शुक्रवार, अक्तूबर 20, 2017

कांग्रेस ने बीजेपी से छीनी गुरदासपुर सीट

कांग्रेस उम्मीदवार करीब दो लाख वोट से जीते
चंडीगढ़। 
हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभाओं के चुनाव से ऐन पहले पंजाब की गुरुदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के नतीजे ने कांग्रेस खेमे में दिवाली से पहले जश्न का मौका दे दिया है। पहले टेस्ट में सीएम अमरिंदर सिंह के फर्स्ट डिविजन से पास होने की खुशी में पंजाब कांग्रेस में रोशनी की चमक और पटाखे की गूंज को समझा जा सकता है।
कांग्रेस के लिए ये नतीजे तिहरी खुशी का संदेश लेकर आए हैं। पहला ये कि कांग्रेस ने ये सीट बीजेपी से छीनी है, छीनी ही नहीं है, बल्कि बीजेपी को शर्मनाक शिकस्त का सामना करना है, जो कि पार्टी का गढ़ माना जाता। दूसरी बड़ी कामयाबी ये है कि यहां आप का बड़ा गढ़ है। तीसरी बड़ी बात ये है कि ये जीत गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों से ऐन पहले मिली है।
गुरुदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को मैदान में उतारा था, जिन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया को 1,93,219 1।93 मतों से हराया है। जाखड़ को 4,99,752 मत मिले। बीजेपी उम्मीदवार को 3,06,533 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेजर जनरल सुरेश खजारिया महज़ 23,579 वोट ही पा सके।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, यह जीत राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के लाल फीते में बंधा हुई दिवाली का गिफ्ट है। हम उनको गिफ्ट भेज रहे हैं जिन्होंने बुरे वक्त में सारा बोझ कुद उठाया। कांग्रेस जब सत्ता में थी तब अपने बेटे और खुद को पीछे रखकर डॉ मनमोहन सिंह को आगे लाए। आज जब कांग्रेस को सबसे ज्यादा जरूरत थी तो राहुल जी खुद आगे आए।गुरदासपुर से विजयी उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने कहा, यह जीत जनता का कैप्टन अरिंदर सिंह के नेतृत्व में भरोसा दिखाती है। यहां कांग्रेस और कैप्टन अमरिंदर सिंह की जीत है। जाखड़ को बधाई देते हुए पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, गुरदासपुर उप चुनाव में जीत के लिए सुनील जाखड़ को बधाई। यह पंजाब कांग्रेस के की नीतियों और विकास के एजेंडे की जीत है।
वहीं इन नतीजों के बाद बीजेपी और आप का आरोप है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने उपचुनाव में सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल किया। पंजाब बीजेपी के सचिव विनीत जोशी ने कांग्रेस वपर आरोप लगाया। आप उम्मीदवार मेजर जनरल सुरेश खजुरिया ने भी कांग्रेस पर आरोप लगाए।
कांग्रेस ने ये सीट 2009 में कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के बाद जीती है, जब उन्होंने बीजेपी के विनोद खन्ना को शिकस्त दी थी। विनोद खन्ना गुरदासपुर से चार बार के सांसद रहे। अभिनेता ने इस सीट पर 1998, 1999, 2004 और 2014 में जीत हासिल की।
यहां से उपचुनाव में भारी जीत से उत्साहित पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ ने इसे देश की राजनीति के लिए नई दिशा करार दिया है। उन्होंने कहा कि गुरदासपुर उपचुनाव के परिणाम से 2019 में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने की नींव पड़ी है। यह भाजपा की गलत नीतियों के प्रति जनता का असंतोष दर्शाता है। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह ने उपचुनाव के नतीजे को राहुल गांधी को दिवाली का गिफ्ट बताया।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे भाजपा और उसके सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की नीतियों को जनता अस्वीकृति करार दिया। उन्?होंने कहा कि गुरदासपुर उपचुनाव में कांग्रेस अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ की बड़ी जीत से पता चलता है कि जनता के भ्रष्ट और अनैतिक भाजपा और शिअद के लोगों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि जनता ने राज्य में आम आदमी पार्टी के राजनीतिक विनाश को रेखांकित किया।
कैप्टन ने कहा कि गुरदासपुर का परिणाम से पता चला है कि कांग्रेस पूरे देश में पुनरुद्धार के रास्ते पर है। पार्टी ने कई विश्वविद्यालय के छात्रों के संघ चुनाव और महाराष्ट्र सिविक चुनाव में जीत ने स्पष्ट संकेत दिए कि पार्टी की साख बढ़ रही है। गुरदासपुर के उपचुनाव में जीत से 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विजय की नींव रखी जा चुकी है। 2019 में राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
अपनी जीत से उत्साहित सुनील जाखड़ ने कहा कि चुनाव परिणाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के प्रति लोगों का असंतोष दर्शाता है और लोगों ने इससे कड़ा संदेश दिया है। यह नतीजा देश में आनेवाले चुनावों के परिणाम की झलक है। 2019 में राहुल के पीएम बनने की नींव गुरदासपुर से पड़ गई है। उपचुनाव का परिणाम सामने आने के बाद सुनील जाखड़ ने मीडिया से बातचीत मेंं कहा कि इस जीत का श्रेय कांग्रेस नेतृत्व और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को है। मेरा तो केवल बस नाम है, असली जीत तो कैप्टन अमरिंदर सिंह की है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों ने भी कांग्रेस को वोट दिया। उन्होंने कहा कि यही सिलसिला पूरे देश में शुरू होने वाला है। यह देश में कांग्रेस की जीत की शुरूआत है। पूरे देश में इसी तरह के नतीजे सामने आएंगे और यह राहुल गांधी को 2019 में देश का प्रधानमंत्री बनाने की दिशा में कदम है। उन्होंने कहा कि गुरदासपुर उपचुनाव का परिणाम केंद्र के मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के प्रति लोगों के असंतोष और नाराजगी को दर्शाता है। भाजपा को गलत आर्थिक नीतियों के कारण बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा की यह हार केंद्र की सरकार के लिए खतरे की घंटी है।
अपनी शानदार जीत से गद्गद् जाखड़ ने कहा कि जनता ने गुरदासपुर से 2019 लोकसभा चुनाव का संदेश दिया है। यह जीत कैप्टन अमरिंदर सिंह की लीडरशिप, कार्यकर्ताओं की मेहनत और हाइकमान की सोच की जीत है।
सुनील जाखड़ की जीत से पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी खूब उत्साहित नजर आए। उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता ने कांग्रेस के होनेवाले प्रधान राहुल गांधी को दिवाली पर गिफ्ट दिया है। पंजाब ने जाखड़ को भारी मतों से जिताकर सोनिया गांधी और प्रियंका को दिवाली का तोहफा दिया है।
सिद्धू ने कहा कि जब कांग्रेस बेहतर स्थिति में थी तब सोनिया ने खुद सत्ता से दूर रहकर डॉ. मनमोहन सिंह को पीएम बनाया, लेकिन जब पार्टी में सत्ता से दूर है तो राहुल गांधी आगे आकर जिम्मेदारी उठा रहे हैं। यही उनकी विशेषता है कि ऐसे वक्त में वह बोझ खुद के ऊपर ले लेते हैैं। राहुल ने आगे आकर जीत के रूप में दीपक जलाया है। उन्होंने कहा, -हमने सोनियाजी, राहुलजी और प्रियंका जीे को लाल रिबन से पैक कर जीत का गिफ्ट भेज दिया है। पंजे के थप्पड़ की गूंज दूर तक सुनाई देगी।
भाजपा प्रत्याशी सलारिया पर सिद्धू ने कहा कि सुनील जाखड़ से सलारिया की तुलना नहीं की जा सकती है। जाखड़ का कद सलारिया से बहुत ऊंचा है। उन्होंने इस दौरान अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर भी कड़े हमले किए। उन्होंने कहा कि यह जीत कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जीत है। कांग्रेस की इस भारी जीत से पंजाब में भाजपा और अकाली दल की कमर टूट गई है।

दोरजे ने जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के कार्य की समीक्षा की

श्रीनगर। 
सहकारिता एवं लद्दाख मामलों के मंत्री चेरिंग दोरजे ने  यहां जम्मू सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक (जेसीसीबी) के निदेशक मंडल के साथ बैंक के कामकाज की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि निदेशक मंडल की अवधि समापन के करीब है और अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंक के चुनाव कराने पर बल दिया। उन्होंने उनसे सहकारी समितियों के चुनावी शेयरधारकों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा ताकि उचित चुनाव कराए जा सकें।
बैंक की विकास परियोजनाओं और कार्यों की समीक्षा करते हुए, मंत्री ने कहा, हमें अपने सदस्यों के कल्याण के लिए इस बैंक को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करना चाहिए ताकि वे इसका लाभ उठा सकें।
मंत्री ने कहा कि सरकार लोगों की समस्याओं से अवगत और आश्वासन दिया है कि उनके मुद्दों को समयबद्ध तरीके से हल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंक सुचारू रूप से कार्य करे और लाभ भी बढ़ाए, ये सुनिश्चित करने को सरकार ने पहले से ही कई कठोर उपाय किए हैं।
दोरजे ने जे.सी.सी.बी. के अधिकारियों से समर्पण के साथ काम करने और उनके प्रयासों को दोगुना करने के लिए कहा ताकि समाज के सदस्यों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
बैंक की उपलब्धियों को उजागर करते हुए मंत्री ने कहा कि कार्यान्वयन में विभिन्न योजनाओं में सुधार देखा गया है।
सचिव सहकारिता बशीर अहमद, रजिस्ट्रार सहकारिता विभाग पीर हफीजुल्ला, जेसीसीबी निदेशक मंडल और सहकारी विभाग के अन्य अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।


युवाओं के समग्र विकास के लिए खेल आवश्यक: कोहली

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
उधमपुर। 

अंडर 17 लड़कों/ लड़कियों इंटर स्कूल हैंडबाल टूर्नामेंट  यहां खेल स्टेडियम में संपन्न हुआ।
टूर्नामेंट का आयोजन राज्य के खेल परिषद उधमपुर ने के सी गुरुकुला पब्लिक स्कूल, जाखड़, उधमपुर के सहयोग से किया था।
इस अवसर पर मत्स्य पालन, पशु भेड़ पालन मंत्री अब्दुल गनी कोहली, मुख्य अतिथि थे, जबकि उपायुक्त उधमपुर, रविंदर कुमार सम्मानित अतिथि थे।
आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए, कोहली ने विश्वास जताया कि प्रमुख आयोजन युवाओं के समग्र विकास के उद्देश्य को प्राप्त करने और खेल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा। उन्होंने युवाओं को अपने शैक्षणिक कार्यों से समझौता किए बिना अपने सर्वश्रेष्ठ में डाल दिया और खेल के क्षेत्र में उत्.ष्टता के लिए प्रयास किया। उन्होंने कहा कि खेल केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अनिवार्य नहीं हैं बल्कि यह एक उज्ज्वल कैरियर के लिए कई अवसर खोलता है।
उन्होंने भाग लेने वाली टीमों की कुशलता की सराहना की और युवाओं को नियमित रूप से खेल में भाग लेने के लिए कहा। उन्होंने आगे आयोजकों से भविष्य में इस तरह की घटनाओं को जिले में उभरते हुए खेल प्रतिभाओं को ढालने का आग्रह किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, उापयुक्त ने उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं के प्रदर्शन के लिए छात्रों और उनके प्रशिक्षकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि युवाओं में खेल की भावना की भावना को बढ़ावा देने में इस तरह के खेल की घटनाओं में मदद मिलेगी।
समापन दिवस पर, आर्मी पब्लिक स्कूल उधमपुर और केसी गुरुकुल पब्लिक स्कूल जाखड़ उधमपुर के बीच लडकियों की श्रेणी का आखिरी मैच खेला गया, जिसे सेना पब्लिक स्कूल उधमपुर ने जीता। लड़कों की श्रेणी में भी, ब्रह्मऋषि भावरा शांति विद्यापीठ (बीआरबीवीपी) उधमपुर ने आर्मी पब्लिक स्कूल उधमपुर को हराया।
मुख्य अतिथि ने विजेताओं और उपविजेता टीम के बीच ट्राफियां और पदक वितरित किया।
बाद में, जिला समाज कल्याण अधिकारी उधमपुर, रचना शर्मा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं पर चर्चा की और लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया।
वरिष्ठ अधीक्षक पुलिस, राययस भट, संयुक्त सचिव जम्मू और कश्मीर स्पोट्र्स काउंसिल, शिवकुमार शर्मा, उपाध्यक्ष जिला खेल परिषद उधमपुर, रहिल गुप्ता, विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी और खेल प्रेमियों की संख्या भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

विवेकपूर्ण सार्वजनिक व्यय नीति आर्थिक मंदी को रोकने की कुंजी: डॉ द्राबू

'खर्च प्रबंधन नीति, बजट को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार नई रूपरेखा तैयार कर रही है
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर।
 
वित्त मंत्री डा हसीब द्राबू ने  कहा कि देश में आर्थिक मंदी को रोकने में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की सार्वजनिक व्यय की नीति होगी।
डा द्राबू ने कहा, 'आर्थिक मंदी और निजी निवेश की अनुपस्थिति के कारण, सार्वजनिक व्यय नीति अर्थव्यवस्था को पुनर्जागरणीय बनाने में वृद्धि-प्रेरित भूमिका निभाएगी। हमारे विकल्प सीमित हैं लेकिन वे निवेश या उत्तेजना पैकेज के रूप में मौजूद हैं।
नागरिक सचिवालय में वित्त विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्ष्ता करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि बजटीय आवंटन में तथ्यों के बिना परिसंपत्ति सृजन पर खर्च के प्रावधान बनाने की अतार्किक नीति के परिणाम देनदारियां और लंबे समय में एक दिशाहीन व्यय नीति होती है। 
डा द्राबू ने कहा, 'सरकार बजट के बारे में जिस तरह से सोचती है उसके लिए पैसा खर्च करने और  ितरीके पर फिर से विचार कर रही है। इससे पहले, अनुदान की मांग के लिए 29 मद होते थे जिनका सार्वजनिक व्यय नीति के दृष्टिकोण से कोई मतलब नहीं होता था। अब, उन्हें कुछ अर्थ देने के लिए अनुदान मांग को पांच क्षेत्रों में जोड़ा गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रशासनिक सेवा, बुनियादी ढांचा विकास, सामाजिक विकास, आर्थिक विकास और वित्त के लिए संसाधन आवंटन पर कैबिनेट मंत्रियों के साथ एक उपयोगी बैठक की। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में बजट शुद्ध सार्वजनिक व्यय दस्तावेज बन जाएगा।
उन्होंने कहा, 'हम व्यय के साथ कुछ तालमेल करेंगे और प्रशासनिक सचिवों को उनके संबंधित विभागों में व्यय की व्यापक प्राथमिकता को पहचानना होगा ताकि एक दिशात्मक व्यय नीति तैयार की जा सके। कुछ मामलों में, दो विभाग एक साथ कार्य करने के लिए गठबंधन कर सकते हैं।
एक उदाहरण देते हुए, डॉ द्राबू ने कहा कि मिड डे मील स्कीम को लागू करने के लिए स्कूल शिक्षा और सामाजिक कल्याण विभाग मिलकर काम कर सकते हैं। इसी तरह, सूचना प्रौद्योगिकी और स्कूल शिक्षा विभाग स्कूलों के क्लस्टर पर सौर पैनलों को स्थापित करने के लिए गठजोड़ कर सकते हैं, जो पूरे राज्य में स्कूलों में बिजली की कमी को दूर करेगा।
डॉ द्राबू ने कहा कि इस वर्ष के बजट का ध्यान मौजूदा क्षमताओं को पूरा करने और क्षमताओं का मंथन करने पर होगा।
उन्होंने प्रशासनिक सचिवों से कहा, 'पिछले दस वर्षों से लंबित परियोजनाओं की पहचान करें, जो पांच से दस साल के बीच लंबित हैं और जिन्हें पांच साल से कम समय तक चलाया जा रहा है। आप पूरा होने की लागत पर काम करे ताकि वित्त विभाग विचार कर सके। यदि आप मौजूदा परियोजनाओं का आधा हिस्सा भी पूरा कर सकते हैं, तो यह सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
उन्होंने कहा,''गत वर्ष के बजट को लेने और आंकड़ों को 10 प्रतिशत बढ़ाने देने के बजाय, मंत्री की प्राथमिकताओं के साथ व्यय को संरेखित करने के लिए खर्च आवंटन को देखें।  दूसरा, वितरण प्रणाली को सुधारने और व्यय प्रबंधन नीति के लिए नए रूपरेखा तैयार करने का प्रयास करें। जब तक किसी व्यय को डीपीआर द्वारा समर्थित नहीं किया जाता है, हम बजट में उन पर ध्यान नहीं देंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की खर्च क्षमता सीमित है और इसमें भारी संस्थागत बाधाएं और रिसाव हैं, जिसके कारण आस्ति निर्माण के रूप में सार्वजनिक व्यय सीमित है।
उन्होंने कहा, 'सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों का काम तब तक नहीं होगा जब तक वित्तीय प्रबंधन के सिद्धांतों का पालन नहीं किया जाता है। हमें एक निर्णायक व्यय रणनीति की आवश्यकता है। अगले तीस वर्षों तक हालत पतली है, चल रही परियोजनाएं पूरी नहीं होगी।
डॉ द्राबू ने कहा कि विभागों को पूंजीगत व्यय में परिसंपत्तियों की क्षमता बनाए रखने के लिए प्रावधान रखना चाहिए। उन्होंने कहा, 'प्रत्येक विभाग को नागरिक सचिवालय, हाई कोर्ट, विधानसभा, प्रमुख अस्पतालों और राज्य के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों आदि से शुरू होने वाली उनकी प्रमुख संपत्तियों का बीमा करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। साथ ही, हम अपनी संपत्ति का भू-टैगिंग भी शुरू करेंगे।
बैठक में प्रधान सचिव वित्त नवीन चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रोहित कंसल, विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव और वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग की कार्यवाही की समीक्षा की

महबूबा ने राज्य में यातायात प्रबंधन में सुधार के लिए सहयोगी दृष्टिकोण के लिए कहा
 
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर। 
 

शहरी गतिशीलता के क्षेत्र में प्रमुख सुधारों की मांग करने के लिए, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने  राज्य में यातायात प्रबंधन में सुधार के लिए परिवहन विभाग, यातायात पुलिस और नगरपालिका प्राधिकरणों द्वारा एक समन्वयशील दृष्टिकोण के लिए कहा।
यहां परिवहन विभाग की एक बैठक की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री ने इस संबंध में वांछित परिणामों को सुनिश्चित करने के लिए यातायात कानूनों के सख्त कार्यान्वयन के साथ अल्ट्रा-आधुनिक सार्वजनिक परिवहन सुविधा के दो पहलुओं को अपनाने का निर्देश दिया।
परिवहन राज्य मंत्री सुनील शर्मा बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष विभाग द्वारा 72454 वाहन पंजीकृत किए गए थे और वर्तमान में विभाग में पंजीकृत 14,88,190 वाहन हैं।
जम्मू में 70 और कश्मीर प्रांत में 57 ड्राइविंग स्कूल चल रहे है और उनकी तकनीकी ऑडिट, उनके प्रशिक्षकों की ट्रेनिंग और ड्राइविंग मैनुअल की तैयारी आईआईटी के साथ शुरू की गई है। बैठक में बताया गया कि इसके अलावा, जम्मू में एक निरीक्षण और प्रमाणन केंद्र का विकास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को सूचित किया गया कि विभाग कैशलेस लेनदेन के रास्ते पर है और बड़ी संख्या में विभागीय सेवाएं ऑनलाइन बनाईं गई हैं, जिससे भ्रष्टाचार के किसी भी अवसर को हटा दिया गया है। जल्द ही वाहन डीलरों के माध्यम से पंजीकरण संख्या दी जाएगी और ट्रैफिक पुलिस जल्द ही ऑनलाइन मोड के माध्यम से गलत तरीके से वाहन चलाने वाले चालकों का चालान शुरू कर देगी। इसके अलावा, 72 यातायात जंक्शनों में सुधार किया जा रहा है और स्मार्ट ट्रैफिक लाइट सिस्टम प्रदान किया गया है।
मुख्य सचिव बी बी व्यास, उप चेयरमैन जेकेआरटीसी हाजी परवेज अहमद, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रोहित कंसल, आयुक्त सचिव आवास एवं शहरी विकास विभाग हृदेश कुमार, आयुक्त सचिव लोक निर्माण विभाग संजीव कुमार, आयुक्त सचिव परिवहन विभाग हेमंत कुमार शर्मा, आईजीपी यातायात जगजीत कुमार, परिवहन आयुक्त सौगात बिस्वास और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

बुधवार, अक्तूबर 18, 2017

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात की

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर। 

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को दोपहर राजभवन में राज्यपाल एन एन वोहरा से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने अदालतों व उच्च शिक्षा संस्थानों के कामकाज, सड़क एवं संपर्क परियोजनाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन, जल निकायों की सफाई और पुनस्र्थापना और अन्य मामलों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

लाल सिंह ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नामक किताब जारी की

जम्मू ।
वन, पर्यावरण एवं पर्यावरण मंत्री चौधरी लाल सिंह ने सोमवार को सुबह यहां आयोजित समारोह में अभियंता सुनिया गुप्ता द्वारा लिखित 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं नामक एक किताब जारी की।
इस अवसर पर मुख्यवन संरक्षक फारूक गिलानी, बड़ी संख्या में कवि, लेखक और प्रमुख नागरिक उपस्थित थे। इस अवसर पर बोलते हुए, लाल सिंह ने कहा कि लेखकों को उनकी सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए आने वाली सरकारी योजनाओं और साथ ही अपने साहित्य के माध्यम से पुरानी परंपराओं के अलावा उनकी समृद्ध संस्.ति और विरासत के साथ युवा पीढ़ी को जोडऩे की पहलों के बारे में समाज को शिक्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पाठकों इसकी सराहना करेंगे और इन लेखकों को समाज के बड़े हित के लिए अपनी रचनाओं में जोडऩे को प्रोत्सयाहित करेंगे।   मंत्री ने कहा कि भारत, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अविश्वसनीय इतिहास वाले एक प्राचीन देश ने हमेशा महिलाओं को एक उच्च और सम्मानजनक स्थान पर रखा और उनसे शक्ति अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति की ऊर्जा का इलाज किया।


भारतीय संस्कृति में कत्थक का अस्तित्व, संरक्षण की जरूरत है: प्रिया सेठी

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
 
शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन, बागवानी विभाग एवं पार्क राज्य मंत्री प्रिया सेठी ने सोमवार को कहा कि कत्थक भारतीय शास्त्रीय नृत्य के दस प्रमुख रूपों में से एक है, जो पूरे विश्व में किया जाता है। ।
यह नृत्य रूप, उन्होंने कहा कि इस तरह की उत्कृष्टता हासिल की है कि इसके कलाकारों ने अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अपना नाम बनाया है। उन्होंने कहा, वैदिक संस्कृत शब्द कथ से प्राप्त कत्थक वास्तव में 'कहानी के लिए है और कताक का अर्थ है 'जो एक कहानी कहता है सोमवार को पूरे राज्य के पेशेवरों और बच्चों द्वारा किया जाता है।
प्रिया सेठी कला दर्पण - 2017 में एक कत्थक प्रदर्शन में बोल रहे थे, जो पं बिरजू महाराज के पुत्र पं जय किशन महाराज के शिष्य पारल भाटेजा द्वारा कोरियोग्राफी की गई थीं उन्होंने कहा कि कत्थक भारत के सबसे प्रिय शास्त्रीय कला रूपों में से एक को एक ताजा स्पर्श देता है जो औपनिवेशिक काल के दौरान एक डुबकी देखी गई थी।
उन्होंने कहा 'चूंकि यह कला भारतीय संस्कृति में गहराई से आ गई थी और हमारी परंपरा का हिस्सा था, इसलिए यह दमनकारी कदमों को कायम करता है और सोमवार को दुनिया के हर जगह और कोने पर पहुंच गया हैं
उन्होंने कहा कि कत्थक के लिए तीन प्रसिद्ध घरणों को जाना जाता है और सोमवार को का प्रदर्शन इन घरणों का मिश्रण है। भारतीय कथक, उन्होंने कहा कि विदेशों में लोगों की सराहना की जाती है और कई लोग यह भी कहते हैं कि यह स्पेनिश नृत्य प्रदर्शनों के साथ कई दृश्य और लयबद्ध समानताएं साझा करता है।
प्रिया सेठी, जो इस शानदार प्रदर्शन में मुख्य अतिथि थे, जहां के. बी. जंडयाल पूर्व सदस्य पीएससी सम्मानित अतिथि थे।
प्रिया सेठी इस तरह के अनुग्रह और उत्साह के साथ प्रदर्शन करने वाले युवा कलाकारों को देखने के लिए उत्साहित थीं, उन्होंने युवा कलाकारों को प्रदान किए गए प्रशिक्षण के स्तर की सराहना की।

राज्य में 15 नए कॉलेजों की स्थापना होगी: अल्ताफ

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर। 

'कौशल विकास एवं उद्यमिता पर एक सप्ताह की राष्ट्रीय कार्यशाला सोमवार को यहां एडवांस्ड एडवांस्ड स्टडीज इन एजुकेशन (आईएएसई), एमए रोड में शुरू हुई।
जम्मू एवं कश्मीर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के लगभग 40 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में भाग लिया, जिसे क्लस्टर विश्वविद्यालय द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री सैयद मोहम्मद अलताफ बुखारी, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे, ने इस तरह की कार्यशाला का आयोजन करने और एक विषय चुनने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों की सराहना की, जो उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महत्वपूर्ण है।
बुखारी ने कहा, 'इन कार्यशालाओं के माध्यम से, एक भागीदार को अपनी राय देने का मौका मिलता है जो किसी भी मुद्दे की बेहतर समझ को जाता है
शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के विभिन्न खुले क्षेत्रों में 15 नए कॉलेजों की स्थापना करना है जो उन क्षेत्रों में छात्रों की जरूरतों को पूरा करेगा। शिक्षा में उन्नत अध्ययन संस्थान की लंबी सेवा की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि संस्थान सात सात दशकों से शिक्षा के लिए योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान न केवल विद्यालय की शिक्षा की शैक्षणिक जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि सह-पाठ्यचर्या और व्यावसायिक पहलुओं को भी पूरा करता है।
आयोजकों ने सूचित किया कि कार्यशाला उद्यमिता के लिए कौशल के बारे में सीखने, स्थानीय कौशल और उद्यमिता के बारे में ज्ञान देने, राज्य के उद्योग का एक हिस्सा बनाने, प्राकृतिक रंगाई में चुनौतियों के बारे में सीखने, पश्मिना ऊन के महत्व और संरचना को महत्व देने, पश्मीना प्रसंस्करण और बुनाई तथा अन्य संबंधित विषयों के कौशल विकास के लिए है। बुखारी ने सितंबर में आयोजित 'राइट क्लिक' थीम पर फोटो प्रतियोगिता में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को लिए प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्हों के साथ सम्मानित किया। वार्षिक रिसर्च जर्नल ऑफ एडवांस्ड स्ट्डीज इन एडवांस्ड स्ट्डीज इन एजुकेशन ष्रिसर्च कॉम्पेनियमष् भी इस अवसर पर जारी किया गया।
इस अवसर पर उप कुलपति समूह विवि श्रीनगर (सीयूएस) प्रो शेख जाविद अहमद, रजिस्ट्रार सीयूएस प्रो। मोहम्मद यासीन, कंट्रोलर सीयूएस मुमताज अली, कार्यशाला समन्वयक प्रो सीमा नाज, विभिन्न महाविद्यालयों के प्रिंसिपल तथा अन्य संबंधित अधिकारी शिक्षा विभाग उपस्थित थे। कार्यशाला के लिए संसाधन व्यक्तियों में आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी डॉ अनु मिश्रा (आईआईसीटी) भदोही, प्रोफेसर (डॉ) सरफराज अहमद वानी, स्कास्ट कश्मीर से डॉ पी के मिश्रा, आईएएसई से डॉ सैयद मकबूल गिलानी और तकनीकी विशेषज्ञ, ऐजाज अहमद शाह शामिल हैं।

शुक्रवार, अक्तूबर 13, 2017

कुत्ते ने ऐसी जीभ लपलपाई कि टूट गया गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड

सोशल मीडिया पर इन दिनो एक कुत्ता अपनी जीभ की वजह से सुर्खियों में छाया हुआ है। उसे सबसे लंबी जीभ के लिए एक खिताब भी दिया गया है।
कोई अपनी लंबी जीभ की वजह से वल्र्ड रिकॉर्ड बना सकता है ये सोचने का विषय है पर मोची मो नाम के एक कुत्ते ने जब अपनी जीभ लपलपाई तो उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया।
मो का पूरा नाम मोची मो रिकर्ट है। उसकी जीभ की लंबाई 7.31 इंच है। 8 साल का सेंट बर्नार्ड जो कि यूएस के साउथ डकोटा का रहने वाला है। अपनी लंबी जीभ के चलते हुये पूरी दुनिया में छाया हुआ है।
मो की ऑनर कार्ला का कहना है कि उसकी जीभी मुझे अब भी असली नहीं लगती है। उन्होंने बताया कि वो बहुत शांत स्वभाव का है। मोची के इस फीचर को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड अमेजिंग एनीमल बुक में शामिल किया गया है।
रिकॉर्ड बुक के एडीटर इन चीफ क्रेग ने बताया कि हम अपने परिवार में मोची के सबसे लंबी जीभ के रिकॉर्ड के तोडऩे का स्वागत करते हैं। अमेजिंग एनीमल जानवरों की ऐसी प्रजातियों को लेती है जिनमें कुछ खास और अनोखा होता है।

राजोरी में किशोर ने बना डाला फेसबुक का विकल्प

जम्मू।
राजोरी में एक किशोर ने फेसबुक का विकल्प बनाने का दावा किया है। 14 वर्षीय अशफाक महमूद ने एक मोबाइल ऐप बनाया है जोकि फेसबुक का विकल्प है और उसका नाम जमकश रखा है। राजोरी के लूरकोट गांव के रहने वाला इशफाक दसवीं का छात्र है। उसने हाल ही में इंटरनेट सोशलनेटवर्किंग का एक ऐप बनाया है।
परवेज अहमद के बेटे इशफाक का दावा है कि उसने जमकश नामक जो ऐप बनाया है उसमें फेसबुक के सारे फकंशनस हैं और कोई भी सिर्फ 2जीबी पर  आडियो फाइलें भी सर्फ कर सकता है।वह दो और ऐप पर काम कर रहा है और यह लोगों के हित के लिए होंगी। इसके जरिये लोग डाक्टरों से मिलने का समय ले पाएंगे।

हनीप्रीत की राजदार सुखदीप कौर ने किए 5 बड़े खुलासे

पंचकूला।
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के ड्राइवर इकबाल सिंह की पत्नी सुखदीप कौर ने हनीप्रीत इंसा को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं।
भटिंडा के बलुआना गांव की रहने वाली सुखदीप ने का परिवार राम रहीम और डेरा का सबसे करीबी माना जाता है। डेरा प्रेम के कारण यह परिवार एक दशक पहले अपना गांव छोड़कर सिरसा में जा कर बस गया था। हनीप्रीत की मदद करने वाली सुखदीप कौर को पुलिस ने जीरकपुर से गिरफ्तार किया है।
सुखदीप कौर चंडीगढ़ से सटे जीरकपुर से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह हनीप्रीत की गाड़ी चला रही थी। उस पर दंगे भड़काने के आरोपी महेंद्र इंसा को राजस्थान में छिपाने का आरोप भी है। सुखदीप कौर की मदद से हनीप्रीत पंजाब के कई शहरों में घूम चुकी है। सूत्रों के मुताबिक दोनों का ठिकाना भटिंडा ही रहा है। एक और जहां हनीप्रीत अपनी पूछताछ के दौरान पुलिस को खूब बेवकूफ बना रही है वहीं दूसरी ओर गिरफ्तार की गई सुखदीप कौर ने पुलिस के सामने हनीप्रीत से जुड़े पांच राज खोले हैं।
सुखदीप कौर ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि हनीप्रीत की हैसियत डेरे में नंबर 2 की है और आज भी उसका सिक्का चलता है। पिछले 38 दिनों के दौरान जब हनीप्रीत पुलिस की नजर से इधर-उधर भाग रही थी तो उसे जब भी उसे रुपए-पैसे की जरूरत होती थी वह डेरे के लोगों को फोन कर उनसे पैसे मंगाती थी।
हनीप्रीत फोन पर बातें करते वक्त सुखदीप कौर को गाड़ी से उतार देती थी। 38 दिनों के दौरान हनीप्रीत कई लोगों के साथ संपर्क में थी उसे जब भी किसी से कोई बात करनी होती थी तो सुखदीप कौर को गाड़ी से उतर जाने को कहती थी और चुपचाप किसी से बातचीत करती थी। बातें किसके साथ होती थीं इसका पता सुखदीप कौर को भी नहीं है।
एक ओर जहां पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि हनीप्रीत कौर ने 38 दिनों के दौरान 17 सिम कार्ड का इस्तेमाल किया है वहीं दूसरी ओर उसकी मददगार सुखदीप ने पुलिस को बताया है कि अक्सर हनीप्रीत सिम कार्ड का इस्तेमाल करने के बाद या तो उसे तोड़ देती थी या फिर लापरवाही से उसे फेंक देती थी।
शातिर हनीप्रीत को मालूम है कि पुलिस के हत्थे अगर उसका मोबाइल फोन चढ़ा तो उसकी हेकड़ी दो मिनट में निकल जाएगी। हनीप्रीत ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि उसका फोन कहीं गिर गया है। अपने नाम से पंजीकृत सिम कार्ड के बारे में भी उसने गोलमोल जवाब दिया है। लेकिन सुखदीप कौर ने हनीप्रीत का भांडा फोड़ते हुए कहा है कि उसका मोबाइल फोन पंजाब के तरनतारन के किसी गांव में है। हालांकि पुलिस को अभी यह मालूम नहीं है कि यह मोबाइल फोन नष्ट कर दिया गया है या फिर किसी के सुपुर्द कर दिया गया है।
हनीप्रीत पूछताछ में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। वह लगातार कह रही है कि उसे नहीं याद की वह 38 दिनों के दौरान वह कहां-कहां रही और कहां-कहां भटकी। लेकिन सुखदीप कौर ने पुलिस को बताया है कि हनीप्रीत को चप्पे-चप्पे की जानकारी है और 38 दिनों के दौरान वह जहां भी हनीप्रीत के साथ गई उन दोनों को कहीं भी रास्ता पूछने की जरूरत नहीं पड़ी।
गौरतलब है कि 38 दिनों के सफर के दौरान ज्यादातर समय यह दोनों महिलाएं एक साथ रही हैं। सुखदीप ही हनीप्रीत की गाड़ी चलाती थी और हनीप्रीत शीशे पर तौलिया रखकर उसे निर्देश देती थी।

हनीप्रीत को सभी सड़कों और शहरों की जानकारी है ।

केबीसी : मोदी के 'मन की बात से जीते 50 लाख

नई दिल्ली।
केबीसी 9 शो का पिछला एपिसोड उस वक्त खास बन गया जब मुंबई की रहने वाली 10वीं पास मीनाक्षी जैन ने पीएम मोदी के मन की बात की वजह से 50 लाख रुपया जीतने में कामयाब रहीं। दरअसल, हॉट सीट पर बैठी मीनाक्षी से अमिताभ ने कठिन सवाल किया था। सवाल 50 लाख का था और उनके पास कोई लाइफ लाइन नहीं थी। लेकिन मीनाक्षी ने अमिताभ के सवाल पूछते ही तपाक से जवाब फटाफट दे दिया। उनका जवाब सही था। जब अमिताभ ने उनसे पूछा कि आपको इसका जवाब कैसे पता था, मीनाक्षी ने बताया कि हाल ही में पीएम मोदी ने इस बात का जिक्र 'मन की बात में किया था। चूंकि उन्होंने सुना था तो उन्हें जवाब देने में कोई दिक्कत नहीं हुई। वह सवाल 'क्विट इंडिया से जुड़ा हुआ था।
मुंबई की रहने वाली मीनाक्षी 5 अक्टूबर और 6 अक्टूबर को केबीसी शो पर पहुंची थीं। मीनाक्षी की शख्सियत से शो के होस्ट एक्टर अमिताभ बच्चन काफी प्रभावित नजर आए।
मीनाक्षी केवल 10 वीं तक पढ़ीं है और जिस अंदाज और विश्वास के साथ उन्होंने सवालों के जवाब दिए ये देखकर अमिताभ भी उनकी सरहाना कि?ए बिना नहीं रह पाए। 25 लाख के सवाल पर जैसे ही बिना देरी किए मीनाक्षी ने जवाब में जयपुर कहा, अमिताभ का रिएक्शन था ङ्खद्गद्यद्य श्चद्यड्ड4द्गस्र। अमिताभ ने कहा कि खेल के इस पड़ाव पर आकर बहुत से कंटेस्टेंट को मुझे अलविदा कहना पड़ता है लेकिन आप अच्छा खेल रही हैं।
एक ऐसा भी सवाल आया जब मीनाक्षी को जोड़ीदार की मदद लेनी पड़ी। सवाल था - किस भारतीय खिलाड़ी की पत्नी बास्केटबॉल में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं? इस सवाल का जवाब मीनाक्षी के पास था लेकिन वह पूरी तरह से श्योर नहीं थीं। आखि?रकार मीनाक्षी ने जवाब दिया ईशांत शर्मा, जो कि सही जवाब था।
मीनाक्षी के जोड़ीदार अंकित ने जवाब में मदद देने के लिए आइडिया लगाया कि ईशांत का कद लंबा है तो उनकी पत्नी का भी लंबा होगा, इसलिए ईशांत ही सही उत्तर होना चाहिए। अंकित के इस आइडिया पर अमिताभ खिलखिला उठे और बोले, तुम ऐसा नहीं कह सकते तुम्हारे सामने एक उदाहरण बेठा है। जरूरी नहीं है जिसके पति लंबी हो उनकी पत्नी भी लंबी ही होनी चाहिए।
सवाल-जवाब के दौरान मीनाक्षी ने अमिताभ से कहा कि उनका मकसद सिर्फ शो से प्राइज मनी जीतना ही नहीं है बल्कि समाज को ये बात बताना भी है कि हुनर के आगे जेंडर मायने नहीं रखता। उन्होंने बताया कि जो लोग सोचते हैं लड़कियां आगे नहीं बड़ सकती ये गलत है। बता दें कि इस शो के मंच पर भारी राशि जीतने वालों में में महिलाएं अव्वल नंबर पर हैं। मीनाक्षी  शो पर 50 लाख ही जीत पाईं लेकिन अमिताभ ने  उनके इस गेम को अद्भुद बताया। मीनाक्षी ने शो पर अपनी एक इच्छा का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि जो लोग ये कहते हैं कि हैं कि बाप की चिता को मुखाग्नि सिर्फ बेटा ही दे सकता है वह उन्हें गलत ठहराना चाहती हैं। उनकी इच्छा है कि उनके पिता को वह ही मुखाग्नि दें।
अब बात करते हैं उस पल की जब मीनाक्षी को पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से 50 लाख रुपये जीताने में मदद कि। स्क्रीन पर 50 लाख का सवाल था- क्विट इंडिया यानी भारत छोड़ो के नारे का ईजाद किस स्वतंत्रता सेनानी ने किया था?  मौजूद ऑप्शन को देखते ही मीनाक्षी एक बार फिर फट से सही जवाब देते हुए यूसुफ मेहर अली का नाम बोलीं और शो पर 50 लाख जीतने में सफल हुईं।


डोकलाम पर आ रही खबरों को सरकार ने नकारा, कहा- यथास्थिति बरकरार

नई दिल्ली।
डोकलाम में चीन द्वारा सड़क चौड़ीकरण और चीनी सौनिकों की मौजूदगी से जुड़ी खबरों को केंद्र सरकार ने नकार दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डोकलाम में जहां भारत और चीन की सेना आमने-सामने थी वहां कोई नई गतिविधि नहीं हुई है। मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि 28 अगस्त के बाद से वहां यथास्थिति बरकरार है। मंत्रालय ने वहां चीनी सैनिक की मौजूदगी के संबंध में आई खबरों को निराधार कहा है।
विदेश मंत्रालय ने अपने संक्षिप्त बयान में कहा है, 'क्षेत्र में यथास्थिति बनी हुई है। इसके विपरीत कोई भी दावा सही नहीं है।
मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि डोकलाम के समीप बड़ी संख्या में चीनी सैनिक पहुंच गए हैं। जिस जगह पर सड़क बनाने को लेकर भारत के साथ चीन का विवाद हुआ था वहां से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर उसने अपनी सड़क चौड़ी करने का काम शुरू कर दिया है।
डोकलाम में भारत और चीन की सेना के बीच 16 जून से 73 दिनों तक तनातनी जारी रही थी। भारत ने विवादित क्षेत्र में उसके सड़क निर्माण को रोक दिया था। डोकलाम को लेकर चीन और भूटान के बीच विवाद है। तनातनी जारी रहने तक भारत और भूटान एक दूसरे के संपर्क में रहे। 28 अगस्त को भारत-चीन के बीच यहां तनाव खत्म हो गया था। चीन ने डोकलाम क्षेत्र में अपनी सेना की मौजूदगी का बचाव किया है। बीजिंग ने शुक्रवार को कहा कि उसके सैनिक इलाके में पेट्रोलिंग कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा क्षेत्र में सैनिकों की संख्या बढ़ाने पर जवाब दिया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'डोकलाम क्षेत्र हमेशा से चीन का रहा है और यह हमारे प्रभावी क्षेत्र के तहत आता है। कोई विवाद नहीं है। चीन के सीमा रक्षक डोकलाम में पेट्रोलिंग कर रहे हैं। वे अपने संप्रभु अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं और ऐतिहासिक सीमा के अनुसार क्षेत्रीय संप्रभुता की निगरानी कर रहे हैं।
एक सप्ताह तक चलने वाले सेना के वरिष्ठ कमांडरों के सम्मेलन में डोकलाम पठारी क्षेत्र में चीन द्वारा दिखाई जा रही ताकत का मुद्दा छाया रहेगा। सोमवार से शुरू होने वाले सम्मेलन में भारत-चीन सीमा पर संपूर्ण सुरक्षा चुनौतियों के साथ ही जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति पर भी ध्यान रहेगा।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि देश को पेश आ रही सभी संभावित सुरक्षा चुनौतियां और डोकलाम में 73 दिनों तक चले विवाद के साथ ही इस क्षेत्र में चीन के सैनिकों की बढ़ती संख्या पर चर्चा होगी। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, डोकलाम में विवाद खत्म होने के एक माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद चीन ने अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है।
मंत्रालय ने डोकलाम पर हाल ही में मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया दी है।

गुरुवार, अक्तूबर 12, 2017

जम्मू में डेंगू का आतंक

लगातार बढ़ रही है पीडि़तों की संख्या से दहशत
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 
जम्मू में डेंगू ने अपने पैर इस कदर पसार लिए हैं कि डेंगू के आतंक से लोग बुरी तरह से दहशत में हैं और मामूली बुखार होने पर भी डेंगू की आशंका से परेशान हो उठते हैं। शहर में लगातार बढ़ती डेंगू पीडि़तों की संख्या से जम्मू की जनता में दहशत का माहौल है।
मलेरिया मुक्त होने की कगार पर खड़े जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष जम्मू जिले में प्रशासन की लापरवाही और स्वास्थ्य विभाग की उपेक्षा से डेंगू ने पांव पसार रखे हैं। लोगों में इतनी दहशत है कि बुखार होते ही वे अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। सैकड़ों मरीज ऐसे हैं, जो अन्य राज्यों में इलाज करवा रहे हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जम्मू संभाग में डेंगू पीडि़तों की संख्या ३००  है। गैर अधिकारिक सूत्रों के अनुसार सांबा जिले में डेंगू से एक मौत भी हो चुकी है। पीडि़तों में अधिकांश जम्मू जिले के हैं। इसके बाद कठुआ, सांबा, ऊधमपुर, राजौरी और पुंछ जिले का नंबर आता है। राज्य में यह दूसरा अवसर है, जब इतनी अधिक संख्या में डेंगू के मामले दर्ज हुए हैं। 2013 में डेंगू के डेढ़ हजार से अधिक मामले दर्ज हुए थे और चार मौतें हुई थीं।
इस वर्ष डेंगू के अधिक मामले दर्ज होने के कई कारण हैं। बेशक प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग फॉगिंग अभियान चलाने के दावे करता हो, लेकिन हकीकत यह है कि डेंगू के मामले सामने आने से पहले न तो जम्मू नगर निगम और न ही अन्य किसी जिले में अभियान चलाए गए। इतने मामले दर्ज होने के बाद भी मच्छर मारने के लिए कुछ नहीं किया गया।
विभागों की इस रवैये से मच्छर पनपता गया और मलेरिया व डेंगू के मामले बढ़ते गए। अब स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया है, लेकिन कोई गंभीरता नजर नहीं आ रही है। हालात यह है कि हर दिन कहीं न कहीं डेंगू के मामले की पुष्टि हो रही है। लोगों को मालूम ही नहीं कि इसका इलाज जम्मू में है या नहीं।
स्वास्थ्य निदेशक डॉ. गुरजीत सिंह का कहना है कि डेंगू से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाए गए हैं और जांच की सुविधा भी दी गई है।
डेंगू के लक्षण
अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार। मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द।
आंखों के पीछे दर्द होना, जो आंखें घुमाने से बढ़ता है।
जी मिचलाना एवं उल्टी होना।
गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आाना।
कैसे बचाव करें
डेंगू फैलाने वाला मच्छर खड़े पानी में पनपता है। पानी की टंकी, बर्तन को ढक कर रखें।
कूलर को खाली कर सुखा दें।
यह मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे में वह कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह ढके।
डेंगू के उपचार के लिए कोई दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासिटामोल ले सकते हैं।
मरीजों के लिए सबसे अधिक परेशानी का सबब डेंगू की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास जिला स्तर पर अपनी लेबोरेटरी नहीं होना है। सरकारी अस्पतालों में जम्मू संभाग में केवल मेडिकल कॉलेज ही है, जहां डेंगू का टेस्ट होता है। सरवाल और गांधीनगर अस्पताल में भी सुविधा है, मगर वहां पर किट की कमी है। जिला अस्पतालों में पैथोलॉजिस्ट नहीं हैं, जिससे यह टेस्ट नहीं हो रहे हैं।
सिर्फ जीएमसी में ही टेस्ट की सुविधा होने के कारण जांच रिपोर्ट आने में पांच से छह दिन लग जाते हैं। इस कारण मरीज की हालत गंभीर हो जाती है और समय पर उसका उपचार नहीं हो पाता है।
आधिकारिक तौर पर डेंगू के ढाई सौ से अधिक मामले सामने आने के बावजूद जम्मू शहर के कई स्थानों पर सड़कों पर पानी खड़ा नजर आ जाएगा। भगवती नगर, बावे, तालाब तिल्लो, गांधीनगर में पहले ही मच्छर बहुत हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में मच्छर को खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा।
डेंगू के सबसे अधिक मामले जम्मू जिले में हैं, मगर आश्चर्य इस बात का है कि अधिकांश मरीज जिला अस्पतालों में इलाज नहीं करवा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में जरूर मरीज उपचार करवा रहे हैं, लेकिन सैकड़ों मरीज अन्य राज्यों में इलाज करवा रहे हैं।
डेंगू से पीडि़त मरीजों की शिकायत है कि उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है। हालांकि जीएमसी में मरीज संतुष्ट नजर आ रहे हैं। मरीजों की शिकायत है कि जिला अस्पतालों में इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि मरीजों की जांच रिपोर्ट भी समय पर नहीं आ रही।
डेंगू होने पर इसका कोई विशेष इलाज नहीं है। मरीज को पैरासिटामोल देकर उसका बुखार कम किया जाता है। कई बार मरीज के ब्लड प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, जो चिंता का विषय होता है। इन मरीजों को ब्लड प्लेटलेट्स दिए जाते हैं।

झिड़ी मेले की तैयारियां शुरू

जम्मू ।
15वीं शताब्दी में अपने हक के लिए शहादत देने वाले किसान बाबा जित्तो और उनकी नन्ही बेटी की याद में हर साल आयोजित होने वाले झिड़ी मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। देशभर से बुआ व बाबा के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलें, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
शहर से करीब 25 किलोमीटर दूरी पर झिड़ी गांव में आयोजित होने वाला यह मेला पूरे एक सप्ताह तक चलता है। यह मेला नवंबर में पूर्णिमा से तीन दिन पहले शुरू हो जाता है और पूर्णिमा के तीन दिन बाद तक चलता रहता है। इस वर्ष यह मेला एक नवंबर को शुरू होगा।
इसमें जम्मू, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के अलावा विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस स्थान पर सबसे अधिक जनसमूह पूर्णमासी के दिन एकत्र होता है। बाबा तालाब में सुंगल स्नान कर श्रद्धालु बुआ व बाबा की स्मृति में श्रद्धा के फूल अर्पित करते हैं। मढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखनंदन चौधरी की अध्यक्षता में सोमवार को तैयारियां पर चर्चा करने के लिए बैठक भी बुलाई गई। बैठक में डीसी जम्मू, एसडीएम मढ़, बीडीओ मढ़ भी उपस्थित थे। उन्होंने बाबा तालाब और झिड़ी मेला स्थल तक आने वाले सभी मुख्य मार्गो की मरम्मत का काम शुरू करने व मेला भूमि को खाली करवाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।
झिड़ी मेला स्थल की नीलामी प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू कर दी जाएगी। बीडीओ मढ़ रंजीत सिंह ने बताया कि दो दिन बाद मेला भूमि को खाली करने के लिए पब्लिक नोटिस जारी कर दिया जाएगा। उसके बाद नीलामी से संबंधित जानकारी समाचारपत्रों के माध्यम से व्यापारियों तक पहुंचा दी जाएगी। बीडीओ ने बताया कि पहले दिन झिड़ी मेला स्थल, पार्किंग और उसके बाद बाबा तालाब व वहां की पार्किंग स्थल की नीलामी की जाएगी। बुआ व बाबा के प्राचीन मंदिर को भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर पर सजाने की तैयारी की गई है। मंदिर के महंत जगदीश लाल मेहता ने बताया कि दिल्ली व लुधियाना से विशेष तौर पर कारीगर बुलाए जा रहे हैं, जो जगनमालाओं और फूलों से मंदिर की सजावट करेंगे। उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर तक ये कारीगर पूरे सामान के साथ झिड़ी पहुंच जाएंगे। देश-विदेश से आने वाले बुआ व बाबा के भक्तों के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से खाने-पीने की विशेष व्यवस्था रहेगी।

प्यार में धोखा देना बना आतंकी खालिद के लिए काल

श्रीनगर।
सेना ने कश्मीर में फिर से अपनी जड़ें जमाने का प्रयास कर रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के उत्तरी कश्मीर के डिविजनल कमांडर खालिद को मुठभेड़ में मार गिराया। आतंकी कमांडर ने मुठभेड़ के दौरान बचने के लिए अपने तीन ठिकाने बदले, लेकिन बच नहीं पाया। खालिद के खात्मे में उसकी एक पूर्व प्रेमिका की बड़ी भूमिका रही।
खालिद कश्मीर का 'लवर-बॉय आतंकी था। उसकी कई प्रेमिकाएं थीं। मुठभेड़ के वक्त भी उसके साथ चार प्रेमिकाएं थीं। उसके प्यार में धोखा खाई एक पूर्व प्रेमिका ने ही उसे मौत के अंजाम तक पहुंचवा दिया। खालिद से प्यार के दौरान वह गर्भवती हो गई थी। जब खालिद को उसने यह बात बताई तो उसने उसे और अजन्मे शिशु दोनों से नाता तोड़ लिया। इससे उसका दिल टूट गया। कोख में पल रहे शिशु और खुद की जिंदगी बर्बाद करने से वह बदले की आग में झुलसने लगी। तभी उसने खालिद का सफाया कराने की ठान ली। सबसे पहले उसने पंजाब में किसी जगह गर्भपात कराया। इसके बाद वह 'खालिद के खात्मे के अपने मिशन में जुट गई। सूत्रों के अनुसार उसी की मदद से सुरक्षा बल खालिद तक पहुंचे। उसने पुलिस अफसरों से कहा था, 'मैं आपको खालिद का सुराग दूंगी, खात्मा आपको करना होगा। सोमवार को खालिद जैसे ही लडूरा के सरकारी स्कूल के पास घर में पहुंचा, पहले से घेराबंदी किए बैठे सुरक्षा बलों ने उसे ललकारा। उसने फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन मात्र चार मिनट में उसका काम तमाम कर दिया गया। खालिद का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बहुत बड़ी कामयाबी माना रहा है। डबल ए श्रेणी के आतंकी खालिद के जिंदा अथवा मुर्दा पकड़े जाने पर 12 लाख का नकद इनाम था। वह उत्तरी कश्मीर और सेंट्रल कश्मीर में जैश के नेटवर्क को धीरे धीरे मजबूत करते हुए स्थानीय लड़कों की भर्ती में जुटा हुआ था। इसके अलावा वह उत्तरी कश्मीर में एलओसी के पार से आने वाले जैश के आतंकियों के लिए विभिन्न इलाकों में सुरक्षित ठिकानों का बंदोबस्त करने के अलावा पैसे का इंतजाम भी करता था।

7 वां वेतन आयोग जम्मू कश्मीर के कैडर्स में विसंगतियों को हटाएगा: डॉ द्राबू

जीएमसी डॉक्टरों/रजिस्ट्रार का स्टाइपेंड स्कीम्स समकक्षों के बराबर लाया जाएगा 
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर। 
 
राज्य कर्मचारियों के विभिन्न कार्यकर्ताओं में वेतनमान को संबोधित करने की प्रणाली को रेखांकित करते हुए वित्त एवं श्रम व रोजगार मंत्री डा हसीब द्राबू ने सोमवार कहा कि नई व्यवस्था प्रशासन की व्यवस्था को बहुत सरल बनाती है।
उन्होंने कहा, 'हम 7वें वेतन आयोग के अवसरों का उपयोग राज्य प्रशासन के कार्यकर्ताओं में वेतन विसंगति का एक प्रमुख साफ-सफाई करने के लिए करेंगे। प्रारंभ में, कार्यकर्ताओं को तर्कसंगत समझा जाएगा और इसके बाद ग्रेड के निर्धारण के माध्यम से समीकरण और समीकरण होगा।
वित्त मंत्री वेतन विसंगति समिति की एक बैठक के दौरान बोल रहे थे जिसमें मुख्य सचिव बी बी व्यास, वित्त सचिव, नवीन चौधरी और गृह सचिव आर के गोयल शामिल थे।
बैठक के दौरान डॉ द्राबू को बताया गया कि केंद्र सरकार के 18 कैडरों के मुकाबले जम्मू व कश्मीर सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान में 108 ग्रेड हैं, जो 7 वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
डॉ द्राबू ने कहा, ''कुछ वर्षों में कुछ वेतनमान उत्पन्न हुए हैं जिनके लिए मध्य स्तर पर कोई पत्राचार नहीं है। तर्कसंगतता और समरूपता की प्रक्रिया के दौरान उन्हें मन का पर्याप्त उपयोग करने की आवश्यकता होगी।
इस बीच, वित्त मंत्री ने जम्मू व और श्रीनगर में सरकारी मेडिकल कॉलेजों और सरकारी दंत महाविद्यालयों में जूनियर निवासियों और रजिस्ट्रार के रूप में अस्थायी आधार पर काम पर रखे गए डॉक्टरों की जरुरत को लेकर लंबे समय से लंबित मांग को मंजूरी दी।
डॉ द्राबू ने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों और दंत महाविद्यालयों में डॉक्टरों को दिए गए वेतनमान में असमानता और शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और संबद्ध अस्पतालों में काम करने वाले उनके समकक्षों के बराबर किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा,'हमारी सरकार मेडिकल पेशे में काम कर रहे पेशेवरों की दुर्दशा के प्रति संवेदनशील है और भारतीय चिकित्सा परिषद के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए, उनके वजीफा एसकेआईएमएस में अपने समकक्षों के समान लाए जाएंगे।
 बैठक में आयुक्त सचिव स्वास्थ्य पवन कोतवाल, प्राचार्य जीएमसी डॉ रियाज अंतू, संयुक्त निदेशक संहिताएं आर एस बाली और वित्त एवं स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा के अन्य अधिकारी शामिल थे।

शुक्रवार, अक्तूबर 06, 2017

आखिर नोटों पर क्यों छापी जाती है महात्मा गांधी की तस्वीर

महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन सादगी के साथ व्यतीत किया। महात्मा गांधी कभी भी नहीं चाहते थे कि उनकी फोटो कहीं छापी जाये लेकिन फिर भी तब से लेकर आज महात्मा गांधी की तस्वीर ही सबसे ज्यादा देखी जाती है यहां तक कि नोटों पर भी गांधी जी की तस्वीर ही लगाई गई है। क्या है इसकी वजह, कब से हो रहा है ऐसा ये सारी बातें जानिये यहां
रिजर्व बैंक के मुताबिक, साल 1996 में गांधी जी वाले नोट चलन में आए, इसके बाद 5,10,20,100,500 और 1000 रुपए वाले नोट छापे गए। नोट पर अशोक स्तंभ की जगह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो और अशोक स्तंभ की फोटो नोट के बाईं तरफ निचले हिस्से पर प्रिंट करने जाने लगी। साल 1987 में महात्मा गांधी की तस्वीर को वाटरमार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, जो नोट के बाईं तरफ दिखाई देते थे।
एक आरटीआई के जवाब में बताया गया कि साल 1993 में रिजर्व बैंक ने नोट के दाहिनी तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर छापने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी लेकिन हमेशा से एक बात पर बहस होती आई है कि गांधी जी की तस्वीर की जगह अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर क्यों नहीं छापी गई। महात्मा गांधी को राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में माना जाता है, बापू राष्ट्रपिता की उपाधि हासिल कर चुके गांधी उस वक्त राष्ट्र का चेहरा थे, इसी कारण नाम पर फैसला लिया गया था। नोटों पर छपने वाली गांधी जी की यह तस्वीर तस्वीर 1946 में खिंची गई थी और ये असली तस्वीर है। यह फोटो उस वक्त खींची गई थी जब गांधी जी लार्ड फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस विक्ट्री हाउस में आए ।

स्वच्छ भारत के तीन वर्ष

2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान को अक्टूबर 2017 में तीन वर्ष पूर्ण हो गए हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के मकसद की बात करें तो इसके दो हिस्से हैं, एक सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर साफ सफाई तथा दूसरा भारत के गाँवों को खुले में शौच से मुक्त करना।
बात निकली ही है तो यह जानना भी रोचक होगा कि स्वच्छता का यह अभियान इन 70 सालों में भारत सरकार का देश में सफाई और उसे खुले में शौच से मुक्त करने का कोई पहला कदम हो या फिर प्रधानमंत्री मोदी की कोई अनूठी पहल ही हो ऐसा भी नहीं है।
1954 से ही भारत सरकार द्वारा ग्रामीण भारत में स्वच्छता के लिए कोई न कोई कार्यक्रम हमेशा से ही आस्तित्व में रहा है लेकिन इस दिशा में ठोस कदम उठाया गया 1999 में  तत्कालीन सरकार द्वारा।
खुले में मल त्याग की पारंपरिक प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने के उद्देश्य से "निर्मल भारत अभियान" की शुरुआत की गई, जिसका प्रारंभिक नाम  'सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान ' रखा गया था।
इस सबके बावजूद 2014 में आई यूएन की रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत की करीब 60त्न  आबादी खुले में शौच करती है और इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।
अब एक बार फिर जब इस अभियान की सालगिरह आ रही है तो हमारे देश के नेता अभिनेता और विभिन्न क्षेत्रों के सेलिब्रटीस एक बार फिर हाथों में झाड़ू लेकर फोटो सेशन करवाएंगे। ट्विटर और फेसबुक पर स्वच्छ भारत अभियान हैश टैग के साथ स्टेटस अपडेट होगा,अखबारों के पन्ने  मुख्यमंत्रियों नेताओं और अभिनेताओं के झाड़ू लगाते फोटो से भरे होंगे और ब्यूरोक्रेट्स द्वारा फाइलों में ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) गाँवों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही होगी लेकिन क्या वास्तव में हमारा देश साफ दिखाई देने लगा है?
क्या हम धीरे धीरे ओडीएफ होते जा रहे हैं?
हमारे गांव तो छोडिय़े क्या हमारे शहरों के स्लम एरिया भी खुले में शौच से मुक्त हो पाएँ हैं?
शौच छोडिय़े क्या हम कचरे की समस्या का हल ढ़ूँढ पाए?
एक तरफ हम स्मार्ट सिटी बनाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ हमारे महानगर यहाँ तक कि हमारे देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोग तक कचरे की बदबू और गंदगी से फैलने वाली मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू चिकनगुनिया आदि को झेलने के लिए मजबूर हैं।
अभी हाल ही में दिल्ली के गाजीपुर में कचरे के पहाड़ का एक हिस्सा धंस जाने से दो लोगों की मौत हो गई।
इन हालातों में क्या 2019 में गांधी जी की 150 वीं जयंती तक प्रधानमंत्री मोदी की यह महत्वाकांक्षी योजना सफल हो पाएगी ?
दरअसल स्वच्छ भारत, जो कि कल तक गाँधी जी का सपना था, आज वो मोदी जी का सपना बन गया है लेकिन इसे इस देश का दुर्भाग्य कहा जाए या फिर अज्ञानता कि 70 सालों में हम मंगल ग्रह पर पहुंच गए,परमाणु ऊर्जा संयंत्र बना लिए,हर हाथ में मोबाइल फोन पकड़ा दिए लेकिन  हर घर में शौचालय बनाने के लिए आज भी संघर्ष कर रहे हैं?
गाँधी जी ने 1916 में पहली बार अपने भाषण में भारत में स्वच्छता का विषय उठाया था और 2014 में हमारे प्रधानमंत्री इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
स्वच्छता 21 वीं सदी के आजाद भारत में एक  'मुद्दा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन 2019 में भी अगर यह एक 'मुद्दाÓ रहा, तो अधिक दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
देश को स्वच्छ करने का सरकार का यह कदम वैसे तो सराहनीय है लेकिन इसको लागू करने में शायद थोड़ी जल्दबाजी की गई और तैयारी भी अधूरी रही।
अगर हम चाहते हैं कि निर्मल भारत और स्वच्छता के लिए चलाए गए बाकी अभियानों की तरह यह भी एक असफल योजना न सिद्ध हो तो जमीनी स्तर पर ठोस उपाय करने होंगे।
सबसे पहले तो भारत एक ऐसा  विशाल देश है जहां ग्रामीण जनसंख्या अधिक है ,और   जो शहरी पढ़ी लिखी तथाकथित सभ्य जनसंख्या है ,उसमें भी सिविक सेन्स का आभाव है। उस देश में एक ऐसे अभियान की शुरुआत जिसकी सफलता जनभागीदारी के बिना असंभव हो,बिना जनजागरण के करना ठीक ऐसा ही है जैसे किसी  युद्ध को केवल इसलिए हार जाना क्योंकि हमने अपने सैनिकों को प्रशिक्षण नहीं दिया था।
जी हाँ इस देश का हर नागरिक एक योद्धा है उसे प्रशिक्षण तो दीजिए।
और सबसे महत्वपूर्ण बात  "अगर आपको पेड़ काटने के लिए आठ घंटे दिए गए हैं तो छ घंटे आरी की धार तेज करने में लगाएँ"।
इसी प्रकार स्वच्छ भारत अभियान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है देश के नागरिकों को चाहे गांव के हों या शहरों के, उन्हें सफाई के प्रति उनके सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूक करना होगा क्योंकि जब तक वे जागरूक नहीं होंगे हमारे निगम के कर्मचारी भले ही सड़कों पर झाड़ू लगाकर और कूड़ा उठाकर उसे साफ करते रहें लेकिन हम नागरिकों के रूप में यहाँ वहाँ कचरा डालकर उन्हें गंदा करते ही रहेंगे।
इसलिए  जिस प्रकार कुछ वर्ष पूर्व युद्ध स्तर पर पूरे देश में साक्षरता अभियान चलाया गया था, उसी तरह देश में युद्ध स्तर पर पहले स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
यह अभियान उस दिन अपने आप सफल हो जाएगा जिस दिन इस देश का हर नागरिक केला या चिप्स खाकर कचरा फेंकने के लिए डस्टबिन ढूँढेगा भले ही उसे आधा किमी चलना ही क्यों न पड़े,और यह सब किसी जुर्माने के डर से नहीं बल्कि देश को स्वच्छ रखने में अपना योगदान देने के लिए।
दूसरा हम गांवों में शौचालयों की संख्या पर जोर देने की बजाय उनके 'उपयोग करने योग्य
तीसरा स्वच्छ भारत अभियान केवल शौचालय निर्माण तक सीमित न हो उसमें कचरे के प्रबंधन  पर भी जोर देना होगा। कचरे से ऊर्जा और बिजली उत्पादन के क्षेत्र में रिसर्च, नई तकनीक और स्टार्ट अपस को प्रोत्साहन दिया जाए।
प्लास्टिक और पोलीथीन का उपयोग प्रतिबंधित हो और इलेक्ट्रौनिक कचरे के लिए एक निश्चित स्थान हो।
जब देश को अस्वच्छ करने वाले हर क्षेत्र पर सुनियोजित तरीके से आक्रमण किया जाएगा तो वो दिन दूर नहीं जब स्वच्छ भारत का गाँधी जी का स्वप्न यथार्थ में बदल जाएगा।

होने पर जोर दें क्योंकि जिस तरह की रिपोर्ट्स आ रही हैं उसमें कहीं शौचालयों में पानी की व्यवस्था नहीं है तो कहीं शौचालय के नाम पर मात्र एक गड्डा है।

बिजबिहाड़ा को 18 करोड़ रु. की राशि का नया एसडीएच मिलेगा-वीरी

श्रीनगर।
राजस्व, राहत एवं पुनर्वास मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने शनिवार को कहा कि बिजबिहाड़ा में पीएमडीपी के अंतर्गत 18 करोड़ रु. की राशि से उपजिला अस्पताल का निर्माण किया जाएगा।
मंत्री ने यह बात वर्तमान बिजबिहाड़ा अस्पताल में स्थल का निरीक्षण तथा सुविधाओं की जानकारी लेते हुए कही।
अनंतनाग के उपायुक्त मोहम्मद योनिस मलिक, स्वास्थ्य सेवा निदेशक कश्मीर सलीम उल रहमान, अनंतनाग के सुप्रिंटेंडिंग अभियंता फाजिल कोचक, सीएमओ अनंतनाग तथा अन्य अधिकारी मंत्री के साथ थे।
मंत्री ने अधिकारियों को आधुनिक सुविधाओं के साथ लैस अस्पताल के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा।
उन्होंने उन्हें विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु एक समय सीमा तय करने को भी कहा ताकि इन्हें निर्धारित समय के भीतर पूरा किया जा सके।
मंत्री ने अस्पताल की कार्यप्रणाली के निरीक्षण के अतिरिक्त मरीजों को दी जा रही सेवाओं का जायजा लिया।
मंत्री ने अस्पताल के लिए डिजिटल एक्स रे मशीन खरीदने हेतु 10 लाख रु. भी दिये।  मंत्री ने अधिकारियों से 23 लाख रु. की राशि से वर्तमान एसडीएच अस्पताल भवन का यथाशीघ्र मुरम्मत कार्य शुरू करने को भी कहा।       उन्होंने अधिकारियों को कालोनी सड़क पर उप केन्द्र को मजबूत बनाने के निर्देश भी दिये ताकि मरीज अपने दरबाजों तक स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त कर सकें।

वेबसाईट, समुदायिक रसोईघर का उद्घाटन किया, राजौरी जिले में विकास कार्यों का जायजा लिया

 मुख्यमंत्री शहादरा शरीफ  में हजरत बाबा गुलाम शाह बादशाह (आरए) के उर्स में शामिल हुई´ 

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
राजौरी।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, जो क्षेत्र के 1 दिवसीय दौरे पर थीं, ने शहादरा शरीफ में हजरत बाबा गुलाम शाह बादशाह के तीर्थस्थल पर माथा टेका।
मुख्यमंत्री तीर्थस्थल पर मनाये जा रहे वार्षिक उर्स में भी शामिल हुईं।
महबूबा मुफ्ती ने इस अवसर पर तीर्थस्थल की वेबसाईट भी शुरू करवाई। यह वेबसाईट 18वीं शताब्दी के संतों के जीवन के बारे में गहरी जानकारी देने के अतिरिक्त श्रद्धालुओं के लिए बोर्डिंग तथा लॉजिंग के बारे में जानकारी भी उपलब्ध करवाएगी।
मुख्यमंत्री, जो जम्मू कश्मीर वक्फ परिषद कीं चेयरपर्सन भी हैं, ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीर्थस्थल प्रबंधन द्वारा बनाये गये समुदायिक रसोईघर का उद्घाटन भी किया। उन्होंने श्रद्धालुओं के साथ बातचीत कर उन्हें प्रबंधन द्वारा दी जा रही सेवाओं की जानकारी ली।
एफसीएसएंडसीए तथा सूचना मंत्री चौ. जुल्फकार अली, हज एवं औकाफ राज्यमंत्री सईद फारूक अंद्राबी, राजौरी के विधायक चौ. कमर हुसैन, बीजीएसबीयू के उपकुलपति प्रो. जावेद मुस्सरत, मंडलायुक्त जम्मू डॉ. एम.के. भंडारी, आईजीपी जम्मू जोन एस.डी.एस जम्बाल तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने जिले में विकास गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने मंडलायुक्त से राजौरी में चिकित्सा कॉलेज के कार्य के अतिरिक्त जिले में अन्य विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री के राजौरी पहुंचने पर एफसीएसएंडसीए तथा सूचना मंत्री चौ. जुल्फकार अली, राजौरी के विधायक चौ. कमर हुसैन, मंडलायुक्त जम्मू डॉ. एम.के. भंडारी, आईजीपी जम्मू जोन एस.डी.एस जम्बाल, डीआईजी पुंछ-राजौरी रेंज दीपक सलाथिया, उपायुक्त डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी तथा जिला प्रशासन के  अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

जम्मू और कश्मीर में हर 33 में से एक शख्स के पास लाइसेंसी हथियार

नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश में 12.77 लाख लोगों के पास हथियार रखने का लाइसेंस है। यह राज्य बंदूकों के लाइसेंसों वाले स्टेट की लिस्ट में सबसे ऊपर है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2016 तक देश में बंदूकों के जारी लाइसेंस की संख्या 33,69,444 है। इनमें बंदूक रखने के सबसे ज्यादा लाइसेंस उत्तर प्रदेश में है, जहां पर 12,77,914 लोगों के पास हथियार हैं। ज्यादातर लोगों ने निजी सुरक्षा के नाम पर लाइसेंस लिए हैं। साल 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 19,98,12,341 है। यानी लगभग 156 लोगों में से एक के पास हथियार है। लाइसेंसी हथियार रखने के मामले में देश में दूसरे नंबर पर जम्मू-कश्मीर है।
यहां 3,69,191 लोगों के पास बंदूक के लाइसेंस हैं। जम्मू-कश्मीर की जनसंख्या 1,25,41,302 है। यानी इस राज्य में तकरीबन हर 33 लोगों में से एक व्यक्ति को हथियार रखने की इजाजत है। जनसंख्या के अनुपात में देखा जाए तो जम्मू-कश्मीर में यूपी से ज्यादा हथियार हैं। क्योंकि जम्मू-कश्मीर में हर 33 में से एक के शख्स के पास हथियार है, वहीं यूपी में 156 लोगों में से एक के पास हथियार है। पंजाब हथियार रखने के मामले में तीसरे नंबर पर है। यहां 3,69,191 लोगों के पास बंदूक है। राज्य की आबादी के मुताबिक हर 77 लोगों में से एक के पास हथियार है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, देश में सबसे कम हथियार केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव व दादरा और नागर हवेली में हैं। इन प्रदेशों में केवल 125-125 लाइसेंस जारी किए गए।

गुरुवार, अक्तूबर 05, 2017

जुल्फकार ने पत्रकारों को फेलोशिप पत्र सौंपे

श्रीनगर।
सूचना, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री चौ. जुल्फकार अली ने सोमवार को जिला प्रशासन के सहयोग से जिला सूचना केन्द्र राजौरी द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान 15 पत्रकारों को फेलोशिप पत्र सौंपे।
पत्रकार सुमित भारगव, आरिफ कुरेशी, एमरॉज सुरी, इमरान खान, शक्तिपाल शर्मा, तजीम मलिक, साहिल शर्मा, उमर अरशाद, मुनीर खान, गगन कोहली, अखिल महाजन, अभिनाश जस्याल, जमशीद मलिक, मधु गुप्ता तथा सुशील दत्ता को जिला प्रशासन द्वारा विकास प्रशासन में फेलोशिप से पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए मंत्री ने चुने गये पत्रकारों को बधाई देते हुए उन्हें फेलोशिप को सफलतापूर्वक पूरा करने हेतु समर्पणभाव से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने एक बड़े लोकतंत्र में पत्रकार की अधिक भागेदारी के लिए फेलोशिप को अनिवार्य बताया।
जुल्फकार ने राजौरी के पत्रकारों की उनकी निष्पक्ष तथा सकारात्मक पत्रकारिता के लिए सराहना की। उन्होंने पत्रकारों से जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए उचित तथा सुशोधित समाचारों को प्रसारित करने के लिए कहा। मंत्री ने जिले में पत्रकारों द्वारा सोशल मिडिया के उचित प्रयोग पर संतुष्टि जताई।
 जिला विकासायुक्त डॉ. शाहिद इकबाल ने मंत्री को फेलोशिप  की घटकों के बारे में बताते हुए कहा कि चयनित पत्रकारों को स्वास्थ्य ग्रामीण विकास, शिक्षा, आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास, पर्यटन, सार्वजनिक सेवा वितरण, सूचना अधिनियम, ग्रामीण स्वच्छता एवं समाज कल्याण तथा समुदायिक विकास जैसे विश्ष्टि क्षेत्र आवंटित किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक पत्रकार को क्षेत्रीय दौरे के लिए 20000 रु. का अनुदान दिया जाएगा तथा कहा कि पत्रकारों को मार्च 2017 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करनी होगी।  एसएसपी जुगल मन्हास, एसीआर अब्दुल क्यूम मीर, सीपीओ अब्दुल हमीद, डीएसडब्ल्युओ अब्दुल खबीर, तहसीलदार सलाम दीन, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा पत्रकार इस अवसर पर उपस्थित थे।

सरकार ने पुराने जम्मू को धरोहर शहर के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है-उपमुख्यमंत्री

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर।

उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने सोमवार को कहा कि सरकार ने यातायात के भार को कम करने, स्वच्छता एवं साफ सफाई हेतु शुरू की गईं परियोजनाओं की एक श्रृंखला के माध्यम से जम्मू शहर के पुराने क्षेत्रों को धरोहर शहर के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
उपमुख्यमंत्री ने यह बात पूर्वी जम्मू क्षेत्रों के लाभार्थियों को वृृद्ध एवं अन्य पैंशन चैक वितरित करने के लिए आयोजित एक समारोह में सम्बोधित करते हुए कही। डॉ. सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक पुराने शहर के आसपास कई शुरू तथा पूरी की गईं बहुमंजिला पार्किंग परियोजनाएं शहर के सौंदर्यकरण के प्रति नये कदम हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू शहर भाईचारे तथा साम्प्रदायिक सौहार्द के लोकाचार का संरक्षण कर सदियों से शांति का आवास रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने बल देते हुए कहा कि इस शहर के पास  शानदार राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक इतिहास की एक विरासत है तथा वर्तमान सरकार योग्य स्तर पर इसकी महत्ता को ऊपर उठाने के लिए प्रयास कर रही है।  उन्होंने कहा कि तवी तट विकास, मुबारकमंडी रॉयल कम्पलैक्स, तवी नदी से लेकर महामाया मंदिर तक रोपवे परियोजना के निर्माण सहित धरोहर स्थलों के विकास जैसी परियोजनाऐं विश्व स्तर पर जम्मू को ऊपर उठाने के लिए सभी सहायता उपलब्ध करवा रही हैं।
उन्होंने कहा कि तवी तट विकास परियोजना को शुरू करने का कार्य तेजी से चल रहा है। सभी तकनीकी एवं सुरक्षा तथा बाढ़ सुरक्षा मुददों को डीपीआर में शामिल किया जा रहा है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने पुराने शहर के विभिन्न हिस्सों से आये 170 लाभार्थियों को पैंशन तथा अन्य वित्तीय सहायता चैक दिये।
पूर्वी जम्मू विधायक राजेश गुप्ता ने भी इस अवसर पर गरीबी के ऊन्मुलन, कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मादी द्वारा शुरू की गईं कल्याणकारी एवं समाज सुरक्षा योजनाओं को प्रभावशाली रूप से लागू करने हेतु राज्य सरकार की वचनबद्धता को दोहराया।

महबूबा ने डल झील की स्थिति पर चिंता जताते हुए शीघ्र साफ सफाई, झील से शैवाल हटाने के निर्देश दिये

झील मुरम्मत की नियमित निगरानी करने को कहा
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर।
 
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विश्व प्रसिद्ध डल झील में प्रदूषण स्तरों तथा बढ़ती शैवाल पर गहरी चिंता जताते हुए झील के संरक्षण तथा शैवाल हटाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि  वह समय समय पर झील की साफ सफाई की जांच करेंगी।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश सोमवार को सुबह झील के भीतरी क्षेत्रों के एक दौरे के दौरान दिये जिसके दौरान उन्होंने कई वर्षों से झील में बढ़ते प्रदूषण तथा शैवाल का व्यक्तिगत रूप से जायजा लिया। उन्होंने बढ़ती शैवाल पर नियंत्रण करने तथा इसे जमा करने हेतु उठाने गये विभिन्न कदमों की भी जानकारी ली।
महबूबा मुफ्ती को जानकारी दी गई कि एलएडब्ल्यूडीए ने पहले ही झील में शैवालीय कार्य शुरू किये हैं तथा इसके लिए वर्तमान में 500 श्रमिकों को काम पर लगाया गया है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि गत 2 माह के दौरान झील से 9 लाख क्यूबिक मीटर शैवाल हटाई गई है तथा 5 सिक्योर किलोमीटर पानी के स्तर को शैवाल मुक्त बनाया गया है।
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि स्कास्ट-के में शैवाल को जमा करने तथा इनका निपटारा करने हेतु 2 विषय शुरू किये गये हैं।
महबूबा मुफ्ती ने झील के अशाई बाग मार्ग की तत्काल शैवालीय कार्य शुरू करने तथा रेनावाड़ी, नौपोरा तथा मीर बेहरी में बाहरी नालों की साफ सफाई के निर्देश दिये। उन्होंने प्रमुख सचिव रोहित कंसल को प्रत्येक 10 दिन के उपरांत झील के शैवालीय कार्य तथा साफ सफाई की प्रगति की जांच करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने दौरे के दौरान सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा झील में शैवाल हटाने हेतु तैनात मशीनों के कार्य की जानकारी भी ली।
आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री आसिया नकाश, विधायक नूर मोहम्मद शेख तथा खुर्शीद आलम, मुख्य सचिव बी.बी.व्यास, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रोहित कंसल, आवास एवं शहरी विकास आयुक्त सचिव हृदेश कुमार, मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान, उपायुक्त श्रीनगर डॉ. सईद आबिद रशीद, एलएडब्ल्यूडीए के उपचेयरमैन अब्दुल हाफिज़ मसूदी, श्रीनगर नगर निगम आयुक्त डॉ. शफकत खान, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा अल्पसंख्यक लोग इस अवसर पर उपस्थित थे। 

18 साल बाद सिर्फ किस्से-कहानियों में ही रह जाएगा हिमालय

नई दिल्ली।
आज दुनिया के ग्लेश्यिरों पर संकट मंडरा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है ग्लोबल वार्मिंग, जिसके चलते बढ़ रहे तापमान का बुरा असर ग्लेशियरों पर पड़ रहा है। परिणामस्वरूप वे पिघल रहे हैं। उनके पिघलने की यदि यही रफ्तार जारी रही तो वह दिन दूर नहीं जब 21वीं सदी के आखिर तक एशिया और 2035 तक हिमालय के ग्लेशियर गायब हो जाएंगे। उनका नाम केवल किताबों में ही शेष रह जाएगा। यह ग्लोबल वार्मिंग का ही असर है कि आर्कटिक में लाल बर्फ तेजी से बन रही है और उसके परिणामस्वरूप वहां ग्लेशियर पिघलने की रफ्तार और तेज हो गई है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते हमारे उच्च हिमालयी इलाके में जहां पर एक समय केवल बर्फ गिरा करती थी वहां अब बारिश हो रही है। यह स्थिति भयावह खतरे का संकेत है। देखा जाए तो 1850 के आसपास औद्योगिक क्रांति से पहले की तुलना में धरती एक डिग्री गर्म हुई है। वैज्ञानिकों की मानें तो उनको इस बात का भय सता रहा है कि उनके द्वारा निर्धारित तापमान में बढ़ोतरी की दो डिग्री की सीमा को 2100 तक बचा पाना संभव नहीं दिख रहा है। उनका मानना है कि यदि ऐसा होता है तो एशिया में ग्लेशियरों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
नीदरलैंड और हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुसार ग्लेशियरों के पिघलने का सबसे बड़ा और अहम कारण ग्लोबल वार्मिंग है। उनके शोध के अनुसार ग्लेशियरों की बर्फ पिघलने से समुद्री जलस्तर में एक से 1.2 फीट तक की वृद्धि हो सकती है। इसका असर मुंबई, न्यूयॉर्क, लंदन और पेरिस जैसे शहरों पर पड़ेगा। यही नहीं कृत्रिम झीलों के बनने से 2013 में उत्तराखंड में आई केदारनाथ जैसी त्रासदी के खतरे भी बढ़ेंगे। जर्नल नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि आर्कटिक में बन रही लाल बर्फ से ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार 20 फीसद बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार उसमें पाए जाने वाले जीवाणु वहां की बर्फीली सतह का रंग बदल कर लाल कर दे रहे हैं। परिणामस्वरूप सूर्य की रोशनी को परावर्तित करने की उनकी क्षमता दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। इससे लाल बर्फ में सूर्य की रोशनी और उष्मा ज्यादा अवशोषित हो रही है। इससे बर्फ के पिघलने की रफ्तार तेज हो गई है। यहां ग्लेशियरों के पिघलने का नतीजा यह होगा कि आर्कटिक की कार्बन सोखने की क्षमता प्रभावित होगी। वह दिनोंदिन कम होती चली जाएगी। यदि यही हाल रहा तो एक दिन ऐसा आएगा कि कार्बन डाईऑक्साइड अवशोषित करने की क्षमता आर्कटिक पूरी तरह खो देगा। यह कार्बन डाईऑक्साइड वातावरण में रहकर ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने के कारक के रूप में काम करेगी। इसका दुष्प्रभाव यह होगा कि समूचा वैश्विक कार्बन चक्र प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगा। यह समूची दुनिया के लिए खतरे की घंटी है। जहां तक हिमालयी क्षेत्र का सवाल है तो इस सच्चाई से इन्कार नहीं किया जा सकता कि माउंट एवरेस्ट तक ग्लोबल वार्मिग के चलते पिछले पचास सालों से लगातार गर्म हो रहा है। जिससे दुनिया की 8848 मीटर ऊंची चोटी के आसपास के हिमखंड दिन-ब-दिन पिघलते जा रहे हैं। इसरो की मानें तो हिमालय पर्वत श्रृंखला में कुल 9600 ग्लेशियर हैं। इनमें से 75 फीसद के पिघलने की गति जारी है। इनमें से ज्यादातर तो झील और झरने के रूप में तब्दील हो चुके हैं। चिंता की बात यह है कि यदि इस पर अंकुश नहीं लगा तो आने वाले समय में हिमालय की यह पर्वत श्रृंखला पूरी तरह बर्फ विहीन हो जाएगी।
इसमें दो राय नहीं कि यह सब तापमान में बढ़ोतरी के चलते मौसम में आए बदलाव का ही दुष्परिणाम है, जिसके कारण ग्लेशियर लगातार सिकुड़ते चले जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि कर चुकी है। हालात की गंभीरता का पता इससे चल जाता है कि समूची दुनिया में वह चाहे आर्कटिक हो, आइसलैंड हो, हिमालय हो, तिब्बत हो, चीन हो, भूटान हो या नेपाल हो या फिर कहीं और, हरेक जगह ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है।
असल में ग्लोबल वार्मिंग के कारण जिस तेजी से मौसम का मिजाज बदल रहा है, उसी तेजी से हिम रेखा भी पीछे की ओर खिसकती जा रही है। इससे जैवविविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हिम रेखा के पीछे खिसकने से टिंबर लाइन यानी जहां तक पेड़ होते थे और हिम रेखा यानी जहां तक स्थाई तौर पर बर्फ जमी रहती थी, के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है। हिम रेखा पीछे खिसकने से खाली हुई जमीन पर वनस्पतियां उगती जा रही हैं। ये वनस्पतियां, पेड़ और झाडिय़ां जिस तेजी से ऊपर की ओर बढ़ती जाएंगीं, उतनी ही तेजी से ग्लेशियरों के लिए खतरा बढ़ता चला जाएगा। नेपाल स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटिग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट ने अनुमान व्यक्त किया है कि आने वाले 33 सालों यानी 2050 तक ऐसे समूचे हिमनद पिघल जाएंगे। इससे इस इलाके में बाढ़ और फिर अकाल का खतरा बढ़ जाएगा। गौरतलब है कि हिमालय से निकलने वाली नदियों पर कुल मानवता का लगभग पांचवां हिस्सा निर्भर है। पानी का संकट और गहराएगा। कृत्रिम झीलें बनेंगी। तापमान तेजी से बढ़ेगा। बिजली परियोजनाओं पर संकट मंडराएगा और खेती पर खतरा बढ़ जाएगा।
इस बारे में वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान का मानना है कि यह ग्लोबल वार्मिंग का ही नतीजा है कि हिमालयी क्षेत्र में जहां पहले बारह महीने बर्फ गिरती थी, अब वहां बर्फ गिरने के महीनों में कमी आई है। वहां बारिश भी होने लगी है। तात्पर्य यह कि अब इस क्षेत्र में बारिश होने वाला इलाका 4000 से 4500 मीटर तक बढ़ गया है। इससे हिमालय में एक नया बारिश वाला इलाका विकसित हुआ है।
तापमान में बढ़ोतरी से उपजी गर्म हवाएं जैवविविधता के लिए गंभीर खतरा बन रही हैं। ये जैव विविधता के विनाश का कारण हैं। जाहिर है अब कुछ किए बिना इस समस्या से छुटकारा संभव नहीं है। इसलिए तापमान में वृद्धि को रोकना समय की सबसे बड़ी मांग है। वैश्विक स्तर पर इस पर लगाम लगाने के प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन हमें भी कुछ करना होगा। जीवनशैली में बदलाव और भौतिक सुख-संसाधनों के अंधाधुंध प्रयोग पर अंकुश इसका बेहतर समाधान हो सकता है।

पाक विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पीएम मोदी को बताया 'चुना हुआ आतंकी

लाहौर।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 2 अक्टूबर को एक टीवी कार्यक्रम में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को 'चुना हुआ आतंकी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को 'आतंकी संगठन
ख्वाजा आसिफ ने जियो टीवी के पत्रकार हामिद मीर से बातचीत में कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के हाथ पर गुजरात के मुसलमानों का खून है। ख्वाजा आसिफ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को आतंकवादी पार्टी कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे देश के बारे में हम क्या कहें कि जिसने एक आतंकवादी को चुन लिया है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने दावा किया कि भारत में गौरक्षा की आड़ में मुसलमान, दलित और ईसाई मारे जा रहे हैं। पाकिस्तान विदेश मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत सांप्रदायिक सवर्ण हिंदुओं की वजह से मिला है।
इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ ने उन खबरों का खंडन किया जिनमें कहा गया था कि अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को भारतीय पूर्व नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव को छोडऩे के बदले पेशावर में साल 2014 में एक स्कूल पर हमला करके 140 से ज्यादा लोगों को हत्या करने वाले आतंकवादियों कौ सौंपना का प्रस्ताव दिया है। पेशावर स्कूल हमले में ज्यादा बच्चे मारे गए थे। उसके बाद पाकिस्तानी सरकार देश के अंदर ही आतंकवादियों के प्रति नरमी दिखाने को लेकर घिर गई थी।
माना जा रहा है कि आसिफ का बयान संयुक्त राष्ट्र आम बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई तीखी नोक-झोंक का नतीजा है। अभी हाल ही में हुई संयुक्त राष्ट्र आम सभा की 72वीं बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को आतंकवादी खौफ, मौत और अमानवीयता का सबसे बड़ा सौदागर कहा था।
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में कहा था कि पाकिस्तान ने भारत की कोल्ड स्टार्ट रणनीति से निपटने के लिए शॉर्ट-रेंज परमाणु हथियार बनाए हैं। हालांकि भारतीय सेना ऐसी कोई रणनीति होने से इन्कार करती रही है। पाकिस्तानी दावा करते हैं कि भारतीय सेना ने युद्ध की स्थिति में पाकिस्तानी परमाणु हमले से बचने के लिए ये रणनीति बना रखी है।
यूएन में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के असरदार भाषण के बाद पूरी दुनिया में पाकिस्तान की बुरी तरह किरकिरी हुई है। उसके बाद से ही पाक बौखलाया हुआ है।
बताया है।

गिरफ्तार हुई हनीप्रीत, बोली- 'मैं बेगुनाह हूं

नई दिल्ली।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की कऱीबी हनीप्रीत को हरियाणा पुलिस ने पटियाला से गिरफ़्तार कर लिया है। राम रहीम के जेल जाने के बाद से वो फरार थीं। पुलिस ने बताया है कि उन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस की पकड़ में हनीप्रीत टीवी चैनलों से बात करने के बाद आई हैं। पुलिस ने उनके साथ एक महिला को भी गिरफ़्तार किया है। पुलिस ने नेपाल तक हनीप्रीत को खोजने की कोशिश की थी।
हनीप्रीत ने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रीम ज़मानत के लिए याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने ज़मानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया था।
इससे पहले करीब एक महीने छिपे रहने के बाद बलात्कारी बाबा राम रहीम की सबसे बड़ी राजदार हनीप्रीत मीडिया के सामने आई है और उसने अपनी बेगुनाही का एलान किया। हनीप्रीत ने कहा है कि वो बेगुनाह है और बाबा राम रहीम और उसके बीच बाप-बेटी का रिश्ता और ये एक पाक रिश्ता है।
अपनी बेगुनाही और अपनी पाक साफ छवि का एलान करते हुए आजतक को दिए इंटरव्यू में हनीप्रीत ने कहा, 'जिस हनीप्रीत को आपने दिखाया है, वो हनीप्रीत ऐसी नहीं है। उसे ऐसे दिखाया गया है कि उससे मैं खुद डरने लगी हूं। मैं अपनी मानसिक स्थिति बयान नहीं कर सकती हूं। मुझे देशद्रोही कहा गया है जो बिल्कुल गलत है।
सजा के एलान के दिन पंचकूला की कोर्ट में अपने जाने का बचाव करते हुए हनीप्रीत ने कहा, 'अपने पापा के साथ एक बेटी कोर्ट में जाती है। ऐसा बिना इजाजत संभव नहीं है। एक लड़की इतनी फोर्स के बीच अकेले बिना परमिशन के कैसे जा सकती है। इसके बाद कहा गया कि मैं गलत आई हूं। सारे सबूत दुनिया के सामने हैं। ऐसे में मैं कहां दंगे में शामिल थी। मेरे खिलाफ किसी के पास क्या सबूत है। मैं कहां गुनहगार हूं। मैंने बेटी का फर्ज अदा किया।
अदालत के फैसले के बाद पंचकूला और दूसरे शहरों में हुए दंगों से खुद को अलग करते हुए हनीप्रीत ने कहा, 'मैंने कहां बोला है? मैं कहां किस दंगे में शामिल रही हूं? मैं तो खुशी-खुशी कोर्ट गई ताकि शाम तक वापस आ जाएंगे लेकिन फैसला खिलाफ आ गया। हमारा तो दिमाग ही काम करना बंद कर दिया। ऐसे में हम क्या किसी के खिलाफ साजिश रच पाते
मीडिया में हनीप्रीत और बाबा राम रहीम के रिश्तों को लेकर जो कुछ चल रहा है उससे दुखी हनीप्रीत ने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आता है कि बाप-बेटी के पवित्र रिश्ते को उछाला जा रहा है। मेरे कारण ही यही था कि हनीप्रीत को क्या प्रेजेंट किया। बाप-बेटी के रिश्ते को ऐसे तार-तार कर दिया। क्या एक बाप अपनी बेटी के सिर के उपर हाथ नहीं रख सकता है। क्या एक बेटी अपने बाप से प्यार नहीं कर सकती है
हालांकि, हनीप्रीत ने विश्वास गुप्ता के मुद्दे पर कोई भी बात करने से इनकार कर दिया। हनीप्रीत ने कहा, 'मैं इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहती हूं। पुलिस के सामने इसलिए नहीं पेश हुई क्योंकि आप मेरी हालात समझिए। मैं डिप्रेशन में चली गई थी।
अपने बचाव में हनीप्रीत ने कहा, 'जो लड़की अपने बाप के साथ देशभक्ति की बात करती थी  वो जेल में चले गए। फिर उस लड़की पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया। मुझे कानून की प्रक्रिया का पता ही नहीं था। पापा के जाने के बाद मैं तो बेसहारा हो गई। मुझे लोगों ने जैसा गाइड किया मैंने वैसे ही किया। मैं हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट जाऊंगी। पीछे नहीं हटी लेकिन मानसिक स्थिति से संभलने में थोड़ा टाइम लगता है।
फिल्म में अपने कदम रखने के मामले में उन्होंने कहा, 'मैं हीरोइन नहीं बनना चाहती थी। मैं हमेशा कहती थी कि मैं कैमरे के पीछे रहना चाहती हूं।
डेरे में हत्या की बात को हनीप्रीत ने गलत बताया है। हनीप्रीत ने पूछा, 'क्या डेरे में नरकंकाल मिले? क्या आरोप लगाने वाली लड़कियां मिलीं? उन हजारों लड़कियों की बात अनसुनी करके सिर्फ एक खत के आधार पर किसी को कैसे गुनहगार ठहराया जा सकता है? मेरे पापा बेगुनाह हैं और आने वाले वक्त में बेगुनाह साबित होंगे। मुझे और मेरे पापा (राम रहीम) को न्याय पर पूरा भरोसा था। मुझे पूरा यकीन है कि हमें न्याय जरूर मिलेगा।
अपनी अगली रणनीति पर हनीप्रीत ने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं? मैं जहां पर भी रही। मैं कोशिश करके दिल्ली गई। अब मैं हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट में जाऊंगी। मैं अभी कानूनी सलाह लूंगी।आपको बता दें कि इस वक्त हनीप्रीत छिपी हुई है। हनीप्रीत ने दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत की अर्जी भी दाखिल की थी।