सोमवार, मार्च 20, 2017

सत्तासीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज

उपचुनाव को लेकर चढ़ा सियासी पारा

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता 
श्रीनगर। 
कश्मीर में दो संसदीय सीटों के लिए उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। शुक्रवार को नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने केंद्रीय चुनाव आयोग में राज्य में सत्तासीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई है।
नेशनल कांफ्रेंस ने यह शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसई) में कुछ हाईप्रोफाइल नियुक्तियों के निर्देश जारी किए जाने पर की है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने शुक्रवार को ही रियासत में सार्वजनिक क्षेत्र के 16 उपक्रमों व संगठनों में उपाध्यक्ष नियुक्त किए हैं। अधिकांश का संबंध पीडीपी और भाजपा से हैं। नेशनल कांफ्रेंस की कश्मीर इकाई के प्रांतीय प्रधान नासिर असलम वानी ने केंद्रीय चुनाव आयोग में राज्य सरकार के खिलाफ शिकायत की पुष्टि करते हुए कहा कि श्रीनगर और अनंतनाग लोकसभा संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव का एलान होने के बाद राज्य सरकार ने चुनावी समीकरणों के आधार पर ही पीएसई में नियुक्तियों का फैसला किया है। यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है। वानी ने कहा कि चुनाव आयोग को इस पूरे मामले में दखल देते हुए रियासत में आदर्श चुनाव आचार संहिता का पालन यकीनी बनाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की आलोचना करते हुए कहा कि वह तो कश्मीरी नौजवानों के जख्मों पर नमक छिड़क रही हैं। एक तरफ उन्होंने नौजवानों को रोजगार का वादा किया है और दूसरी तरफ वह चुनाव हारे हुए अपने चहेतों को सत्ताधारी गठबंधन से जुड़े लोगों को मोटी-मोटी तनख्वाह पर उच्च पदों पर नियुक्त कर रही हैं। पहले ही हमारी रियासत में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आर्थिक रुप से कमजोर हैं, लगभग सभी घाटे में चल रहे हैं, कर्मियों को तनख्वाह समय पर नहीं मिलती।
इनकी हालत सुधारने के बजाय अब वह सियासी फायदे के लिए अपने चहेतों को इनमें नियुक्त कर रही हैं। यह लोगों के साथ विशेषकर रियासत के नौजवानों के साथ बेहूदा मजाक है। सत्ताधारी गठबंधन को पता है कि लोग अब उन्हें सबक सिखाने के लिए तैयार बैठे हैं, इसलिए वह अब अपनी साख बचाने के लिए हर हथकंडे इस्तेमाल कर रहा है।

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