शनिवार, मार्च 04, 2017

युवाओं के लिए प्रेरणा है श्री दीपक अग्रवाल की अनूठी पहल

'हालांकि अभी यह बेह्ड़ा अपनी शैशवास्था मे ही है फिर भी इसे देखने आसपास के काफी लोग रोज आते हैं और श्री दीपक अग्रवाल द्वारा किए जा रहे इस समाजसेवी कदम की सराहना करते हुए और उन्हें आशीर्वाद देते हुए ही वापस लौटते हैं।'
                   
                 - दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। सही ही कहा जाता है कि मां-बाप से बड़ा रिश्ता जिंदगी में कोई नही होता। इनका कर्ज जिंदगी भर नहीं चुकाया जा सकता। माता-पिता सारी उम्र अपने बच्चों के अरमान पूरे करने के लिए मेहनत करते हैं ताकि उनके बच्चे अपने जीवन में आगे बढ़ सकें और उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो, लेकिन वही बच्चे बड़े होकर मां-बाप की फिक्र नहीं करते और अपना परिवार बस जाने पर कुछ बेटे अपने तो रिश्तों में ही उलझे रहते है और बूढे मां-बाप की तरफ ध्यान ही नहीं देते। ऐसे में इन बुजुर्गों की परेशानी का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। बुजुर्गों की सेवा के लिए समर्पित सामाजिक संस्था 'पहल' के चेयरमैन दीपक अग्रवाल ने विजयपुर के सलमेरी गांव में बजुर्गों दा बेह्ड़ा बनाने की शुरुआत कर युवाओं को प्रेरणा देने की कोशिश की है कि वे अपने बुजुर्गों को अनाथ न छोड़ें तथा जिन्होंने उनके लिए अपना पूरा जीवन कष्ट में बिता दिया, उनके लिए भी युवाओं का कुछ कर्तव्य बनता है।
बुजुर्गों के लिए निर्माणाधीन इस बेह्डे में बुजुर्गों की सुख-सुविधाओं के साथ-साथ मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिनमें कई ऐसी नायाब चीजों का समावेश किया जा रहा है जो आम तौर पर दुर्लभ हैं। पानी में खेलती, अठखेलियां करती बत्तखों को देखकर बुजुर्ग कुछ समय के लिए अपने सभी परेशानियों को भूल जाएंगे। वहीं विदेशों से आए मुर्गे, तीतर व बटेर उनका भरपूर मनोरंजन करेंगे।
'बजुर्गों दा बेह्ड़ा' में स्वच्छंद विचरण करते पक्षी
दीपक अग्रवाल ने बताया कि उनके मन में काफी समय से अपने उन बुजुर्गों के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना थी जिन्होंने हमारा भविष्य बनाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और आज जब उनका यह स्वप्न धरातल पर उतरकर आकार लेता दिखाई दे रहा है तो उन्हें बहुत ही प्रसन्नता हो रही है कि वे बुजुर्गों को उनके समर्पण का कुछ हिस्सा उनकी सेवा करके अदा कर रहे हैं। हालांकि वे यह भी कहते हैं कि बुजुर्गों द्वारा अपनी पीढ़ी के लिए किए गए उदार कार्यों का कोई मोल नहीं और न ही माता-पिता का यह कर्ज किसी तरह उतारा जा सकता है। लेकिन बुजुर्गों को खुश देखकर अपने मन को शांति जरूर प्रदान की जा सकती है।
श्री दीपक अग्रवाल ने बताया कि यदि युवा कुछ छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखें  इस बुजुर्गों को दुविधा से निकाला जा सकता है जिनके अपनाने से आपके मम्मी-पापा के चेहरे पर खुशी झलक जाएगी। बच्चों को चाहिए कि वे मां-बाप को कभी भी पलट कर जवाब न दें क्योंकि वे हमेशा ऐसी बात ही कहेंगे जिसमें आपकी भलाई हो।  कोई भी काम करने से पहले मां-बाप, बुजुर्ग की राय जरूर लें। इससे उन्हें अच्छा लगेगा।
दीपक जी ने बताया कि उम्र बढऩे के साथ-साथ बुजुर्गों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या उत्पन्न हो जाती हैं इसलिए उनका हर महीने चेकअप करवाना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए बुजुर्गों के लिए बन रहे इस 'पिकनिक स्पॉट' में डिसपेंसरी की भी व्यवस्था की गई जहां उनका मुफ्त इलाज किया जाएगा।  बुजुर्गों की सेहत को ठीक रखने के लिए उनका टहलना भी जरूरी है। लेकिन वे अपनी बढ़ती उम्र और बढ़ते वाहनों के कारण सड़कों पर नहीं टहल सकते। इसी को ध्यान में रखते हुए श्री दीपक जी ने इस बेह्ड़े में उनके टहलने के लिए स्थान भी बनवाया है जहां ऐसे पौधे लगाए जा रहे हैं, जो पर्यावरण के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी अनुकूल हैं।
हालांकि अभी यह बेह्ड़ा अपनी शैशवास्था मे ही है फिर भी इसे देखने आसपास के काफी लोग रोज आते हैं।
 

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