बुखारेस्ट।
रोमानिया ऑर्थोडॉक्स चर्च के एक बिशप ने अपना अश्लील वीडियो सामने आने के बाद इस्तीफा दे दिया। वीडियो में बिशप अपने स्कूल के एक 17 वर्षीय छात्र के साथ कथित आपत्तिजनक अवस्था में नजर आ रहे हैं। पूर्वी शहर हुसी के बिशप कोरनेलियु बार्लाडीनू का यह वीडियो जुलाई में वायरल हुआ था। रोमानिया में 85 फीसदी आबादी रूढ़ीवादी ईसाईयों की है और वहां इस वीडियो ने स्कैंडल खड़ा कर दिया।
मीडिया में भी इस मुद्दे को काफी बल के साथ उठाया गया। मामला सामने आने के बाद लोग चर्च से कार्रवाई करने की मांग करने लगे। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए चर्च की शासक संस्था ने गुरुवार और शुक्रवार को बैठक की थी। चर्च की ओर से कहा गया कि दो दिन की चर्चा के बाद बिशप ने चर्च की भलाई के लिए इस्तीफा देने का फैसला लिया। ये इसलिए भी जरूरी था क्योंकि मामले में जांच की कार्रवाई कई महीनों तक चलती, जिससे लंबे समय तक अनिश्चितता बनी रहती।
हालांकि इस पूरे मामले में आरोपी बिशप का दावा है कि वे बेकसूर हैं। रोमानिया के चर्च के नेतृत्व ने एक वक्तव्य में जानकारी देते हुए ये भी कहा कि इस मुद्दे को मीडिया ने जिस तरह से पेश किया उससे इस मुद्दे को और हवा मिली। वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना है कि चर्च जिससे करीब 85 फीसदी आबादी जुड़ी हुई है, उसे इस मामले में कोई कड़ा बयान देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
रोमानिया ऑर्थोडॉक्स चर्च के एक बिशप ने अपना अश्लील वीडियो सामने आने के बाद इस्तीफा दे दिया। वीडियो में बिशप अपने स्कूल के एक 17 वर्षीय छात्र के साथ कथित आपत्तिजनक अवस्था में नजर आ रहे हैं। पूर्वी शहर हुसी के बिशप कोरनेलियु बार्लाडीनू का यह वीडियो जुलाई में वायरल हुआ था। रोमानिया में 85 फीसदी आबादी रूढ़ीवादी ईसाईयों की है और वहां इस वीडियो ने स्कैंडल खड़ा कर दिया।
मीडिया में भी इस मुद्दे को काफी बल के साथ उठाया गया। मामला सामने आने के बाद लोग चर्च से कार्रवाई करने की मांग करने लगे। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए चर्च की शासक संस्था ने गुरुवार और शुक्रवार को बैठक की थी। चर्च की ओर से कहा गया कि दो दिन की चर्चा के बाद बिशप ने चर्च की भलाई के लिए इस्तीफा देने का फैसला लिया। ये इसलिए भी जरूरी था क्योंकि मामले में जांच की कार्रवाई कई महीनों तक चलती, जिससे लंबे समय तक अनिश्चितता बनी रहती।
हालांकि इस पूरे मामले में आरोपी बिशप का दावा है कि वे बेकसूर हैं। रोमानिया के चर्च के नेतृत्व ने एक वक्तव्य में जानकारी देते हुए ये भी कहा कि इस मुद्दे को मीडिया ने जिस तरह से पेश किया उससे इस मुद्दे को और हवा मिली। वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना है कि चर्च जिससे करीब 85 फीसदी आबादी जुड़ी हुई है, उसे इस मामले में कोई कड़ा बयान देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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