शुक्रवार, अगस्त 25, 2017

गिलानी ने बदला स्टैंड, वाजपेयी का 'मंत्र दोहराया

श्रीनगर। 
कट्टरपंथी कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत के जरिए कश्मीर विवाद सुलझाने की अपील की है। यह विचार पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में व्यक्त किया था। गिलानी ने एक विडियो संदेश में कहा, 'हम भारत से ज्यादा उम्मीद नहीं करते। बस वे इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत के जरिए विवाद को सुलझाएं। गिलानी का यह बयान उनके पहले लिए गए स्टैंड के उलट है, क्योंकि अभी तक वे वाजपेयी के इस विचार का विरोध करते रहे हैं। गिलानी का यह विडियो तब आया है जब एनआईए उनके दोनों बेटों और दामाद को पाकिस्तान से मिले अवैध धन के बारे में पूछताछ कर रही है।
वाजपेयी का जिक्र करते हुए गिलानी ने कहा कि कश्मीर दो देशों का अधूरा हिस्सा है और भारत और पाकिस्तान को बातचीत करके इसका निकालने की जरूरत है। हालांकि कश्मीर को लेकर वाजपेयी के सुझाव का गिलानी मजाक उड़ाते रहे हैं। उनके मुताबिक, निष्ठावान और इंसानियत के निर्माताओं ने उन्हें मजबूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सोशल मीडिया पर उनका जो विडियो वायरल हो रहा है, उसमें गिलानी ने कहा है कि भारत को कश्मीरियों को उनके अधिकार और स्वतंत्रता देने के अधिकार का वादा पूरा करने की जरूरत है। वह कह रहे हैं, 'हम यह मांग नहीं कर रहे कि भारत को अपने वैध क्षेत्र को छोड़ देना चाहिए। हम भारत की प्रगति, विकास और आजादी चाहते हैं। लेकिन उन्हें जम्मू और कश्मीर के मूल अधिकार को ना नहीं कहना चाहिए।
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद से जुड़ी आतंकवाद फंडिंग जांच के मामले में पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटों से पूछताछ की थी। गिलानी के बड़े पुत्र नईम पेशे से सर्जन हैं और छोटे बेटे नसीम जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारी हैं। नईम अपने पिता के बाद पाकिस्तान समर्थक कट्टरपंथी समूहों के अलगावादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत के स्वाभाविक उत्तराधिकारी माने जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद फंडिंग मामले में भाइयों से पूछताछ हुई। मामले में पाकिस्तान स्थित जमात-उद-दावा और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के नेता सईद का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है। एनआईए ने 30 मई को मामला दर्ज करते हुए आतंकवादी संगठनों के साथ अलगावादी नेताओं की मिलीभगत का आरोप लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाकर करोड़ो मुस्लिम महिलाओं को समानता और आत्मसम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही सभी पीडि़त महिलाओं के हक में आए इस फैसले का स्वागत करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं।' उन्होंने मोदी सरकार द्वारा मुस्लिम महिलाओं के पक्ष को विवेकपूर्ण और न्यायपूर्ण तरीके से सर्वोच्च अदालत के सामने रखने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा मुस्लिम महिलाओं को मिले अधिकारों एवं सम्मान का स्वागत करती है तथा इसे न्यू-इंडिया की ओर बढ़ते कदम के रूप में देखती है।

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