दीपाक्षर टाइम्स संवादाता
जम्मू। सड़कों पर दिन-प्रतिदिन बढ़ती वाहनों की संख्या और पार्किंग स्थलों की कमी के कारण शहर में ट्रैफिक समस्या धीरे-धीरे गंभीर रूप लेती जा रही है।
सड़कों के किनारे पर की गई अवैध पार्किंग के कारण न केवल समस्याएं उत्पन्न हो रही है, बल्कि ट्रैफिक जाम होने का भी यह प्रमुख कारण है। रजिडेंसी रोड़, जैन बाजार, पंजतिर्थी, गुम्मट चौक, परेड, शालामार, पुरानी मंडी, कनक मंडी, रघुनाथ बाजार, बीसी रोड़, हाईकोर्ट रोड़, गांधी नगर और कनाल रोड़ आदि क्षेत्रों में खुलेआम की जा रही अवैध पार्किंग के चलते ही ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। यहां तक कि फायर ब्रिगेड एवं एम्बुलेंस जैसे वाहनों को निकलने में काफी परेशानी होती है। उचित प्रबंधन एवं कर्मचारियों की कमी के कारण ट्रैफिक पुलिस विभाग शहर की ट्रैफिक समस्या से निपटने में विफल साबित हो रहा है।
पूर्ववती राज्य सरकारों के उदासीन रवैये और नौकरशाही की लापरवाही के कारण शहर के लिए प्रस्तावित सभी बहुमंजिला पर्किंग स्थल अभी कागजों में ही सिमटे हैं। इसलिए नये वाहनों की तादाद में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के चलते लोग अपने वाहन पहले से ही सिकुड़ रही सड़कों के किनारे लगाकर ट्रैफिक समस्या को और बढ़ा रहे हैं। पुराने शहर में पार्किंग समस्या के कारण सड़कों के किनारे खड़े वाहनों से ट्रैफिक संचालन में काफी कठिनाईयां आ रही है।
परिवहन विभाग के अधिकारी स्वीकार करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में ऐसा कोई कानून नहीं है, जिसकी मदद से किसी व्यक्ति को यह प्रमाण देने को कहा जाए कि वाहन खरीदने से पूर्व उसके पास वाहन पार्क करने का स्थान है या नहीं। उनका कहना है कि जम्मू की सड़कों पर हर माह करीब 4000 नये वाहन जुड़ते हैं। सिर्फ वर्ष 2014 में ही करीब 40,000 वाहन जम्मू में पंजिकृत किए गए। परिवहन विभाग जम्मू में प्रतिदिन करीब 140 नये वाहनों का पंजिकरण किया जाता है। केवल जम्मू संभाग में ही लगभग 7 लाख पंजिकृत वाहन है, जिनमें से करीब 6 लाख तो सिर्फ जम्मू जिले में ही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वर्तमान कानून में यह संशोधन किया जाए कि वाहन खरीदने के इच्छुक व्यक्ति से मजिस्ट्रेट द्वारा सत्यापित यह प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य किया जाए कि उसके पास वाहन पार्क करने के लिए स्थान है या नहीं। शहर में नये पार्किंग स्थल बनाए जाने की चर्चा तो गत काफी वर्षों से चल रही है, लेकिन ये परियोजनाएं कागजों से निकलकर कब अस्तित्व में आएंगी अभी यह कहना बहुत ही मुश्किल है। संबंधित अधिकारियों के रूची ना दिखाने के कारण अभी जम्मूवासी ट्रैफिक समस्या से परेशान होने को विवश हो रहे हैं। इन परियोजनाओं में सबसे महत्वाकांक्षी वर्तमान बस स्टैंड में बनने वाली बहुमंजिला पार्किंग परियोजना है। यह परियोजना 200 करोड़ रूपए की लागत से पूर्ण की जानी है। इस मल्टी फलोर पार्किंग में 1300 कारों, 80 बसों को पार्क करने की सुविधा के साथ एक टैक्सी स्टैंड भी होगा।
इसके अतिरिक्त एयर-कंडीशनड टिकट बुकिंग ऑफिस, वेटिंग हाल के साथ कामर्शियल काम्पलेक्स,रेस्टोरेंट, जन-सुविधाओं का निर्माण भी किया जाएगा। जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) द्वारा तैयार की गई परियोजना के अनुसार मल्टी फलोर पार्किंग के साथ शापिंग प्लॉजा का भी निर्माण किया जाएगा। इसी प्रकार के बहुमंजिला पार्किंग स्थलों का निर्माण सुपर बाजार, परेड, पंजतिर्थी और शालामार में भी किया जाना है। इसके साथ ही महाराजा हरि सिंह पार्क के सामने वन भवन के निकट 233 कारों के लिए पार्किंग स्थल विकसित किया जाना है।
गौरतलब है कि शहरी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उददेश्य से 40 वर्ष पूर्व जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) का गठन किया गया था। जेडीए अभी तक सिर्फ 1700 वाहनों की पार्किंग के लिए ही शहर में स्थान उपलब्ध करवा पाया है। जेडीए परियोजनाओं के लिए भूमि चिंहित करने में विफल साबित हो रहा है। बस स्टैंड और पंजतिर्थी में बनने वाली बहुमंजिला पार्किंग परियोजनाएं भी निर्धारित समय से काफी पीछे सिर्फ कागजों में ही चल रही है। लंबी अवधि की योजनाओं के अभाव में जेडीए और जम्मू नगर निगम अतिरिक्त स्थान तैयार करने में विफल हो रहे हैं, तो कुछ परियोजनाएं धन की कमी के कारण साकार नहीं हो पा रही है।
जम्मू। सड़कों पर दिन-प्रतिदिन बढ़ती वाहनों की संख्या और पार्किंग स्थलों की कमी के कारण शहर में ट्रैफिक समस्या धीरे-धीरे गंभीर रूप लेती जा रही है।
सड़कों के किनारे पर की गई अवैध पार्किंग के कारण न केवल समस्याएं उत्पन्न हो रही है, बल्कि ट्रैफिक जाम होने का भी यह प्रमुख कारण है। रजिडेंसी रोड़, जैन बाजार, पंजतिर्थी, गुम्मट चौक, परेड, शालामार, पुरानी मंडी, कनक मंडी, रघुनाथ बाजार, बीसी रोड़, हाईकोर्ट रोड़, गांधी नगर और कनाल रोड़ आदि क्षेत्रों में खुलेआम की जा रही अवैध पार्किंग के चलते ही ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। यहां तक कि फायर ब्रिगेड एवं एम्बुलेंस जैसे वाहनों को निकलने में काफी परेशानी होती है। उचित प्रबंधन एवं कर्मचारियों की कमी के कारण ट्रैफिक पुलिस विभाग शहर की ट्रैफिक समस्या से निपटने में विफल साबित हो रहा है।
पूर्ववती राज्य सरकारों के उदासीन रवैये और नौकरशाही की लापरवाही के कारण शहर के लिए प्रस्तावित सभी बहुमंजिला पर्किंग स्थल अभी कागजों में ही सिमटे हैं। इसलिए नये वाहनों की तादाद में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के चलते लोग अपने वाहन पहले से ही सिकुड़ रही सड़कों के किनारे लगाकर ट्रैफिक समस्या को और बढ़ा रहे हैं। पुराने शहर में पार्किंग समस्या के कारण सड़कों के किनारे खड़े वाहनों से ट्रैफिक संचालन में काफी कठिनाईयां आ रही है।
परिवहन विभाग के अधिकारी स्वीकार करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में ऐसा कोई कानून नहीं है, जिसकी मदद से किसी व्यक्ति को यह प्रमाण देने को कहा जाए कि वाहन खरीदने से पूर्व उसके पास वाहन पार्क करने का स्थान है या नहीं। उनका कहना है कि जम्मू की सड़कों पर हर माह करीब 4000 नये वाहन जुड़ते हैं। सिर्फ वर्ष 2014 में ही करीब 40,000 वाहन जम्मू में पंजिकृत किए गए। परिवहन विभाग जम्मू में प्रतिदिन करीब 140 नये वाहनों का पंजिकरण किया जाता है। केवल जम्मू संभाग में ही लगभग 7 लाख पंजिकृत वाहन है, जिनमें से करीब 6 लाख तो सिर्फ जम्मू जिले में ही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वर्तमान कानून में यह संशोधन किया जाए कि वाहन खरीदने के इच्छुक व्यक्ति से मजिस्ट्रेट द्वारा सत्यापित यह प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य किया जाए कि उसके पास वाहन पार्क करने के लिए स्थान है या नहीं। शहर में नये पार्किंग स्थल बनाए जाने की चर्चा तो गत काफी वर्षों से चल रही है, लेकिन ये परियोजनाएं कागजों से निकलकर कब अस्तित्व में आएंगी अभी यह कहना बहुत ही मुश्किल है। संबंधित अधिकारियों के रूची ना दिखाने के कारण अभी जम्मूवासी ट्रैफिक समस्या से परेशान होने को विवश हो रहे हैं। इन परियोजनाओं में सबसे महत्वाकांक्षी वर्तमान बस स्टैंड में बनने वाली बहुमंजिला पार्किंग परियोजना है। यह परियोजना 200 करोड़ रूपए की लागत से पूर्ण की जानी है। इस मल्टी फलोर पार्किंग में 1300 कारों, 80 बसों को पार्क करने की सुविधा के साथ एक टैक्सी स्टैंड भी होगा।
इसके अतिरिक्त एयर-कंडीशनड टिकट बुकिंग ऑफिस, वेटिंग हाल के साथ कामर्शियल काम्पलेक्स,रेस्टोरेंट, जन-सुविधाओं का निर्माण भी किया जाएगा। जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) द्वारा तैयार की गई परियोजना के अनुसार मल्टी फलोर पार्किंग के साथ शापिंग प्लॉजा का भी निर्माण किया जाएगा। इसी प्रकार के बहुमंजिला पार्किंग स्थलों का निर्माण सुपर बाजार, परेड, पंजतिर्थी और शालामार में भी किया जाना है। इसके साथ ही महाराजा हरि सिंह पार्क के सामने वन भवन के निकट 233 कारों के लिए पार्किंग स्थल विकसित किया जाना है।
गौरतलब है कि शहरी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उददेश्य से 40 वर्ष पूर्व जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) का गठन किया गया था। जेडीए अभी तक सिर्फ 1700 वाहनों की पार्किंग के लिए ही शहर में स्थान उपलब्ध करवा पाया है। जेडीए परियोजनाओं के लिए भूमि चिंहित करने में विफल साबित हो रहा है। बस स्टैंड और पंजतिर्थी में बनने वाली बहुमंजिला पार्किंग परियोजनाएं भी निर्धारित समय से काफी पीछे सिर्फ कागजों में ही चल रही है। लंबी अवधि की योजनाओं के अभाव में जेडीए और जम्मू नगर निगम अतिरिक्त स्थान तैयार करने में विफल हो रहे हैं, तो कुछ परियोजनाएं धन की कमी के कारण साकार नहीं हो पा रही है।
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