शुक्रवार, अगस्त 18, 2017

बाढ़ से बेहाल बिहार, सीएम नीतीश ने केंद्र से की सेना भेजने की मांग

पटना।
बिहार में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर है। अररिया, पूर्णिया और किशनगंज के साथ-साथ कटिहार का कुछ हिस्सा बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में है। इसके अलावा सीमांचल, पूर्वी चम्पारण और पश्चिमी चम्पारण के कुछ इलाके भी बाढ़ में डूबे हुए हैं। उत्तरी बिहार और नेपाल के तराई इलाकों में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बरिश की वजह से अप्रत्याशित जल भराव हो गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है।
बाढ़ से बेहाल किशनगंज, अररिया, फोरबिसगंज, जोगबनी और पश्चिम चम्पारण के नरकटियागंज में पानी घरों में घुस गया है। जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है। मकान और गाडिय़ां सभी पानी में डूबी हुई हैं। कई लोग अपने घरों में ही फंसे हुए हैं। एसडीआरएफ की टीमें लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी हुई हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षामंत्री अरुण जेटली से फोन पर बातचीत कर सेना और वायुसेना की मदद मांगी है। उन्होंने केंद्र सरकार से हृष्ठक्रस्न की 10 अतिरिक्त टुकडिय़ों की मांग है। राहत और बचाव के लिए वायु सेना के हेलिकप्टर की तैनाती का अनुरोध किया है।
बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि पिछले 72 घंटे में अप्रत्याशित बारिश हुई है। अगल सभी आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो लगभग दो फीट तक पानी बारिश की वजह से ही है। पानी होने से ही स्थिति भयावह बनी हुई है। उन्होंने कहा कि लोगों के रेस्क्यू करने का काम शुरू कर दिया गया है, पूर्णिया एयरबेस से प्रभावित इलाकों में फूड पैकेट भी गिराये जा रहे हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि सीमांचल के साथ साथ उत्तरी बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। नेपाल में भारी बारिश की वजह से ये स्थिति आई है। गंडक नदी के वाल्मीकी नगर बराज से रिकॉर्ड पानी छोड़ा गया है। इलाकों के कई प्रखंडों का जिला मुख्यालयों से संपर्क टूट गया है। बाढ़ की वजह से रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है। कई गाडिय़ों को रद्द कर दिया है या फिर उसे डायवर्ट कर दिया है। सभी जिले के प्रभारी मंत्रियों को इलाके में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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