बुधवार, जनवरी 31, 2018

मेजर पर एफआईआर को लेकर आमने-सामने बीजेपी-पीडीपी

जम्मू।
कश्मीर के शोपिया में सेना की फायरिंग से दो नागरिकों की मौत के मामले में सेना के मेजर पर हत्या का केस दर्ज किया गया है।  इसको लेकर राज्य में गठबंधन सरकार चला रहे पीडीपी और बीजेपी आमने सामने हो गए हैं।  जहां सीएम महबूबा मुफ्ती मेजर पर एफआईआर के पक्ष में हैं तो वहीं बीजेपी ने एफआईआर में से मेजर का नाम हटाने की मांग की है।
सोमवार को विधानसभा में महबूबा मुफ्ती ने कहा, रक्षा मंत्री से बात करने के बाद ही सेना के अफसर पर केस दर्ज किया गया है।  साथ ही मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी रिपोर्ट 20 दिनों में आएगी।
बता दें, शापिया में शनिवार को करीब 200 लोगों की भीड़ ने आर्मी के दस्ते पर हमला कर दिया।  जवाबी कार्यवाही में सेना ने भी फायरिंग की जिसमें 2 युवाओं की मौत हो गई और एक युवक घायल हो गया।  इस मामले में रविवार को पुलिस ने मेजर आदित्य और 10, गढ़वाल यूनिट के एक सैनिक पर हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया।  सोमवार को विधानसभा में इसी मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ।
विधानसभा में बीजेपी ने एफआईआर में से मेजर का नाम हटाने की मांग की।  बीजेपी का कहना है कि इससे सेना का मनोबल गिरेगा।  बीजेपी की इस मांग को सीएम महबूबा मुफ्ती ने खारिज कर दिया।  उन्होंने कहा राज्य सरकार ने इसमें जांच के  आदेश दे दिए हैं।
महबूबा ने कहा, ये एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।  आर्मी का मनोबल सिर्फ एक एफआईआर से नहीं गिरेगा।  सेना में भी काली भेड़ मौजूद हैं।  महबूबा ने कहा, आर्मी ने उस पुलिस एडवाइजरी को भी नहीं माना, जिसमें उस रूट से न जाने का जिक्र था।  महबूबा ने कहा, मैंने खुद सुरक्षाबलों से कह रखा है कि घाटी में कानून व्यवस्था को बहाल करने की दिशा में काम करना है।  मैंने उन्हें निर्देश भी दिए हैं कि वे हवा में फायरिंग करें।
वहीं, विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्?यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सरकार को घेरा।  उन्होंने कहा, अगर मेजर के खिलाफ एफआईआर है तो फिर मजिस्ट्रियल जांच की क्या जरूरत? उमर ने कहा, सेना की ओर से गोलियां सीने पर चलाई गईं, इससे पता चलता है कि स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास नहीं किए गए।  मैं निवेदन करता हूं कि इस मामले पर पर राजनीति न करें। 
भारत-प्रशासित कश्मीर में शनिवार को सेना की फ़ायरिंग में मारे गए दो युवाओं के मामले में पुलिस ने सेना के खिलाफ़ मामला दर्ज किया है।
दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जि़ले के गोवांपोरा में सेना की फ़ायरिंग में 20 साल के जावेद अहमद बट और 24 साल के सुहैल जावेद की मौत हुई थी।
पुलिस ने शोपियां के सदर थाने में सेना की यूनिट के ख़िलाफ़ हत्या (धारा 302), हत्या की कोशिश (धारा 306) और जि़ंदगी को ख़तरे (धारा 336) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दर्ज की गई एफआईआर में सेना के मेजर आदित्य का नाम दर्ज किया गया है और बताया गया है कि जिस समय सेना ने गोली चलाई उस समय मेजर अद्वितीय 10 गढ़वाल यूनिट का नेतृत्व कर रहे थे।
पुलिस प्रमुख शेष पॉल वैद ने बताया कि इस मामले में सेना के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया है।  साथ ही उनका यह भी कहना था कि इस मामले में आगे देखा जाएगा कि यह घटना किस हालात में पेश आई।
सेना के प्रवक्ता से उनकी प्रतिकिया जानने की कोशिश की गई तो सेना ने किसी भी फ़ोन कॉल का जवाब नहीं दिया।
सेना ने शनिवार को घटना के बाद बताया था कि उन्होंने मजबूर होकर आत्मसुरक्षा में गोली चलाई थी।
सरकार ने भी शनिवार को इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और 20 दिनों तक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
अलगाववादियों ने रविवार को शोपियां में मारे गए दो युवकों की मौत के ख़िलाफ़ बंद बुलाया था।  अलगाववादियों द्वारा बंद बुलाने पर कश्मीर घाटी में सभी दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर ट्रैफिक गायब रहा।
शोपियां में युवकों की मौतों के बाद कश्मीर में तनाव जैसे हालात हैं।  कश्मीर में बंद को देखते हुए रविवार को रेल सेवा को बंद कर दिया गया है।  शनिवार रात से ही दक्षिणी कश्मीर में इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है।
राज्य की मुख्य्मंत्री महबूबा मुफ़्ती ने शोपियां में मारे गए युवाओं पर शोक व्यक्त किया।  मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री से फ़ोन पर बात की थी और उनसे कहा कि शोपियां जैसी घटनाओं से जम्मू-कश्मीर में शुरू की गई शांति वार्ता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। 

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