दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। जहां एक तरफ शहर में नशा करके ड्राइविंग करने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक पुलिस के पास जांच करने के लिए पर्याप्त उपकरण तक नहीं है।
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए जहां पुलिस के पास कर्मचारियों की कमी है, वहीं उसके पास ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए आवश्यक विभिन्न उपकरणों की भी कमी है। ट्रैफिक कर्मियों को सबसे खराब स्थिति का सामना सूर्यास्त के बाद करना पड़ता है,जब नशे में लोग निडर होकर वाहन चलाते हैं और शायह ही कोई उनकी जांच करता है।
हैरानी की बात है कि यातायात विभाग जम्मू के पास नशे में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की जांच करने के लिए केवल दो ब्रैथलाइजर है और उनमें से भी एक खराब पड़ा है।
यातायात विभाग में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आवश्यक उपकरणों की कमी के कारण विभाग सिर्फ बिना हेलमेट, सीट बेल्ट के बिना ड्राइविंग, काले शीशे, ओवर लोडिंग, गलत पार्किंग जैसे नजर आने वाले उल्लंघनों पर ही ध्यान दे रहा है।
ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'आवश्यक उपकरणों और कर्मचारी उपलब्ध करवाने के लिए कई बार विभाग के उच्चाधिकारियों से अनुरोध किया गया, लेकिन मुझे लगता है कि उनकी भी कुछ अपनी मजबूरी है।'
उन्होंने कहा कि नशे में ड्राइविंग करने वालों की उचित जांच करने के लिए विभाग को कम से कम एक और ब्रैथलाइजर, एक अतिरिक्त वाहन और प्रत्येक जांच चौकी पर कम से कम 10 से अधिक लोगों की जरूरत है। अगर एक व्यक्ति को 30 मिलीलीटर या अधिक शराब पीकर ड्राइविंग करते हुए पकड़ा जाता है, तो रक्त में अल्कोहल की मात्रा की जांच हेतु उसे नजदीक के अस्पताल ले जाने के लिए कम से कम एक वाहन और तीन पुलिसकर्मिर्यों की जरूरत पड़ती है।
ट्रैफिक पुलिस के पास केवल 400 कर्मचारी है, जो कि आवश्यक कर्मचारियों का एक चौथाई भी नहीं है। विभाग अपने कर्मचारियों को सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक की पारी में इस्तेमाल करता है। ऐसे में ट्रैफिक कर्मियों के पास जम्मू शहर में नजर ना आने वाले यातायात उल्लंघनों की अनदेखी करने के अलावा कोई अन्य विकल्प ही नहीं है।
जम्मू। जहां एक तरफ शहर में नशा करके ड्राइविंग करने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक पुलिस के पास जांच करने के लिए पर्याप्त उपकरण तक नहीं है।
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए जहां पुलिस के पास कर्मचारियों की कमी है, वहीं उसके पास ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए आवश्यक विभिन्न उपकरणों की भी कमी है। ट्रैफिक कर्मियों को सबसे खराब स्थिति का सामना सूर्यास्त के बाद करना पड़ता है,जब नशे में लोग निडर होकर वाहन चलाते हैं और शायह ही कोई उनकी जांच करता है।
हैरानी की बात है कि यातायात विभाग जम्मू के पास नशे में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की जांच करने के लिए केवल दो ब्रैथलाइजर है और उनमें से भी एक खराब पड़ा है।
यातायात विभाग में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आवश्यक उपकरणों की कमी के कारण विभाग सिर्फ बिना हेलमेट, सीट बेल्ट के बिना ड्राइविंग, काले शीशे, ओवर लोडिंग, गलत पार्किंग जैसे नजर आने वाले उल्लंघनों पर ही ध्यान दे रहा है।
ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'आवश्यक उपकरणों और कर्मचारी उपलब्ध करवाने के लिए कई बार विभाग के उच्चाधिकारियों से अनुरोध किया गया, लेकिन मुझे लगता है कि उनकी भी कुछ अपनी मजबूरी है।'
उन्होंने कहा कि नशे में ड्राइविंग करने वालों की उचित जांच करने के लिए विभाग को कम से कम एक और ब्रैथलाइजर, एक अतिरिक्त वाहन और प्रत्येक जांच चौकी पर कम से कम 10 से अधिक लोगों की जरूरत है। अगर एक व्यक्ति को 30 मिलीलीटर या अधिक शराब पीकर ड्राइविंग करते हुए पकड़ा जाता है, तो रक्त में अल्कोहल की मात्रा की जांच हेतु उसे नजदीक के अस्पताल ले जाने के लिए कम से कम एक वाहन और तीन पुलिसकर्मिर्यों की जरूरत पड़ती है।
ट्रैफिक पुलिस के पास केवल 400 कर्मचारी है, जो कि आवश्यक कर्मचारियों का एक चौथाई भी नहीं है। विभाग अपने कर्मचारियों को सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक की पारी में इस्तेमाल करता है। ऐसे में ट्रैफिक कर्मियों के पास जम्मू शहर में नजर ना आने वाले यातायात उल्लंघनों की अनदेखी करने के अलावा कोई अन्य विकल्प ही नहीं है।
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