बाबा राम-रहीम को दो मामलों में 10-10 साल की कैद
रोहतक।
अपनी दो शिष्याओं के साथ 18 साल पहले दुष्कर्म करने और आपराधिक धमकी देने के अपराध में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दो मामलों में 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। रोहतक के सुनारिया जिला जेल के पुस्तकालय में ही लगाई गई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम के वकील एसके गर्ग नरवाना ने कहा कि दोनों ही सजा बारी-बारी से भुगतनी होंगी।
20 साल की सज़ा सुनाए जाने के बाद गुरमीत राम रहीम की पहली रात सलाखों के पीछे कटी। इससे बचने के लिए उन्होंने हर पैंतरा आज़माया। बीमारी तक का बहाना बनाया, लेकिन जांच में मेडिकली तंदुरुस्त पाया गया। यही नहीं कोर्ट रू्म में ही बैठकर रोना धोना शुरू हो गया। वह वहां से हिलने के लिए तैयार ही नहीं था। खबर है कि राम रहीम को अन्य कैदियों से अलग रखा गया है। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है। उसका जेल सेल प्रशासनिक दफ्तर के सबसे नज़दीक रखा गया है।
रोहतक जेल में गिड़गिड़ाने लगा राम रहीम, कांपते हुए जज से कहा-मुझे माफ कर दीजिए....
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- गुरमीत राम रहीम पूरी रात जेल में इधर-उधर टहलता रहा। उन्हें खाने में 4 रोटी और सब्जी दी गई, लेकिन उन्होंने खाना ठीक से नहीं खाया। डेरा प्रमुख से जेल में मजदूरी करवाई जा सकती है,लेकिन वह मजदूरी के लिए फिट है या नहीं इसकी जांच होगी। अगर वह जांच में फिट नहीं पाए गए तो उन्हें चारपाई और कुर्सी बनाने का काम दिया जाएगा। बागवनी और बिस्कुट बनाने का काम भी दिया जा सकता है। ड्यूटी का समय सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे है।
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद सिरसा में मंगलवार को जनजीवन पटरी पर लौटता नजर आया। यहां सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक कर्फ्यू में भी ढील दी गई है।
साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख को सजा सुनाए जाने के बाद मंगलवार को सिरसा में कर्फ्यू में शाम सात बजे तक ढील दी गई है। प्रशासन ने डेरा सच्चा सौदा के शाही बसेरा में रह रही 18 लड़कियों को भी डेरे से निकाल लिया है। इन अनाथ बच्चियों का डेरे में ही इनका पालन पोषण हो रहा था। हालांकि डेरे के आसपास अभी भी सुरक्षा बल स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
शहर में स्कूल भी खुल चुके हैं और बस सेवा बहाल हो गई है। सिरसा के अलावा झज्जर और फतेहाबाद में बस सेवा शुरू हो गई है। बता दें, साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा मुखी पर सीबीआइ कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही यहां सुरक्षा बल तैनात है। जबकि सोमवार को रोहतक की सुनरिया जेल में राम रहीम को सजा सुनाए जाने के चलते यहां कर्फ्यू लगाया गया था। इससे पहले यहां सेना ने डेरा की घेरेबंदी कर अभियान भी चलाया।
20 साल की सज़ा सुनाए जाने के बाद गुरमीत राम रहीम की पहली रात सलाखों के पीछे कटी। इससे बचने के लिए उन्होंने हर पैंतरा आज़माया। बीमारी तक का बहाना बनाया, लेकिन जांच में मेडिकली तंदुरुस्त पाया गया। यही नहीं कोर्ट रू्म में ही बैठकर रोना धोना शुरू हो गया। वह वहां से हिलने के लिए तैयार ही नहीं था। खबर है कि राम रहीम को अन्य कैदियों से अलग रखा गया है। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है। उसका जेल सेल प्रशासनिक दफ्तर के सबसे नज़दीक रखा गया है।
रोहतक जेल में गिड़गिड़ाने लगा राम रहीम, कांपते हुए जज से कहा-मुझे माफ कर दीजिए....
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- गुरमीत राम रहीम पूरी रात जेल में इधर-उधर टहलता रहा। उन्हें खाने में 4 रोटी और सब्जी दी गई, लेकिन उन्होंने खाना ठीक से नहीं खाया। डेरा प्रमुख से जेल में मजदूरी करवाई जा सकती है,लेकिन वह मजदूरी के लिए फिट है या नहीं इसकी जांच होगी। अगर वह जांच में फिट नहीं पाए गए तो उन्हें चारपाई और कुर्सी बनाने का काम दिया जाएगा। बागवनी और बिस्कुट बनाने का काम भी दिया जा सकता है। ड्यूटी का समय सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे है।
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद सिरसा में मंगलवार को जनजीवन पटरी पर लौटता नजर आया। यहां सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक कर्फ्यू में भी ढील दी गई है।
साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख को सजा सुनाए जाने के बाद मंगलवार को सिरसा में कर्फ्यू में शाम सात बजे तक ढील दी गई है। प्रशासन ने डेरा सच्चा सौदा के शाही बसेरा में रह रही 18 लड़कियों को भी डेरे से निकाल लिया है। इन अनाथ बच्चियों का डेरे में ही इनका पालन पोषण हो रहा था। हालांकि डेरे के आसपास अभी भी सुरक्षा बल स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
शहर में स्कूल भी खुल चुके हैं और बस सेवा बहाल हो गई है। सिरसा के अलावा झज्जर और फतेहाबाद में बस सेवा शुरू हो गई है। बता दें, साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा मुखी पर सीबीआइ कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही यहां सुरक्षा बल तैनात है। जबकि सोमवार को रोहतक की सुनरिया जेल में राम रहीम को सजा सुनाए जाने के चलते यहां कर्फ्यू लगाया गया था। इससे पहले यहां सेना ने डेरा की घेरेबंदी कर अभियान भी चलाया।
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