दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। राज्य की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी द्वारा पहली बार भागीदारी करने के बावजूद जम्मू संभाग के सभी शिक्षण संस्थानों में संघ परिवार की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि जहां तक सदस्यता का सवाल है, तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। इस संगठन के जम्मू संभाग के सभी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्य के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह भी अभाविप के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे है। भाजपा के अधिकांश केंद्रीय नेताओं की पृष्ठभूमि भी अभाविप से संबंधित रही है।
राज्य विधानसभा अध्यक्ष कविन्द्र गुप्ता तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बाली भगत हमेशा अभाविप के पूर्व कार्यकर्ता होने का दावा करते रहे हंै।
जम्मू विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा अभाविप को परिसर में कोई भी समारोह आयोजित करने की अनुमति देने इंकार के बाद राज्य के विभिन्न डिग्री कॉलेजों के प्रशासन ने इसका अनुसरण करते हुए अभाविप को अपने परिसरों से बाहर रखने का फैसला किया है।
कविन्द्र गुप्ता ने 'दीपाक्षर टाइम्स' से बात करते हुए अभाविप के साथ किए जा रहे व्यवहार की कड़ी आलोचना की है और इस मामले की जांच करवाने को कहा है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक संगठन को अपनी गतिविधियां संचालित करने का अधिकार है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभाविप जैसे देश के प्रमुख छात्र संगठन के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। गुप्ता ने कहा कि मुझे ऐसा कोई कारण समझ नहीं आ रहा कि अभाविप को अपनी गतिविधियां संचालित करने से रोका जाए। सूत्रों ने कहा कि अभाविप की स्थानीय इकाई ने संगठन की आगामी राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक के लिए एक सार्वजनिक स्वागत समारोह आयोजित करने के लिए महिला कॉलेज गांधी नगर के अधिकारियों से अनुमति मांगी थी। सूत्रों ने बताया कि इस समारोह में उप-मुख्यमंत्री को मुख्यातिथि के तौर पर आमंत्रित करने के बावजूद अभाविप को अनुमति से इंकार कर दिया गया। यह पता चला है कि महिला कॉलेज के अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि अभाविप जैसे संगठन को कॉलेज का माहौल खराब करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि भाजपा के कुछ मंत्रियों द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप किए जाने के बावजूद अभिनव थियेटर और कुछ अन्य सरकारी सभागारों में समारोह आयोजित करने की अनुमति देने से पहले ही इंकार कर दिया गया था। महिला कॉलेज प्रशासन के हवाले से सूत्रों ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दे दिया है अभाविप को उनके संबंधित संस्थानों के परिसर में कोई भी समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाए। सूत्रों ने बताया कि जम्मू नगर निगम के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने जम्बू लोचन सामुदायिक हाल में अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के आयोजन के लिए दी गई अनुमति को रद्द करने की कोशिश की थी। अभाविप के एक पदाधिकारी ने स्वीकार किया कि प्रशासन में कुछ तत्व अभाविप के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने संविधान और पंजीकरण प्रमाण पत्र दिखा सकते हैं, जिसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेेख किया गया है कि अभाविप एक गैर -राजनीतिक छात्र संगठन है। आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के बावजूद शिक्षण संस्थानों में एक सार्वजनिक समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन में बैठी कुछ ताकतें जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रवादी लोगों को हतोत्साहित करने की कोशिश कर रही हैं। अभाविप के राज्य उप-प्रधान राघव शर्मा ने भी स्वीकार किया कि राज्य में राष्ट्रवादी ताकतों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभाविप अपने कार्यक्रम पूर्व की भांति चला रही है। संगठन का कार्य राष्ट्रवादी माकतों को मजबूती प्रदान करना है।
जम्मू। राज्य की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी द्वारा पहली बार भागीदारी करने के बावजूद जम्मू संभाग के सभी शिक्षण संस्थानों में संघ परिवार की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि जहां तक सदस्यता का सवाल है, तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। इस संगठन के जम्मू संभाग के सभी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्य के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह भी अभाविप के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे है। भाजपा के अधिकांश केंद्रीय नेताओं की पृष्ठभूमि भी अभाविप से संबंधित रही है।
राज्य विधानसभा अध्यक्ष कविन्द्र गुप्ता तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बाली भगत हमेशा अभाविप के पूर्व कार्यकर्ता होने का दावा करते रहे हंै।
जम्मू विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा अभाविप को परिसर में कोई भी समारोह आयोजित करने की अनुमति देने इंकार के बाद राज्य के विभिन्न डिग्री कॉलेजों के प्रशासन ने इसका अनुसरण करते हुए अभाविप को अपने परिसरों से बाहर रखने का फैसला किया है।
कविन्द्र गुप्ता ने 'दीपाक्षर टाइम्स' से बात करते हुए अभाविप के साथ किए जा रहे व्यवहार की कड़ी आलोचना की है और इस मामले की जांच करवाने को कहा है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक संगठन को अपनी गतिविधियां संचालित करने का अधिकार है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभाविप जैसे देश के प्रमुख छात्र संगठन के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। गुप्ता ने कहा कि मुझे ऐसा कोई कारण समझ नहीं आ रहा कि अभाविप को अपनी गतिविधियां संचालित करने से रोका जाए। सूत्रों ने कहा कि अभाविप की स्थानीय इकाई ने संगठन की आगामी राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक के लिए एक सार्वजनिक स्वागत समारोह आयोजित करने के लिए महिला कॉलेज गांधी नगर के अधिकारियों से अनुमति मांगी थी। सूत्रों ने बताया कि इस समारोह में उप-मुख्यमंत्री को मुख्यातिथि के तौर पर आमंत्रित करने के बावजूद अभाविप को अनुमति से इंकार कर दिया गया। यह पता चला है कि महिला कॉलेज के अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि अभाविप जैसे संगठन को कॉलेज का माहौल खराब करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि भाजपा के कुछ मंत्रियों द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप किए जाने के बावजूद अभिनव थियेटर और कुछ अन्य सरकारी सभागारों में समारोह आयोजित करने की अनुमति देने से पहले ही इंकार कर दिया गया था। महिला कॉलेज प्रशासन के हवाले से सूत्रों ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दे दिया है अभाविप को उनके संबंधित संस्थानों के परिसर में कोई भी समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाए। सूत्रों ने बताया कि जम्मू नगर निगम के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने जम्बू लोचन सामुदायिक हाल में अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के आयोजन के लिए दी गई अनुमति को रद्द करने की कोशिश की थी। अभाविप के एक पदाधिकारी ने स्वीकार किया कि प्रशासन में कुछ तत्व अभाविप के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने संविधान और पंजीकरण प्रमाण पत्र दिखा सकते हैं, जिसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेेख किया गया है कि अभाविप एक गैर -राजनीतिक छात्र संगठन है। आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के बावजूद शिक्षण संस्थानों में एक सार्वजनिक समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन में बैठी कुछ ताकतें जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रवादी लोगों को हतोत्साहित करने की कोशिश कर रही हैं। अभाविप के राज्य उप-प्रधान राघव शर्मा ने भी स्वीकार किया कि राज्य में राष्ट्रवादी ताकतों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभाविप अपने कार्यक्रम पूर्व की भांति चला रही है। संगठन का कार्य राष्ट्रवादी माकतों को मजबूती प्रदान करना है।
0 टिप्पणियाँ :
एक टिप्पणी भेजें