पाक प्रधानमंत्री के बदले सुर
लंदन।
कश्मीर मुद्दे पर अब पाकिस्तान ने पैंतरा बदल लिया है। पाक प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स में बड़ा बयान देते कहा कि पाकिस्तान कश्मीर की आजादी का पक्षधर नहीं है और इस मुद्दे का समाधान केवल बातचीत से हो सकता है।
अब्बासी साउथ एशियन सैंटर में फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान 2017 कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि उनका देश बातचीत का समर्थक है, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि दोनों के बीच वार्ता जल्द होने जा रही है।
पाक में अगले साल आम चुनाव होने जा रहे हैं जबकि भारत उसके अगले साल यानी 2019 में आम चुनावों का सामना करेगा। ऐसे में दोनों मुल्क चुनावी व्यस्तता के चलते कश्मीर समस्या के समाधान की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दे पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कश्मीर विवाद का कोई सार्थक हल नहीं निकलता, दोनों देशों के बीच संबंध तल्ख बने रहेंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ इन्कार किया कि उनका मुल्क कश्मीर की स्वतंत्रता के लिए धरातल पर सहायता कर रहा है। उनका कहना था कि इस तरह की बातें फैलाई जा रही हैं, लेकिन उनका मानना है कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद का फार्मूला कश्मीर के समाधान के लिए लागू किया जाना चाहिए। इसके तहत व्यवस्था है कि वहां रहने वाले लोगों से रायशुमारी की जाए। उनका यह भी कहना था कि तमाम उठापटक के बीच पाकिस्तान में आज स्थायित्व है। वहां लोकतंत्र मजबूत स्थिति में है।
अब्बासी साउथ एशियन सैंटर में फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान 2017 कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि उनका देश बातचीत का समर्थक है, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि दोनों के बीच वार्ता जल्द होने जा रही है।
पाक में अगले साल आम चुनाव होने जा रहे हैं जबकि भारत उसके अगले साल यानी 2019 में आम चुनावों का सामना करेगा। ऐसे में दोनों मुल्क चुनावी व्यस्तता के चलते कश्मीर समस्या के समाधान की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दे पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कश्मीर विवाद का कोई सार्थक हल नहीं निकलता, दोनों देशों के बीच संबंध तल्ख बने रहेंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ इन्कार किया कि उनका मुल्क कश्मीर की स्वतंत्रता के लिए धरातल पर सहायता कर रहा है। उनका कहना था कि इस तरह की बातें फैलाई जा रही हैं, लेकिन उनका मानना है कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद का फार्मूला कश्मीर के समाधान के लिए लागू किया जाना चाहिए। इसके तहत व्यवस्था है कि वहां रहने वाले लोगों से रायशुमारी की जाए। उनका यह भी कहना था कि तमाम उठापटक के बीच पाकिस्तान में आज स्थायित्व है। वहां लोकतंत्र मजबूत स्थिति में है।
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