जम्मू ।
15वीं शताब्दी में अपने हक के लिए शहादत देने वाले किसान बाबा जित्तो और उनकी नन्ही बेटी की याद में हर साल आयोजित होने वाले झिड़ी मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। देशभर से बुआ व बाबा के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलें, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
शहर से करीब 25 किलोमीटर दूरी पर झिड़ी गांव में आयोजित होने वाला यह मेला पूरे एक सप्ताह तक चलता है। यह मेला नवंबर में पूर्णिमा से तीन दिन पहले शुरू हो जाता है और पूर्णिमा के तीन दिन बाद तक चलता रहता है। इस वर्ष यह मेला एक नवंबर को शुरू होगा।
इसमें जम्मू, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के अलावा विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस स्थान पर सबसे अधिक जनसमूह पूर्णमासी के दिन एकत्र होता है। बाबा तालाब में सुंगल स्नान कर श्रद्धालु बुआ व बाबा की स्मृति में श्रद्धा के फूल अर्पित करते हैं। मढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखनंदन चौधरी की अध्यक्षता में सोमवार को तैयारियां पर चर्चा करने के लिए बैठक भी बुलाई गई। बैठक में डीसी जम्मू, एसडीएम मढ़, बीडीओ मढ़ भी उपस्थित थे। उन्होंने बाबा तालाब और झिड़ी मेला स्थल तक आने वाले सभी मुख्य मार्गो की मरम्मत का काम शुरू करने व मेला भूमि को खाली करवाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।
झिड़ी मेला स्थल की नीलामी प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू कर दी जाएगी। बीडीओ मढ़ रंजीत सिंह ने बताया कि दो दिन बाद मेला भूमि को खाली करने के लिए पब्लिक नोटिस जारी कर दिया जाएगा। उसके बाद नीलामी से संबंधित जानकारी समाचारपत्रों के माध्यम से व्यापारियों तक पहुंचा दी जाएगी। बीडीओ ने बताया कि पहले दिन झिड़ी मेला स्थल, पार्किंग और उसके बाद बाबा तालाब व वहां की पार्किंग स्थल की नीलामी की जाएगी। बुआ व बाबा के प्राचीन मंदिर को भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर पर सजाने की तैयारी की गई है। मंदिर के महंत जगदीश लाल मेहता ने बताया कि दिल्ली व लुधियाना से विशेष तौर पर कारीगर बुलाए जा रहे हैं, जो जगनमालाओं और फूलों से मंदिर की सजावट करेंगे। उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर तक ये कारीगर पूरे सामान के साथ झिड़ी पहुंच जाएंगे। देश-विदेश से आने वाले बुआ व बाबा के भक्तों के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से खाने-पीने की विशेष व्यवस्था रहेगी।
15वीं शताब्दी में अपने हक के लिए शहादत देने वाले किसान बाबा जित्तो और उनकी नन्ही बेटी की याद में हर साल आयोजित होने वाले झिड़ी मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। देशभर से बुआ व बाबा के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलें, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
शहर से करीब 25 किलोमीटर दूरी पर झिड़ी गांव में आयोजित होने वाला यह मेला पूरे एक सप्ताह तक चलता है। यह मेला नवंबर में पूर्णिमा से तीन दिन पहले शुरू हो जाता है और पूर्णिमा के तीन दिन बाद तक चलता रहता है। इस वर्ष यह मेला एक नवंबर को शुरू होगा।
इसमें जम्मू, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के अलावा विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस स्थान पर सबसे अधिक जनसमूह पूर्णमासी के दिन एकत्र होता है। बाबा तालाब में सुंगल स्नान कर श्रद्धालु बुआ व बाबा की स्मृति में श्रद्धा के फूल अर्पित करते हैं। मढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखनंदन चौधरी की अध्यक्षता में सोमवार को तैयारियां पर चर्चा करने के लिए बैठक भी बुलाई गई। बैठक में डीसी जम्मू, एसडीएम मढ़, बीडीओ मढ़ भी उपस्थित थे। उन्होंने बाबा तालाब और झिड़ी मेला स्थल तक आने वाले सभी मुख्य मार्गो की मरम्मत का काम शुरू करने व मेला भूमि को खाली करवाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।
झिड़ी मेला स्थल की नीलामी प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू कर दी जाएगी। बीडीओ मढ़ रंजीत सिंह ने बताया कि दो दिन बाद मेला भूमि को खाली करने के लिए पब्लिक नोटिस जारी कर दिया जाएगा। उसके बाद नीलामी से संबंधित जानकारी समाचारपत्रों के माध्यम से व्यापारियों तक पहुंचा दी जाएगी। बीडीओ ने बताया कि पहले दिन झिड़ी मेला स्थल, पार्किंग और उसके बाद बाबा तालाब व वहां की पार्किंग स्थल की नीलामी की जाएगी। बुआ व बाबा के प्राचीन मंदिर को भी श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर पर सजाने की तैयारी की गई है। मंदिर के महंत जगदीश लाल मेहता ने बताया कि दिल्ली व लुधियाना से विशेष तौर पर कारीगर बुलाए जा रहे हैं, जो जगनमालाओं और फूलों से मंदिर की सजावट करेंगे। उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर तक ये कारीगर पूरे सामान के साथ झिड़ी पहुंच जाएंगे। देश-विदेश से आने वाले बुआ व बाबा के भक्तों के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से खाने-पीने की विशेष व्यवस्था रहेगी।
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