दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने के सरकार के ऊंचे दावों के विपरित पुंछ जिले में ऊंचाई वाले इलाकों में रहने वाले लोगों ने पेयजल की तलाश में निचले इलाकों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिले के दूर दराज के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पानी की कमी का सामना कर रहे लोगों ने पानी की तलाश में नीचे की ओर आना शुरू कर दिया है। वे लोग अपनी पेेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए तालाबों और नदियों के किनारे के पास डेरा डाले हुए हैं।
सूत्रों का कहना है जिले में पीएचई विभााग के बहुत-से पंप खराब पड़े हुए हैं, लेकिन गहरी नींद में सोया पीएचई विभाग उन्हें सुचारू बनाने में नाकाम साबित हो रहा है। जिले में कई जलापूर्ति योजनाएं काम नहीं कर रही हैं। जबकि कुछ क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति पाइपें टूटी होने के कारण पानी बेकार बह रहा है, तो अन्य इलाकों में पानी की भारी किल्लत है।
सूत्रों ने कहा कि संबंधित अधिकारी इस तथ्य को भली-भांति जानते हैं कि गर्मी के मौसम के दौरान जिले में विशेषरूप से ऊपरी इलाकों और कंडी क्षेत्रों में पेयजल की कमी की समस्या सामने आती है। लेकिन जल आपूर्ति योजनाओं पर करोड़ों रूपए खर्च किए जाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। अगर कोई उनसे यह पुछे कि यह जनता का धन कहां जा रहा है?
जम्मू। राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने के सरकार के ऊंचे दावों के विपरित पुंछ जिले में ऊंचाई वाले इलाकों में रहने वाले लोगों ने पेयजल की तलाश में निचले इलाकों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिले के दूर दराज के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पानी की कमी का सामना कर रहे लोगों ने पानी की तलाश में नीचे की ओर आना शुरू कर दिया है। वे लोग अपनी पेेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए तालाबों और नदियों के किनारे के पास डेरा डाले हुए हैं।
सूत्रों का कहना है जिले में पीएचई विभााग के बहुत-से पंप खराब पड़े हुए हैं, लेकिन गहरी नींद में सोया पीएचई विभाग उन्हें सुचारू बनाने में नाकाम साबित हो रहा है। जिले में कई जलापूर्ति योजनाएं काम नहीं कर रही हैं। जबकि कुछ क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति पाइपें टूटी होने के कारण पानी बेकार बह रहा है, तो अन्य इलाकों में पानी की भारी किल्लत है।
सूत्रों ने कहा कि संबंधित अधिकारी इस तथ्य को भली-भांति जानते हैं कि गर्मी के मौसम के दौरान जिले में विशेषरूप से ऊपरी इलाकों और कंडी क्षेत्रों में पेयजल की कमी की समस्या सामने आती है। लेकिन जल आपूर्ति योजनाओं पर करोड़ों रूपए खर्च किए जाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। अगर कोई उनसे यह पुछे कि यह जनता का धन कहां जा रहा है?
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