दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू (राजेन्द्र)। व्यापार की दृष्टि से पिछड़ते जा रहे जम्मू शहर की दास्तान सुनने वाला कोई नहीं हैं। पिछले कुछ वर्षों से शहर की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है। शहर के अधिकांश पुराने बाजार आज सूने नजर आते हैं। होटल मालिक, व्यापारी, सब मंदी के दौर से गुजर रहे हैं।
इस मंदी से निजात दिलाने का फार्मूला ना तो सरकार के पास है और ना ही किसी व्यापारीक संगठन के बस की बात है। शायद इसका कारण यह है कि सरकार ने इस समस्या की ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया। कुछ वर्ष पहले जम्मू के यह बाजार हमेशा सैलानियों से भरे रहते थे परंतु आज इन बाजारो में सैलानियों का जैसे अकाल पड़ चुका है। जम्मू के व्यापार जगत की यह हालत सरकार के गलत रवैए के कारण हुई है। कुछ पर्यटकों और यात्रियों से जब इन वाजारो तक ना पहुंचने का कारण पूछा गया तो हैरान करने वाली समस्याएं सामने आई, कुछ यात्रियों ने बताया कि जम्मू शहर में प्रवेश करना ऐसा हो गया है जैसे हम किसी दूसरे देश में जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारी गाडिय़ों को लखनपुर से दाखिल होते ही जगह-जगह रोका जाता है। पूछताछ के नाम पर हमसे ट्रैफिक कर्मचारी पैसे माँगते हैं और यह सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं लेता। इसके बावजूद हमें शहर में घुसने नहीं दिया जाता हर जगह पर पर्ची पकड़े लोग हम से पैसे मांगते हैं। शहर में कोई पार्किंग नजर नहीं आती पूरा दिन पार्किंग की व्यवस्था करते ही निकल जाता है। शहर में आराम करने के लिए कोई स्थान नहीं मिलता इसलिए हम जम्मू शहर में प्रवेश किए बगैर ही कश्मीर या अन्य स्थानों की ओर निकल जाना चाहते हैंं। कहने को तो यह सैलानियों की बातें आम सी लगने वाली थी परंतु शहर की मंदी से देखा जाए तो यह अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारियां थी क्योंकि अगर बाजारों मे पर्यटको और यात्रियों का प्रवेश ही नहीं होगा तो फिर बाजारों का महत्व क्या रहेगा।
प्रशासन को भी इस ओर ध्यान देना होगा कि सैलानियों से शहर में बार-बार पूछताछ ना हो। अगर सैलानी राज्य में प्रवेश करते हैं तो उसके लिए लखनपुर में ही सारी पूछताछ कर ली जाए तथा उन्हें ऐसा टोकनपास दिया जाए जो यह साबित करता हो कि इस यात्री की गाड़ी तथा उसका सामान जांचा जा चुका है। सैलानियों की सुविधा के लिए जम्मू शहर में अलग से पार्किंग व्यवस्था की जाए ताकि सैलानी आसानी से अपने वाहनों को पार्किंग कर के बाजारों में घूम सके। सैलानियों को आकर्षित करने के लिए प्रशासन को अपने उस वादे को भी पूर्ण करना होगा जिसमें जम्मू के कुछ बाजारों को हेरिटेज का दर्जा देने की बात की गई थी। अक्सर देखा गया है कि इन बाजारों में वाहनों के बड़े-बड़े जाम लगे रहते हैं जो राहगीरों के साथ-साथ सैलानियों के लिए भी परेशानी का कारण बनते हैं। इन बाजारों में जानेसे चारपहिया वाहनों को प्रतिबंधित किया जाए ताकि इन सिकुड़ते हुए बाजारों में सैलानी आसानी से खरीद-फरोख्त कर सकें।
जम्मू (राजेन्द्र)। व्यापार की दृष्टि से पिछड़ते जा रहे जम्मू शहर की दास्तान सुनने वाला कोई नहीं हैं। पिछले कुछ वर्षों से शहर की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है। शहर के अधिकांश पुराने बाजार आज सूने नजर आते हैं। होटल मालिक, व्यापारी, सब मंदी के दौर से गुजर रहे हैं।
इस मंदी से निजात दिलाने का फार्मूला ना तो सरकार के पास है और ना ही किसी व्यापारीक संगठन के बस की बात है। शायद इसका कारण यह है कि सरकार ने इस समस्या की ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया। कुछ वर्ष पहले जम्मू के यह बाजार हमेशा सैलानियों से भरे रहते थे परंतु आज इन बाजारो में सैलानियों का जैसे अकाल पड़ चुका है। जम्मू के व्यापार जगत की यह हालत सरकार के गलत रवैए के कारण हुई है। कुछ पर्यटकों और यात्रियों से जब इन वाजारो तक ना पहुंचने का कारण पूछा गया तो हैरान करने वाली समस्याएं सामने आई, कुछ यात्रियों ने बताया कि जम्मू शहर में प्रवेश करना ऐसा हो गया है जैसे हम किसी दूसरे देश में जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारी गाडिय़ों को लखनपुर से दाखिल होते ही जगह-जगह रोका जाता है। पूछताछ के नाम पर हमसे ट्रैफिक कर्मचारी पैसे माँगते हैं और यह सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं लेता। इसके बावजूद हमें शहर में घुसने नहीं दिया जाता हर जगह पर पर्ची पकड़े लोग हम से पैसे मांगते हैं। शहर में कोई पार्किंग नजर नहीं आती पूरा दिन पार्किंग की व्यवस्था करते ही निकल जाता है। शहर में आराम करने के लिए कोई स्थान नहीं मिलता इसलिए हम जम्मू शहर में प्रवेश किए बगैर ही कश्मीर या अन्य स्थानों की ओर निकल जाना चाहते हैंं। कहने को तो यह सैलानियों की बातें आम सी लगने वाली थी परंतु शहर की मंदी से देखा जाए तो यह अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारियां थी क्योंकि अगर बाजारों मे पर्यटको और यात्रियों का प्रवेश ही नहीं होगा तो फिर बाजारों का महत्व क्या रहेगा।
प्रशासन को भी इस ओर ध्यान देना होगा कि सैलानियों से शहर में बार-बार पूछताछ ना हो। अगर सैलानी राज्य में प्रवेश करते हैं तो उसके लिए लखनपुर में ही सारी पूछताछ कर ली जाए तथा उन्हें ऐसा टोकनपास दिया जाए जो यह साबित करता हो कि इस यात्री की गाड़ी तथा उसका सामान जांचा जा चुका है। सैलानियों की सुविधा के लिए जम्मू शहर में अलग से पार्किंग व्यवस्था की जाए ताकि सैलानी आसानी से अपने वाहनों को पार्किंग कर के बाजारों में घूम सके। सैलानियों को आकर्षित करने के लिए प्रशासन को अपने उस वादे को भी पूर्ण करना होगा जिसमें जम्मू के कुछ बाजारों को हेरिटेज का दर्जा देने की बात की गई थी। अक्सर देखा गया है कि इन बाजारों में वाहनों के बड़े-बड़े जाम लगे रहते हैं जो राहगीरों के साथ-साथ सैलानियों के लिए भी परेशानी का कारण बनते हैं। इन बाजारों में जानेसे चारपहिया वाहनों को प्रतिबंधित किया जाए ताकि इन सिकुड़ते हुए बाजारों में सैलानी आसानी से खरीद-फरोख्त कर सकें।
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