दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के बीच सहयोग और समन्वय का अभाव आम जनता को भुगतना पड़ रहा है और इससे इन विभागों पर राज्य में मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के नियंत्रण की कमी का पता चलता है।
विभिन्न सरकारी एजेंसियों में सहयोग और समन्वय की कमी के कारण राज्य में सबसे खराब स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ निहित स्वार्थी तत्व इसका अनुचित लाभ ले रहे हैं।
सरकारी एजेंसियों के निराशाजनक प्रदर्शन से संबंधित तथ्य यह है कि 21 जून को मानसून की पहली बरसात से पूरा एमएएम स्टेडियम, निकट स्थित नाले के गंदे पानी से भर गया और दो पहिया वाहन और चार पहिया वाहन बारिश के पानी में तैर रहे थे।
वैसे तो बरसात के मौसम में यह स्थिति पिछले कई वर्षों से सामने आती है, लेकिन इस बार सबका ध्यान इसलिए इस पर गया क्योंकि एमएएम स्टेडियम में उस दिन प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री भी हिस्सा लेने आए थे। अगर वह नहीं आते तो प्रशासन के लिए शायद यह कोई मुद्दा ही नहीं बनता।
जम्मू नगर निगम (जेएमसी) जो उल्लेखनीय काम करने के दावे कर रही थी, वह नालों को साफ करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने में नाकाम रही। जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लेने शहर के विभिन्न भागों से आए स्कूली बच्चों समेत 2000 से अधिक लोग स्टेडियम में फंस गए थे।
शहरी विकास मंत्रालय निराशाजनक प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। शहर के लोगों में इसलिए गंभीर रोष व्याप्त है। नागरिकों ने सरकार विशेषरूप से शहरी विकास मंत्रालय के निराशाजनक प्रदर्शन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अगर आधे घ्ंाटे की बरसात से ऐसी विकट स्थिति सामने आई है, तो अगर भविष्य में घंटों तक बरसात जारी रही तो शहर का क्या हाल होगा?
विभागों के बीच समन्वय की कमी ने लोगों की मुश्किलों को इस हद तक बढ़ा दिया है कि उनके पास न्याय की तलाश में सड़कों पर उतरने के सिवा कोई विकल्प नहीं रहता है।
गंग्याल के हनीष शर्मा ने कहा कि निजी दूरसंचार कंपनियों द्वारा एक माह पूर्व रात के समय विभिन्न मुहल्लों और कॉलोनियों में खुदाई कर दी गई थी और अपना काम करके मलबा सड़कों के किनारे नालियों में छोड़ दिया गया था। जिसके परिणामस्वरूप नालियां जाम हो गई और बरसात होते ही सारी गंदगी इन कॉलोनियों में लोगों के घरों तक जा पहुंची।
एक अन्य नागरिक ने कहा कि कांगड फोर्ट के पास बरनाई क्षेत्र में एक निजी दूरसंचार कंपनी द्वारा रात के समय तीन किलोमीटर लंबी पूरी संपर्क सड़क को खोद दिया गया था और बाद में किसी सरकारी एजेंसी ने मलबा हटाने, नालियों की सफाई और सड़कों की मरम्मत की जिम्मेदारी नहीं ली है। मु_ी, पटोली, राजिंदर नगर, बनतालाब और बरनाई में सड़कों को खोदा गया है और जब लोगों ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (आर एंड बी)के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि किसी को भी सड़कों की खुदाई की अनुमति नहीं दी गई है। जब ठेकेदारों से संपर्क किया गया तो जवाब मिला कि उसने 4-जी केबल बिछाने के लिए सड़क खुदाई की अनुमति ली है। ठेकेदार से पहले आर एंड बी के अधिकारियों का कहना है कि उसे अनुमति जेएमसी द्वारा दी गई थी, लेकिन वह आदेश प्रस्तुत करने में विफल रहा है। विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण सड़कों की बुरी हालत हैं और लोगों का परेशानियां भुगतना जारी है। लोगों ने कहा कि सरकार में कोई नहीं सुन रहा है और आर एंड बी के अधिकारियों ने सड़कों और गलियों की मरम्मत करने से इंकार कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क खोदने से पहले उनसे अनुमति नहीं ली गई थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में जनता की मुसीबतों को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। आम आदमी को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इधर से उधर भटकने को मजबूर किया जा रहा है।
जम्मू। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के बीच सहयोग और समन्वय का अभाव आम जनता को भुगतना पड़ रहा है और इससे इन विभागों पर राज्य में मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के नियंत्रण की कमी का पता चलता है।
विभिन्न सरकारी एजेंसियों में सहयोग और समन्वय की कमी के कारण राज्य में सबसे खराब स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ निहित स्वार्थी तत्व इसका अनुचित लाभ ले रहे हैं।
सरकारी एजेंसियों के निराशाजनक प्रदर्शन से संबंधित तथ्य यह है कि 21 जून को मानसून की पहली बरसात से पूरा एमएएम स्टेडियम, निकट स्थित नाले के गंदे पानी से भर गया और दो पहिया वाहन और चार पहिया वाहन बारिश के पानी में तैर रहे थे।
वैसे तो बरसात के मौसम में यह स्थिति पिछले कई वर्षों से सामने आती है, लेकिन इस बार सबका ध्यान इसलिए इस पर गया क्योंकि एमएएम स्टेडियम में उस दिन प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री भी हिस्सा लेने आए थे। अगर वह नहीं आते तो प्रशासन के लिए शायद यह कोई मुद्दा ही नहीं बनता।
जम्मू नगर निगम (जेएमसी) जो उल्लेखनीय काम करने के दावे कर रही थी, वह नालों को साफ करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने में नाकाम रही। जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लेने शहर के विभिन्न भागों से आए स्कूली बच्चों समेत 2000 से अधिक लोग स्टेडियम में फंस गए थे।
शहरी विकास मंत्रालय निराशाजनक प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। शहर के लोगों में इसलिए गंभीर रोष व्याप्त है। नागरिकों ने सरकार विशेषरूप से शहरी विकास मंत्रालय के निराशाजनक प्रदर्शन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अगर आधे घ्ंाटे की बरसात से ऐसी विकट स्थिति सामने आई है, तो अगर भविष्य में घंटों तक बरसात जारी रही तो शहर का क्या हाल होगा?
विभागों के बीच समन्वय की कमी ने लोगों की मुश्किलों को इस हद तक बढ़ा दिया है कि उनके पास न्याय की तलाश में सड़कों पर उतरने के सिवा कोई विकल्प नहीं रहता है।
गंग्याल के हनीष शर्मा ने कहा कि निजी दूरसंचार कंपनियों द्वारा एक माह पूर्व रात के समय विभिन्न मुहल्लों और कॉलोनियों में खुदाई कर दी गई थी और अपना काम करके मलबा सड़कों के किनारे नालियों में छोड़ दिया गया था। जिसके परिणामस्वरूप नालियां जाम हो गई और बरसात होते ही सारी गंदगी इन कॉलोनियों में लोगों के घरों तक जा पहुंची।
एक अन्य नागरिक ने कहा कि कांगड फोर्ट के पास बरनाई क्षेत्र में एक निजी दूरसंचार कंपनी द्वारा रात के समय तीन किलोमीटर लंबी पूरी संपर्क सड़क को खोद दिया गया था और बाद में किसी सरकारी एजेंसी ने मलबा हटाने, नालियों की सफाई और सड़कों की मरम्मत की जिम्मेदारी नहीं ली है। मु_ी, पटोली, राजिंदर नगर, बनतालाब और बरनाई में सड़कों को खोदा गया है और जब लोगों ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (आर एंड बी)के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि किसी को भी सड़कों की खुदाई की अनुमति नहीं दी गई है। जब ठेकेदारों से संपर्क किया गया तो जवाब मिला कि उसने 4-जी केबल बिछाने के लिए सड़क खुदाई की अनुमति ली है। ठेकेदार से पहले आर एंड बी के अधिकारियों का कहना है कि उसे अनुमति जेएमसी द्वारा दी गई थी, लेकिन वह आदेश प्रस्तुत करने में विफल रहा है। विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण सड़कों की बुरी हालत हैं और लोगों का परेशानियां भुगतना जारी है। लोगों ने कहा कि सरकार में कोई नहीं सुन रहा है और आर एंड बी के अधिकारियों ने सड़कों और गलियों की मरम्मत करने से इंकार कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क खोदने से पहले उनसे अनुमति नहीं ली गई थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में जनता की मुसीबतों को सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। आम आदमी को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इधर से उधर भटकने को मजबूर किया जा रहा है।
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