दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। शहर की सड़कों पर अतिक्रमण रोकने और यातायात के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए जम्मू नगर निगम (जेएमसी)रेहड़ी-मुक्त क्षेत्र बनाने के अपने स्वयं के आदेश को लागू करने में नाकाम हो रहा है।
शहर के 20 बाजारों और सड़कों को रेहड़ी-मुक्त क्षेत्र घोषित करने के बावजूद कई स्थानों पर फल, सब्जी और जूस विक्रेता अपनी रेहडिय़ों से सुचारू यातायात के लिए समस्याएं पैदा करते देखे जा सकते हैं। हालांकि निगम अवैध रूप से शहर में चल रही रेहडिय़ों के खिलाफ नियमित रूप से अभियान संचालित करता है, लेकिन निगम अपने स्वयं के निर्णय को लागू करने में नाकाम हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार शहर में लगभग 1000 रेहडिय़ां हैं।
अधिकांश शहर वासियों का कहना है कि वे इन रेहडिय़ों से अपनी आजीविका चला रहे लोगों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अधिकारियों को उनके लिए अलग क्षेत्र निर्धारित करने चाहिए। उन्होंने रेहड़ी मालिकों के खिलाफ बर्बर कार्रवाई किए जाने का विरोध किया।
सूत्रों के अनुसार ट्रैफिक पुलिस ने भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से रेहड़ी वालों को कहीं ओर ले जाने का का प्रस्ताव किया था, लेकिन रेहड़ी वालों ने व्यापार में हानि होने का हवाला देकर प्रस्ताव का विरोध किया।
नागरिकों का कहना है कि रेहड़ी वालों के कारण न सिर्फ वाहनों की आवाजाही में रूकावट आती है, बल्कि कई बार तो वे ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सड़क के बीच में आ जाते हैं। अगर जेएमसी ने रेहड़ी वालों के लिए विशेष क्षेत्रों के निर्माण का आदेश जारी किया है, तो उन्हें क्यों यहां काम करने दिया जा रहा है। रेहडिय़ों से पैदल चलने वालों को भी परेशानी होती है, क्योंकि उन्होंने फुटपाथों पर कब्जा जमा लिया है।
इसी बीच जेएमसी ने स्ट्रीट वैंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग नियमन) अधिनियम 2014 के अंतर्गत पुनर्वास के लिए रेहड़ी वालों का पंजीकरण शुरू कर दिया है।
जम्मू नगर निगम ने अपने क्षेत्राधिकार के भीतर काम करने वाले रेहड़ी वालों से अपील की है वे अपना पंजीकरण कर वाले, क्योंकि पंजीकरण न करवाने वालों को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
जम्मू। शहर की सड़कों पर अतिक्रमण रोकने और यातायात के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए जम्मू नगर निगम (जेएमसी)रेहड़ी-मुक्त क्षेत्र बनाने के अपने स्वयं के आदेश को लागू करने में नाकाम हो रहा है।
शहर के 20 बाजारों और सड़कों को रेहड़ी-मुक्त क्षेत्र घोषित करने के बावजूद कई स्थानों पर फल, सब्जी और जूस विक्रेता अपनी रेहडिय़ों से सुचारू यातायात के लिए समस्याएं पैदा करते देखे जा सकते हैं। हालांकि निगम अवैध रूप से शहर में चल रही रेहडिय़ों के खिलाफ नियमित रूप से अभियान संचालित करता है, लेकिन निगम अपने स्वयं के निर्णय को लागू करने में नाकाम हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार शहर में लगभग 1000 रेहडिय़ां हैं।
अधिकांश शहर वासियों का कहना है कि वे इन रेहडिय़ों से अपनी आजीविका चला रहे लोगों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अधिकारियों को उनके लिए अलग क्षेत्र निर्धारित करने चाहिए। उन्होंने रेहड़ी मालिकों के खिलाफ बर्बर कार्रवाई किए जाने का विरोध किया।
सूत्रों के अनुसार ट्रैफिक पुलिस ने भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से रेहड़ी वालों को कहीं ओर ले जाने का का प्रस्ताव किया था, लेकिन रेहड़ी वालों ने व्यापार में हानि होने का हवाला देकर प्रस्ताव का विरोध किया।
नागरिकों का कहना है कि रेहड़ी वालों के कारण न सिर्फ वाहनों की आवाजाही में रूकावट आती है, बल्कि कई बार तो वे ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सड़क के बीच में आ जाते हैं। अगर जेएमसी ने रेहड़ी वालों के लिए विशेष क्षेत्रों के निर्माण का आदेश जारी किया है, तो उन्हें क्यों यहां काम करने दिया जा रहा है। रेहडिय़ों से पैदल चलने वालों को भी परेशानी होती है, क्योंकि उन्होंने फुटपाथों पर कब्जा जमा लिया है।
इसी बीच जेएमसी ने स्ट्रीट वैंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग नियमन) अधिनियम 2014 के अंतर्गत पुनर्वास के लिए रेहड़ी वालों का पंजीकरण शुरू कर दिया है।
जम्मू नगर निगम ने अपने क्षेत्राधिकार के भीतर काम करने वाले रेहड़ी वालों से अपील की है वे अपना पंजीकरण कर वाले, क्योंकि पंजीकरण न करवाने वालों को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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