विवादित जगह पर बने राम मंदिर
नई दिल्ली।
राम जन्म भूमि मामले में शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। हलफनामे में शिया वक्फ ने कहा कि अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। इसके अलावा मस्जिद का निर्माण पास के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में हो। जबकि शिया वक्फ बोर्ड के इस राय से सुन्नी वक्फ बोर्ड सहमत नहीं है।
दरअसल शिया वक्फ बोर्ड विवादित जगह पर मंदिर बनाए जाने की बात खुले तौर कहता रहा है। मंगलवार को शिया वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि विवादित जगह पर मंदिर और मस्जिद दोनों का निर्माण किया जाता है, तो इससे दोनों समुदाय में संघर्ष की संभावना बनी रहेगी। इससे बचा जाना चाहिए। इसके लिए विवादित जगह पर राम मंदिर का निर्माण किया जाए और विवादित जगह से थोड़ी दूर मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मस्जिद का निर्माण किया जाए।
रिजवी ने कहा कि उसके पास 1946 तक विवादित जमीन का कब्जा था और शिया के मुत्वल्ली हुआ करते थे, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इस जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दिया था। शिया वक्फ बोर्ड ने कहा कि वह विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है। बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद बनवाने वाला मीर बकी भी शिया था। इसीलिए इस पर हमारा पहला हक बनता है।
गौरतलब है कि अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 11 अगस्त से 3 जजों की बेंच हर रोज सुनवाई करेगा। बोर्ड ने कहा कि अगर मस्जिद बनाने की वैकल्पिक जगह मिले तो हम विवादित जगह पर दावा छोडऩे को तैयार हैं।
शिया वक्फ बोर्ड इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी पक्षकार था। वहां शुरुआती दौर में उसने जगह पर दावा ठोका था। हालांकि बाद में विस्तृत दलील के लिए उनकी तरफ से कोई पेश नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में इन बातों को भी जगह दी है। अब एक बार फिर शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके अपना हस्ताक्षेप पेश किया है। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेंटी ही मुसलमानों की तरफ से पैरोकारी कर रहे हैं।
दरअसल शिया वक्फ बोर्ड विवादित जगह पर मंदिर बनाए जाने की बात खुले तौर कहता रहा है। मंगलवार को शिया वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि विवादित जगह पर मंदिर और मस्जिद दोनों का निर्माण किया जाता है, तो इससे दोनों समुदाय में संघर्ष की संभावना बनी रहेगी। इससे बचा जाना चाहिए। इसके लिए विवादित जगह पर राम मंदिर का निर्माण किया जाए और विवादित जगह से थोड़ी दूर मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मस्जिद का निर्माण किया जाए।
रिजवी ने कहा कि उसके पास 1946 तक विवादित जमीन का कब्जा था और शिया के मुत्वल्ली हुआ करते थे, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इस जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दिया था। शिया वक्फ बोर्ड ने कहा कि वह विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है। बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद बनवाने वाला मीर बकी भी शिया था। इसीलिए इस पर हमारा पहला हक बनता है।
गौरतलब है कि अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 11 अगस्त से 3 जजों की बेंच हर रोज सुनवाई करेगा। बोर्ड ने कहा कि अगर मस्जिद बनाने की वैकल्पिक जगह मिले तो हम विवादित जगह पर दावा छोडऩे को तैयार हैं।
शिया वक्फ बोर्ड इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी पक्षकार था। वहां शुरुआती दौर में उसने जगह पर दावा ठोका था। हालांकि बाद में विस्तृत दलील के लिए उनकी तरफ से कोई पेश नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में इन बातों को भी जगह दी है। अब एक बार फिर शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके अपना हस्ताक्षेप पेश किया है। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेंटी ही मुसलमानों की तरफ से पैरोकारी कर रहे हैं।
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