मुंबई ।
महाराष्ट्र के बड़े नेता नारायण राणे इस महीने की 27 तारीख को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मुंबई में 27 अगस्त को एक पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम है, जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पहुंचने वाले हैं। इसी दौरान कांग्रेस के असंतुष्ट माने जाने वाले नारायण राणे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। नारायण राणे पिछले दिनों अहमदाबाद में अमित शाह से मिल चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, शाह से मिलने के लिए वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ गये थे। राणे महाराष्ट्र से ही आने वाले कद्दावर भाजपा नेता नितिन गडकरी के संपर्क में भी हैं।
कोंकण इलाके में खासा प्रभाव रखने वाले नारायण राणे को इस बात से नाराजगी है कि कांग्रेस ने उन्हें सत्ता में रहने के दौरान महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नहीं बनाया और न ही पार्टी संगठन में उन्हें कोई अहम पद दिया गया। अपनी उपेक्षा व नाराजगी के मद्देनजर पिछले दिनों नारायण राणे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले थे, ताकि पार्टी में बने रहने का कोई औचित्य सामने आये और इसके लिए उनकी भूमिका तय की जाये। लेकिन, ऐसी कोई बात नहीं बन सकी और सूत्रों का कहना है कि इसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस छोडऩे का फैसला ले लिया है।
नारायण राणे के भाजपा में आने के सवाल पर राज्य सरकार के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि अगर राणे भाजपा में जुड़ते हैं तो उनका स्वागत है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चह्वाण ने इस मुद्दे पर कहा है कि कुछ लोग बिना पॉवर के रह नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी छोडऩा चाहता है, तो ठीक है, उनकी जगह नये नेता लेंगे। दरअसल, अभी से लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी में जुटे और उसके लिए देशव्यापी यात्रा पर निकले अमित शाह को राणे को भाजपा में शामिल करना राजनीतिक रूप से फायदेमंद नजर आ रहा है। यह शाह के मिशन 350 प्लस का ही हिस्सा है। कोंकण क्षेत्र में पार्टी इससे मजबूत होगी। नारायण राणे मंझे नेता हैं और जबरदस्त मेहनती व खुद को लक्ष्य पाने के लिए झोंक देने वाले नेता की छवि रखते हैं।
नारायण राणे महाराष्ट्र के बड़े नेता हैं। राजनीतिक दलों से इतर उनकी अपनी हैसियत व प्रभाव है। वे दबंग राजनेता की छवि भी रखते हैं, जो अपनी बात पर अड़े होने की माद्दा अपने पार्टी संगठन व नेतृत्व के पास रखता है। वे पहले शिवसेना में थे और उसमें रहते हुए 1999 में मुख्यमंत्री बने थे। 2005 में शिवसेना नेतृत्व के मतभेद के बाद उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था और बाद में वे कांग्रेस में चले गये। इसी दौरान विलास राव देशमुख सरकार में वे राजस्व मंत्री बने। उनके दो बेटे नीतीश और निलेश भी महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय हैं। नारायण राणे महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र से आते हैं, जहां कांग्रेस का प्रभाव नहीं हुआ करता था। राणे ने वहां पार्टी को आधार एवं विस्तार दिया। बावजूद इसके पार्टी ने उन्हें संगठन या सरकार में कोई बहुत बड़ा ओहदा नहीं दिया।
महाराष्ट्र के बड़े नेता नारायण राणे इस महीने की 27 तारीख को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मुंबई में 27 अगस्त को एक पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम है, जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पहुंचने वाले हैं। इसी दौरान कांग्रेस के असंतुष्ट माने जाने वाले नारायण राणे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। नारायण राणे पिछले दिनों अहमदाबाद में अमित शाह से मिल चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, शाह से मिलने के लिए वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ गये थे। राणे महाराष्ट्र से ही आने वाले कद्दावर भाजपा नेता नितिन गडकरी के संपर्क में भी हैं।
कोंकण इलाके में खासा प्रभाव रखने वाले नारायण राणे को इस बात से नाराजगी है कि कांग्रेस ने उन्हें सत्ता में रहने के दौरान महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नहीं बनाया और न ही पार्टी संगठन में उन्हें कोई अहम पद दिया गया। अपनी उपेक्षा व नाराजगी के मद्देनजर पिछले दिनों नारायण राणे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले थे, ताकि पार्टी में बने रहने का कोई औचित्य सामने आये और इसके लिए उनकी भूमिका तय की जाये। लेकिन, ऐसी कोई बात नहीं बन सकी और सूत्रों का कहना है कि इसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस छोडऩे का फैसला ले लिया है।
नारायण राणे के भाजपा में आने के सवाल पर राज्य सरकार के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि अगर राणे भाजपा में जुड़ते हैं तो उनका स्वागत है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चह्वाण ने इस मुद्दे पर कहा है कि कुछ लोग बिना पॉवर के रह नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी छोडऩा चाहता है, तो ठीक है, उनकी जगह नये नेता लेंगे। दरअसल, अभी से लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी में जुटे और उसके लिए देशव्यापी यात्रा पर निकले अमित शाह को राणे को भाजपा में शामिल करना राजनीतिक रूप से फायदेमंद नजर आ रहा है। यह शाह के मिशन 350 प्लस का ही हिस्सा है। कोंकण क्षेत्र में पार्टी इससे मजबूत होगी। नारायण राणे मंझे नेता हैं और जबरदस्त मेहनती व खुद को लक्ष्य पाने के लिए झोंक देने वाले नेता की छवि रखते हैं।
नारायण राणे महाराष्ट्र के बड़े नेता हैं। राजनीतिक दलों से इतर उनकी अपनी हैसियत व प्रभाव है। वे दबंग राजनेता की छवि भी रखते हैं, जो अपनी बात पर अड़े होने की माद्दा अपने पार्टी संगठन व नेतृत्व के पास रखता है। वे पहले शिवसेना में थे और उसमें रहते हुए 1999 में मुख्यमंत्री बने थे। 2005 में शिवसेना नेतृत्व के मतभेद के बाद उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था और बाद में वे कांग्रेस में चले गये। इसी दौरान विलास राव देशमुख सरकार में वे राजस्व मंत्री बने। उनके दो बेटे नीतीश और निलेश भी महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय हैं। नारायण राणे महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र से आते हैं, जहां कांग्रेस का प्रभाव नहीं हुआ करता था। राणे ने वहां पार्टी को आधार एवं विस्तार दिया। बावजूद इसके पार्टी ने उन्हें संगठन या सरकार में कोई बहुत बड़ा ओहदा नहीं दिया।
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