नई दिल्ली।
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने के प्रयासों को बढ़ाया है लेकिन बड़े स्तर पर हमारे जवानों ने इन कोशिशों को नाकाम किया है। रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कहा कि घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के क्रम में पाकिस्तान के जवान बड़ी तादाद में हताहत हुए हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का वर्चस्व है और सीमापार से घुसपैठ को रोकने के लिए सभी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।
लोकसभा में भैरो प्रसाद मिश्र के पूरक प्रश्न के जवाब में जेटली ने कहा कि आज नियंत्रण रेखा को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए जवान तैनात हैं और पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का पूरी तरह प्रभाव और प्रभुत्व है। सीमा पार से घुसपैठ रोकने के लिए सभी तरह के कदम उठाए गए हैं। इसी वजह से सेना जम्मू कश्मीर के साथ पंजाब में भी घुसपैठ की कोशिशों को रोकने में पूरी तरह कामयाब रही है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने पिछले कुछ समय में घुसपैठ की कोशिशों को तेज कर दिया है।
जेटली के अनुसार सुरक्षा बलों की कड़ी मुस्तैदी की वजह से घुसपैठ की तमाम कोशिशों को नाकाम किया गया है और इनमें कमी आई है। उन्होंने बताया कि इस साल 1 अगस्त तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के 285 मामले सामने आए हैं। 2016 में रुशष्ट पर इस तरह के 228 मामले सामने आए थे और 8 जवानों की जान गई थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा के उस ओर भी लोगों के बड़ी संख्या में हताहत होने के मामले सामने आए। जेटली ने बताया कि की सुरक्षा वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिछले साल संघर्ष विराम उल्लंघन के 221 मामले सामने आए थे। एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में जेटली ने कहा कि सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ रोधी अवरोध प्रणाली लगाई है। घुसपैठ को रोकने के लिए रेडार, सेंसर और थर्मल इमेजर्स के साथ अन्य आधुनिक उपकरण लगाए जाते हैं और सीमा पर सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने आदि की सतत प्रक्रिया है जो चलती रहती है।
रक्षा मंत्री ने कहा, भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए सीमा पर देश की रक्षा तैयारियों को बनाए रखने और उन्नत करने के लिए समय-समय पर उचित कदम उठाए जाते हैं। कठिन परिस्थितियों और मुश्किल मौसम में काम करने वाले जवानों के लिए विशेष भत्ते के सवाल पर जेटली ने कहा कि हाल ही में सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश से भी ज्यादा भत्ते की घोषणा ऐसे क्षेत्र में काम करने वाले सैनिकों के लिए की थी।
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने के प्रयासों को बढ़ाया है लेकिन बड़े स्तर पर हमारे जवानों ने इन कोशिशों को नाकाम किया है। रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कहा कि घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के क्रम में पाकिस्तान के जवान बड़ी तादाद में हताहत हुए हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का वर्चस्व है और सीमापार से घुसपैठ को रोकने के लिए सभी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।
लोकसभा में भैरो प्रसाद मिश्र के पूरक प्रश्न के जवाब में जेटली ने कहा कि आज नियंत्रण रेखा को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए जवान तैनात हैं और पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का पूरी तरह प्रभाव और प्रभुत्व है। सीमा पार से घुसपैठ रोकने के लिए सभी तरह के कदम उठाए गए हैं। इसी वजह से सेना जम्मू कश्मीर के साथ पंजाब में भी घुसपैठ की कोशिशों को रोकने में पूरी तरह कामयाब रही है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने पिछले कुछ समय में घुसपैठ की कोशिशों को तेज कर दिया है।
जेटली के अनुसार सुरक्षा बलों की कड़ी मुस्तैदी की वजह से घुसपैठ की तमाम कोशिशों को नाकाम किया गया है और इनमें कमी आई है। उन्होंने बताया कि इस साल 1 अगस्त तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के 285 मामले सामने आए हैं। 2016 में रुशष्ट पर इस तरह के 228 मामले सामने आए थे और 8 जवानों की जान गई थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा के उस ओर भी लोगों के बड़ी संख्या में हताहत होने के मामले सामने आए। जेटली ने बताया कि की सुरक्षा वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिछले साल संघर्ष विराम उल्लंघन के 221 मामले सामने आए थे। एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में जेटली ने कहा कि सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ रोधी अवरोध प्रणाली लगाई है। घुसपैठ को रोकने के लिए रेडार, सेंसर और थर्मल इमेजर्स के साथ अन्य आधुनिक उपकरण लगाए जाते हैं और सीमा पर सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने आदि की सतत प्रक्रिया है जो चलती रहती है।
रक्षा मंत्री ने कहा, भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए सीमा पर देश की रक्षा तैयारियों को बनाए रखने और उन्नत करने के लिए समय-समय पर उचित कदम उठाए जाते हैं। कठिन परिस्थितियों और मुश्किल मौसम में काम करने वाले जवानों के लिए विशेष भत्ते के सवाल पर जेटली ने कहा कि हाल ही में सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश से भी ज्यादा भत्ते की घोषणा ऐसे क्षेत्र में काम करने वाले सैनिकों के लिए की थी।
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