गुरुवार, मार्च 23, 2017

गुलशन नान हाउस


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

पंजतीर्थी में गुलशन नान हाउस के पास से गुजरते ही नान की मदहोश कर देने वाली खुश्बू से मुंह में पानी आ जाता है। पिछले कई वर्षों से इनके नान को प्रतिदिन दर्जनों लोग खा रहे हैं और इनके स्वाद की तारीफ कर रहे हैं। यह इनके हाथ की कारीगरी और स्वाद का ही कमाल है कि शादी-ब्याह आदि फंक्शनों में इन्हें बड़े सम्मान के साथ नान की स्टाल लगाने के लिए बुलाया जाता है। इनकी बनी हुई चटनी और चने इतने ँस्वादिष्ट होते हैं कि पेट भर जाने के बाद भी और खाने का मन करता है। आप भी एक बार गुलशन के नान खाकर देखें, इनके स्वाद के दीवाने हो जाएंगे और खुद तथा अपने परिचितों को नान खाने के लिए गुलशन नान हाउस ही जाने की सलाह देंगे। यही तो है गुलशन के हाथ की जादूगरी कि जो एक बार खाता है, बार बार आता है।

पढ़ाने की ट्रेनिंग लेने अमरीका जाएंगे सरकारी शिक्षक


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसे पढ़ाना है, अब शिक्षकों को इसका तरीका अमरीका बताएगा। अप्पर प्राइमरी स्तर से लेकर हायर स्तर तक के बच्चों का रुझान पढ़ाई की तरफ कैसे लाना है, इसके टिप्स अब शिक्षक अमरीकन शिक्षकों से सीखेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमरीकी सरकार के सहयोग से केंद्र सरकार ने हाल ही में टीचिंग एक्सीलैंस एंड अचीवमैंट प्रोग्राम की शुरूआत की है जिसके तहत शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा जाएगा। सरकारी स्तर में शिक्षा के स्तर को सुधारने और नई तकनीक से बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए अमरीका भेज रही है। अब तक स्कूलों के स्तर को सुधारने के लिए विदेशी सहायता ली जाती थी लेकिन अब इस प्रयोग से पढ़ाई का स्तर सुधारने की दिशा में कार्य होगा। इसमें कक्षा छठी से 12वीं तक के अंग्रेजी, सामान्य विज्ञान, गणित व विशिष्ट सेवा के शिक्षक भाग ले सकेंगे।
देशभर से प्रशिक्षण के लिए चयनित 80-80 शिक्षकों के 2 दल बनाए जाएंगे। 6 सप्ताह का यह प्रशिक्षण अमरीका के किसी विश्वविद्यालय में चलाया जाएगा। हालांकि इस प्रशिक्षण की कोई डिग्री या ग्रेडिंग नहीं दी जाएगी लेकिन शिक्षण विधियों, पाठ्यक्रम योजना तथा शैक्षणिक सैमीनार होंगे। चयनित प्रशिक्षणार्शियों को फ ील्ड एक्सपीरियंस के लिए यूनाइटेड स्टेट के स्कूलों में ले जाकर वहां के अध्यापकों-छात्रों से सहभागिता करवाई जाएगी।
इस योजना में जम्मू-कश्मीर सहित हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दमन और दीव तथा दादर व नगर हवेली शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर सहित देशभर के 17 प्रदेशों के शिक्षकों के लिए यह प्रोग्राम शुरू किया गया है, जिसमें भाग लेने से पहले आवेदक शिक्षकों में ऑनलाइन कंपीटीशन होगा, जिसमें चयनित शिक्षकों को अमरीका भेजा जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस प्रशिक्षण में भाग लेने के इच्छुक शिक्षकों से 3 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। स्कूल में कक्षा छठी से 12वीं तक पढ़ाने वाले पूर्णकालिक शिक्षक इसके लिए पात्र होंगे।

जैसा सवाल वैसा जवाब


बादशाह अकबर अपने मंत्री बीरबल को बहुत पसंद करता था। बीरबल की बुद्धि के आगे बड़े-बड़ों की भी कुछ नहीं चल पाती थी। इसी कारण कुछ दरबारी बीरबल से जलते थे। वे बीरबल को मुसीबत में फँसाने के तरीके सोचते रहते थे।
अकबर के एक खास दरबारी ख्वाजा सरा को अपनी विद्या और बुद्धि पर बहुत अभिमान था। बीरबल को तो वे अपने सामने निरा बालक और मूर्ख समझते थे। लेकिन अपने ही मानने से तो कुछ होता नहीं! दरबार में बीरबल की ही तूती बोलती और ख्वाजा साहब की बात ऐसी लगती थी जैसे नक्कारखाने में तूती की आवाज़। ख्वाजा साहब की चलती तो वे बीरबल को हिंदुस्तान से निकलवा देते लेकिन निकलवाते कैसे!
एक दिन ख्वाजा ने बीरबल को मूर्ख साबित करने के लिए बहतु सोचे -विचार कर कुछ मुश्किल प्रश्न सोच लिए। उन्हें विश्वास था कि बादशाह के उन प्रश्नों को सुनकर बीरबल के छक्के छूट जाएँगे और वह लाख कोशिश करके भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाएगा। फिर बादशाह मान लेगा कि ख्वाजा सरा के आगे बीरबल कुछ नहीं है।
ख्वाजा साहब अचकन-पगड़ी पहनकर दाढ़ी सहलाते हुए अकबर के पास पहुँचे और सिर झुकाकर बोले,  बीरबल बड़ा बुद्धिमान बनता है। आप भी उसकी लंबी-चौड़ी बातों के धोखे में आ जाते हैं। मैं चाहता हूँ कि आप मेरे तीन सवालों के जवाब पूछकर उसके दिमाग की गहराई नाप लें। उस नकली अक्ल-बहादुर की कलई खुल जाएगी।
ख्वाजा के अनुरोध करने पर अकबर ने बीरबल को बुलाया और उनसे कहा,  बीरबल! परम ज्ञानी ख्वाजा साहब तुमसे तीन प्रश्न पूछना चाहते हैं। क्या तुम उनके उत्तर दे सकोगे?
बीरबल बोले,  जहाँपनाह! ज़रूर दूँगा। खुशी से पूछें।
ख्वाजा साहब ने अपने तीनों सवाल लिखकर बादशाह को दे दिए।
अकबर ने बीरबल से ख्वाजा का पहला प्रश्न पूछा,  संसार का केंद्र कहाँ है?
बीरबल ने तुरंत ज़मीन पर अपनी छड़ी गाड़कर उत्तर दिया,  यही स्थान चारों ओर से दुनिया के बीचों-बीच पड़ता है। यदि ख्वाजा साहब को विश्वास न हो तो वे फ़ीते से सारी दुनिया को नापकर दिखा दें कि मेरी बात गलत है।
अकबर ने दूसरा प्रश्न किया,  आकाश में कितने तारे हैं?
बीरबल ने एक भेड़ मँगवाकर कहा,  इस भेड़ के शरीर में जितने बाल हैं, उतने ही तारे आसमान में हैं। ख्वाजा साहब को इसमें संदेह हो तो वे बालों को गिनकर तारों की संख्या से तुलना कर लें।
अब अकबर ने तीसरा सवाल किया,  संसार की आबादी कितनी है?
बीरबल ने कहा,  जहाँपनाह! संसार की आबादी पल-पल पर घटती-बढ़ती रहती है क्योंकि हर पल लोगों का मरना-जीना लगा ही रहता है। इसलिए यदि सभी लोगों को एक जगह इक_ा किया जाए तभी उनको गिनकर ठीक-ठीक संख्या बताई जा सकती है।
बादशाह तो बीरबल के उत्तरों से संतुष्ट हो गया लेकिन ख्वाजा साहब नाक-भौंह सिकोड़कर बोले,  ऐसे गोलमोल जवाबों से काम नहीं चलेगा जनाब!
बीरबल बोले,  ऐसे सवालों के ऐसे ही जवाब होते हैं। पहले मेरे जवाबों को गलत साबित कीजिए, तब आगे बढि़ए।
ख्वाजा साहब से फिर कुछ बोलते नहीं बना।

टूटी सड़क पर गंदगी के अंबार

वार्ड-8 ओल्ड रिहाड़ी का हाल-बेहाल
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

'स्वच्छ भारत' अभियान को मुंह चिढ़ाती नजर आता है वार्ड-8 ओल्ड रिहाड़ी की  केडी शर्मा लेन, जहां सड़क के किनारे ही कचरा पड़ा हुआ है तथा  सड़कें टूटी पड़ी हैं। जोगिंद्र शर्मा, विकास व जयराज आदि ने बताया कि यहां लेन-ड्रेन की समस्या सबसे प्रमुख है। सड़कें भी टूटी पड़ी हैं। स्ट्रीट लाइटें भी नहीं जलतीं जिस कारण दिन छिपने के बाद घरों से निकलने में परेशानी होती है। स्थानीय नागरिकों ने रोष जताते हुए कहा कि चुनाव में भारी मतों से चुने गए जनप्रतिनिधि भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं तथा अन्य राजनैतिक दल भी इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं द रहे हैं। इसी वजह से जम्मू नगर निगम और संबंधित विभाग भी यहां की सुध नहीं ले रहे हैं और यहां के निवासियों को टैक्स-बिल आदि का भुगतान करने के बावजूद आवश्यक सेवाओं की प्राप्ति नहीं हो रही है। जोगिंद्र शर्मा ने बताया कि पेयजल के आने का कोई समय नहीं है जिस कारण मोहल्लावासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। विकास ने बताया कि अभी तो मौसम पूरी तरह से बदला भी नहीं है लेकिन यहां बिजली के अघोषित कट लगने प्रारंभ हो गए हैं जिससे परीक्षाओं के दिनों में विद्यार्थियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। जयराज ने बताया कि सड़क किनारे पड़ी गंदगी को कुत्ते पूरी सड़क पर बिखेर देते हैं जिससे राहगीरों को भी काफी परेशानी होती है। आशा है संबंधित विभाग इस ओर जल्द कार्रवाई करेंगे।

कहां लुप्त हो गई है लोगों की संवेदना : वेद राही

वेद राही

प्रख्यात साहित्यकार, डोगरी लेखक एवं फिल्म-धारावाहिक निर्देशक वेद राही समाज की वर्तमान स्थिति को देख बेहद व्यथित होकर कहते हैं कि आज लोगों की संवेदना कहां लुप्त हो गई है? प्रत्येक गुजरते दिन के साथ लोग संवेदनहीन क्यों होते जा रहे हैं? ऐसा लगता है मानो पूरा समाज ही संवेदनहीन हो गया है।
डुग्गर भूमि के बहूमूल्य रत्नों में से एक वेद राही का जन्म 22 मई 1933 को जम्मू-कश्मीर में पत्रकारिता के जनक श्री मुल्खराज सर्राफ एवं श्रीमति ज्ञान देवी के यहां हुआ। परिवार में साहित्यिक एवं पत्रकारिता का वातावरण होने के कारण अल्प आयु से ही उनका रूझान लेखन की ओर हो गया।
डोगरी, हिन्दी एवं उर्दू के सशक्त हस्ताक्षर राही ने 1955 से 1958 तक ऑल इंडिया रेडियों में कार्य किया। १९५८ से १९६१ तक उन्होंने जम्मू-कश्मीर सरकार के सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका योजना के संपादक का कार्यभार संभाला। उन्होंने प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक एवं लेखक रामानंद सागर के सहायक के रूप में भी कई वर्ष तक कार्य किया। वह 2000-02 में फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य रहे। वर्ष 2006-08 में वह फिल्म राईटर्स एसोसिएशन के मानद महासचिव भी रहे।
वेद राही को अपनी मातृ भाषा डोगरी से अपार स्नेह है। पिछले कुछ वर्षों से तो वह सिर्फ डोगरी में ही लिख रहे हैं। अपनी अनवरत जारी साहित्य साधना में वेद राही ने बहुत-सी कृतियों का सृजन किया हैं। उनके द्वारा रचित एवं प्रकाशित पुस्तकों की एक लंबी श्रृंख्ला है। उन्होंने अपने रचनात्मक लेखन से साहित्य में विशिष्ट योगदान दिया है।
उनके डोगरी में तीन लघु कथा संग्रह-काले हाथ (1958),आले (1982) एवं क्रास फाइरिंग (2002), डोगरी में सात उपन्यास- हद, बेदी ते पटट्न (1960),दर्दद(1972), त्रुटी दी डोर(1978),गर्भजोन(1992), लाल देद(2007), मंसूर ते शकिला दी दास्तां-ए-इश्क(2011) एवं अंनत(2015), दो काव्य संग्रह- चुप्प रहिए प्रार्थना कर(2003) एवं बट्टोतार(2014), नाटय कथा- धरां दे अथरू (1959),  निबंध संग्रह सोच (2012), आत्मकथा- कृष्णा कुमारी (2011), साहित्य अकादमी के लिए- डोगरी दी नमींयां कहानियां (1996), वेद पाल दीप-जीवन, साहित्य में योगदान एवं कार्य (2005) एवं दीनू भाई पंत की कविताएं (2006) प्रकाशित हो चुके हैं।
वर्ष २००८ के अमरनाथ भूमि आंदोलन पर आधारित राही की नयी कृति 'अनंत' उनके पूर्व लेखन से एकदम भिन्न है। इस उपन्यास से पूर्व आज तक किसी लेखक ने जम्मू संभाग से गत ६ दशकों से हो रहे भेदभाव को लेकर इतनी मुखरता एवं निडरता से नहीं लिखा है। लेखक ने अपनी साहित्य साधना में पहली बार किसी राजनैतिक मुद्दे पर अपनी लेखनी चलाई है।
वेद राही ने हिन्दी में तीन लघु कथा संग्रह-सीमा के पत्थर (1962), टुटे वृक्ष, नई पौध (1965) एवं दरार (1971) तथा दो उपन्यास-अंधी सुरंग (1998) एवं लाल देद (2008) का सृजन किया है।
उन्होंने उर्दू भाषा में एक लघु कथा संग्रह कब लौटेंगे लोग (1993), दो उपन्यास- अंधी सुरंग (2005) एवं लाल देद (2010), एक काव्य संग्रह- शरूर -ओ-जुनून (1961), एक आलोचनात्मक संकलन- जगदीयां ज्योतां (1957) एवं एक नाटय पटकथा- रात और तूफान (1957) का सृजन किया।
उन्होंने जब फिल्मी दुनिया की ओर रूख किया तो वहां भी अपना एक अलग मुकाम बनाया। उन्होंने दरार (1972),प्रेम पर्वत (1973), काली घटा (1981), नादानियां (1983) एवं वीर सावरकर (2002) जैसी फिल्मों का लेखन एवं निर्देशन किया। उन्होंने पवित्र पापी, पराया धन, यह रात फिर ना आएगी, पहचान, बेञईमान, सन्यासी, आप आए बहार आई, आप बीती, कहीं दिन कहीं रात, कठपुतली, ऊंचे लोग, चरस, मोम की गुडिय़ा जैसी बहुत-सी फिल्मों का पटकथा लेखन भी किया है। राही ने दर्जनों लघु एवं डाक्यूमेंटरी फिल्मों एवं टीवी सिरियलों का लेखन एवं निर्देशन भी किया है।
एक साक्षात्कार में वरिष्ठ साहित्यकार ने कहा कि लोगों को अपने इतिहास के बारे में मालूम होना चाहिए। अपने नये डोगरी उपन्यास 'अनंत' की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यह उपन्यास मैने मुंबई में बैठ कर लिखा है। मुझे इस उपन्यास को लिखने की प्रेरणा श्री अमरनाथ भूमि आंदोलन के दौरान 23 जुलाई 2008 को आत्महत्या करने वाले कुलदीप कुमार वर्मा से मिली। मैंने अनंत में कुलदीप के जज्बे की कहानी लिखी की है।उन्होंने कहा कि डुग्गर भूमि में राणा दलपत, बुआ भागा जैसे अनेक व्यक्तित्व हुए जिन्होंने अपने राज्य और आम जनता के लिए अपने प्राणों का सहर्ष बलिदान कर दिया। जब वे लोग स्वयं का बलिदान कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं कर सकते? हम क्यों नहीं अपनी संतानों के लिए ऐसे उदाहरण प्रस्तुत कर सकते? मैं चाहता हूं कि आज के युवा अपनी विरासत को सहेज कर रखे।
अपनी भविष्य की गतिविधियों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वह अपने बड़े भाई प्रसिद्ध पत्रकार एवं डुग्गर प्रदेश के प्रथम समाचार पत्र रणबीर के संपादक 94 वर्षीय ओम प्रकाश सर्राफ के जीवन एवं कार्यों पर एक डाक्यूमेंटरी का निर्माण कर रहे हैं।
वेद राही ने कहा कि डोगरी का भविष्य काफी उज्जवल दिखाई दे रहा है। कई अच्छे लेखक उभर कर सामने आ रहे हैं। डोगरी काव्य में भी नये रूझान आ रहे हैं। इन लेखकों का कार्य देखकर लगता है कि डोगरी आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि रास्ता सही होना चाहिए मंजिल मिल ही जाती है।

मुख्यमंत्री महबूबा के लिए प्रतिष्ठा की जंग

कश्मीर में उपचुनाव 

मोदी और आरएसएस का मुद्दा हावी

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के कारण श्रीनगर और अनंतनाग उपचुनाव मुख्यमंत्री के लिए प्रतिष्ठा की जंग में तब्दील हो चुका है। दोनों सीटों पर पीडीपी को भारी विरोध भी झेलना पड़ रहा है। आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान महबूबा ने केंद्र सरकार के फैसलों और सुरक्षा बलों की कार्रवाई का खुलकर समर्थन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की डॉक्ट्रीन पर काम करने का आरोप भी लगाया। उमर ने इस बार भी योगी की ताजपोशी पर महबूबा पर तंज भी कसा। उमर ने ट्वीट कर महबूबा पर कटाक्ष करते हुए मित्र योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी की बधाई देते हुए उनके मुस्लिम विरोधी बयानों की भी याद दिलाई।
कश्मीर में लोकसभा की दो सीटों पर उपचुनाव में भाजपा का अब तक कोई प्रत्याशी नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस ही मुख्य चुनाव मुद्दा बन रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर आरएसएस के एजेंडे पर काम करने का आरोप मढ़ा है। उन्होंने कहा कि पीडीपी और भाजपा में कोई फर्क नहीं है।  मंहत योगी आदित्यनाथ की कट्टर हिन्दूवादी छवि के चलते जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शपथ ग्रहण समारोह से किनारा कर लिया।
भाजपा के निमंत्रण पर महबूबा ने समारोह में शिरकत के लिए लखनऊ जाने की तैयारी कर ली थी लेकिन रवाना होने से ऐन पहले फैसला बदल दिया। श्रीनगर और अनंतनाग के लोकसभा उपचुनाव में विपक्ष के हमले से बचने के लिए महबूबा ने लखनऊ नहीं जाने का फैसला अंतिम क्षणों में लिया।
कश्मीर घाटी में लोकसभा की दो सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में नेशनल कांफ्रेंस ने महबूबा पर आरएसएस के एजेंट के रूप में काम करने को मुद्दा बनाया है। योगी के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत को विपक्ष चुनावी मुद्दा बना सकता था।
उत्तर प्रदेश में शानदार जीत के बाद भाजपा ने योगी के शपथ ग्रहण समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए सहयोगी दलों के मुख्यमंत्रियों को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडु ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के समारोह में शामिल होने के बारे में एक दिन पहले एलान भी किया।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम में शिरकत करने मुबंई गईं थीं। भाजपा के निमंत्रण के बाद वे शनिवार की शाम मुंबई से दिल्ली पहुंच गईं। लेकिन विपक्ष के सियासी हमले की आशंका के मद्देनजर एन वक्त पर फैसला बदल श्रीनगर का रूख कर लिया। मुख्यमंत्री रविवार को दिन के ढाई बजे लखनऊ के बजाए श्रीनगर पहुंच गईं।

अतिथि नियंत्रण कदम सामाजिक सुधार की दिशा में: जुल्फिकार

अतिथि नियंत्रण सामाजिक सुधार की दिशा में कदम: जुल्फिकार अली

चौधरी जुल्फिकार अली
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू ।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता मामलों (एफसीएस और सीए) के मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली ने रविवार को कहा कि 'अतिथि नियंत्रण' कदम सामाजिक सुधार की दिशा में एक कदम है।
विभिन्न सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ एक वार्ता सत्र में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि सभी वर्गो के लोग उन्हें विभिन्न सामाजिक कार्यों, विशेष रूप से विवाह समारोहों पर किए गए अत्यधिक व्यय के खतरे से अवगत करा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि कई बार ऐसा हुआ है कि जब अपने बच्चों के विवाह कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए कुछ वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए कुछ लोग उनके पास आए। उन्होंने कहा कि विवाह परिवार में खुशी लाने के लिए होते हैं, न कि माता-पिता को नींद उड़ाने के लिए।  उन्होंने कहा कि 'सामाजिक मजबूरी के कारण अधिकतर परिवार षादी विवाह पर अपने जीवन की सारी बचत खर्च करने के लिए मजबूर हो जाते है। उन्होंने कहा कि अभिजात वर्ग से मेल खाने के लिए दौड़ में परेषान पीडि़त आबादी के लिए 'अतिथि नियंत्रण' एक राहत है।  मंत्री ने आश्वासन दिया कि इससे 'इंस्पेक्टर राज' को बढ़ावा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि वास्तव में सरकार लोगों को साथ लेकर चलने के लिए उत्सुक है ताकि वे आदेश को सफल बनाने की जिम्मेदारी ले सकें।    मंत्री ने कहा कि लोग समझते हैं कि कानून और नियम उनके भलाई के लिए हैं और उन्हें परेषान नहीं करते हैं।  मंत्री ने कहा कि इसी तरह राज्य के लोगों को यह समझना होगा कि 'अतिथि नियंत्रण आदेश' उनके कल्याण के लिए की गईएक पहल है, और इसके कार्यान्वयन को सफल बनाना, एक बेहतर समाज बनाने में मदद करेगा। सिविल सोसायटी से समर्थन मांगते हुए, मंत्री ने कहा कि हम सभी को हमारे समाज से बुरे प्रचलन को रोकने के लिए मिलकर काम करना होगा।
सरकार के समर्थन का आश्वसन देते हुए मंत्री ने नागरिक समाज के नेताओं से लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिए एक सचेत प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जो लोग सरकार के आदेश का विरोध करने की कोशिश करते हैं, उनको कानून के अनुसार निपटा जाएगा।
अतिथि संख्या को कम करने के लिए विभिन्न बिरादरियों के नेताओं की मांग का जवाब देते हुए, मंत्री ने स्वीकार किया कि वह इस तथ्य को अच्छी तरह जानते हैं कि यह संख्या बहुत बड़ी है।  हालांकि, मंत्री ने कहा जब अंतिम रूप देते हुए खानपान व्यवसाय से लेकर बेंकोट हॉल मालिकों तक हर किसी के हितों का ध्यान रखा गया।
आदेश में आवश्यक होने पर परिवर्तन करने के लिए उन्होंने लोगों से प्रतिक्रिया मांगी। उन्होंने कहा कि यह क्रम विकासवादी चरण में है, और यदि दिए गए सुझाव वास्तविक दिखते हैं, तो निश्चित रूप से इसे बेहतर बनाने के क्रम में शामिल किया जाएगा।
इससे पहले विधायक राजेश गुप्ता ने आदेश लाने के लिए सरकार की भी सराहना की और कहा 'आदेश' समय की मांग है।
निदेशक एफसीएस व सीए जीएस चब, संयुक्त आयुक्त नगर निगम एमएस जमवाल, पूर्व सचिव एफसीएस व सीए के बी जंडियाल, संरक्षक महाजन सभा कौंसिल नगर जुगल महाजन, अध्यक्ष ग्रेटर जम्मू  सेंट्रल महाजन सभा एस पी लंगर, अध्यक्ष महाजन सभा त्रिकुटा नगर बाल कृष्ण गुप्ता, महासचिव एसएस जैन सभा रमन जैन, महासचिव महाजन सभा गांधी नगर पीसी गुप्ता इस अवसर पर भी उपस्थित थे।

पैंथर्स पार्टी ने की उपचुनाव बहिष्कार की घोषणा

प्रो. भीम सिंह
जम्मू।
 नेशनल पैंथर्स पार्टी ने कश्मीर में दो संसदीय सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के बहिष्कार की घोषणा की है। पार्टी संरक्षक प्रो. भीम सिंह ने सरकार पर उनके नेताओं की सुरक्षा वापस लेने का आरोप भी लगाया। सोमवार को श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में प्रो. सिंह ने कहा कि उनके पार्टी के नेता सैयद मसूद इंद्राबी, मंजूर अहमद नाईक, फारूक अहमद डार, शाह फियाज, हकीन आरिफ अली को वर्षो से सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन वर्तमान पीडीपी-भाजपा सरकार ने उनसे सुरक्षा वापस ले ली है। वर्ष 1996 में विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता मुहम्मद रमजान बांडे को आतंकियों की गोलियों का निशाना बनना पड़ा था। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले पार्टी ने उपचुनाव लडऩे का फैसला किया था। लेकिन गत रविवार को पीडीपी के सम्मेलन पर हमले के बाद उन्होंने चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा की है। उन्होंने अपने सभी कार्यकर्ताओं व समर्थकों से चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की।
प्रो. सिंह ने कहा कि सर्दियों में कश्मीर के साठ प्रतिशत मतदाता काम के सिलसिले में पड़ोसी राज्यों में होते हैं। यह मामला उन्होंने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के समक्ष भी रखा है। उन्होंने इस पर गौर करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय पूरी सरकार जम्मू में है। ऐसे में चुनाव का कोई भी औचित्य नहीं बनता। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पैंथर्स के साथ सौतेला व्यवहार करती है। वह नहीं चाहती कि उनकी पार्टी चुनाव लड़े। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार कश्मीर के दोनों सीटों पर धांधली करना चाहती है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी उसने ऐसा ही किया। इसीलिए उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगले सप्ताह पैंथर्स पार्टी संसद के बाहर प्रदर्शन कर जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष करेगी।

योगी आदित्‍यनाथ की सरकार के मंत्री

यूपी की नई कैबिनेट


दीपाक्षर टाइम्स संवादाता।
जम्मू।
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आई रीता बहुगुणा जोशी को माध्‍यमिक शिक्षा मंत्रालय
जबकि बसपा से भाजपा में आए स्‍वामी प्रसाद मौर्य को सहकारिता मंत्री बनाया।
उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ में मंत्रियों के बीच मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गृह मंत्रालय अपने पास रखते हुए योगी ने डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को पीडब्‍ल्‍यूडी विभाग का जिम्मा सौंपा है। दूसरे डिप्‍टी डॉ दिनेश शर्मा को संसदीय कार्य मंत्रालय का कार्यभार दिया गया है।
मंगलवार को दिल्‍ली गए योगी ने बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह, पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बुधवार दोपहर को विभागों का बंटवारा किया। यूपी की पूरी कैबिनेट ने योगी आदित्‍यनाथ समेत 19 मार्च को लखनऊ में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।


योगी आदित्‍यनाथ के कैबिनेट मंत्री:

योगी आदित्‍यनाथ, मुख्‍यमंत्री: गृह, आवास एवं शहरी विभाग, राजस्व खाद एवं रसद, नागरिक आपूर्ति विभाग व अन्‍य सभी मंत्रालय और विभाग जो किसी अन्‍य के पास नहीं।

केशव प्रसाद मौर्या, उप मुख्‍यमंत्री: लोक निर्माण विभाग, खाद्य प्रसंस्‍करण, मनोरंजन कर और पब्लिक एंटरप्राइजेज मंत्रालय

दिनेश शर्मा, उप मुख्‍यमंत्री: उच्‍च शिक्षा मंत्रालय

राजेश अग्रवाल: वित्‍त मंत्रालय

श्रीकांत शर्मा: ऊर्जा मंत्रालय

स्‍वामी प्रसाद मौर्या: श्रम एवं सेवा योजना, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्रालय

सूर्य प्रताप शाही: कृषि, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान मंत्रालय

जेपी सिंह: एक्‍साइज मंत्रालय

लक्ष्मी नारायण चौधरी: दुग्ध विकास, धमार्थ कार्य, संस्कृति मंत्रालय

एसपी सिंह बघेल: पशुधन मंत्रालय

आशुतोष टंडन: प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय

ब्रजेश पाठक: विधि एवं न्याय, अतिरिक्त उर्जा स्रोत, राजनैतिक पेंशन मंत्रालय

मुकुट बिहारी वर्मा: सहकारिता मंत्रालय

रमापति शास्त्री: समाज कल्याण मंत्रालय

सतीश महाना: औद्योगिक विकास मंत्रालय

सुरेश खन्ना: संसदीय कार्य, नगर विकास, शहरी समग्र विकास मंत्रालय

सिद्धार्थ नाथ सिंह: स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का अतिरिक्‍त प्रभार

चेतन चौहान: खेल मंत्रालय

रीता बहुगुणा जोशी: महिला कल्याण मंत्रालय

सत्यदेव पचौरी: खादी, ग्रामोद्योग, रेशम, वस्त्रोद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निर्यात मंत्रालय

जयप्रकाश सिंह: आबकारी, मद्यनिषेध मंत्रालय

दारा सिंह चौहान: वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान, उद्यान मंत्रालय

राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती सिंह): ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्रालय

नंदकुमार नंदी: स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन नागरिक उड्डयन मंत्रालय

ओमप्रकाश राजभर: पिछड़ा वर्ग कल्याण, विकलांग जन विकास मंत्रालय

 राज्य मंत्री

गुलाबो देवी: समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्रालय

अतुल गर्ग: खाद्य रसद, नागरिक आपूर्ति, किराया नियंत्रण, उपभोक्ता संरक्षण, बांट माप, खाद्य सुरक्षा एव औषधि प्रशासन मंत्रालय

मोहसिन रजा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, मुस्लिम वक्फ, हज मंत्रालय

अर्चना पांडे: खनन, आबकारी, मद्य निषेध मंत्रालय

रणवेंद्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह): कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान मंत्रालय

मन्नू कोरी: श्रम सेवा योजना मंत्रालय

जयप्रकाश निषाद: पशुधन एवं मत्स्य, राज्य संपत्ति, नगर भूमि मंत्रालय

नीलकंठ तिवारी: विधि न्याय, सूचना, खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय

जयकुमार सिंह जैकी: कारागार, लोक सेवा प्रबंधन मंत्रालय

संदीप सिंह: बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार):

भूपेंद्र सिंह चौधरी: पंचायती राज, लोक निर्माण मंत्रालय

धर्म सिंह सैनी: आयुष, अभाव सहायता एवं पुनर्वास मंत्रालय

सुरेश राणा: गन्ना विकास एवं चीनी मिलें, औद्योगिक विकास मंत्रालय

महेन्द्र सिंह: ग्रामीण विकास, समग्र ग्राम विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय

स्‍वाति सिंह: एनआरआई, बाढ़ नियंत्रण कृषि निर्यात, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्रालय

अनुपमा जायसवाल: बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार, राजस्व, वित्त मंत्रालय

उपेंद्र तिवारी: जल संपूर्ति, भूमि विकास एव जल संसाधन, परती भूमि विकास, वन एव पर्यावरण विभाग, जंतु उद्यान, सहकारिता मंत्रालय

अनिल राजभर: सैनिक कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण, होमगार्ड, प्रांतीय रक्षक दल, नागरिक सुरक्षा मंत्रालय

स्वतंत्र देव सिंह: परिवहन, प्रोटोकॉल, ऊर्जा मंत्रालय



बुधवार, मार्च 22, 2017

कश्मीर में राजनीतिक सरगर्मि

कश्मीर संसदीय उपचुनाव


प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर 

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 

कश्मीर की श्रीनगर व अनंतनाग संसदीय सीटों के लिए नौ व 12 अप्रैल को होने जा रहे उपचुनाव के लिए प्रशासनिक तैयारियों जोर पकड़ गई हैं। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के साथ जिला चुनाव अधिकारियों ने अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर कई दिशा-निर्देश किए।
कश्मीर के सात जिलों में इस समय जिला प्रशासन चुनाव को निष्पक्ष बनाने की तैयारियों में जुटा है। प्रचार में तेजी के चलते आचार संहिता को प्रभावी बनाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। सोमवार को गांदरबल के जिला चुनाव अधिकारी डिप्टी कमिश्नर तारिक हुसैन गनई, अनंतनाग के जिला चुनाव अधिकारी डॉ. सईद आबिद, रशीद शाह, कुलगाम के जिला चुनाव अधिकारी शौकत एजाज भट्ट ने चुनाव का जिम्मा संभालने वाले अपने अपने जिलों के अधिकारियों के साथ बैठकें की। अधिकारियों को निर्देश दिए कि चुनावी तैयारियां करते हुए भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जाए। नोडल अधिकारी चुनाव आचार संहिता को प्रभावी बनाकर चुनाव को पारदर्शी बनाने की दिशा में कार्य करें। इस दौरान चुनाव की सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर भी चर्चा हुई। बैठक में जोर दिया गया कि जिलों में बनाए गए मतदान केंद्रों में वोट डालने वालों के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध रहे। दोनों संसदीय सीटों के लिए 27 लाख मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। वहीं, जम्मू, ऊधमपुर व दिल्ली में बनाए गए मतदान केंद्रों में 73,000 कश्मीर पंडित विस्थापित भी वोट डालेंगे। उपचुनाव का फैसला 15 अप्रैल को होगा।
गौरतलब है कि इस समय दोनों संसदीय सीटों को लेकर कश्मीर में राजनीतिक सरगर्मियां जारी हैं। श्रीनगर संसदीय सीट के लिए अधिसूचना 14 मार्च को व अनंतनाग संसदीय सीट केलिए अधिसूचना 17 मार्च को जारी हुई थी।

सोमवार, मार्च 20, 2017

रोहिंग्याओं के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी


 'अमरनाथ आंदोलन' की तर्ज पर रोहिंग्याओं के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी 

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।  
रोहिंग्याओं के खिलाफ जम्मू में बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है। वर्ष 2008 के अमरनाथ भूमि आंदोलन की तर्ज पर रोहिंग्याओं को रियासत की सीमा से बाहर करने के लिए आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है। इसके लिए विभिन्न राजनीतिक दलों, हिंदुवादी संगठनों से लेकर जागरूक नागरिकों को एक प्लेटफार्म पर लाने की कोशिशों का मकसद मुद्दे पर सरकार को घेरना है।
सूत्रों का कहना है कि अगले 10-15 दिनों में रोहिंग्याओं के खिलाफ आंदोलन के लिए एक प्लेटफार्म तय हो जाएगा। संयुक्त बैनर के तहत ही व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। जनांदोलन के लिए दिल्ली से लेकर रियासत तक प्रयास किए जा रहे हैं। संघ के इंद्रेश कुमार के साथ ही भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी और एनएसए अजीत डोभाल से इस मुद्दे पर बात कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
पीएमओ राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ ही रियासती सरकार के मंत्रियों को भी इस मुद्दे पर साथ लाने की कोशिशें हो रही हैं। हाईकोर्ट में भी रोहिंग्याओं केे खिलाफ पीआईएल दाखिल की गई है। हालांकि अभी इसमें सरकार का पक्ष नहीं आया है। इस बीच 23 रोहिंग्याओं ने भी याचिका दायर कर उन्हें सुनने की अपील की है।
आंदोलन को मूर्त रूप देने में जुटे जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के वकील अंकुर शर्मा का कहना है कि जागरूकता के लिए कई बैठकें की जा चुकी हैं।
जम्मू के साथ ही कठुआ में भी लोगों को लामबंद किया जा रहा है। लोग अब यह समझने लगे हैं कि रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी मुस्लिम रियासत की डेमोग्राफी के लिए खतरा हैं।
राज्य विधानसभा में पेश सरकारी आंकड़ों के अनुसार 5743 रोहिंग्या जम्मू और सांबा इलाके में रहते हैं। नरवाल बाला, गोल मस्जिद और बाड़ी ब्राह्मणा रेलवे स्टेशन के पास चल रहे तीन मदरसों से इनकी मदद की जाती है। इनमें 24 शिक्षक कार्यरत हैं जिनमें स्थानीय और म्यांमार के भी हैं। रियासत में 38 रोहिंग्याओं के खिलाफ 18 प्राथमिकी दर्ज है।
शेखावत, एसआर इंस्टीट्यूट आफ डेवलपमेंट, दाजी और सेव द चिल्ड्रेन आदि सामाजिक संस्थाओं की ओर से इनकी आर्थिक तथा सामाजिक तौर पर मदद की जाती है। ज्ञात हो कि भाजपा विधायक सत शर्मा और राजेश गुप्ता विधानसभा में मुद्दा उछाल चुके हैं। पैंथर्स पार्टी की ओर से डोगरा सम्मान की रक्षा के लिए रोहिंग्याओं को निकालने संबंधी पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं। हिंदुवादी संगठन विहिप, शिवसेना तथा व्यापारिक संगठन चैंबर आफ कामर्स भी मामले पर आपत्ति जता चुके हैं।
रोहिंग्याओं के खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस खतरे के प्रति आगाह किए जाने के बाद राज्य सरकार ने रोहिंग्याओं का डाटाबेस तैयार करना शुरू किया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस तथा प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को इनका सर्वे करने को कहा गया है। इनकी दैनिक गतिविधियों की रिपोर्ट मांगी गई है।
आपराधिक पृष्ठभूमि, किसी मामले में मुकदमा या सजा हुई हो तो उसका ब्योरा भी देने को कहा गया है। यह भी ब्योरा जुटाने को कहा गया है कि इनके पास कोई वैधानिक दस्तावेज तो नहीं है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने पहले ही कह चुके है कि रोहिंग्या को बसाने के लिए कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस जिम्मेदार है। इन दलों की एक अनुषंगी (फ्रिंज) पार्टी भी इस मामले में बराबर की दोषी है। उनका इशारा पैंथर्स पार्टी की ओर था। उन्होंने कहा कि इस पूरे मसले की जांच होनी चाहिए।
आज जो लोग यह पूछ रहे हैं कि किस बात की जांच होनी चाहिए, दरअसल वही लोग रोहिंग्या मामले के लिए जिम्मेदार रहे हैं। डा. सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रियासत में कांग्रेस 2002 से 2014 तक सत्ता में रही है। नेशनल कांफ्रेंस 2008 से 2014 तक सत्ता पर काबिज रही। जम्मू की एक फ्रिंज पार्टी 2002 के बाद से मंत्रिमंडल में रही और 2008 से 2014 तक मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का इंतजार करती रही। विदेशियों के बसाने की प्रक्रिया इन्हीं पार्टियों द्वारा पूरी की गई।
यह वोट बैंक राजनीति के तहत हुआ। सत्ता से बाहर होने के बाद यही दल डेमोग्राफी की बात करने लगे हैं जो डेमोग्राफी बिगाडऩे के जिम्मेदार रहे हैं। डा. सिंह ने कहा कि ऐसे दलों की सियासत का पर्दाफाश हो गया है। रोहिंग्या मसले पर कैसा षड्यंत्र हुआ और उन्हें किसने बसाया, इस बात की जांच होनी चाहिए।

सत्तासीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज

उपचुनाव को लेकर चढ़ा सियासी पारा

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता 
श्रीनगर। 
कश्मीर में दो संसदीय सीटों के लिए उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। शुक्रवार को नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने केंद्रीय चुनाव आयोग में राज्य में सत्तासीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई है।
नेशनल कांफ्रेंस ने यह शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसई) में कुछ हाईप्रोफाइल नियुक्तियों के निर्देश जारी किए जाने पर की है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने शुक्रवार को ही रियासत में सार्वजनिक क्षेत्र के 16 उपक्रमों व संगठनों में उपाध्यक्ष नियुक्त किए हैं। अधिकांश का संबंध पीडीपी और भाजपा से हैं। नेशनल कांफ्रेंस की कश्मीर इकाई के प्रांतीय प्रधान नासिर असलम वानी ने केंद्रीय चुनाव आयोग में राज्य सरकार के खिलाफ शिकायत की पुष्टि करते हुए कहा कि श्रीनगर और अनंतनाग लोकसभा संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव का एलान होने के बाद राज्य सरकार ने चुनावी समीकरणों के आधार पर ही पीएसई में नियुक्तियों का फैसला किया है। यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है। वानी ने कहा कि चुनाव आयोग को इस पूरे मामले में दखल देते हुए रियासत में आदर्श चुनाव आचार संहिता का पालन यकीनी बनाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की आलोचना करते हुए कहा कि वह तो कश्मीरी नौजवानों के जख्मों पर नमक छिड़क रही हैं। एक तरफ उन्होंने नौजवानों को रोजगार का वादा किया है और दूसरी तरफ वह चुनाव हारे हुए अपने चहेतों को सत्ताधारी गठबंधन से जुड़े लोगों को मोटी-मोटी तनख्वाह पर उच्च पदों पर नियुक्त कर रही हैं। पहले ही हमारी रियासत में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आर्थिक रुप से कमजोर हैं, लगभग सभी घाटे में चल रहे हैं, कर्मियों को तनख्वाह समय पर नहीं मिलती।
इनकी हालत सुधारने के बजाय अब वह सियासी फायदे के लिए अपने चहेतों को इनमें नियुक्त कर रही हैं। यह लोगों के साथ विशेषकर रियासत के नौजवानों के साथ बेहूदा मजाक है। सत्ताधारी गठबंधन को पता है कि लोग अब उन्हें सबक सिखाने के लिए तैयार बैठे हैं, इसलिए वह अब अपनी साख बचाने के लिए हर हथकंडे इस्तेमाल कर रहा है।

प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 50 लाख रू, 22 करोड़ रुपये अतिरिक्त जारी करने की घोषणा

डीडीबी जम्मू बैठक आयोजित, 690 करोड़ रु का कैपिटल सिटी प्लान, 212 करोड़ रु का जिला सेक्टर प्लान स्वीकृत

महबूबा मुफ्ती


मुख्यमंत्री जिला के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए 50 लाख रू, 22 करोड़ रुपये अतिरिक्त जारी करने की घोषणा की


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जम्मू और श्रीनगर के पूंजीगत शहरों के विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
जम्मू जिले की जिला विकास बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने दोनों शहरों के लिए कैपिटल सिटी प्लान तैयार करके जिला प्रशासन से इन बड़े शहरों में विकास प्रक्रिया को अलग करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह, सुनिश्चित करेगा कि इन दो शहरों में विकास ढांचा स्थैतिक नहीं रहेगा और कार्यों की प्रगति को नवीनीकृत गति प्राप्त होगी।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि  जम्मू और श्रीनगर, राजधानी शहर होने चलते नागरिक सुविधाओं की बढ़ती मांगों के अतिरिक्त काफी अस्थायी आबादी का भार उठाना पड़ता है और नियोजन प्रक्रिया में इन घटकों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
निष्पादन एजेंसियों से परियोजना के पूरा होने की समय सीमा का पूरी तरह से पालन करने को कहते हुए महबूबा मुफ्ती ने आशा व्यक्त की कि निष्पादन के तहत परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा समय सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जिले में आगामी ग्रीष्मकाल और सिंचाई के मौसम को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त पंपों और लिफ्ट मोटर्स को तैयार करने निर्देश दिया। उन्होंने विधायकों को स्थानीय युवाओं को स्व-सहायता समूह बनाने में प्रोत्साहित करने की सलाह दी, जो सरकार की परियोजना के निष्पादन में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल विकास की प्रक्रिया में स्थानीय समुदाय को शामिल करेगा बल्कि कई बेरोजगार युवाओं के लिए आजीविका के साधन भी प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से नव निर्मित  जम्मू-उधमपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पैच पर एनएचएआई को अधिक सड़क सुविधाओं और एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन प्रतिक्रिया उपकरण उपलब्ध कराने तथा सड़क चौड़ा करने के कारण प्रभावित नंदनी के विक्रेताओं के पुनर्वास का मुद््दा उठाने को कहा। उन्होंने जहां सभी स्कूल की इमारतों की सुरक्षा लेखा परीक्षा के अलावा  यहां स्कूलों में उर्दू जानने वाले शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया।
महबूबा मुफ्ती ने मुबारक मंडी को राज्य के एक महत्वपूर्ण पर्यटक और सांस्कृतिक संपत्ति बताते हुए विरासत परियोजना पर काम मे तेजी लाने का निर्देशन किया। उन्होंने परियोजना पर काम की धीमी रफ्तार पर चिंता व्यक्त की और परियोजना स्थल पर तुरंत भूनिर्माण का निर्देशन किया। उन्होंने परिसर के पास पार्किंग स्लॉट के संचालन करने का निर्देश दिया ताकि विरासत परिसर के अंदर वाहन न आए। उन्होंने रघुनाथ मंदिर और आसपास के क्षेत्रों के संरक्षण और संभारने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री, जो योजना एवं विकास विभाग के प्रभारी हैं, ने जिले में चालू वित्त वर्ष की देनदारियों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 22 करोड़ रूपए जारी करने की घोषणा की। उन्होंने तवी सौंदर्यीकरण परियोजना पर काम करने के लिए एक करोड़ रुपये और आर एस पुरा क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये जारी करने की भी घोषणा की। उन्होंने जिला में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में सिविल काम करने के लिए तुरंत 50 लाख रूपये जारी करेन की भी घोशणा की।
बैठक को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार ने निष्पादन एजेंसियों के लिए परियोजना को समय सीमा को पूरा करने के लिए अनिवार्य कर दिया है और परिणामस्वरूप कई लंबित परियोजनाओं को ट्रैक पर रखा गया है। उपमुख्यमंत्री ने मुबारक मंडी विरासत परियोजना को जम्मू शहर की परंपरा और संस्कृति के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
अपने संबोधन में, वित्त मंत्री डा हसीब ए द्राबू ने जम्मू और श्रीनगर शहरों के लिए राजधानी शहर योजना को अपनाने का उल्लेख करते हुए इसे एक वृद्धिशील की बजाय एक प्रणालीगत परिवर्तन के रूप बताया।  उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इन शहरों की विकास प्रक्रिया को नए सिरे से गति मिलेगी।
 उन्होंने कहा कि अगले चरण में शेष जिलों के लिए क्षेत्र विशिष्ट आवश्यकताओं और जरूरतों के आधार पर आवंटन एक विशेषज्ञ समूह द्वारा किया जाएगा।
बाद में, बोर्ड ने जम्मू कैपिटल सिटी प्लान के लिए 690 करोड़ रु और जिला क्षेत्र की योजना के तहत 212 करोड़ रूपए का परिव्यय अनुमोदित किया। 
 स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बाली भगत; पीएचई, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री श्याम चौधरी;  पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री, प्रिया सेठी; विभिन्न बोर्डों के उप चेरमैनों के अलावा विधायक सत शर्मा, चौधरी सुखानंदन, देविंदर सिंह राणा, राजेश गुप्ता, डॉ गगन भगत, कमल अरोड़ा, राजीव शर्मा, देविंदर मन्याल, डॉ कृष्ण लाल, अशोक खजुरिया, रमेश अरोड़ा, चरणजीत सिंह खालसा और मास्टर नूर हुसैन बैठक में उपस्थित थे। मुख्य सचिव, बी आर शर्मा, वित्तीय आयुक्त, योजना एवं विकास और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव बी बी व्यास, कई विभागों के प्रशासनिक प्रमुख, मंडलायुक्त जम्मू पवन कोतवाल, जम्मू जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी बैठक में भी उपस्थित थे।

प्रीतम सिंह के नान

प्रीतम सिंह


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

शहर में हर जगह आपको नान की रेहडिय़ां मिल जाएंगी, लेकिन सरवाल चौक पर अस्तपाल के गेट के पास पंचमुखी हनुमान मंदिर पर मिलने वाले नान की बात की कुछ निराली है और यह उसके स्वाद की ही करामात है कि वहां हर समय भीड़ लगी रहती है और संडे के दिन तो दोपहर होने से पहले ही नान समाप्त भी हो जाते हैं।
इस नान के स्टाल के संचालक प्रीतम सिंह बताते हैं कि वे पिछले करीब 35 वर्षों से यहां नान बना रहे हैं।  उन्होंने बताया कि वे साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं तथा शुद्ध मसालों का ही इस्तेमाल करते हैं।
खाद्य सामग्री को ढककर रखते हैं तथा उतना ही माल बनाते हैं जो एक ही दिन में बिक जाए और बचने की गुंजाइश ही न रहे, इसलिए यहां बासी सामग्री मिलने का कोई सवाल ही नहीं।
इनके बनी चटनी,  चनों और राजमा को लोग उंगलियां चाट-चाटकर खाते हैं।

महबुबा सरकार का जम्मू वासियों को बैसाखी त्होफा


 विक्रम चौक लाईओवर का उद्घाटन 13 अप्रैल को होने की संभावना
  
दिपाक्षर टाइम्स संवादाता
 जम्मू।
जम्मू शहर विकास के क्रम में अगले माह एक और नया आयाम स्थापित करने की तैयारी में है। शहर के विक्रम चौक में निर्माणाधीन फलाई ओवर अप्रैल में खोलने की तैयारी चल रही है। इसी के मद्देनजर वीरवार को इक्नामिक रिकंस्ट्रशन एजेंसी (ईरा) के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने अधिकारियों के दल के साथ निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए कि शेष कार्यो को भी जल्द पूरा किया जाए।
ईरा के सीईओ विनोद शर्मा ने निर्माण स्थल पर पहुंच कर फलाईओवर के कार्यो का जायजा लिया। उन्होंने फलाई ओवर से संबंधित शेष कार्यो की भी समीक्षा की। निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए गए कि वह अप्रैल तक शेष कार्यो को पूरा करने में भी सक्रियता दिखाए। करीब 77 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे इस 1.3 किलोमीटर लंबे फलाई ओवर का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब फलाई ओवर की लाइटिंग, पेंटिंग समेत अंतिम चरण के अन्य कार्य शेष हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि बैसाखी या उसके आसपास फलाई ओवर का उद्घाटन कर दिया जाएगा। इस पर वाहनों को छोडऩे के बाद ही इसके नीचे बचे कार्यो को पूरा किया जाएगा।
इसमें कला केंद्र के सामने निर्माणाधीन सब-वे भी शामिल है।

रविवार, मार्च 19, 2017

भारतीय विद्या मंदिर में जमकर उड़ा रंग-गुलाल

'पहल' द्वारा आयोजित होली मिलन




भारतीय विद्या मंदिर, बाल निकेतन और बालिका निकेतन वेद मंदिर अंबफला के
बच्चों ने 'पहल' परिवार के साथ मचाया रंगों के साथ धमाल

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
सामाजिक संस्था 'पहल' ने भारतीय विद्या मंदिर अंबफला (वेद मंदिर परिसर) जम्मू में उनके बच्चों, बाल निकेतन और बालिका निकेतन वेद मंदिर के बच्चों के साथ होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस होली मिलन में करीब 200 बच्चों ने जमकर रंग-गुलाल उड़ाया और मस्ती की। बच्चे मस्ती में इतना सराबोर हो गए और उन्हें लगा कि वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ ही होली मना रहे हैं।
विश्वामित्र
 इस अवसर पर पहल परिवार के प्रधान विश्वामित्र ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और बताया कि 'पहल' संस्था पिछले दस वर्षों से इस तरह के सामाजिक आयोजन लगातार करती आ रही है और भविष्य में ऐसे आयोजन किए जाते रहेंगे।




सत शर्मा (सीए)
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के राज्य प्रधान और जम्मू पश्चिम के विधायक सत शर्मा (सीए) भी उपस्थित थे और उन्होंने पहल संस्था द्वारा किए गए इस प्रयास की भूरि-भूरि सराहना की और इस आयोजन के लिए उनका धन्यवाद किया।



चैंबर आफ कामर्स के नवनिर्वाचित पदाधिकारि

कार्यक्रम में चैंबर आफ कामर्स के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने भी भाग लिया, जिनका 'पहल' संस्था के चेयरमैन दीपक अग्रवाल और पहल के सदस्यों ने स्वागत किया।







दीपक अग्रवाल
 चेयरमैन ने संस्था की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों के साथ-साथ आपके सहयोग से इसी तरह के कार्यक्रम करते रहेंगे और उन्होंने इस मौके पर आने वाले समय में बुजुर्गों के बेह्ड़े के मुताल्लिक जानकारी दी और बताया कि इस तरह का बुजुर्गों के लिए बनाया गया ऐसा स्थान जम्मू-कश्मीर में अपनी तरह की 'पहल' की पहली पहल होगी।

राकेश गुप्ता
 चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के प्रधान राकेश गुप्ता ने भी अपने संभाषण में 'पहल' संस्था के इन प्रयासों की सराहना की और बताया कि पिछले कई कार्यक्रमों में वे खुद इसका हिस्सा बने हैं।







अनिल सूरी
जगदीश लंगर
इसके अलावा पहल परिवार ने 2017-19 के लिए चुनाव प्रधान अनिल सूरी व उनकी टीम जिसमें राजन गुप्ता, जगदीश लंगर और अश्विनी खुल्लर को भी चुनाव प्रक्रिया के सफल आयोजन के लिए सम्मानित किया।


होली मिलन कार्यक्रम में आए हुए बच्चों के लिए भोजन का भी आयोजन प्रसाद के रूप में किया गया।


कार्यक्रम के अंत में 'पहल' संस्था के महामंत्री जसबीर सिंह ने आए हुए मेहमानों और सब बच्चों का शुक्रिया अदा किया। 
होली मिलन के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पहल परिवार के राजेश अग्रवाल, सुधीर मित्तल, नीरू महाजन, रेखा अग्रवाल, रामपाल कपूर, सतीश मित्तल, बिपिन अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, विनय अग्रवाल, रमेश कपाही, जगदीश चौधरी और दीपक जैन ने उल्लेखनीय सहयोग दिया।


मोदी का 'न्यू इंडिया'

पांच राज्यों में विजय पर पीएम मोदी बोले 
      इस जीत ने रखी 'न्यू इंडिया' की नींव 
      सरकार को भेदभाव करने का हक नहीं


नई दिल्ली। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि लोकतंत्र में सरकार बहुमत से बनती है लेकिन चलती है सर्वमत से और इसलिए भाजपा सरकार बिना कोई भेदभाव किये, सबको साथ लेकर नये हिन्दुस्तान के निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। भाजपा मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इन पांच राज्यों विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम नये भारत की नींव के रूप में देखता हूं। नया भारत 65 प्रतिशत युवाओं के सपनों का भारत है, यह नया इंडिया अभूतपूर्व रूप से जागरूक महिलाओं के सपनों का नया भारत है। यह एक ऐसा नया भारत है जो कुछ पाने की बजाए कुछ करने और अवसर का उपयोग करने की इच्छा रखता है।
उत्तरप्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में लोगों से किये वादे पूरा करने का आश्वासन देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार बहुमत से बनती है लेकिन चलती है सर्वमत से। इसलिए भाजपा की सरकार उनकी भी है जिन्होंने वोट दिया और उनकी भी है जो सामने खड़े थे। सरकार को भेदभाव करने का हक नहीं होता है। भाजपा इसे कभी स्वीकार भी नहीं करती है।
वोट दिया, नहीं दिया।। ये बातें चुनाव नतीजों तक ठीक है लेकिन उसके बाद नहीं।
मोदी ने कहा कि सरकार सबकी होती है, सबके लिए होती है और सभी को साथ लेकर चलने के लिए होती है। 'हमें जितना अवसर मिला है, उसे न्यू इंडिया बनाने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।' उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों को साथ लेकर 2022 तक न्यू इंडिया बनाने के संकल्प लेकर बढ़ रहे हैं। मैं चुनाव (2019 के लोकसभा चुनाव) के हिसाब से नहीं चलता हूं। मेरे दिमाग में सवा सौ करोड़ लोगों का कल्याण है और इसलिए 2022 तक देश के सपनों को साकार करने के लिए, विकास के आंदोलन में सभी लोगों को जोडऩे के संकल्प के साथ आगे बढऩे को प्रत्यनशील हैं।
उन्होंने कहा कि भावनात्मक मुद्दों के अलग हटकर विकास चुनाव में कठिन मुद्दा होता है। विकास का मुद्दा चुनाव में बहुत मुश्किल मुद्दा होता है। सब राजनीतिक दल इस विकास के मुद्दे को आगे लेकर चलने में कतराते हैं और कभी इसे लेकर चले भी तो इसे सरसरी तौर पर इसका जिक्र किया। इस बार चुनाव में भावनात्मक मुद्दा नहीं होने के बावजूद इतने बड़े पैमाने पर मतदान होना और इतनी बड़ी जीत में मुझे नये हिन्दुस्तान के दर्शन हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इन पांच राज्यों विशेष तौर पर उत्तरप्रदेश के परिणाम को नये हिन्दुस्तान की नई नींव के रूप में देखता हूं जो भारत को दिशा, ताकत और प्रेरणा देने का काम करेगा। मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव, सरकार बनाने का तो कार्य होता ही है लोकतंत्र में चुनाव लोक शिक्षा का भी माध्यम होता है। जिस प्रकार से चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ रहा है, उससे लोगों की इसमें सहभागिता और आस्था प्रदर्शित होती है।
पार्टी कार्यकर्ताओं से विनम्रता को संकल्प के रूप में लेने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि पेड़, पौधे हमें विजय के बारे में काफी कुछ सिखाते हैं। पेड़ कितना भी ऊंचा क्यों न हो लेकिन जब उसमें फल लगते हैं, तब वह झुक जाता है। भाजपा के वटवृक्ष पर विजय के रूप में फल लगा है, ऐसे में हमें सबसे अधिक नम्र बनने की जरूरत है। सत्ता पद की शोभा के लिए नहीं होता है बल्कि सेवा करने का अवसर होता है।
उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में कई लोग ऐसे जीत कर आए हैं जो एकदम नये हैं। टीवी, अवसरों में चर्चा में नहीं रहे हैं। लेकिन वे संकल्प के साथ काम करेंगे। कुछ सीखने की जरूरत होगी तब सीखेंगे।

शनिवार, मार्च 18, 2017

बिग जम्मू पराईड़ अवार्ड़


दीपाक्षर टाइम्स संवादाता
जम्मू।

"बिग जम्मू प्राईड़ अवार्ड़"
फलक चुना गया शहर का बैस्ट रेसट्राँ
हाल ही मे जम्मू मे बिग 92.7 fm द्वारा बिग प्राईड़ अवार्ड़ के बेस्ट रेसट्राँ का खुलासा किया गया।



"फलक - के॰सी रेज़िडैंसी" ने इस खीताब पर अपना कब्ज़ा जमाया।
डॉ एस॰ड़ी सिहं जँवाल, आई॰जी॰पी जम्मू ने यह खीताब आज फलक मे आयोजित कार्यक्रम मे के॰सी रेज़िडैंसी की प्रबंधक को सौंपा।

शनिवार, मार्च 11, 2017

50 वर्षों से मशहूर शाही पनीर

गगन बलगोत्रा

बलगोत्रा ढाबा

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता 

जम्मू। 

50 वर्षों पहले श्री रामदित्ता द्वारा स्थापित बलगोत्रा ढाबा की शाखा गुम्मट  में है और इसे उनके पुत्र मुरारी लाल व उनके बेटे गगन बलगोत्रा चलाते हैं। इनका शाही पनीर, राजमा-चावल, मलाई कोफ्ता, दाल मखनी विशेष मशहूर है। माता वैष्णोदेवी के दर्शन करने आने वाले बाहरी राज्यों के पर्यटक इनके लच्छे वाले परांठों के स्वाद के कारण स्थायी ग्राहक बन गए हैं और जब भी आते हैं तो यहीं भोजन करते हैं।
गगन बलगोत्रा बताते हैं कि इनके दादाजी ने बिक्रम चौक में 50 वर्ष पहले ढाबे की शुरुआत की थी। उन्होंने बताया कि यहां साफ-सफाई तथा गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है तथा रेट भी वाजिब रखे गए हैं जिस कारण पूरे दिन इनके यहां ग्राहकों की भीड़ रहती है। वहीं मुरारी लाल का कहना है कि वे पैसे के लिए क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करेंगे।

सड़क मंगल ग्रह की यॉ शिवालिकपुरा की

वाहन तो दूर, पैदल चलना भी दुश्वार
सड़क  की दुर्दशा

 वार्ड-37
गली नं. 1 शिवालिकपुरा
जानीपुर

रोज गिरकर चोटिल होते हैं दोपहिया वाहन चालक

पैदल चलने पर आ जाती है पैरों में मोच

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता

क्या इस चित्र को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह क्या है?
जी हां, यह किसी मंगल ग्रह या अंतरिक्ष की तस्वीर नहीं है और न ही यह किसी खदान की तस्वीर है।

 वास्तविकता यही है कि इस चित्र में दर्शाई गई सड़क को देखकर आप कह ही नहीं सकते कि यह किसी गांव-देहात या कस्बे की सड़क नहीं, बल्कि उस  जम्मू शहर की है, जिसे स्मार्ट सिटी घोषित कराने के लिए स्थानीय जनता, प्रशासन तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता जुटे हुए हैं।

एक ओर जहां पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास पथ पर लगातार बढ़ता हुआ आगे जा रहा है, वहीं जम्मू शहर का वार्ड नंबर 37 के तहत आने वाला शिवालिकपुरा की गली नंबर एक का  यह हाल है जिसे देखकर लगता है कि यहां के निवासी अभी शताब्दियों पहले जैसा जीवन व्यतीत करने को अभिशापित हैं, जहां सड़क जैसी मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं है।
सोनू
यहां की समस्याओं के बारे में बताते हुए स्थानीय निवासी सोनू कहते हैं कि सीवर डालने के लिए सड़कें तो उखाड़ दी गई लेकिन अब उन्हें बनवाने की कोई सुध नहीं ले रहा है। लोगों को हो रही परेशानी की चिंता किसी को नहीं है।
विनोद कुमार
वहीं विनोद कुमार ने बताया कि इन सड़कों पर आए दिन दुपहिया वाहन चालक अनियंत्रित होकर चोट खाते हैं और विभाग, प्रशासन और सरकार को कोसते हुए चले जाते हैं।

अमन और प्रवीण शर्मा ने बताया कि वार्ड 37 के शिवालिकपुरा की गली नंबर एक में सिर्फ सड़क ही नहीं, बल्कि अन्य समस्याएं भी हैं। उन्होंने स्ट्रीट लाइट न जलने की समस्या को मुख्य रूप से उठाते हुए कहा कि दिन ढलने के बाद तो इन सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। पानी आने का भी कोई समय निर्धारित नहीं है जिससे लोगों को पेयजल की काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

स्थानीय लोगों ने अपना रोष स्थानीय जन प्रतिनिधि पर जताया और कहा कि हमने चुनाव में उन्हें वोट देकर जिताया ताकि वे हमें समस्याओं से निजात दिला सकें, लेकिन अब हमारे चुने हुए प्रतिनिधि भी इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और मोहल्ला वासियों को भगवान भरोस ही छोड़ रखा है। उन्होंने बताया कि यहां कूड़ा उठाने वाला भी नियमित नहीं आता है जबकि वह पैसे हर घर से ले जाता है। 

उन्होंने भरोसा जताते हुए आशा जताई कि अब 'दीपाक्षर टाइम्स' ने हमारी सुध ली है तो शायद इसी के प्रयास से उन्हें समस्याओं से निजात मिल जाए।


प्रवीण शर्मा
अमन


 

शुक्रवार, मार्च 10, 2017

नेपाल बस दुर्घटना

24 की मौत, 41 घायल
 काठमांडू।
 नेपाल में एक बस हादसे में 24 लोगों की मौत की खबर है,जबकि हादसे में 41 घायल बताए गए हैं। हादसे का कारण बस के गहरी खाई में लुढ़क जाना बताया जा रहा है। हादसा जजारकोट जिले में हुआ है। घायलों का इलाज भी इस जिला के अस्पताल में चल रहा है।

बताया जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त बस खालंगा से खारा की ओर जा रही थी तभी बीच रास्ते में बस बोहरा गाम के धंगारेदंडा नामक जगह पर अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा लुढ़की। उस वक्त बस में 50 से ज्यादा सवार थे। पता चला है कि अभी भी कई लोगों की पहचान नहीं हो पाई है।

बुधवार, मार्च 08, 2017

जम्मू में जनता पार्कों का शुभारंभ

कविन्द्र, शाम लाल, प्रिया ने जम्मू में संयुक्त रूप से जनता पार्कों का शुभारंभ किया


जनता पार्क  में
कविन्द्र, शाम लाल, प्रिया व अऩ्य
 
जम्मू। जेएंडके विधानसभा के स्पीकर कविन्द्र गुप्ता ने पीएचई, सिंचाई एवं बाढ नियत्रंण मंत्री चौधरी शाम लाल एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रिया सेठी के साथ सोमवार को संयुक्त रूप से जम्मू शहर में सभी जनता पार्को के सौंदर्यीकरण के लिए मैगा अभियान का शुभारंभ किया। स्पीकर एवं मंत्रियों का राज्य को हरा भरा एवं साफ सुथरा वातावरण मुहैया करवाने के साथ बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए यह एक संयुक्त प्रयास है। उन्होंने आम जनता को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं का जायजा लिया तथा स्थानीय लोगों के साथ बातचीत कर सम्बंधित पार्कों के ऐतिहासिक विकास हेतु सरकार द्वारा किये जा रहे उपायों के बारे में लोगों से विचार भी मांगे।
समारोह को सम्बोधित करते हुए स्पीकर ने कहा कि पार्क हमारे लिए अधिक मूल्यवान है तथा इन्हें साफ सुथरा रखने के लिए हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि यह जनता से सम्बंधित स्थल एक कोशागार की तरह है तथा यहां पर युवा, परिवार एवं वृद्ध एक ही स्थल पर समय समय पर एकत्रित होते रहते है। उन्होंने कहा कि इन पार्कों में सभी किस्म की बुनियादी सुविधाएं जैसे लाईटिंग, सफाई व्यवस्था, कुडादान, बच्चों के लिए मनोरजंक स्थलों आदि का निर्माण करना शामिल है को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं में शारीरिक क्षमताएं बढ़ाने के अलावा खेलों के विस्तार के लिए मुख्य पार्को में बैटमिंटन, बास्केटवाल आदि के लिए कोर्टस भी विकसित किये जायेगे।
नई बस्ती के पार्क के निरीक्षण के दौरा स्पीकर एवं मंत्रियों ने पार्क की खस्ता हालत को देखते हुए सम्बंधितों को निर्देश दिये कि यथाशीघ्र यहां पर बुनियादी कार्यो को शुरू किया जाये।
स्पीकर ने प्रथम चरण में पुनर्बहाली प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 5 लाख रु अतिरिक्त विकसित सहायता भी उपलब्ध करवाने की घोशणा की।
पीएचई मंत्री ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि फलोरीकल्चर विभाग इन पार्को के बेहतर रखरखाव के लिए उनका विभाग पेयजल आपूर्ति जैसी सुविधाओं को भी यकीनी बनायेगा। उन्होंने कहा कि पार्को के विकास तथा लोगों को साफ सुथरा वातावरण मिलता है।
फ्लोरीकल्चर राज्य मंत्री ने सम्बंधित कर्मचारियों को निर्देश देते हुए जमीनी स्तर पर कार्यप्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए इन पार्को की देखरेख के लिए लगाये गये स्टाफ की नियमित हाजरी को यकीनी बनाने के लिए कहा। उन्होंने घोशणा की कि मुख्य पार्को में म्यूजिक फब्बारों की स्थापना की जायेगी तथा नये रास्तों का भी निर्माण किया जायेगा। उन्होंने बड़े पैमाने पर सम्बंधित पार्को को हरा भरा रखने के लिए पौधारोपण अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
 इसके उपरांत, स्पीकर एवं मंत्रियों ने फलोरीकल्चर निदेशक सम्बंधित अधिकारियों एवं स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न स्थलों का दौरा किया।

राज्य जम्मू-कश्मीर में होली से पूर्व मौसम ने एक बार फिर रुख पलटा


 फिर बिगड़ा मौसम, हिमस्खलन का खतरा 

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता 
 जम्मू।
 राज्य जम्मू-कश्मीर में होली से पूर्व मौसम ने एक बार फिर रुख पलटा और ठंड का अहसास करवा दिया। मंगलवार सुबह से ही बादल छाए रहे, कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हुई तो ऊंचे इलाकों में ठीकठाक बारिश हुई जिससे मौसम एकदम से बदल गया। मौसम विभाग श्रीनगर के अनुसार आगामी 12 मार्च तक राज्य के अधिकांश पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी के साथ मैदानी इलाकों में बारिश होगी।
राज्य में मंगलवार सुबह से ही मौसम ने करवट बदलना शुरू कर दिया। खराब मौसम की जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मार पड़ सकती है। इस बीच सोमवार को रामसू के पास भूस्खलन से तीन घंटे हाईवे पर यातायात बाधित रहा।अगले चौबीस घंटों में जम्मू में मौसम खुश्क रहेगा। आगामी एक हफ्ते में मौसम के बिगड़ते मिजाज को देखते हुए घाटी के सभी जिला उपायुक्तों को आपात प्रबंधन को मजबूत बनाने को कहा गया है। बर्फबारी प्रभावित इलाकों में जरूरी सामग्री जुटाई जा रही है। इस मौसम में कई जिलों में हिमस्खलन का खतरा भी बना रहेगा। राज्य में होली पर भी इंद्रदेव के मेहरबान रहने की संभावना है। पिछले कुछ दिन से साफ मौसम के चलते राज्य के अधिकांश हिस्सों में दिन का पारा सामान्य से 3-4 डिग्री ऊपर चल रहा है। डीएसपी हाईवे ट्रैफिक दिनेश गुप्ता के अनुसार हाईवे को क्लीयर रखने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं।

पंजतीर्थी में सड़क पर पार्किंग बनी मुसीबत


पंजतीर्थी मार्ग

सड़क पर पार्किंग बनी मुसीबत

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। शहर के बीचोबीच स्थित पंजतीर्थी जाने वाले मार्ग पर पीसीआर आईजी कार्यालय के सामने सीपीओ में बनी मार्केट के व्यापारी खासे परेशान हैं। कारण है कि पार्किंग न होने के कारण लोग उनकी दुकानों के सामने सड़कों पर ही बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े कर जाते हैं जिससे उनका व्यवसाय चौपट होकर रह गया है। स्थानीय विकी गुप्ता, रंजीत सिंह, विकास व अवतार सिंह ने बताया कि यहां पुलिसकर्मी व यातायात पुलिसकर्मी भी तैनात रहते हैं, इसके बावजूद इस अवैध पार्किंग की ओर से वे आंखें मूंदे रहते हैं।
स्थानीय व्यापारिय
स्थानीय व्यापारिय
यहां बना मेटाडोर स्टैंड भी इसी कारण मृतप्राय बनकर रह गया है और मेटाडोर चालकों को सड़क से ही सवारी चढ़ाना व उतारना मजबूरी बन गई है। 
 इससे जहां एक ओर जाम की स्थिति बनी रहती है तो वहीं इस मार्केट में बनी दुकानों पर ग्राहक आने से कतराते हैं जिससे उनके व्यवसाय को काफी नुकसान पहुंच रहा है। 
स्थानीय व्यापारिय
स्थानीय व्यापारिय


साथ ही फुटपाथ बंद हो जाने के कारण पैदल चलने वाले राहगीरों को भी काफी परेशानी होती है। 
 स्थानीय व्यापारियों ने कई बार इसके लिए आवाज उठाई लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं। यह अवैध अतिक्रमण स्थानीय व्यापारियों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनकर रह गया है।

मुख्यमंत्री जम्मू व श्रीनगर के लिए नए विकास ढांचे की घोषणा की

जम्मू। 
नीतिगत योजना के तहत राज्य के दोनों राजधानी शहरों के विकास के परिदृश्य में तेजी लाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय में, सरकार ने शहरी प्रशासन को जिला प्रशासन से अलग कर श्रीनगर शहर के लिए अलग से राजधानी शहर योजना (सीसीपी) बनाने का फैसला किया है।
यह फैसला मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में श्रीनगर में  हुई जिला विकास बोर्ड (डीडीबी) श्रीनगर की बैठक में लिया गया। 
महबूबा मुफ्ती
इस योजना के तहत श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी), श्रीनगर विकास प्राधिकरण (एसडीए), झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण (लावडा), छावनी बोर्ड जैसे शहरी विकास संस्थाएं या अन्य बाह्य सहायता प्राप्त संगठनों और परियोजनाओं को जिला योजना के तहत धन से अलग किया जाएगा और एक स्वतंत्र समर्पित तंत्र के तहत संसाधनों को आवंटित किया जाएगा। कार्यान्वयन की निगरानी के लिए स्वतंत्र संस्था एक निर्वाचित महापौर की अध्यक्षता में होगी।
 उन्होंनें कहा कि जब तक एक संवैधानिक व्यवस्था से मेयर चुना नहीं जाता, तब तक जम्मू तथा के श्रीनगर के के संबंधित मंडलायुक्त सीसीडीपी के क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारियों नामित किए जाएगें।
यह निर्णय बढ़ती जनसंख्या व मागों के अनुसार विकास की गति प्रदान करने के लिए लिया गया है। इस कदम से शहर के विकास जिला प्रशासन से अलग होगा और विकारस कार्यों को गति मिलेगी।
जम्मू शहर के लिए भी इसी तरह की योजना तैयार होगी।
उप मुख्यमंत्री डा निर्मल सिंह, वित्त मंत्री डा हसीब द्राबू, शिक्षा मंत्री सैयद अल्ताफ बुखारी, लोक निर्माधस मंत्री नईम अख्तर, शहरी विाकस राज्य मंत्री आसिया नकाश, विधायक अली मोहम्मदसागर, मुबारक गुल, शमीमा फिरदौस, जावेद मुस्तफा मीर, आबिद अंसारी, नूर मोहम्मद बट, इष्फाक जब्बर, अंजुम फाजिली, खर्शीद आलम भी बैठक में मौजूद थे।

बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने श्रीनगर को अपनी तरह का और वाराणसी के बाद भारत का सबसे पुराना का शहर बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि गत वर्शके मुकाबले इस वर्श समय का परा इस्तमेाल कर विकास कार्य में हुए नुकसान को पूरा कर लिया जाएगा। 
मुख्यमंत्री ने पुराने शहर की विरासत और हस्तकला के    अनुसार विकास करने पर बल देतेहुए कला तथा विरासत प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बनाने को कहा।
उन्होंने कहा कि इस वर्श शहर को पर्यटन का स्वतंत्र केंद्र बनाने के लिए के लिए इस वर्श 123 करोड़ रूपए 23 परियोजनाओं ली गई है।
महबूबा मुफ्ती ने जल परिवहन को कार्यशील बनाने पर विचार करने पर भी बल दिया।
बैठक में राजधानी शहर विकास योजना, के कार्यान्वयन के लिए, 2017-18 के लिए श्रीनगर शहर के लिए 600 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की, जो जिले के लिए 102 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना से अलग होगा।
एक अन्य निर्णय में मुख्यमंत्री ने शहर के सभी विधानसभा क्षेत्रों 50 लाख रुपये जारी करने का निर्देश दिया। इस राशि का इस्तेमाल जनसुविधाओं की मरम्मत पर किया जाएगा।
डा निर्मल सिंह ने कहा कि श्रीनगर शहर को इसके इतिहास और विरासत के अनुसार विकसित किया जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव बी आर शर्मा, वित्त आयुक्त एं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव बी बी व्यास, विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिव, मंडलायुक्त कष्मीर बसीर अहमद खान, तथ अन्य अधिकारी बैठक में मौजूद थे।

52 वर्षों से लोगों को लजीज जायका उपलब्ध


सरदार प्यारा सिंह

सरदार जी खरोड़े वाले

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता

जम्मू।
शहर में नानवेज खाने वालों की कमी नहीं है और ऐसे में अगर स्वाद ऐसा मिल जाए जो मन को भाए तो फिर कहना ही क्या।
सरदार प्यारा सिंह बिक्रम चौक पर पिछले 52 वर्षों से लोगों को लजीज जायका उपलब्ध कराने में जुटे हुए हैं।
 इनके खरोड़े और मुर्गा इतने स्वादिष्ट होते हैं कि दूर-दूर से लोग खाने यहां आते हैं।
 स. प्यारा सिंह बताते हैं कि इस काम में अब उनका बेटा उपेंद्र सिंह भी हाथ बंटाता है तथा उसके हाथ में भी गजब का हुनर है और लाजवाब खरोड़े बनाता है। सरदारजी बताते हैं कि वे अपने यहां साफ सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं तथा मसाले भी खुद साफ करवाकर कुटवाकर ही इस्तेमाल करते हैं।

शनिवार, मार्च 04, 2017

बुजुर्गों के साथ साथ बच्चे भी करते है बजुर्गों दा बेहड़ा मे मस्ति!

'पहल' की पहल'
 विजयपुर के सलमेरिया गांव में बन रहा "बजुर्गों दा बेहड़ा"