कश्मीर में उपचुनाव
मोदी और आरएसएस का मुद्दा हावी
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाताजम्मू।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के कारण श्रीनगर और अनंतनाग उपचुनाव मुख्यमंत्री के लिए प्रतिष्ठा की जंग में तब्दील हो चुका है। दोनों सीटों पर पीडीपी को भारी विरोध भी झेलना पड़ रहा है। आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान महबूबा ने केंद्र सरकार के फैसलों और सुरक्षा बलों की कार्रवाई का खुलकर समर्थन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की डॉक्ट्रीन पर काम करने का आरोप भी लगाया। उमर ने इस बार भी योगी की ताजपोशी पर महबूबा पर तंज भी कसा। उमर ने ट्वीट कर महबूबा पर कटाक्ष करते हुए मित्र योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी की बधाई देते हुए उनके मुस्लिम विरोधी बयानों की भी याद दिलाई।
कश्मीर में लोकसभा की दो सीटों पर उपचुनाव में भाजपा का अब तक कोई प्रत्याशी नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस ही मुख्य चुनाव मुद्दा बन रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर आरएसएस के एजेंडे पर काम करने का आरोप मढ़ा है। उन्होंने कहा कि पीडीपी और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। मंहत योगी आदित्यनाथ की कट्टर हिन्दूवादी छवि के चलते जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शपथ ग्रहण समारोह से किनारा कर लिया।
भाजपा के निमंत्रण पर महबूबा ने समारोह में शिरकत के लिए लखनऊ जाने की तैयारी कर ली थी लेकिन रवाना होने से ऐन पहले फैसला बदल दिया। श्रीनगर और अनंतनाग के लोकसभा उपचुनाव में विपक्ष के हमले से बचने के लिए महबूबा ने लखनऊ नहीं जाने का फैसला अंतिम क्षणों में लिया।
कश्मीर घाटी में लोकसभा की दो सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में नेशनल कांफ्रेंस ने महबूबा पर आरएसएस के एजेंट के रूप में काम करने को मुद्दा बनाया है। योगी के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत को विपक्ष चुनावी मुद्दा बना सकता था।
उत्तर प्रदेश में शानदार जीत के बाद भाजपा ने योगी के शपथ ग्रहण समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए सहयोगी दलों के मुख्यमंत्रियों को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडु ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के समारोह में शामिल होने के बारे में एक दिन पहले एलान भी किया।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम में शिरकत करने मुबंई गईं थीं। भाजपा के निमंत्रण के बाद वे शनिवार की शाम मुंबई से दिल्ली पहुंच गईं। लेकिन विपक्ष के सियासी हमले की आशंका के मद्देनजर एन वक्त पर फैसला बदल श्रीनगर का रूख कर लिया। मुख्यमंत्री रविवार को दिन के ढाई बजे लखनऊ के बजाए श्रीनगर पहुंच गईं।
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