं गिरेगा।  सेना में भी काली भेड़ मौजूद हैं।  महबूबा ने कहा, आर्मी ने उस पुलिस एडवाइजरी को भी नहीं माना, जिसमें उस रूट से न जाने का जिक्र था।  महबूबा ने कहा, मैंने खुद सुरक्षाबलों से कह रखा है कि घाटी में कानून व्यवस्था को बहाल करने की दिशा में काम करना है।  मैंने उन्हें निर्देश भी दिए हैं कि वे हवा में फायरिंग करें।
वहीं, विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्?यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सरकार को घेरा।  उन्होंने कहा, अगर मेजर के खिलाफ एफआईआर है तो फिर मजिस्ट्रियल जांच की क्या जरूरत? उमर ने कहा, सेना की ओर से गोलियां सीने पर चलाई गईं, इससे पता चलता है कि स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास नहीं किए गए।  मैं निवेदन करता हूं कि इस मामले पर पर राजनीति न करें। 
भारत-प्रशासित कश्मीर में शनिवार को सेना की फ़ायरिंग में मारे गए दो युवाओं के मामले में पुलिस ने सेना के खिलाफ़ मामला दर्ज किया है।
दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जि़ले के गोवांपोरा में सेना की फ़ायरिंग में 20 साल के जावेद अहमद बट और 24 साल के सुहैल जावेद की मौत हुई थी।
पुलिस ने शोपियां के सदर थाने में सेना की यूनिट के ख़िलाफ़ हत्या (धारा 302), हत्या की कोशिश (धारा 306) और जि़ंदगी को ख़तरे (धारा 336) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दर्ज की गई एफआईआर में सेना के मेजर आदित्य का नाम दर्ज किया गया है और बताया गया है कि जिस समय सेना ने गोली चलाई उस समय मेजर अद्वितीय 10 गढ़वाल यूनिट का नेतृत्व कर रहे थे।
पुलिस प्रमुख शेष पॉल वैद ने बताया कि इस मामले में सेना के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया है।  साथ ही उनका यह भी कहना था कि इस मामले में आगे देखा जाएगा कि यह घटना किस हालात में पेश आई।
सेना के प्रवक्ता से उनकी प्रतिकिया जानने की कोशिश की गई तो सेना ने किसी भी फ़ोन कॉल का जवाब नहीं दिया।
सेना ने शनिवार को घटना के बाद बताया था कि उन्होंने मजबूर होकर आत्मसुरक्षा में गोली चलाई थी।
सरकार ने भी शनिवार को इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और 20 दिनों तक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
अलगाववादियों ने रविवार को शोपियां में मारे गए दो युवकों की मौत के ख़िलाफ़ बंद बुलाया था।  अलगाववादियों द्वारा बंद बुलाने पर कश्मीर घाटी में सभी दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर ट्रैफिक गायब रहा।
शोपियां में युवकों की मौतों के बाद कश्मीर में तनाव जैसे हालात हैं।  कश्मीर में बंद को देखते हुए रविवार को रेल सेवा को बंद कर दिया गया है।  शनिवार रात से ही दक्षिणी कश्मीर में इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है।
राज्य की मुख्य्मंत्री महबूबा मुफ़्ती ने शोपियां में मारे गए युवाओं पर शोक व्यक्त किया।  मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री से फ़ोन पर बात की थी और उनसे कहा कि शोपियां जैसी घटनाओं से जम्मू-कश्मीर में शुरू की गई शांति वार्ता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।