दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। मंदिरों की नगरी में अनियंत्रित वाहनों के कारण ट्रैफिक समस्या दिन-दिनों गंभीर होती जा रही है। लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस शहर की सड़कों पर यातायात का सुचारू संचालन करनेे के स्थान पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के चालान काटने पर ही ज्यादा ध्यान दे रही लगती है।
जम्मू शहर में लगभग हर चौक, जहां ट्रैफिक लाइट है या नहीं, अक्सर वाहनों का जाम लगा होता है। यहां तक कि व्यस्त बिक्रम चौक पर भी, जहां यातायात के बिना रूकावट के संचालन के लिए ट्रैफिक लाइट स्थापित की गई है, अभी भी सबसे खराब ट्रैफिक अराजकता का सामना करना पड़ रहा है । प्राइवेट मेटाडोरों द्वारा बीच सड़क पर वाहन रोक कर यात्रियों को बैठाने से अन्य वाहनों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि ट्रैफिक के सुचारू संचालन के लिए यहां कई ट्रैफिक पुलिस कर्मी तैनात किए जाने के बाद भी अक्सर जाम लगते हैं। ट्रैफिक कर्मी चालान काटने में व्यस्त रहते हैं और वहां जारी फ्लाईओवर परियोजना के कारण निकलने की पर्याप्त जगह ना होने से वाहनों की लंबी कतार लग जाती हैं।
जम्मू शहर के व्यस्त मार्गों में से एक ज्वैल-तालाब तिल्लो सड़क पर भी ऐसे ही हालात का सामना करना पड़ रहा है। ट्रैफिक कर्मियों के होने के बावजूद यहां नियमित रूप से जाम लगना अब रोज की बात हो गई है। ट्रैफिक पुलिस कर्मी सड़क किनारे खड़े होकर चालान काटते हैं, जिसके परिणामस्वरूप घंटों तक लंबे जाम लगे रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस इस सड़क पर मिनी बसों की आवाजाही को कोई उचित व्यवस्था करने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। हालांकि कई स्थानों पर ट्रैफिक लाईटें लगा दी गई है, लेकिन अधिकांश समय वे बंद ही रहती हैं। सतवारी चौक में भी ट्रैफिक का यही हाल है। जबकि वहां ट्रैफिक लाइट भी लगी हैं और पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। यहां यातायात पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में कार्य दिवसों के दौरान मिनी बसों, निजी वाहनों या दो-पहिया वाहनों की लंबी कतार देखी जा सकती है।
इसी तरह की स्थिति लास्ट मोड़ , गांधी नगर, इंदिरा चौक, बस स्टैंड जैसे शहर के अन्य इलाकों में हैं। शहर की विभिन्न सड़कों पर यह रोजमर्रा का दृश्य होता है कि चार से पांच ट्रैफिक पुलिसकर्मी किसी दुपहिया वाहन चालक को घेर कर अपने वरिष्ठ अधिकारी के पास ले जाते हैं। वह अधिकारी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए चालान जारी करता है। लेकिन जब अधिकांश बार मिनी बसों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंंघन किया जाता है तो ये ही ट्रैफिक पुलिसकर्मी मूकदर्शकों की भांति व्यवहार करते हैं। ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नियंत्रण रखने के लिए चालान जारी करना महत्वपूर्ण हैं। उनका कहना है कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी इस भीषण गर्मी में भी ट्रैफिक को सुचारू बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं, जोकि सड़कों पर हर दिन बढ़ रही वाहनों की संख्या को देखते हुए कोई आसान काम नहीं है।
जम्मू। मंदिरों की नगरी में अनियंत्रित वाहनों के कारण ट्रैफिक समस्या दिन-दिनों गंभीर होती जा रही है। लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस शहर की सड़कों पर यातायात का सुचारू संचालन करनेे के स्थान पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के चालान काटने पर ही ज्यादा ध्यान दे रही लगती है।
जम्मू शहर में लगभग हर चौक, जहां ट्रैफिक लाइट है या नहीं, अक्सर वाहनों का जाम लगा होता है। यहां तक कि व्यस्त बिक्रम चौक पर भी, जहां यातायात के बिना रूकावट के संचालन के लिए ट्रैफिक लाइट स्थापित की गई है, अभी भी सबसे खराब ट्रैफिक अराजकता का सामना करना पड़ रहा है । प्राइवेट मेटाडोरों द्वारा बीच सड़क पर वाहन रोक कर यात्रियों को बैठाने से अन्य वाहनों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि ट्रैफिक के सुचारू संचालन के लिए यहां कई ट्रैफिक पुलिस कर्मी तैनात किए जाने के बाद भी अक्सर जाम लगते हैं। ट्रैफिक कर्मी चालान काटने में व्यस्त रहते हैं और वहां जारी फ्लाईओवर परियोजना के कारण निकलने की पर्याप्त जगह ना होने से वाहनों की लंबी कतार लग जाती हैं।
जम्मू शहर के व्यस्त मार्गों में से एक ज्वैल-तालाब तिल्लो सड़क पर भी ऐसे ही हालात का सामना करना पड़ रहा है। ट्रैफिक कर्मियों के होने के बावजूद यहां नियमित रूप से जाम लगना अब रोज की बात हो गई है। ट्रैफिक पुलिस कर्मी सड़क किनारे खड़े होकर चालान काटते हैं, जिसके परिणामस्वरूप घंटों तक लंबे जाम लगे रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस इस सड़क पर मिनी बसों की आवाजाही को कोई उचित व्यवस्था करने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। हालांकि कई स्थानों पर ट्रैफिक लाईटें लगा दी गई है, लेकिन अधिकांश समय वे बंद ही रहती हैं। सतवारी चौक में भी ट्रैफिक का यही हाल है। जबकि वहां ट्रैफिक लाइट भी लगी हैं और पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। यहां यातायात पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में कार्य दिवसों के दौरान मिनी बसों, निजी वाहनों या दो-पहिया वाहनों की लंबी कतार देखी जा सकती है।
इसी तरह की स्थिति लास्ट मोड़ , गांधी नगर, इंदिरा चौक, बस स्टैंड जैसे शहर के अन्य इलाकों में हैं। शहर की विभिन्न सड़कों पर यह रोजमर्रा का दृश्य होता है कि चार से पांच ट्रैफिक पुलिसकर्मी किसी दुपहिया वाहन चालक को घेर कर अपने वरिष्ठ अधिकारी के पास ले जाते हैं। वह अधिकारी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए चालान जारी करता है। लेकिन जब अधिकांश बार मिनी बसों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंंघन किया जाता है तो ये ही ट्रैफिक पुलिसकर्मी मूकदर्शकों की भांति व्यवहार करते हैं। ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नियंत्रण रखने के लिए चालान जारी करना महत्वपूर्ण हैं। उनका कहना है कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी इस भीषण गर्मी में भी ट्रैफिक को सुचारू बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं, जोकि सड़कों पर हर दिन बढ़ रही वाहनों की संख्या को देखते हुए कोई आसान काम नहीं है।
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