दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
पुंछ। पिछले कुछ महीनों से भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की खराब सेलुलर कनेक्टिविटी पुंछ जिले में लाखों ग्राहकों के लिए असुविधा का कारण बन गई है।
गौरतलब है कि बीएसएनएल राज्य में सेलुलर सेवा उपलब्ध करवाने वाली पहली कंपनी है और राज्य में कंपनी के पास सबसे ज्यादा पोस्टपेड ग्राहकों का आधार रहा है। इसके बावजूद बीएसएनएल उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रही है।
बीएसएनएल के उपभोक्ताओं ने कहा कि बीएसएनएल के अपने ही 'अव्यवसायिक आचरण' और 'ढिलाई' की वजह से पिछले कुछ हफ्तों से सेवा बद से बदतर हो चुकी है। सिर्फ फोन कनेक्टिविटी ही नहीं, बल्कि इंटरनेट सेवाओं की भी हालत खराब है। कई इंटरनेट कैफे मालिकों का कहना है कि इसका उनके कारोबार पर असर पड़ रहा हैं।
एक साइबर कैफे के मालिक का कहना था कि इंटरनेट सेवाएं एक माह में पंद्रह से अधिक दिनों के लिए बंद रहती हैं। उन्होंने कहा कि निजी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद बीएसएनएल सेवा में सुधार के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, बल्कि यह और अधिक परेशान करने लगी है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की बार-बार शिकायतों के बावजूद,हर शिकायत को नजरअंदाज किया जाता है।
एक अन्य उपभोक्ता रमन कुमार ने कहा कि एक बार जब आप एक नंबर डायल करते हैं तो केवल एक रिकॉर्डड आवाज सुन सकते हैं 'यह नंबर मौजूद नहीं है, कृपया आप नम्बर की जाँच करें' या 'आपके द्वारा मिलाया गया नम्बर कवरेज क्षेत्र से बाहर हैं'।
बीएसएनएल से नाराज एक अन्य उपभोक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी शुरू करने के बाद अधिकांश बीएसएनएल उपभोक्ता अन्य निजी मोबाइल सेवा प्रदाताओं की ओर जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति शहरी क्षेत्रों से भी बदतर है। इसलिए ज्यादार ग्रामीण बीएसएनएल को छोड़ कर निजी सेलुलर सेवा प्रदाताओं को चुन रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सभी कार्यालयों में बीएसएनएल के बजाय निजी मोबाइल नेटवर्क कंपनियों द्वारा कार्य किया जाना चाहिए।
पुंछ। पिछले कुछ महीनों से भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की खराब सेलुलर कनेक्टिविटी पुंछ जिले में लाखों ग्राहकों के लिए असुविधा का कारण बन गई है।
गौरतलब है कि बीएसएनएल राज्य में सेलुलर सेवा उपलब्ध करवाने वाली पहली कंपनी है और राज्य में कंपनी के पास सबसे ज्यादा पोस्टपेड ग्राहकों का आधार रहा है। इसके बावजूद बीएसएनएल उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रही है।
बीएसएनएल के उपभोक्ताओं ने कहा कि बीएसएनएल के अपने ही 'अव्यवसायिक आचरण' और 'ढिलाई' की वजह से पिछले कुछ हफ्तों से सेवा बद से बदतर हो चुकी है। सिर्फ फोन कनेक्टिविटी ही नहीं, बल्कि इंटरनेट सेवाओं की भी हालत खराब है। कई इंटरनेट कैफे मालिकों का कहना है कि इसका उनके कारोबार पर असर पड़ रहा हैं।
एक साइबर कैफे के मालिक का कहना था कि इंटरनेट सेवाएं एक माह में पंद्रह से अधिक दिनों के लिए बंद रहती हैं। उन्होंने कहा कि निजी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद बीएसएनएल सेवा में सुधार के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, बल्कि यह और अधिक परेशान करने लगी है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं की बार-बार शिकायतों के बावजूद,हर शिकायत को नजरअंदाज किया जाता है।
एक अन्य उपभोक्ता रमन कुमार ने कहा कि एक बार जब आप एक नंबर डायल करते हैं तो केवल एक रिकॉर्डड आवाज सुन सकते हैं 'यह नंबर मौजूद नहीं है, कृपया आप नम्बर की जाँच करें' या 'आपके द्वारा मिलाया गया नम्बर कवरेज क्षेत्र से बाहर हैं'।
बीएसएनएल से नाराज एक अन्य उपभोक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी शुरू करने के बाद अधिकांश बीएसएनएल उपभोक्ता अन्य निजी मोबाइल सेवा प्रदाताओं की ओर जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति शहरी क्षेत्रों से भी बदतर है। इसलिए ज्यादार ग्रामीण बीएसएनएल को छोड़ कर निजी सेलुलर सेवा प्रदाताओं को चुन रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सभी कार्यालयों में बीएसएनएल के बजाय निजी मोबाइल नेटवर्क कंपनियों द्वारा कार्य किया जाना चाहिए।
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