पटना।
जेडीयू में बगावत और घमासान रुकता नहीं दिख रहा है। बिहार जेडीयू ने 21 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निकाल दिया है। इन नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इन नेताओं में पूर्व मंत्री रमई राम और पूर्व सांसद अर्जुन राय जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
उधर, पार्टी में शरद यादव का गुट भी बगावती तेवर अपनाता दिख रहा है। शरद यादव अपने धड़े को 'असली' पार्टी के रूप में पेश करने को तैयार हैं। शरद यादव का दावा है कि कई राज्य इकाइयां उनके साथ हैं जबकि पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार को केवल बिहार इकाई का समर्थन हासिल है। यादव के करीबी सहयोगी अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व पार्टी अध्यक्ष के धड़े को 14 राज्य इकाइयों के अध्यक्षों का समर्थन प्राप्त है। शरद के धड़े में 2 राज्यसभा सांसद और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल हैं। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने हाल ही में शरद यादव को जेडीयू महासचिव और राज्यसभा में संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया था। शरद यादव को पार्टी के कुछ सांसदों और विधायकों का समर्थन हासिल बताया जा रहा है। अगर यादव पार्टी पर अपना दावा जताते हैं जेडीयू में एक और टूट हो सकती है। सामाजिक विचारधारा वाले 'जनता दल' में विलय और विघटन का पुराना इतिहास रहा है। जेडीयू के 2 राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी और वीरेंद्र कुमार भी नीतीश के बीजेपी के साथ जाने के फैसले से नाराज हैं और दोनों ही सांसदों को शरद यादव का समर्थक माना जा रहा है।
जेडीयू ने सासंद अली अनवर अंसारी को भी पार्टी के संसदीय दल से निलंबित कर दिया है। नीतीश और शरद कुमार अब आमने-सामने की लड़ाई की तैयारी में नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों दोनों कद्दावर नेताओं को खुलकर एक दूसरे कि खिलाफ टिप्पणी करते हुए देखा गया। नीतीश कुमार ने शरद यादव के संबंध में कहा था कि पार्टी अपना फैसला ले चुकी है, वह किसी भी कदम को उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। वहीं, शरद यादव ने भी नीतीश पर टिप्पणी की थी कि जेडीयू सिर्फ नीतीश कुमार की पार्टी नहीं है, यह मेरी भी पार्टी है।
जेडीयू में बगावत और घमासान रुकता नहीं दिख रहा है। बिहार जेडीयू ने 21 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निकाल दिया है। इन नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इन नेताओं में पूर्व मंत्री रमई राम और पूर्व सांसद अर्जुन राय जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
उधर, पार्टी में शरद यादव का गुट भी बगावती तेवर अपनाता दिख रहा है। शरद यादव अपने धड़े को 'असली' पार्टी के रूप में पेश करने को तैयार हैं। शरद यादव का दावा है कि कई राज्य इकाइयां उनके साथ हैं जबकि पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार को केवल बिहार इकाई का समर्थन हासिल है। यादव के करीबी सहयोगी अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व पार्टी अध्यक्ष के धड़े को 14 राज्य इकाइयों के अध्यक्षों का समर्थन प्राप्त है। शरद के धड़े में 2 राज्यसभा सांसद और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल हैं। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने हाल ही में शरद यादव को जेडीयू महासचिव और राज्यसभा में संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया था। शरद यादव को पार्टी के कुछ सांसदों और विधायकों का समर्थन हासिल बताया जा रहा है। अगर यादव पार्टी पर अपना दावा जताते हैं जेडीयू में एक और टूट हो सकती है। सामाजिक विचारधारा वाले 'जनता दल' में विलय और विघटन का पुराना इतिहास रहा है। जेडीयू के 2 राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी और वीरेंद्र कुमार भी नीतीश के बीजेपी के साथ जाने के फैसले से नाराज हैं और दोनों ही सांसदों को शरद यादव का समर्थक माना जा रहा है।
जेडीयू ने सासंद अली अनवर अंसारी को भी पार्टी के संसदीय दल से निलंबित कर दिया है। नीतीश और शरद कुमार अब आमने-सामने की लड़ाई की तैयारी में नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों दोनों कद्दावर नेताओं को खुलकर एक दूसरे कि खिलाफ टिप्पणी करते हुए देखा गया। नीतीश कुमार ने शरद यादव के संबंध में कहा था कि पार्टी अपना फैसला ले चुकी है, वह किसी भी कदम को उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। वहीं, शरद यादव ने भी नीतीश पर टिप्पणी की थी कि जेडीयू सिर्फ नीतीश कुमार की पार्टी नहीं है, यह मेरी भी पार्टी है।
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