शनिवार, मार्च 11, 2017

सड़क मंगल ग्रह की यॉ शिवालिकपुरा की

वाहन तो दूर, पैदल चलना भी दुश्वार
सड़क  की दुर्दशा

 वार्ड-37
गली नं. 1 शिवालिकपुरा
जानीपुर

रोज गिरकर चोटिल होते हैं दोपहिया वाहन चालक

पैदल चलने पर आ जाती है पैरों में मोच

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता

क्या इस चित्र को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह क्या है?
जी हां, यह किसी मंगल ग्रह या अंतरिक्ष की तस्वीर नहीं है और न ही यह किसी खदान की तस्वीर है।

 वास्तविकता यही है कि इस चित्र में दर्शाई गई सड़क को देखकर आप कह ही नहीं सकते कि यह किसी गांव-देहात या कस्बे की सड़क नहीं, बल्कि उस  जम्मू शहर की है, जिसे स्मार्ट सिटी घोषित कराने के लिए स्थानीय जनता, प्रशासन तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता जुटे हुए हैं।

एक ओर जहां पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास पथ पर लगातार बढ़ता हुआ आगे जा रहा है, वहीं जम्मू शहर का वार्ड नंबर 37 के तहत आने वाला शिवालिकपुरा की गली नंबर एक का  यह हाल है जिसे देखकर लगता है कि यहां के निवासी अभी शताब्दियों पहले जैसा जीवन व्यतीत करने को अभिशापित हैं, जहां सड़क जैसी मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं है।
सोनू
यहां की समस्याओं के बारे में बताते हुए स्थानीय निवासी सोनू कहते हैं कि सीवर डालने के लिए सड़कें तो उखाड़ दी गई लेकिन अब उन्हें बनवाने की कोई सुध नहीं ले रहा है। लोगों को हो रही परेशानी की चिंता किसी को नहीं है।
विनोद कुमार
वहीं विनोद कुमार ने बताया कि इन सड़कों पर आए दिन दुपहिया वाहन चालक अनियंत्रित होकर चोट खाते हैं और विभाग, प्रशासन और सरकार को कोसते हुए चले जाते हैं।

अमन और प्रवीण शर्मा ने बताया कि वार्ड 37 के शिवालिकपुरा की गली नंबर एक में सिर्फ सड़क ही नहीं, बल्कि अन्य समस्याएं भी हैं। उन्होंने स्ट्रीट लाइट न जलने की समस्या को मुख्य रूप से उठाते हुए कहा कि दिन ढलने के बाद तो इन सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। पानी आने का भी कोई समय निर्धारित नहीं है जिससे लोगों को पेयजल की काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

स्थानीय लोगों ने अपना रोष स्थानीय जन प्रतिनिधि पर जताया और कहा कि हमने चुनाव में उन्हें वोट देकर जिताया ताकि वे हमें समस्याओं से निजात दिला सकें, लेकिन अब हमारे चुने हुए प्रतिनिधि भी इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और मोहल्ला वासियों को भगवान भरोस ही छोड़ रखा है। उन्होंने बताया कि यहां कूड़ा उठाने वाला भी नियमित नहीं आता है जबकि वह पैसे हर घर से ले जाता है। 

उन्होंने भरोसा जताते हुए आशा जताई कि अब 'दीपाक्षर टाइम्स' ने हमारी सुध ली है तो शायद इसी के प्रयास से उन्हें समस्याओं से निजात मिल जाए।


प्रवीण शर्मा
अमन


 

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