वनों के संरक्षण हेतु समर्पणभाव से कार्य करने को कहा, पीसीबी की ऑनलाईन निगरानी प्रणाली भी शुरू करवाई
श्रीनगर।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को रहबर-ए-जंगलात योजना के अंतर्गत 534 वानिकी स्नातकों के मध्य नियुक्ति आदेश वितरित किये।
सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य में वनों के संरक्षण एवं सुरक्षा हेतु सम्र्पणभाव से कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने उन्हें राज्य में हरियाली विकसित करने हेतु अपने उत्साह एवं योग्यता का प्रयोग करने के लिए भी कहा।
बेरोजग़ार को एक प्रमुख चुनौती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि रोजग़ार को बढ़ाने हेतु नीजि क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा युवाओं के मध्य उद्यमियता को बढ़ावा दिया जा रहा है। सुप्रसिद्ध संत हजरत शेख नूर-उद-दीन वाली (आर.ए.) की प्रसिद्ध कविता एन पोशी तेली येली वान पोशी का उदाहरण देते हुए महबूबा मुफ्ती ने मानव जाति के कल्याण हेतु पौधों के जीवन की सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वन क्षेत्रों में फलों के पेड़ों का एक बड़ा हिस्सा लगाने के लिए वन विभाग की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ऑनलाईन निगरानी प्रणाली भी शुरू करवाई। यह इन्टैंडिंग युनिट धारकों के पक्ष में ऑनलाईन अनुमति प्रमाणपत्र जारी करने में सक्षम होगा।
अपने सम्बोधन में वन एवं पर्यावरण मंत्री चौ. लाल सिंह ने अपने विभाग की गतिविधियों को मजबूत बनाने हेतु विभाग द्वारा उठाये गये कदमों को रखांकित किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने हेतु लकडी के वितरण को सुव्यवस्थित किया गया है। उन्होंने कहा कि कई खाली स्थलों पर पौधारोपण अभियान शुरू किये गये हैं जिससे राज्य में हरियाली विकसित होगी।
वन राज्यमंत्री मीर ज़हूर अहमद ने भी सभा को सम्बोधित किया।
विधायक नूर मोहम्मद शेख और अंजुम फजिली, वनों के प्रमुख मुख्य संरक्षक रवि केसर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सिद्धार्थ कुमार, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, नवनिर्मित रहबर ए जंगलात, वानिकी छात्र और विद्ववान इस अवसर पर उपस्थित थे।
संख्या 1414
सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य में वनों के संरक्षण एवं सुरक्षा हेतु सम्र्पणभाव से कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने उन्हें राज्य में हरियाली विकसित करने हेतु अपने उत्साह एवं योग्यता का प्रयोग करने के लिए भी कहा।
बेरोजग़ार को एक प्रमुख चुनौती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि रोजग़ार को बढ़ाने हेतु नीजि क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा युवाओं के मध्य उद्यमियता को बढ़ावा दिया जा रहा है। सुप्रसिद्ध संत हजरत शेख नूर-उद-दीन वाली (आर.ए.) की प्रसिद्ध कविता एन पोशी तेली येली वान पोशी का उदाहरण देते हुए महबूबा मुफ्ती ने मानव जाति के कल्याण हेतु पौधों के जीवन की सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वन क्षेत्रों में फलों के पेड़ों का एक बड़ा हिस्सा लगाने के लिए वन विभाग की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ऑनलाईन निगरानी प्रणाली भी शुरू करवाई। यह इन्टैंडिंग युनिट धारकों के पक्ष में ऑनलाईन अनुमति प्रमाणपत्र जारी करने में सक्षम होगा।
अपने सम्बोधन में वन एवं पर्यावरण मंत्री चौ. लाल सिंह ने अपने विभाग की गतिविधियों को मजबूत बनाने हेतु विभाग द्वारा उठाये गये कदमों को रखांकित किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने हेतु लकडी के वितरण को सुव्यवस्थित किया गया है। उन्होंने कहा कि कई खाली स्थलों पर पौधारोपण अभियान शुरू किये गये हैं जिससे राज्य में हरियाली विकसित होगी।
वन राज्यमंत्री मीर ज़हूर अहमद ने भी सभा को सम्बोधित किया।
विधायक नूर मोहम्मद शेख और अंजुम फजिली, वनों के प्रमुख मुख्य संरक्षक रवि केसर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सिद्धार्थ कुमार, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, नवनिर्मित रहबर ए जंगलात, वानिकी छात्र और विद्ववान इस अवसर पर उपस्थित थे।
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