बुधवार, मई 17, 2017

पायलट की भूख, उड़ता हैलीकॉप्टर उतार मैकडोनाल्ड के सामने

अजब-गजब दुनिया

पायलट को लगी थी भूख, 

इसलिए उड़ता हैलीकॉप्टर उतार दिया मैकडोनाल्ड के सामने


 जब भूख लगे, और भोजन करने का वक्त और मौका न हो, तो सबसे पहले फास्ट फूड का ख्याल मन में आता है, और नजऱें केएफसी या मैकडोनाल्ड तलाशने लगती हैं... बिल्कुल ऐसा ही हुआ ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में हेलीकॉप्टर उड़ा रहे एक पायलट के साथ, और उसे मैकडोनाल्ड दिख भी गया, लेकिन उसने कुछ ऐसा कर डाला, जिसने उसके वीडियो को वायरल कर डाला... मोबाइल फोन से खींची गई फुटेज में पायलट को मैकडोनाल्ड से निकलकर भूरे रंग के खाने के पैकेट के साथ चॉपर में सवार होकर उड़ान भरते देखा जा सकता है...
नाइन न्यूज़ ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक, सिडनी में एक मैकडोनाल्ड के आसपास रहने वाले उस समय भौंचक्के रह गए, जब उन्होंने हेलीकॉप्टर को एक बगीचे में लैंड करते और पायलट को बाहर निकलकर फास्ट फूड हासिल करने के बाद फिर उड़ान भरते देखा... आसपास मौजूद किसी शख्स ने इस घटना का वीडियो बनाकर न्यूज़ चैनल को भेज दिया था, जिसमें टोपी पहने एक व्यक्ति भूरे रंग का फास्ट फूड का लिफाफा हाथ में थामे मैकडोनाल्ड से बाहर निकलता दिखाई देता है... वह अपने हेलीकॉप्टर की एक तस्वीर खींचता है, और उसके बाद उसमें सवार होकर उड़ जाता है...
वीडियो की पृष्ठभूमि में एक व्यक्ति की आवाज़ भी सुनाई देती है, 'मैंने समझा था कि कोई एमरजेंसी होगी'
बताया जाता है कि यह घटना शनिवार शाम की है... ऑस्ट्रेलिया की सिविल एविएशन सेफ्टी अथॉरिटी के प्रवक्ता पीटर गिब्सन ने न्यूज़ीलैंड हेराल्ड को बताया कि इस तरह हेलीकॉप्टर को लैंड किया जाना तकनीकी रूप से गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता, अगर पायलट के पास ज़मीन के मालिक से वहां उतरने की अनुमति हो...
पीटर गिब्सन ने कहा, क्या यह गैरमामूली था...? जी हां... क्या यह असुरक्षित था...? जब तक हम वह फुटेज नहीं देख लेते, हम इस बारे में कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं...
हालांकि अधिकारियों ने पायलट की पहचान की पुष्टि नहीं की है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के एक लोकप्रिय रेडियो चैनल पर एक व्यक्ति ने दावा किया कि वही उस हेलीकॉप्टर का पायलट था, और उसके पास उस ज़मीन पर लैंड करने की अनुमति थी...
इस व्यक्ति ने खुद का नाम डैन बताया और कहा, हम इस तरह की हरकतें गाहे-ब-गाहे करते ही रहते हैं...। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पायलट की लैंडिंग और टेक-ऑफ की सुरक्षा के लिहाज़ से जांच की जा रही है, और इस अजीबोगरीब घटना की वीडियो फुटेज को परखा जा रहा है...।

ग्रामीण विकास विभाग का पॉलीथीन के खिलाफ युद्ध स्तर अभियान

बीडीओ को मिले पॉलिथीन जब्त करने के अधिकार


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर।

राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में पॉलिथीन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाकर गांवों को नो- पॉलिथीन जोन घोषित करने के लिए  ग्रामीण विकास विभाग ने वीरवार को राज्य में पॉलिथीन के उपयोग के खिलाफ एक युद्ध स्तर पर अभियान की शुरुआत की।
ग्रामीण विकास, पंचायती राज मंत्री अब्दुल हक ने गंादरबल में जिले के नागबल, मनीगाम, कंगन और ममार गांव के कर्मचारियों और स्कूलों के बच्चों को शामिल कर गांवों से पॉलिथीन जमा कर औपचारिक रूप से अभियान शुरू किया।
पॉलिथीन के खराब प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मंत्री ने कंगन के बाजार में छात्रों के साथ रैली भी की।
इस अवसर पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि पहले सप्ताह के लिए, विभाग सभी गांवों से पॉलिथीन इक्कटठा करने के लिए मनरेगा के तहत मानवशक्ति सेवा में लगाएगा, जिसका बाद में ठीक से निपटान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के बाद गांवों में पॉलीफेन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पॉलिथीन को जब्त करने और जुर्माना लगाने के लिए ब्लॉक विकास अधिकारियों (बीडीओ) और पंचायत अधिकारियों को अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि गांव में कोई पॉलिथीन न मिले, इसकी जिम्मेवारी ब्लॉक विकास कार्यालय और पंचायत अधिकारियों पर होगी। उन्होंने कहा कि यदि वे पर प्रतिबंध लगाने में विफल रहे तो अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हक ने कहा कि सरकार ने बीडीओ और पंचायत अधिकारियों को अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में पॉलिथीन को जब्त करने का अधिकार दिया है और इस मामले में औपचारिक आदेश जारी किए गए हैं।
मंत्री ने अधिकारियों को दिन के पहले घंटे अपने क्षेत्रों को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने श्रीनगर में एक समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा, ''अपने क्षेत्रों में पॉलिथिन को जब्त करें और सुनिश्चित करें कि आपके संबंधित क्षेत्र पॉलिथीन मुक्त हैं।''
हक ने कहा कि वह पॉलिथीन के खिलाफ अभियान की व्यक्तिगत निगरानी करेंगे और अधिकारियों से कहा कि वे मंत्री को ड्राइव के बारे में साप्ताहिक रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि टिकाऊ भविष्य के लिए जम्मू-कश्मीर को पॉलिथीन मुक्त बनाने, ग्रामीण क्षेत्रों के योजनाबद्ध विकास और जल संसाधनों के रख-रखाव व संरक्षण की आवश्यकता है।
मंत्री ने पंचायत सदस्यों से इन पहलों को जमीनी स्तर पर ले जाने के लिए भी आग्रह किया और पंचायत सदस्यों को अपने क्षेत्रों में ठोस कचरे के निपटान और पॉलिथीन बैग के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए जागरूक होने की अपील की। उन्होंने अपने पंचायत में स्वच्छ और हरित गांवों के लिए अधिक से अधिक पौधों के वृक्षारोपण के लिए जोर दिया। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर पॉलिथीन के उपयोग ने घाटी, जिसे पृथ्वी पर स्वर्ग माना जाता है, के पर्यावरण व्यवस्था को नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि पॉलीथीन के उपयोग ने मिट्टी और पानी को दूषित किया है और जानवरों के लिए भी घातक साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि जलाशयों में छोड़े गए पॉलिथीन बैग भी जलीय जीवों की भारी संख्या में मृत्यु का कारण बना है।
अब्दुल हक ने कहा कि पॉलिथीन बैग मुख्य रूप से उन शहरों और कस्बों में जल निकासी व्यवस्था को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं, जो 2014 में बाढ़ का कारण बने थे और लोगों पर बल दिया कि वे घाटी में कि पॉलिथीन के खतरे को खत्म करने में सरकार की सहायता करें।
छात्रों को पॉलिथीन के खिलाफ सबसे अच्छा राजदूत बताते हुए अब्दुल हक ने छात्रों से अपील की कि उनके माता-पिता घर पर पॉलिथीन का इस्तेमाल न करें और इसके बजाय पर्यावरण के अनुकूल बैग का उपयोग करने की आदत डालें। उन्होंने कहा कि घाटी के निवासियों के अलावा कोई भी खूबसूरत घाटी को पॉलीटेन्नी द्वारा नष्ट होने से नहीं बचा सकता है और इस खतरे को समाप्त करने के लिए सार्वजनिक समर्थन मांगा।
सचिव आरडीडी निर्मल शर्मा ने जम्मू संभाग के सांबा जिले से अभियान चलाया जिसमें उन्होंने स्कूली बच्चों और अधिकारियों के साथ सफाई अभियान में भी भाग लिया तथा लोगों को पॉलिथीन का उपयोग करने से बचने के लिए प्रतिभागियों पर बल दिया।
निदेशक आरडीडी (कश्मीर) गजनफर हुसैन और निदेशक ग्रामीण स्वच्छता एम.एम. रहमान तथा अन्य अधिकारियों ने शेखपोरा बडग़ाम में अभियान शुरू किया और बाद में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जिसमें छात्रों और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
निदेशक आरडीडी (जम्मू) आर के भट्ट ने उच्च माध्यमिक विद्यालय भलवाल में अभियान शुरू किया जिसमें प्रतिभागियों ने पॉलिथीन का उपयोग न करने की औपचारिक शपथ ग्रहण की।
विभाग ने पॉलिथीन के खराब प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा की और छात्रों व स्थानीय प्रतिभागियों के बीच जूट बैग का वितरण भी किया।
राज्य भर में सभी ब्लॉकों और पंचायतों में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें छात्रों, स्वयंसेवकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा स्थानीय लोगों को उनके परिवेश को साफ करने में शामिल किया गया और उचित निपटान के लिए गांवों से पॉलिथीन एकत्रित किया।

भूख से जूझ रहे पाक गोलाबारी से प्रभावित लोग

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में अग्रिम चौकियों और चार गांवों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी करते हुए सोमवार को लगातार तीसरे दिन संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। प्रशासन की ओर से 1,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले गया है। राजौरी के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया, ''पाकिस्तानी सैनिकों ने राजौरी के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का फिर उल्लंघन किया है। उन्होंने शाम चार बजे से अग्रिम इलाकों और चार गांवों में छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की।'' इकबाल चौधरी ने कहा, ''1500 से अधिक लोगों को नियंत्रण रेखा से लगे गांवों से हटाकर राहत शिविरों में ले जाया गया है। नौशेरा के एसडीएम हरबंश और स्थानीय पुलिस अधिकारियों को कलसियान भेजा गया है ताकि आकलन टीमों के साथ समन्वय बैठाया जा सके।" उधर, नौशेरा क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी के बाद सरकारी कैंप में ले जाए गए ग्रामीणों ने सोमवार को बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर शिकायत की। नौशेरा की रहने वाली सिमरन कौर ने बताया, 'मैं और मेरा बेटा तड़के तीन बजे के जागे हुए हैं और तब से हमने कुछ भी नहीं खाया है।  ग्रामीणों ने सरकार से आग्रह किया कि इन कैंपों में रह रहीं महिलाओं और बच्चों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।
सिमरन ने कहा, 'हम सम्मान से गोलियों और मोर्टार से मर जाएंगे लेकिन जीने के लिए बुनियादी सुविधाएं पाने के लिए बार-बार महज वादे नहीं सुनेंगे।' नौशेरा के लोग बीते पांच दिनों से इन कैंपों में रह रहे हैं और भूख से जूझ रहे हैं। बिजली की सप्लाई न होने के कारण पंखे चल नहीं रहे हैं और पूरा कैंप एक टैंकर पानी से खुले में नहाने को मजबूर है। एक अन्य के मुताबिक, विपत्ति के समय नेता हमारी मदद करें इसलिए हम उन्हें वोट देते हैं। सीमा पर रह रहे लोग साधारण होते हैं संयुक्त परिवारों में रहते हैं। जब सरकार हर परिवार को पर्याप्त राशन उपलब्ध नहीं करा पाती है तो यह दुखी करने वाला होता है।'

आतंकी संगठन में बगावत की शुरुआत

बुरहान वानी के बाद वह आतंक का नया चेहरा बन गया हिज्बुल मुजाहिद्दीन का भी सिर दर्द


 


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

राज्य जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में अब बगावत की शुरुआत हो चुकी है, जिसे भारत और कश्मीर के लिए एक अच्छी शुरुआत माना जा रहा है।
हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की बीते साल एक मुठभेड़ में हुई मौत के बाद जाकिर रशीद भट्ट को उसकी जगह पर नया कमांडर बनाया गया था। घाटी में बुरहान वानी के बाद वह आतंक का नया चेहरा बनकर सामने आया। जाकिर रशीद भट्ट को जाकिर मूसा के नाम से भी जाना जाता है। वहीं जाकिर मूसा जितनी तेजी से हिज्बुल का नया चेहरा बनकर सामने आया था वहीं अब वह हिज्बुल से दूर होता जा रहा है। दरअसल जाकिर हिज्बुल से भी आगे जाकर कश्मीर को भारत से अलग करन की नहीं बल्कि वहां पर इस्लामिक शरिया लाने की बात करता है। जाकिर ने कुछ अलगाववादी नेताओं को श्रीनगर के लाल चौक पर सिर कलम करके, उन्हें मारने की धमकी दी थी जिसके बाद हिज्बुल ने जाकिर से दूरियां बना ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जाकिर ने उन अलगाववादी नेताओं को मारने की धमकी दी थी जिनकी नजर में कश्मीर एक राजनीतिक मसला है। वहीं जाकिर का मानना है कि कश्मीर कोई राजनीतिक नहीं बल्कि एक इस्लामिक राज्य स्थापित करने की लड़ाई है।
जाकिर मूसा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है। चंडीगढ़ कॉलेज से वह सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था लेकिन 2013 में उसने पढ़ाई छोड़ दी और वापिस पुलवामा में अपने गांव नूरपुर चला गया था। जाकिर एक पढ़े-लिखे सशक्त परिवार से भी आता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसके सभी भाई-बहन डॉक्टरी या मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर जाकिर हिज्बुल में शामिल हो गया था। माना जाता है वह जिहादी साहित्य/बातों से काफी प्रभावित हुआ था जिसके बाद उसने हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने का फैसला लिया था। हाल ही में जाकिर मूसा का एक नया वीडियो सामने आया था। इसमें उसने इस्लामिक शरिया के मुताबिक खलिफा राज्य स्थापित करने की बात कही थी। वहीं इसी वीडियो में जाकिर ने हिज्बुल से अपने संबंध खत्म करने की बात भी कही थी। उसने कहा था- 'अगर हिज्बुल मुझे रिप्रजेंटन नहीं करती तो मैं भी उसे रिप्रजेंट नहीं करता। हिज्बुल से मेरा कोई वास्ता नहीं हैÓ अपने वीडियो मेसेज में उसने यह भी कहा कि कश्मीर उसके लिए कोई फ्रीडम स्ट्रगल नहीं है बल्कि इस्लामिक स्ट्रगल है। अपनी इन्हीं बातों को लेकर हिज्बुल ने जाकिर से दूरी बना ली है।
बता दें 8 जुलाई 2016 को जम्मू-कश्मीर में एक पुलिस मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बुरहान वानी मारा गया था। बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में बढ़ते उग्रवाद को लेकर 21 मार्च, 2017 को केंद्र सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी, कि 2016 में साल 2010 के मुकाबले युवाओं के उग्रवादी संगठनों में शामिल होने के मामलों में 55 प्रतिशत बढ़त देखने को मिली है।

मुबारकमंडी : कैसे आकर्षित हों पर्यटक?

बंद पड़ा फव्वारा  


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 
कश्मीर के बिगड़े हालात से राज्य का पर्यटन व्यवसाय ठप होकर रह गया है। ऐसे में राज्य के मंत्री, उपमुख्यमंत्री और यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री भी जम्मू के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जोर देते रहे हैं।  लेकिन यह बातें सिर्फ घोषणाओं तक ही सीमित होकर रह जाती हैं। जम्मू के सौंदर्य को निखारने वाले पहले से ही बने स्थलों की देखरेख नहीं हो पा रही तो ऐसे में जम्मू में पर्यटन को बढ़ावा देने की बात गले नहीं उतरती। जम्मू की हृदयस्थली मुबारकमंडी एक हैरिटेज के रूप में विकसित की जानी थी लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी उसके स्वरूप का कायाकल्प नहीं हो पाया है। तुषार, साहिल व बंटी ने बताया कि यहां के सौंदर्य को निखारने के लिए फव्वारा भी लगाया गया था जो उचित देखरेख के अभाव में बजाय सौंदर्य बढ़ाने के, उसे और कुरूप बना रहा है। फव्वारा चालू न होने के कारण यहां गंदगी भी इक्कटठी हो गई है। फव्वारे के तालाब मे मछली नहीं है। यदि इस फव्वारे को चालू कर दिया जाए तो शाम के समय जहां स्थानीय लोगों को भी सैर के लिए अच्छा और ठंडा वातावरण मिल जाएगा, वहीं इस स्थल की खूबसूरती भी बढ़ जाएगी।

अशोक कुमार बांटे वाले

स्वाद के जादूगर

नींबू-सोडा मिक्स मसाला
गर्मी के मौसम में अशोक कुमार का ठंडा 'नींबू बांटा'


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।


गर्मी के मौसम में ठंडा सोडा और वह भी नींबू वाला मिल जाए तो मजा आ जाए। पटेल बाजार में अशोक कुमार बांटे वाले नींबू-सोडा मिक्स मसाला मिलाकर ऐसा बनाते हैं कि एक सिप लेते ही शरीर और दिमाग की सारी गर्मी फुर्र हो जाती है। अशोक कुमार इसमें डाला जाने वाला नमक आदि मसाला खुद ही तैयार करते हैं जो इतना स्वादिष्ट और मजेदार बन जाता है कि लोग दूर-दूर से यहां नींबू बांटे वाला सोडा पीने आते हैं।

मंगलवार, मई 16, 2017

तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए 6 नए पेशेवर कॉलेज इस साल से कामकाज शुरू करेंगे

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर। 
शिक्षा मंत्री सैयद मोहम्मद अलताफ बुखारी, ने आधुनिक तर्ज पर तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मंत्री ने राज्य में उच्च शिक्षा के परिदृश्य के कार्य की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए में यह बात कही इस अवसर पर, बुखारी ने यह भी घोषणा की कि छह नए कॉलेज जम्मू तथ्ज्ञा कश्मीर संभागों में तीन-तीन साल इस साल से अकादमिक सत्र से शुरू होंगे।  इनमें कठुआ जिले के जंगलोट तथा को गादंरबल जिले के सफापोरा में गर्वनमैंट कालेज आफॅ इंजीनियरिंग एंड टैक्नालॉजी शुरू किया जायेगा। आर्कीटेक्चर के दो स्कूलों को जम्मू के एमएएम कालेज में तथा श्रीनगर के जीडीसी बेमिना में शुरू किया जायेगा। इसके अलावा दो नर्सिंग कालेजों को जम्मू में महिला कालेज गांधीनगर तथा श्रीनगर में महिला कालेज एमए रोड में शुरू किया जायेगा।
उन्होंने घोषणा की कि इन सभी कालेजों की कक्र्षाएं  इस वर्ष से शुरू होगी। सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों को जम्मू विश्वविद्यालय तथा कश्मीर विश्वविद्यालय के कालेजों के तौर पर शुरू किया जायेगा तथा कश्मीर में पहला बैच जुलाई  व जम्मू में सितम्बर से शुरू किया जायेगा।
आर्कीटेक्चर के स्कूलों को एमएएम कालेज जम्मू तथा जीडीसी बेमिना श्रीनगर में शुरू किया जायेगा तथा अकादमिक सत्र ( सितंबर 2017) से शुरू किया जायेगा। जम्मू विश्वविद्यालय और कश्मीर विश्वविद्यालय, आवश्यक संबद्धता प्रदान करेगा।
यह घोषणा की गई कि जम्मू में महिला कॉलेज गांधी-नगर और श्रीनगर में महिला कॉलेज एमए रोड में दो नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे और कक्षाएं कश्मीर में जुलाई से और जम्मू में अक्टूबर से शुरू होंगी। कश्मीर विश्वविद्यालय और कश्मीर विश्वविद्यालय नर्सिंग कॉलेजों को अस्थायी रूप से मान्यता प्रदान करेगा।
मंत्री ने सम्बधित अधिकारियों को आर्कीटेक्चर तथा नर्सिंग कालेजों के स्कूलों के लिए श्रीनगर तथा जम्मू में विशेषकर बाईपास के साथ एक भवन भाड़े पर लेने के निर्देश दिये।
बैठक में मंत्री को राज्य में विभिन्न शिक्षा संस्थानों में शुरू किये गये विकास कार्यो की जानकारी भी दी गई। उनहोंने सम्बंधित कार्यकारी एजैंसियों को अपने प्रयासों को बढा़कर कार्यो मेें तेजी लाने तथा सभी निर्माण कार्यो को समयबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा। उच्च शिक्षा के आयुक्त सचिव, जम्मू, कश्मीर विश्वविद्यालय के उपकुलपति,  जम्मू, कश्मीर का कलस्टर विश्वविद्यालय तथा अन्य सम्बंधित अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

पानी की आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिए मंत्री ने

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 

पीएचई, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण मंत्री शाम लाल चौधरी ने शुक्रवार को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में बिजली आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की।
मंत्री ने संबंधित पीएचई डिवीजन प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे आपूर्ति में कमी से बचने के लिए सभी जल प्रतिष्ठानों में उपकरणों की उचित रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए दायर कर्मचारियों को सक्रिय करें। उन्होंने उनसे गर्मियों में पानी के संबंध में लोगों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े, इसे सुनिश्चित करने के लिए कहा।
 मंत्री ने निर्देश दिया कि रिसाव को कम करने की आवश्यकता है और उस दर्ज किए गए कर्मचारियों के लिए अपने इलाकों में करीब चेक रखने के लिए कहा जाना चाहिए। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से कहा कि कहीं भी जरूरत पडऩे पर पाइपों की मरम्मत और प्रतिस्थापन की जगह ले ली जाए। उन्होंने किसी भी क्षेत्र से सार्वजनिक शिकायतों से बचने के लिए आपूर्ति के युक्तिकरण पर जोर दिया।
जम्मू शहर में जल आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि जल अभाव वाले इलाकों में पानी की आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए विभाग को अमृत और अटल मिशन के तहत धन मिल सकता है।
मंत्री ने कार्यकारी अभियंता कठुआ से कठुआ शहर में पाइप बिछाने का काम षुरू करने को कहा, जिसके लिए मुख्य अभियंता द्वारा 15 लाख रूपए प्रदान किए जाएंगे।

सोमवार, मई 15, 2017

तीन तलाक : सिर्फ मौज-मस्ती नहीं विवाह

मौलवी या इनसाफ? विवाह मुसीबत तब बनता है, जब पति-पत्नी की आपस में पटती नहीं। लेकिन एक बार शादी हो जाने के बाद मामला केवल पति-पत्नी की आपस में पटती है या नहीं इसी के बीच नहीं सिमटा होता। परिवार में बच्चे भी होते हैं। उनके प्रति भी दोनों का उत्तरदायित्व होता है। अत: समाज को आशा होती है कि पति-पत्नी को अपने बच्चों की खातिर आपस में निर्वाह करते रहने की कला सीख लेनी चाहिए। इसके अतिरिक्त भारतीय समाज और पश्चिमी समाज में एक मौलिक अंतर और भी है। पश्चिमी समाज में तलाकशुदा औरत को समाज में हेय दृष्टि से नहीं देखा जाता। वहां तलाक सामान्य है और लंबी देर तक निभाना अपवाद है, लेकिन भारतीय समाज में स्थिति इसके विपरीत है। यहां व्यक्ति की अपेक्षा परिवार को ज्यादा महत्त्व दिया जाता है। इसलिए तलाक अपवाद है और अंत तक निभाते रहना सामान्य है। भारत में तलाकशुदा औरत की दूसरी शादी भी इतना आसान नहीं है। तलाक के कारण पुरुष पर कोई दाग वहीं आता।
समाज में उसकी प्रतिष्ठा कम नहीं होती, लेकिन तलाक से स्त्री सदा ही प्रश्नों के घेरे में आ जाती है। ऐसे प्रश्न जिनके लिए वह किसी भी तरह उत्तरदायी नहीं होती। फिर भी यदि ऐसी स्थिति आ जाए, जिसके चलते किसी पुरुष को लगता हो कि अब तलाक के बिना कोई विकल्प बचा नहीं है, तब भी उसके लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया है। बहुधा इसी प्रक्रिया के बीच पति-पत्नी में पुन: समझौता हो जाता है और परिवार टूटने से बच जाता है। यहां तक कि यदि पति और पत्नी दोनों परस्पर सहमति से भी तलाक लेना चाहते हैं, तब भी न्यायालय उन्हें छह मास का समय देता है, इस आशा के साथ कि शायद इसी बीच दोनों के गिले-शिकवे दूर हो जाएं और परिवार टूटने से बच जाएं। इस पूरी व्याख्या के बाद, यह बिना संशय के कहा जा सकता है कि तलाक जिस कारण से भी हो, उसके बाद शेष जीवन का नरक औरत और उसके बच्चों को ही भोगना पड़ता है।
इसके विपरीत आधुनिक युग में भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो विवाह को मौज-मस्ती मानते हैं और जब इच्छा हो, तो पत्नी को छोड़ कर पल्ला झाड़ लेते हैं। पल्ला झाडऩे का उनका तरीका बहुत ही आसान है। अपनी पत्नी को तीन बार कहा, तलाक, तलाक, तलाक और उस बेचारी का काम हो गया तमाम। जब तक वह बेचारी समझ पाए, तब तक उसका आशियाना उजड़ चुका होता है। जिस घर को उसने अपना घर समझ लिया था, वह एकतरफा तलाक, तलाक, तलाक के तीन शब्दों से, उसके लिए बंद हो जाता है। बेचारी औरत अपने बच्चों की अंगुली थामे आंगन में खड़ी होती है और दरवाजे के अंदर उसका शौहर ठहाके लगा रहा होता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने ठीक ही कहा है-तीन बार तलाक का उच्चारण एक प्रकार से इक्कीसवीं शताब्दी में भी द्रौपदी के चीर हरण के समान है, लेकिन ये जो बंद दरवाजों के पीछे तलाक, तलाक, तलाक चिल्लाने के बाद अट्टहास कर रहे हैं, उनका कहना है कि उनका मजहब उन्हें अपनी पत्नी को केवल तीन बार तलाक शब्द का उच्चारण कर देने मात्र से पत्नी को छोड़ देने का अधिकार देता है। कोई भी मजहब इस प्रकार के अन्याय और अमानवीय कृत्य को जायज कैसे ठहरा सकता है। लेकिन इसका उत्तर देने की जरूरत उन मर्दों या शौहरों को नहीं है, जिन्होंने तलाक चिल्लाने में महारत हासिल कर ली होती है। उनकी ओर से उत्तर देने के लिए मुल्ला-मौलवी हाजिर हैं। वे पन्ने पलटते हुए खुलासा करते हैं कि हमारा मजहब तीन बार तलाक चिल्ला देने मात्र से विवाह को समाप्त कर देता है। काला बुर्का पहन कर सड़क पर तलाकशुदा औरतें हैरान हैं कि कोई भी मजहब भला ऐसा कैसे कर सकता है? लेकिन मौलवी गुस्से में अपनी मु_ियां भींचते हुए न जाने किस भाषा में अपने इस मजहब की रक्षा के लिए कमर कसे हुए हैं। सड़क पर खड़ी औरतों को इन मौलवियों की भाषा समझ नहीं आती और मौलवियों को इन बेसहारा औरतों के अंदर से निकल रही चीखें सुनाई नहीं देतीं। एक बात इन औरतों को समझ नहीं आ रही कि जब सारे देश में तलाक के लिए एक कानून है, तो इन्हीं अभागी औरतों को उस कानून से वंचित क्यों रखा जा रहा है? मुल्ला-मौलवियों का किसी अनजान भाषा में वही उत्तर है।
उनका मजहब इसकी इजाजत नहीं देता। किसी औरत ने मौलवी से आखिर पूछ ही लिया। आपका मजहब सिर माथे पर, लेकिन यदि हमारा शौहर तीन बार तलाक चिल्ला देने से पत्नी को छोड़ सकता है, तो क्या औरत भी तीन बार तलाक कह कर अपने शौहर को छोड़ सकती है। मौलवियों की भौहें तन जाती हैं। लाहौल बिलाकुबत! ऐसा कैसे हो सकता है? हमारा मजहब यह हक केवल मर्दों को देता है। केवल मर्दों को। काला बुर्का पहने इन औरतों को मौलवियों के मजहब ने चारों ओर से घेरा हुआ है। वे भाग नहीं सकतीं, लेकिन अब इनके और इनके बच्चों का भरण-पोषण कौन करेगा? देश की अन्य औरतों को यह अधिकार प्राप्त है कि तलाक के बाद भी उनका पूर्व पति उसके और उसके बच्चों को भरण-पोषण के लिए धनराशि दे, लेकिन काला बुर्का पहने ये औरतें अपने लिए पूर्व पतियों से नियमित निर्वाह भत्ता भी नहीं मांग सकतीं। मौलवियों के अनुसार उसकी इजाजत भी उनका मजहब नहीं देता। जब पति ने मेहर की राशि वापस कर दी है, तो अब निर्वाह भत्ता क्यों दिया जाए? मौलवियों के पास काले बुर्के में लिपटी इन तमाम औरतों के तमाम सवालों का जवाब है, लेकिन यह समझ नहीं आता कि हर जवाब औरत के ही खिलाफ क्यों है? यही जानने के लिए इनमें से एक औरत चलते-चलते अंत में देश के उच्चतम न्यायालय के दरवाजे तक पहुंच गई। उसने फरियाद लगाई थी कि आप मर्दों की तीन बार तलाक चिल्ला देने की परंपरा को तो नहीं रोक सकते, क्योंकि ये मौलवी आपको ऐसा करने नहीं देंगे, लेकिन कम से कम आप मेरे पूर्व शौहर से गुजारा भत्ता तो दिलवा सकते हैं। इतना इनसाफ मांगने की हकदार तो हम भी हैं। उच्चतम न्यायालय के दरवाजे पर खड़ी यह औरत शाहबानो थी। मौलवी तब भी चिल्ला रहे थे। उनके लिहाज से इससे बड़ा कुफर नहीं हो सकता। मौलवियों का मजहब इनसाफ की ऐसी चोट बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। लेकिन न्यायपालिका की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी कि उसने शाहबानों को इनसाफ दे दिया। शाहबानो जीत गई। न्यायालय ने कहा, देश के कानून के अनुसार शाहबानों गुजारा भत्ते की हकदार है। पहली बार मौलवी हार गए थे और इनसाफ की मांग कर रहीं बुर्के में लिपटी औरतें जीत गई थीं। लेकिन मौलवी हार कर भी हारे नहीं थे और बुर्के में लिपटी औरतें जीत कर भी जीती नहीं थीं। अब की बार देश की सरकार मौलवियों के हक में खड़ी हो गई थी। वह शाहबानाओं के खिलाफ डट गई थी। देश की संसद ने उच्चतम न्यायालय में इनसाफ हासिल कर चुकी शाहबानों को पराजित कर दिया। मौलवी हार कर भी जीत गए थे। उनका मजहब अपनी ही औरतों के खिलाफ खड़ा हो गया था। लेकिन अब लगता है कि अपने हक के लिए लड़ रही औरतें एक बार फिर मैदान में आ गई हैं। वे तीन तलाक के खेल को समाप्त करना चाहती हैं। मौलवियों के इस खेल ने उनके घरौंदे उजाड़ दिए हैं। फर्क केवल इतना ही है कि इस बार देश की सरकार उनके साथ है। मामला एक बार फिर देश के उच्चतम न्यायालय से ही संबंधित है। देखना है कि इस बार कौन जीतता है। मौलवी या इनसाफ?

कांग्रेस ने उनकी जिंदगी खराब कर दी: मुलायम

यूपी के मैनपुरी में तिमा अनावरण कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस ने उनकी जिंदगी खराब कर दी। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर कई मुकदमें लगाए गए। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला कहा कि झूठे बादे कर जनता को ठगा गया। चुनाव से पहले जनता के खाते में 15-15 लाख रुपये भेजने का वादा करने वाले मोदी ने 1 रुपया भी नहीं दिया। आज देश का किसान संकट में है। उन्होंने सपा सरकार में किसानों के कर्जे माफ किए। उनकी जमीनें नीलाम होने से बचाईं।
मुलायम ने कहा कि मोदी ने वादा खिलाफी की है। वादा खिलाफी भी एक तरह का भ्रष्टाचार है। झूठ बोलकर सत्ता हासिल करने वाले मोदी 15 लाख नहीं दे पा रहे तो जनता को 3-3 लाख रुपये ही दे दें। मुलायम ने कहा देश की जनसंख्या बढ़ रही है। खेती घट रही है। आस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी गेहूं का संकट है। किसान खुशहाल नहीं हुआ तो इस जनसंख्या का पेट कैसे भरेगा। उन्होंने आगरा से बांदा के बीच के जंगल को खत्म कर खेती लायक बनाने का सुझाव दिया और कहा कि सपा ने अपनी सरकार में किसानों के 1600 करोड़ के कर्जे माफ किए। लेकिन मोदी सरकार जनता के हित में कोई काम नहीं कर रही। सपा सरकार ने पढ़ाई, सिंचाई मुफ्त की, नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था कराई।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस ने उनकी जिंदगी खराब कर दी। उनके ऊपर कई मुकदमें लगाए गए। कांग्रेस की सरकार ने मस्जिद गिरवा दी। उन्होंने मस्जिद को टूटने से बचाने के लिए गोली चलाने का आदेश दिया। 16 लोगों की जानें चली गईं। इसका उन्हें अफसोस है लेकिन यदि वे ऐसा नहीं करते तो देश की एकता बिखर जाती। देश की एकता के लिए उन्होंने ये सब किया।
करहल के ग्राम गुनहिया में शहीद धर्मेंद्र यादव की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मस्जिद टूटने के दौरान अटल और आड़वानी ने मरने वालों की संख्या 56 बताई। लेकिन उनके मांगने के बाद भी इस संख्या की सूची नहीं दी गई। सिर्फ 16 लोग ही मरे और 84 लोग घायल हुए। इस घटना का उन्हें दुख है लेकिन उन्होंने देश का बंटवारा रोकने के लिए ये सब किया। मुलायम ने कांग्रेस और सपा के गठबंधन का फिर विरोध किया और कहा कि कांग्रेस ने उनकी जिंदगी खराब कर दी। मुसलमान आज भी कांग्रेस को मस्जिद टूटने का गुनहगार मानता है। मुसलमान कभी भी कांग्रेस को वोट नहीं देंगे। वे सपा के साथ हैं। लेकिन अखिलेश ने कांग्रेस से गठबंधन किया तो पूरे प्रदेश ने विरोध कर दिया।
मैनपुरी आए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल के सेक्युलर मोर्चे की हवा निकाल दी। कहा कि सब लोग मिलकर समाजवादी पार्टी को मजबूत करें। आने वाले दिनों में सपा की कमान युवाओं के हाथों में होगी। मुलायम ने कहा कि शिवपाल को समझाया है आज फिर बात होगी। शिवपाल को समझाकर मामले का हल निकाला जाएगा। हालांकि मुलायम ने ये भी कहा कि अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाकर उन्होंने भूल की। अगर वे मुख्यमंत्री बनते तो आज सपा का ये हाल न होता।
दो दिन पहले शिवपाल ने मुलायम को सेक्युलर मोर्चे का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी। लेकिन सपा मुखिया ने रविवार को सेक्युलर मोर्चे के संबंध में कोई बात ही नहीं की। उन्होंने कहा कि शिवपाल नाराज है। शिवपाल ने पार्टी के लिए बहुत मेहनत की है। पार्टी में शकुनि कौन है ये सभी लोग जानते हैं। शिवपाल को चुनाव में हराने के लिए रुपये खर्च किए गए लेकिन फिर भी शिवपाल 52 हजार वोटों से जीत गए।
यहां मुलायम ने अखिलेश सरकार के कामों की तारीफ ही नहीं की वल्कि पूर्व की तरह अखिलेश पर सीधा हमला नहीं बोला। मुलायम ने इतना जरूर कहा कि पिछली बार 224 सीटें प्रदेश की जनता ने सपा को दीं लेकिन इसबार सिर्फ 47 सीटें रह गईं। अगर वे चुनाव प्रचार नहीं करते तो इतनी  भी सीटें नहीं आती। उनके प्रचार करने से 14 सीटें बढ़ गईं। सपा की इस हालत के लिए उन्होंने पार्टी के कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जनता की इसमें कोई गलती नहीं है। मुलायम ने मिलकर सपा को मजबूत करने का आह्वान किया।  
मुलायम ने कहा कि कड़ी मेहनत करके सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाया। अगर वे सीएम बन जाते तो आज ये स्थिति नहीं बनती। अखिलेश थाने और तहसील नहीं सुधार पाए। जिससे जनता परेशान होती रही। अखिलेश सरकार की योजनाओं की तारीफ करते हुए ये भी कहा कि अखिलेश ने 5 साल अधिकारियों को खुला छोड़ दिया। डीएम, एसपी और एसडीएम भी प्रोटोकॉल भूल गए। विधायकों और नेताओं की बात नहीं सुनी गई। नेताओं और कार्यकर्ताओं का अपमान हुआ। यही बजह रही कि चुनाव में जनता ने सपा को साफ कर दिया।

खून की नदी

अजब-गजब दुनिया

दुनिया में बहुत सी ऐसी जगह हैं जो अपनी अलग-अलग विशेषताओं के लिए फेमस है। ऐसा ही एक महाद्वीप है अंटार्कटिक। ये विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है। अंटार्कटिका साल के लगभग सभी महीनों में दुनिया के सबसे अधिक तूफ़ानी हवाओं और बफऱ् के बड़े-बड़े तैरते पहाड़ों से घिरा रहता है इसलिए यहां एक जीवन गुजारना मुश्किल है। लेकिन यहां कई तरह के रहस्यमयी बातें होती रहती हैं। अगर हम आपसे कहें कि यहां अभी हाल ही में खून की नदी बही है तो इसका मतलब आप क्या समझेगें ? यहां पर होने वाले इस ख़ूनी वॉटरफॉल के रहस्य को अभी तक कोई नहीं सुलझा पाया था। अंटार्कटिका की इस 'खून की नदी' को सबसे पहले ऑस्ट्रेलियन जियोलॉजिस्ट, ग्रिफि़थ टेलर ने साल 1911 में खोजा था। उन्हें पहले तो ये लगा कि लाल रंग माइक्रोस्कॉपिक लालद्यद्दड्डद्ग की वजह से है। लेकिन साल 2003 में इस थ्योरी को गलत साबित किया। एक नई रिसर्च में सामने आया था कि इस पानी में ऑयरन ऑक्साइड की भरपूर मात्रा में है। ऑक्सीडाइस्ड आयरन की वजह से यहां पानी का रंग लाल आता है।
कोलोरॉडो कॉलेज और अलास्का यूनिवर्सिटी ने इसपे कई रिसर्च किए और एक नई स्टडी में पाया है कि ये पानी एक बहुत बड़ी तालाब से गिर रहा है। ख़ास बात ये है कि ये ताल पिछले कई लाख सालों से बफऱ् के नीचे दबा हुआ था। ठंड के अनुसार ये यहीं फ्रीज हो जाता है और जब थोड़ी सी भी गर्मी पड़ती है तो इसमें से पानी पिघलने लगता है और ये पानी बह कर ब्लड फाल बन लगातार बहता रहता है।
जैसा कि आप जानते हैं कि अंटार्कटिका हमेशा से ही रहस्यमय थ्योरीज का हिस्सा रहा है। यहां पर ऐसी ठंड पड़ती है जो किसी से सहन नही हो पाती और इंसान की आत्मा तक कांप उठती है। इसलिए इस जगह पर केवल रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों और पेंग्विन्स के अलावा जीवन का नामोनिशान नहीं पाया जा सकता है। थ्योरी में विश्वास करने वाले एक इंसान का कहना है कि अंटार्कटिका में एक सीक्रेट शहर छिपा है जो अटलांटिस का खोया हुआ शहर भी हो सकता है। लेकिन इस खबर की पुष्टि किसी ने नही की है।

प्रेग्नेंट महिला फिर से प्रेग्नेंट हुई

अजब-गजब दुनिया

आज हम आपको ऐसी खबर बताएंगे जिसकी गिनती मानव जाति के इतिहास की दुलर्भ घटनाओं में होगी। ब्रिटेन की एक महिला के मुताबिक उसे जुड़वा बच्चा होने वाला था तभी वो फिर से गर्भवती हो गई और उन्होंने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया। जब कोई महिला गर्भवती होने के दो हफ्ते या एक महीने के भीतर फिर से गर्भवती हो जाती है तो विज्ञान की भाषा में इसे 'सुपरफ़ोएटेशन' कहते हैं।
प्रोफ़ेसर साइमन फि़शेल प्रजजन मामलों के जानकार हैं। उनके मुताबिक अमूमन ये होता नहीं है। लेकिन ऐसा हुआ। पहला मामला 1865 में दर्ज किया गया था। हालांकि जरूरी नहीं है कि इसका नतीजा हमेशा अच्छा ही हो।
प्रोफेसर साइमन कहते हैं कि ऐसे मामले हुए हैं जब भ्रूण गर्भ में ही खत्म हो गया हो और वक्त से पहले डिलवरी करानी पड़ी हो। हालांकि मानवों में इस तरह के चमत्कार की घटनाएं कभी-कभार होती हैं।
प्रोफेसर फि़शेल कहते हैं, 'कुछ वक्त पहले रोम में एक ऐसा मामला हुआ था जब तीन से चार महीने के अंतराल पर एक महिला प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती हो गई थी।'

बदला लेने को भटक रही है ओमपुरी की आत्मा!

अजब-गजब दुनिया 

 आपको याद होगा की इसी साल ओमपुरी जी की मौत दिल का दौरा पडऩे से हुई थी। उनके फैंस और बॉलीवुड ने उन्हें नम आँखों से विदा भी किया था। ओमपुरी की पत्नी नंदिता पुरी के साथ उनके संबंध कुछ अच्छे नहीं थे पर बेटे ईशान से ओमपुरी बहुत प्यार करते थे। इसीलिए वो निधन के एक रात पहले उससे मिलने भी गए थे लेकिन अपने बेटे से उनकी मुलाकात हो नहीं पायी और अगले दिन सुबह उन्हें मृत पाया गया। अब अचानक पाकिस्तान के एक मीडिया चैनल ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया है। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि ओमपुरी अपनी मौत का बदला लेंगे। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने तो एक ष्ष्ह्ल1 वीडियो फुटेज भी जारी किया है जिसके बारे में उनका कहना है कि ओमपुरी की आत्मा उनके घर के बाहर भटक रही है।
मौत के बाद आत्मा के भटकने के तो कई मामले आपने सुने होंगे लेकिन पाकिस्तान के इस चैनल का ये खुलासा कितना सच है ये कहना मुश्किल है। इस मीडिया चैनल का दावा है कि ओमपुरी जी की मौत नहीं हत्या हुई थी जिसका बदला वो लेंगे और उनकी आत्मा अपने कातिल को ढूंढ रही है। पाकिस्तान के इस चैनल का ये भी कहना है कि वो ये खबर को ओमपुरी की आत्मा की शांति के लिए दिखा रहा है।
इस खबर ने काफी सुर्खियां बटोरी और लोग तो इस पर चुटकी भी ले रहे हैं।
 

पति की बेवफाई रास नहीं आई, तो निगल गई 4 लाख की कमाई

अजब-गजब दुनिया

प्यार का अहसास काफी खास होता है। प्यार में डूबा इंसान अपने पार्टनर के लिए कुछ भी कर गुजरने का माद्दा रखता है। लेकिन हां अगर वही पार्टनर आपको धोखा दे जाए, तो दिल इस कदर टूटता है कि इंसान अपना होश खो बैठता है। ऐसा ही कुछ एक महिला के साथ हुआ।
सैंड्रा अल्मेडिया नाम की यह महिला अपने पति से काफी प्यार करती थी। उसे लगता था कि, उसका पति हमेशा उसके साथ रहेगा। लेकिन उसका यह भ्रम जल्द ही टूट गया। सैंड्रा ने अपने पति के लिए एक सरप्राइज ट्रिप प्लॉन की थी। लेकिन ट्रिप में जाने से पहले उसे पति की बेवफाई का पता चल गया।
महिला को इस बात का काफी गहरा सदमा लगा। उसने हॉलिडे ट्रिप के लिए पति से छुपाकर जो पैसे जमा किए थे। उसे खा गई। महिला ने यह पैसे बिजली का सामान बेचकर जोड़े थे। लेकिन जब उसे ये महसूस हुआ कि उसका पति उसे धोखा देकर छोडऩे जा रहा है, तो गुस्से में आकर उसने 7000 डॉलर रकम के नोट निगल लिए। बाद में डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला के पेट से करीब 100 बंडल निकाले। 

इसलिए बाघ की खाल के आसन पर विराजते हैं शिव

वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नृसिंह चतुर्दशी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन श्री हरि विष्णु ने नृसिंह अवतार धारण कर हिरण्याकश्यिपु का वध किया। भगवान विष्णु ने आधे नर और आधे सिंह के रूप में नृसिंह अवतार धारण कर अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की। पुराणों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु, भगवान शिव को अनोखा उपहार देना चाहते थे और यह उपहार बिना नृसिंह अवतार लिए संभव नहीं था।
भगवान नृसिंह ने जब हिरण्याकश्यिपु का वध कर दिया तब भी उनका क्रोध शांत नहीं हुआ और वह संसार का अंत करने को आतुर थे। यह देख देवता भगवान शिव के पास पहुंचे। भगवान शिव ने अपने अंश से उत्पन्न वीरभद्र से कहा कि नृसिंह से निवेदन करो कि वह ऐसा न करें। यदि अनुरोध न मानें तो शक्ति का प्रयोग कर नृसिंह को शांत करो। वीरभद्र, नृसिंह के पास पहुंचे और विनीत भाव से उन्हें शांत करने की कोशिश की।
जब नृसिंह नहीं माने तब वीरभद्र ने शरभ रूप धारण किया। नृसिंह को वश में करने के लिए वीरभद्र गरुड़, सिंह और मनुष्य का मिश्रित रूप धारण कर प्रकट हुए और शरभ कहलाए। शरभ ने नृसिंह को अपने पंजे से उठा लिया और चोंच से वार करने लगे। उनके वार से आहत होकर नृसिंह ने अपना शरीर त्यागने का निर्णय लिया और भगवान शिव से निवेदन किया कि उनके चर्म को भगवान शिव अपने आसन के रूप में स्वीकार करें। इसके बाद नृसिंह, भगवान विष्णु के तेज में मिल गए और भगवान शिव ने इनके चर्म को अपना आसन बना लिया। इसलिए शिव बाघ की खाल पर विराजते हैं।

शनिवार, मई 13, 2017

कविन्द्र ने लोगों को जल संरक्षण की आदत को विकसित के लिए कहा

नियमित पानी उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी है-शाम चौधरी
अध्यक्ष, पीएचई मंत्री ने लोगों को 6 टयूबवैल समर्पित किये
 
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
जम्मू कष्मीर विधानसभा अध्यक्ष कविन्द्र गुप्ता तथा पीएचई सिंचाई एवं बाढ़ नियत्रंण मंत्री शाम लाल चौधरी ने शनिवार को छन्नी हिम्मत, नरवाल तथा सैनिक कालोनी में लोगों को 6 टयूबवैल समर्पित किये।
सांबा के विधायक डी. के. मनियाल, पीएचई के मुख्य अभियंता सुशील एमा तथा विभाग के अन्य वरिश्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के जिम्मेदार नागरिकों को पानी के महत्व को समझना चाहिए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे पानी को बचाने की आदतों को बढ़ायें।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि गर्मियों के मौसम में लोगों को पानी उपलब्ध करवाने के लिए इन टयूबवैलों को शुरू करने के लिए विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न नई परियोजनाएं प्रगति पर है जिससे जम्मू में जलापूर्ति को सुचारू रूप से चलाने में सहायता होगी।
इसके उपरांत विधायक डी. के. मनियाल ने कहा कि लोगों को उनके दरवाजों तक सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न क्रांतिकारी कदम उठाये गये हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों तथा अन्य शिक्षित नागरिकों को आगे आकर लोगों के मध्य जल संरक्षण के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने में सरकार की सहायता करने को कहा।
ग्रेटर जम्मू की अंबिका कालोनी में 30,000 प्रतिघंटा गैलन की क्षमता के साथ 1.5 करोड रु की राशि से टयूबवैल का निर्माण किया गया जिससे 20,000 से अधिक लोगों का लाभ होगा।
  दूसरे टयूबवैल का निर्माण छन्नी हिम्मत सेक्टर- 7 में 30,000 प्रतिघंटा गैलन की क्षमता के साथ  2 करोड रु की लागत से किया गया है, जिससे 20,000 से अधिक लोगों को लाभ पहुंचेगा।
सीपीएस नरवाल में 20000 प्रतिघंटा गैलन की क्षमता के साथ 1.5 करोड़ रु की लागत से टयूबवैल का निर्माण किया गया जिससे भठिंडी, थागर तथा रायका में बेहतर जलापूर्ति में सहायता होगी।
फ्रूट मार्किट नरवाल में 33 हजार प्रतिघंटा गैलन की क्षमता  के साथ 1.5 करोड रु की लागत से टयूबवैल का निर्माण किया गया जिससे 22000 से अधिक लोगों को इससे सीधा लाभ होगा।
सैनिक कालोनी सेक्टर-एफ तथा सैनिक कालोनी सेक्टर-सी में 1.8 तथा 1.5 करोड रु की लागत से दो टयूबवैलों का निर्माण किया गया। इन टयूबवैलों में 21000 तथा 17000 प्रतिघंटा गैलन पानी की क्षमता है जिससे 25500 से अधिक लोगों को लाभ होगा।
इन सभी टयूवबैलों का निर्माण ईरा द्वारा किया गया है।
 

बाबा बुड्ढा अमरनाथ यात्रा

29 जुलाई से बाबा बुड्ढा अमरनाथ यात्रा शुरू

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
सुंदरबनी। 
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय अधिकारियों ने बताया कि बाबा बुड्ढ़ा अमरनाथ यात्रा 29 जुलाई से शुरू होगी। केंद्रीय मंत्री रवि देव ने बताया कि यात्रा 29 जुलाई से 4 अगस्त तक चलेगी। यात्रा की अवधि सात दिन की रहेगी। यात्रा 5 अगस्त को वापसी पर सुंदरबनी में रुकेगी। उन्होंने जिला विहिप पदाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिला पदाधिकारी यात्रा की तैयारी के लिए समिति बनाएं और यात्रा बिना किसी भी परेशानी के संपन्न हो इसका प्रबंध करें।
यात्रा के प्रभारी जनमेजय कुमार ने कहा बजरंगदल यात्रा को कई वर्षों से चलाता आ रहा है और आगे भी चलाता रहेगा । क्योंकि यह यात्रा राष्ट्र की यात्रा बन चुकी है। इस यात्रा को चलाने हेतु पूरा देश सहयोग कर रहा है। हम यात्रा में कोई भी त्रुटि ना रहे इसका प्रयास कर रहे हैं। यात्रा में नौशहरा के कार्यकर्ताओं में ङ्क्षबदु चौधरी ने मंगला माता को यात्रा में जोडऩे हेतु मांग उठाई। बैठक में जिले के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।

बंगस, तोसा मैदान कश्मीर पर्यटन का भविष्य हैं: महबूबा

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 
इस सीमावर्ती जिले में प्रसिद्ध बंगस घाटी को हिमालय जीवमंडल घाटी के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा पर्यटन ढ़ांचे को विकसित करने पर करीब 15 करोड़ रु. की राशि खर्च की जा रही है।
यह जानकारी एक समीक्षा बैठक में दी गई यहां पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बंगस-द्रंगयारी क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोश्ररी तथा इसके लिए जरूरी ढांचा विकसित करने की समीक्षा की।
बंगस तथा तोसा मैदान को कश्मीर का भविष्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने इस वर्ष गर्मियों में बंगस घाटी में टूर ऑप्रेटरों तथा अन्य उद्योग स्टेकहोल्डरों की भागेदारी के साथ एक पर्यटक उत्सव आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही को बढ़ावा भी मिलेगा।
महबूबा मुफ्ती ने राज्य में छात्रों के स्कूलों के लिए यात्राएं आयोजित करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने इस सम्बंध में पर्यटन विभाग को स्कूलों, जिनके छात्र घाटी का दौरा करने आएंगे, को सभी सुविधाएं देने को कहा।   
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि बंगस घाटी को पर्यटन विभाग द्वारा हिमालय जीवमंडल घाटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। महबूबा मुफ्ती को बताया गया कि पर्यटन विभाग खुमरियाल, रिशवाडी, हंदवाडा, कुपवाडा, चंदीगाम, छोतीपोरा, वात्यान, लोलाब तथा अन्य क्षेत्रों में बंगस घाटी के आसपास आवास तथा पर्यटक सूचना केन्द्रों के रूप में आवश्यक ढांचा विकसित कर रहा है।
ग्रामीण विकास विभाग मंत्री अब्दुल हक खान, संसद सदस्य फियाज अहमद मीर, विधायक बशीर अहमद डार तथा रजा मंजूर, पर्यटन एवं शिक्षा सचिव फारूक अहमद शाह के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने माछिल का दौरा किया यहां पर उन्होंने एक मॉडल विलेज का उद््घाटन कर जनसभा को सम्बोधित किया।
दौरे के दौरान महबूबा मुफ्ती ने चौकीबल, लिदरवन, जोरवन तथा जुमागुंड में कई प्रतिनिधिमंडलों की समस्याएं सुनी। लोगों ने अपने क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में वृद्वि, तुमिना पुल का कार्य पूरा करने तथा अन्य सामाजिक ढांचे के विकास की मांग की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लोगों तक पहुंचकर उनकी समस्याओं को यथाशीघ्र हल करने के निर्देश दिये।
 

1,000 करोड़ की कमाई करने वाली पहली भारतीय फिल्म: बाहुबली-2

बाहुबली-2 दुनियाभर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म का रिकॉर्ड बना लिया है। यह दुनियाभर से 1000 करोड़ रुपए की कमाई करने वाली पहली फिल्म बन गई है।फिल्म ने दुनियाभर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म का रिकॉर्ड बना लिया है। यह दुनियाभर से 1000 करोड़ रुपए की कमाई करने वाली पहली फिल्म बन गई है। इसे ट्रेड एनालिस्ट रमेश बाला और करण जौहर ने भी ट्विटर पर कंफर्म किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- भारत में 800 करोड़ और दुनियाभर मे 200 करोड़ रुपए कमाकर बाहुबली दुनियाभर में 1000 करोड़ रुपए कमाने वाली पहली भारतीय फिल्म बन गई है। वहीं सूत्रों की मानें तो फिल्म के एक्टर प्रभास की फिल्म की रिलीज के बाद से ही नींद उड़ गई है। मालूम हो कि प्रभास ने फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की थी और तकरीबन 5 साल तक वह इस प्रोजेक्ट में व्यस्त रहे हैं। इस दौरान प्रभास ने और कोई भी फिल्म साइन नहीं की।
फिल्म बाहुबली 2 :कान्कलुजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1,000 करोड़ रूपए का कारोबार करने वाली पहली भारतीय फिल्म बन गयी है और अभिनेता प्रभास ने फिल्म निर्देशक एस एस राजमौली को धन्यवाद दिया कि उन्होंने चर्चित किरदार बाहुबली की भूमिका के लिए उन पर भरोसा जताया। फिल्म निर्माता करण जौहर ने ट्विटर पर घोषणा की कि बाहुबली 2 दुनिया भर में 1,000 करोड़ रूपए कमाने वाली पहली भारतीय फिल्म बन गयी है। जौहर की कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस फिल्म के हिंदी संस्करण की वितरक है। जौहर ने लिखा कि भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी हिट ने सबसे बडी उपलब्धि हासिल की। फिल्म ने 1,000 करोड़ रूपए कमाए।
प्रभास अभी अमेरिका में छुट्टियां बिता रहे हैं। उन्होंने फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट लिखा है। इसमें उन्होंने दुनिया भर में अपने प्रशंसकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने निर्देशक राजमौली को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उन पर भरोसा जताया। उन्होंने राजमौली को विशेष रूप से धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने बाहुबली की भूमिका निभाने का उन्हें मौका दिया जिससे उनका पूरा सफर खास हो गया।
बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही तेलगू फिल्म 'बाहुबली-2Ó का फ्यूचर जनराली इंश्योरेंस कंपनी ने 200 करोड़ रपये का बीमा किया है। कंपनी ने फिल्म का बीमा अपने फिल्म पैकेज बीमा उत्पाद के तहत किया है। निजी बीमा कंपनी के अनुसार इस पॉलिसी में फिल्म निर्माण के दौरान, उसके पहले और बाद के जोखिमों को बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है।
पहले ही दिन के रिकॉर्ड्स पहले ही दिन फिल्म ने सबसे बड़े ओपनर, सबसे तेज़ 100 करोड़ समेत 12 बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। अब तक फिल्म ने लगभग 23 बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड्स तोड़े हैं।

समर सचिवालय जम्मू में स्थापित करना आवश्यक

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 
डोगरा सदर सभा के चेयरमैन गुलचैन सिंह चाढ़क ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारी की गलत नीति के चलते कश्मीर भारत के हाथ से निकलता हुआ दिखाई दे रहा है। आए दिन वहां ङ्क्षहसक प्रदर्शनों में सुरक्षाबलों को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन उन्हें मूकदर्शक बन कर रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं। राज्य को यदि बचाना है तो यहां राज्यपाल शासन लागू किया जाए।
सोमवार को उन्होंने कहा कि आतंकियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे घाटी के कुछ हिस्सों को आजाद हिस्सा घोषित करने की तैयारी में हैं। केंद्र की कश्मीर पर नीति साफ नहीं है। चाढ़क ने जम्मू विकास में पर्यटन स्थलों को विकसित न करने पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जम्मू में कृत्रिम झील, केबल कार परियोजना, समेत पर्यटन संबंधी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं हवा में हैं। जम्मू में पर्यटन की कई संभावनाएं हैं, लेकिन उसका विकास नहीं किया जा रहा। चाढ़क ने कहा कि फ्लाईओवर के उद्घाटन मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से तीन प्रश्न पूछे थे, जिनमें ऐतिहासिक मुबारक मंडी व अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम क्यों नहीं हो रहा। उन्होंने जम्मू में समर सचिवालय को स्थापित करने पर जोर दिया। कश्मीर में हालात ठीक न होने के चलते जम्मू के लोग कश्मीर सचिवालय में अपना काम कराने नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि जम्मू को यदि बचाना है तो यहां के लोगों को एकत्रित होकर केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों का विरोध करना होगा।


मुश्किल हालातों से निपटने में सहयोग करे मीडिया

 
  • श्रीनगर में दरबार खुलने के बाद सीएम ने की मीडिया से वार्ता 
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
 श्रीनगर। 
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य को मुश्किल समय से बाहर लाने के समाज के हर वर्ग के सामूहिक व सतर्क प्रयासों पर बल दिया।  उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि राज्य के लोगों ने कठिन समय देखा है, बल्कि अतीत में भी उन्होंने चुनौतियों का सामना किया है और इससे बाहर आए हैं।
श्रीनगर में दरबार मूव पर कार्यालय खुलने के अवसर पर मुख्यमंत्री मीडिया के साथ बातचीत कर रही थी। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि राज्य के इतिहास में कई उच्च और नीच आई हैं, लेकिन लोगों को निर्णायक समाधान के माध्यम से बिना परेषानी उभरे हैं। उन्होंने कहा कि यहां दो दशक लंबे संघर्ष को बातचीत और वार्ता के माध्यम से हल किया जाना था। उन्होंने कहा,''मुझे 1996 याद है जब जनसभाएं करना मुश्किल था, लेकिन लोग उससे बाहर आ गए हैं और मुस्कुराते हुए वर्तमान समय से भी निकलेंगे।" उन्होंने इस संबंध में सामूहिक प्रयासों के लिए अपील की। युवाओं को एक संपत्ति बताते हुए और बेहतर भविष्य का वादा करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां भी उन्होंने प्रतिस्पर्धा की है राज्य के युवाओं  ने हमें उन सभी क्षेत्रों में गर्वित किया है।
उन्होंने कहा,''चाहे अध्ययन, खेल या प्रतियोगी परीक्षा हो, हमारे युवाओं ने हमारे सिर को उंचा रखने के लिए अच्छी तरह से प्रदर्शन किया।" और देश के किसी भी कोने में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा,'' जम्मू व कश्मीर भारत का मुकुट है और हमारे युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए उपलब्ध देश के पूरे कैनवास हैं।"
महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से अपील की कि लोगों के बीच अंतर को कम करने में एक रचनात्मक भूमिका निभाएं और विनाशकारी तत्वों, जो कि तबाही करने और विकासात्मक प्रक्रिया को हटाना चाहते हैं, के औजार न बनें। उन्होंने मीडिया से, विशेष रूप से राष्ट्रीय मीडिया, नकारात्मकता नहीं बल्कि समानता पर ध्यान केंद्रित करें और लोगों के बीच तनाव और कटुता को कम करने में मदद करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि कुछ युवा तंत्र से मोहभंग हो सकते है लेकिन मीडिया को पूरी पीढ़ी को ऐसा नहीं बताना चाहिए और उनका मोहभंग करने की दिशा में काम करना चाहिए।
बाद में मुख्यमंत्री ने आज यहां सिविल सचिवालय के उद्घाटन के बाद मंत्रियों की परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से लोगों के मुद्दों को हल करने और स्थानीय प्रशासन को जुटाने के लिए क्षेत्रों का संयुक्त दौरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह चुनौती इस बात पर निहित है कि लागत और समय प्रभावी तरीके से लोगों को प्रदान करने के लिए प्रभावी और कुशलता से शासन कैसे किया जाता है।
इससे पहले आज सुबह सिविल सचिवालय में उनके आगमन पर, मुख्यमंत्री को जम्मू-कश्मीर पुलिस के दल ने औपचारिक स्वागत किया ।
मंत्रिपरिषद के सदस्य और सिविल सचिवालय के एक बड़े कर्मचारी ने अपने आगमन पर मुख्यमंत्री को गर्मजोशी से स्वागत किया।

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान और सऊदी के 34 चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान और सऊदी अरब के 34 चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार से पाकिस्तानी और सऊदी अरब के चैनलों के राज्य में अनधिकृत प्रसारण को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा था।
दरअसल, पाकिस्तान के न्यूज एंकर्स और सऊदी के मौलानाओं की कश्मीर के घरों में सीधी पहुंच है। घाटी में लगातार हो रही हिंसा और पत्थबाजी को उकसाने में इनकी बड़ी भूमिका है। कश्मीर में प्राइवेट केबल नेटवर्क से पाकिस्तान और सऊदी के 50 से ज्यादा चैनल चल रहे हैं। इनमें विवादित मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक का पीस टीवी भी शामिल है। ये चैनल कट्टरवादी विचारधारा को फैलाने का काम कर रहे हैं और लोगों को भड़का रहे हैं।
इसके लिए जरूरी इजाजत भी नहीं ली जाती। कश्मीर में बड़ी सैटेलाइट टीवी सर्विस मौजूद हैं। इसके बावजूद ज्यादातर स्थानीय लोग प्राइवेट केबल को ही प्राथमिकता देते हैं। अकेले श्रीनगर में ही 50 हजार से ज्यादा प्राइवेट केबल कनेक्शन हैं और इनके जरिए पाकिस्तानी और सऊदी चैनल्स देखे जा रहे हैं।
बैन किए गए चैनलों में पीस टीवी, सऊदी सुन्नाह, सऊदी कुरान, अल अरेबिया, पैगाम, जियो न्यूज, डॉन न्यूज जैसे चैनल शामिल हैं।

गिलानी ने कश्मीर में सेना के गुड विल स्कूलों पर उठाए सवाल

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर। 

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन और अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने भारत प्रशासित कश्मीर के लोगों से बच्चों को सेना द्वारा संचालित गुड विल स्कूलों में नहीं पढ़ाने की अपील की है।गिलानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि सेना के ये स्कूल कश्मीरी बच्चों को उनके मजहब और संस्कृति से दूर कर रहे हैं।
गिलानी ने बयान में कहा, 'छोटे-मोटे फ़ायदे के लिए हमारी पीढ़ी हमारे हाथों से निकलती जा रही है। सेना द्वारा संचालित ये संस्थान हमारे बच्चों को अपने धर्म और विशिष्ट संस्कृति से दूर कर रहे हैं।'
सेना ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पूरी कश्मीर घाटी खासकर ग्रामीण इलाकों में ऐसे स्कूल खोले हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय छात्र इन स्कूलों में पढ़ाई के लिए आते हैं। गिलानी ने कहा कि भारतीय सेना को कश्मीरी बच्चों के भविष्य में कोई दिलचस्पी नहीं है और इन गुड विल स्कूलों का एक मक़सद कश्मीरी बच्चों को उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से दूर करना भी है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा कि भारत सरकार देश को हिंदू राष्ट्र के रूप में देखने के लिए आतुर है और इन स्कूलों में इसी नज़रिए से संचालित किया जा रहा है।
इस बीच, श्रीनगर में सेना के प्रवक्ता राजेश कालिया ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, बारामुला और बांदीपुरा समेत घाटी में इस समय सेना करीब 29 गुड विल स्कूल चला रही है। 

गुरुवार, मई 11, 2017

विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों की समस्याएं बताईं

शाम चौधरी ने रियासी, उधमपुर में जलापूर्ति योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 

पीएचई, सिचांई एवं बाढ़ नियत्रंण मंत्री शाम लाल चौधरी ने शुक्रवार को रियासी तथा उधमपुर जिलों की चालू जलापूर्ति योजनाओं की स्थिति की समीक्षा हेतु एक बैठक आयोजित की।
विश्र एवं योजना राज्य मंत्री, गूल अरनास तथा उधमपुर के विधायक एजाज खान तथा पवन गुप्ता भी बैठक में उपस्थित थे।
मंत्री ने वित्तीय प्रगति के साथ जमीनी स्तर पर योजनाओं को लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में सरकार छोटे छोटे क्षेत्रों में अधिक से अधिक हैंडपम्प लगाने पर बल देगी।
बैठक में डंसर बाबा योजना, सलाल लिफ्ट सिस्टम, रोलकियां, पंथाल डब्ल्यूएसएस, पंगन देवता, जगानू आदि जैसी रियासी तथा उधमपुर की प्रमुख जलापूर्ति योजनाओं की आधुनिक स्थिति की जानकारी भी दी गई।
मटलोट, हंडर, सवालकोट तथा विभिन्न अन्य क्षेत्रों के लिए नई योजनाओं को शुरू करने पर भी चर्चा की गई।
मंत्री ने अभियंताओं को बैठक में विधायकों द्वारा बताई गई जलापूर्ति योजनाओं के लिए जरूरी डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने  नियमित राशि के लिए केन्द्र सरकार को शीघ्र ही यूसी जमा करवाने पर भी बल दिया। इस अवसर पर मंत्री ने मुख्य अभियंता को इन जिलों में जलापूर्ति में वृद्धि लाने हेतु शीघ्र ही पिछली जलापूर्ति योजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिये।
उधमपुर के विधायक द्वारा उठाये गये पम्पों के मुद्दे पर प्रतिक्रिया जताते हुए मंत्री ने उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र में 4 पानी के पम्प लगाने तथा सभी चालू जलापूर्ति योजनाओं को पूरा करने के निर्देश भी दिये तथा उन्हें डीपीआर तैयार करने को भी कहा।
पीएचई जम्मू के मुख्य अभियंता सुशील एमा, सुपरींटेंडिंग इंजीनियर हाईड्रालिक उधमपुर जगदीश सिंह चिब, कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता तथा पीएचई, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण के अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

दो नए सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज इस वर्ष से शुरू होंगे: अल्ताफ बुखारी

प्रिया ने इंजीनियरिंग पेशेवरों से समाज को सर्वश्रेष्ठ देने को कहा


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू  

इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए सीटों में बढ़ोतरी के लिए सरकार ने जम्मू कश्मीर के दो नए सरकारी इंजीनियरिंग। कॉलेजों कठुआ जिले में और कश्मीर के गंदरबल जिले के सफापुर से पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है।
यह घोषणा शुक्रवार को शिक्षा शिक्षा मंत्री, सैय्यद मोहम्मद अल्ताफ  बुखारी ने गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ  इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (जीसीईटी) द्वारा आयोजित अपने वार्षिक दिवस समारोह में की। अल्ताफ  बुखारी राज्य के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान के वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि थे।
शिक्षा राज्य मंत्री, प्रिया सेठी समारोह में उपस्थित थी।
 मंत्री ने घोषणा की, ''हम जम्मू के कठुआ और गांदरबल में दो कॉलेजों को शुरू करने की प्रक्रिया में हैं और इस साल से इन नए पेशेवर संस्थानों में पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।ÓÓ उन्होंने कहा कि इस संबंध में निर्णय को अंतिम रूप दिया गया है। अल्ताफ  बुखारी ने आगे बताया, ''दो दिन पहले, मैने और मेरे सहयोगी तथा शिक्षा विभाग की टीम ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ बैठक की और इस वर्ष से इन कॉलेजों में पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला किया गया।ÓÓ
इस बीच कॉलेज प्रबंधन की मांग पर मंत्री ने एक ऑडिटोरियम, कॉलेज के कैंटीन और इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए स्थायी वॉर्डन पोस्ट की घोषणा भी की। उन्होंने अकादमिक और सह-पाठयक्रम गतिविधियों में अतिरिक्त सामान्य प्रदर्शन और अग्रणी व्यवसाय संगठनों में नियुक्ति के लिए प्रबंधन, छात्रों, अभिभावकों को बधाई दी।  उन्होंने राज्य में शिक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर लेने के लिए सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती राज्य को शिक्षा का केंद्र बनने के लिए उत्सुक हैं।
शिक्षा राज्य मंत्री ने शिक्षा क्षेत्र को फिर से जीवंत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि सभी सार्वजनिक संस्थानों और सेवाओं के कामकाज के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही को बेंचमार्क बनाया गया है। उन्होंने प्रदर्शन की सराहना की और विभिन्न बैचों के टॉपर्स को बधाई दी।
कॉलेज ने इस अवसर पर एक ई-पत्रिका भी जारी की और शिक्षा, खेल व अन्य सह-पाठ्यचर्याओं में उत्कृष्टता हासिल करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया।
अब तक उन्नीस बैच जीसीईईटी से पास हो चुके है, जबकि वर्तमान में विभिन्न धाराओं में चार बैच पाठ्यक्रम पूरा कर रहे हैं।  समारोह में मुख्य आकर्षण जीसीईटी होस्टल वार्डन, एआर दुबे का प्रदर्शन रहा,  जिन्होंने अपनी मधुर आवाज के साथ श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

अलगाववादियों को पाकिस्तान, यूएई, सऊदी अरब से लगातार पैसे भेजे जा रहे

कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए  
आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह को मिले 
10-10 करोड़ रुपये



एजेंसियां
नई दिल्ली।
पिछले साल जुलाई में जम्मू कश्मीर आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से पूरी कश्मीर घाटी जल रही है। जन्नत में हिंसा की आग आतंकवादियों और पत्थरबाजों की बदौलत फैलाई जा रही है।
आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है और इन पत्थरबाजों और आतंकियों की फंडिंग कैसे हो रही है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान कश्मीर से गुजरात तक टेरर कॉरीडोर बनाने के एजेंडे पर काम कर रहा है।
इसके लिए आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह जैसे अलगाववादी नेताओं को लगातार पैसे मिल रहे हैं। एनआईए सूत्रों के मुताबिक आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह को बीते अप्रैल महीने में 10-10 करोड़ रुपये हवाला के जरिए भेजे गए थे।
सूत्रों के मुताबिक इन अलगाववादियों को पाकिस्तान, यूएई, सऊदी अरब से लगातार पैसे भेजे जा रहे हैं। जब से पाक और सऊदी अरब के रिश्तों में मधुरता आई है तब से घाटी में हिंसा फैलाने के लिए फंडिंग में बेहद इजाफा हुआ है। पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और उरी के बीच होने वाले कारोबार के जरिए भी आतंकियों की फंडिंग हो रही है। इन्ही पैसों का इस्तेमाल कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा देने और सेना पर पत्थरबाजी करनेवाले लोगों को देने में दिया जाता है।
पैसों की इन्ही लेन-देन की वजह से ही बीते दिनों आसियों अंद्राबी को एक बार फिर नजरबंद कर दिया गया था। हैरान करने वाली बात ये है कि बुरहान वानी की मौत के बाद से कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर लगातार पैसों की बारिश हो रही है। पाकिस्तान बुरहान वानी की मौत के बाद वहां उपजे तनाव का फायदा कश्मीर के स्थानीय लोगों को भड़का कर उठाना चाहता है ताकि वो कश्मीर के अंदर ही भारत विरोधी काम कर सके।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक ना सिर्फ आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह को पैसे मिले हैं बल्कि मीरवाइज उमर फारूक, गिलानी जैसे अलगाववादी नेताओं को भी पैसे दिए गए हैं। जब इस मुद्दे पर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं से बात करने की कोशिश की गई तो कोई भी नेता प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं हुआ।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक अलगाववादी नेताओं के करीब 10 खातों पर नजर रखी जा रही है जिसमें करीब हाल फिलहाल में 24 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। सुरक्षाबलों की पैनी नजर जमात उद दावा, जैश, लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के चैरिटी संस्थानों पर भी है जिसके जरिए कश्मीर में पैसा भेजा जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों पर इन फंडिंग को रोकने की बड़ी जिम्मेदारी है।

 

पत्थरबाजों को रास्ते पर लायेगी मोदी सरकार

तीन मंत्रालयों को सौंपी जिम्मेवारी 

 एजेंसियां
नयी दिल्ली। 
जम्मू-कश्मीर के पत्थरबाज जल्द हिंसा से दूर होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर केंद्र सरकार इस संबंध में ठोस नीति बनाने पर काम कर रही है। सरकार ने पत्थरबाजी करनेवाले घाटी के युवाओं को मुख्यधारा में लाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। सरकार ने रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के साथ-साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय को निर्देश दिये हैं कि वे ठोस नीतियां उनके सामने पेश करें, जिससे घाटी के गुमराह हुए युवाओं को सही राह पर लाया जा सके।
केंद्र सरकार की कोशिश है कि युवाओं को शिक्षा से जोड़ा जाये, ताकि उन्हें मुख्यधारा में लाने में मुश्किल न हो। इसके लिए स्कूल, कॉलेज, लड़कियों के लिए हॉस्टल और आइआइएम की कैंपस शाखा खोलने के अलावा स्कॉलरशिप की राशि बढ़ाने की भी सरकार की योजना है। घाटी के लोगों को रोजगार से भी जोड़ा जायेगा।
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्री सैयद अल्ताफ बुखारी ने दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की थी। इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की थी कि घाटी में आइआइएम की कैंपस शाखा खुलेगी। उनके मंत्रालय की एक टीम कैंपस के लिए सर्वे करने अगले हफ्ते घाटी जायेगी।
जावड़ेकर ने बताया कि पिछले साल 30 स्कूलों को जला दिया गया। फिर भी 98 प्रतिशत छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि वे राज्य में छात्रों के लिए सात नये हॉस्टल खोलने के साथ स्कॉलरशिप की राशि भी बढ़ाने जा रहे हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य को 200 करोड़ रुपये दिये गये हैं। अब हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिक्षा पर खर्च के लिए दिया गया पैसा सही जगह और सही लोगों पर खर्च हो। यह भी बताया कि कश्मीरी छात्रों से बातचीत के लिए दो राज्यमंत्री घाटी के स्कूल-कॉलेजों का दौरा करनेवाले हैं।
घाटी में भटक रहे नौजवानों को रोजगार से जोडऩे की जिम्मेदारी अल्पसंख्यक मंत्रालय को सौंपी गयी है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अगले हफ्ते आला अधिकारियों की बैठक बुलायी है, जिसमें ठोस रणनीति तैयार की जायेगी।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य के युवाओं के विकास के लिए अभी जो खाका तैयार किया गया है, उसमें कौशल विकास योजना के तहत 'सीखो और कमाओ' को युद्ध स्तर पर शुरू किया जायेगा। इससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
काउंसलिंग का नयी रोशनी कार्यक्रम भी शुरू होगा। इसके तहत विश्व प्रसिद्ध काउंसलर से युवाओं को ट्रेनिंग दिलायी जायेगी, जो उन्हें लीडरशिप के गुर सिखायेंगे। दो महीने की ट्रेनिंग के बदले युवाओं को पैसा भी दिया जायेगा।
पत्थरबाजी करनेवाले छात्रों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा, जिसमें उन्हें मुख्यधारा से जोडऩे की कोशिश की जायेगी। इसकी शुरुआत जून से होगी। अभियान के दौरान केंद्र की विकास योजनाओं की जानकारी दी जायेगी और दहशत की वजह से राज्य को हो रहे नुकसान को समझाया जायेगा।
बेहतर स्वास्थ्य और शारीरिक विकास के लिए स्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या बढ़ायी जायेगी। घाटी को मुख्यधारा से जोडऩे के लिए सड़क बनाने और नये प्राजेक्ट्स पर काम शुरू हो चुका है, जो आनेवाले दिनों में और तेज होगा। रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस बार बाकायदा घाटी के युवाओं को सेना में भरती करने की मुहिम रंग लायी। भारतीय सेना के जम्मू और कश्मीर लाइट इनफ्रैंट्री (जैक लाइट) के लिए कैंप लगा कर राज्य के लोगों को सेना से जोड़ा गया। कश्मीर घाटी के सैकड़ों युवाओं ने भारतीय सेना का हिस्सा बनने के लिए उत्साह दिखाया। हाल ही में कश्मीर के 500 से ज्यादा युवा सेना के भरती अभियान में शामिल हुए।

टाइम टू ईट

स्वाद के जादूगर

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 
फास्ट फूड के नाम पर बाजार में तरह-तरह की रेहडिय़ां और दुकानें आपको शहर भर में नजर आएंगी, लेकिन हर जगह इनका सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकर हो सकता है। लेकिन गांधीनगर लास्ट मोड़ पर 'टाइम टू ईट' एक ऐसा ईटिंग प्वाइंट है, जहां आप बेफिकर होकर फास्ट फूड का आनंद ले सकते हैं। न्यूट्री कुल्चा के लिए मशहूर इस फूड प्वाइंट को चलाने वाले हैप्पी कुमार बताते हैं कि वे लोगों के स्वाद के साथ उनकी सेहत का भी ख्याल करते हैं इसीलिए स्वच्छ और ताजा सामान ही इस्तेमाल करते हैं ताकि लोग अपना मनपसंद स्वाद बिना किसी सेहत की चिंता के ले सकें। उनकी यही खूबी उन्हें बनाती है स्वाद का जादूगर।

रानी पार्क वार्ड-10 की गली, जहां नालियां पड़ी हैं खुली

हमारी भी सुने सरकार

स्वच्छता के अभियान में 251वें स्थान पर जम्मू शहर

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
 
लगातार क्षेत्रों की उपेक्षा करने के कारण ही जम्मू शहर पूरे देश में स्वच्छता के अभियान में 251वें स्थान पर रह गया। ऐसे में स्मार्ट सिटी का सपना देखना जम्मूवासियों के लिए एक मजाक से कम नहीं। रानी पार्क वार्ड-10 की गली हाल बयां करती है कि साफ सफाई और मरम्मत कार्य की क्या दशा है जिससे यहां के लोग हलकान हो रहे हैं। रेशू सिंह ने बताया कि नालियां खुली छोड़ दिए जाने के कारण कुत्ते इनमें बैठकर गर्मी दूर करते हैं और सारी गंदगी सड़क पर बिखेर देते हैं। शिवानी ने बताया कि ढाई महीने हो गए लेकिन संबंधित विभाग ने नालियों को कवर कराने की कोशिश ही नहीं की। संजय ने बताया कि गली में सड़क भी खराब है जिससे दुपहिवा वाहन का पहिया पत्थरों पर पड़ते ही स्किट हो जाता है जिससे खुली नाली में बाइक व स्कूटर चले जाने के कारण कई लोगों को चोट भी लग चुकी है। स्थानीय लोग कई बार अधिकारियों से निवेदन कर चुके हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। स्थानीय लोगों ने इस बात पर भी रोष जताया कि कोई भी जनप्रतिनिधि भी उनकी समस्याओं को दूर कराने के लिए पहल नहीं कर रहा है।

बुधवार, मई 03, 2017

कश्मीर में 13 हजार से अधिक जवान हो चुके है घायल

तीन दशक में 40 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
 जम्मू। 
जम्मू कश्मीर में जारी अलगाववादी हिंसा के दौरान पिछले तीन दशक में 40 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं। साल 1990 से 9 अप्रैल 2017 तक की अवधि में मौत के शिकार हुए इन लोगों में स्थानीय नागरिक, सुरक्षा बल के जवान और आतंकवादी शामिल हैं।
कश्मीर में हिंसा को लेकर एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 27 सालों में अब तक राज्य में आतंकवादी गतिविधियों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में 40961 लोग मारे गए हैंं। जबकि 1990 से 31 मार्च 2017 तक की अवधि में घायल हुए सुरक्षाबल के जवानों की संख्या 13 हजार से अधिक हो गई है।
मंत्रालय की उपसचिव और मुख्य सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई के जवाब में स्थानीय नागरिकों, आतंकवादियों और सुरक्षा बल के जवानों की मौत का 1990 से अब तक का हर साल का आंकड़ा जारी किया है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में बीते तीन दशक की हिंसा के दौरान मारे गए लोगों में 5055 सुरक्षा बल के जवानों की शहादत भी शामिल है, जबकि 13502 सैनिक घायल हुए। राज्य में जारी इस आतंकी हिंसा के दौरान स्थानीय नागरिकों की मौत का आंकड़ा 13941 तक पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक आतंकी हिंसा के शिकार हुए लोगों में सबसे ज्यादा 21965 मौतें आतंकवादियों की हुई है।
आरटीआई में मंत्रालय ने कश्मीर की आतंकवादी हिंसा में संपत्ति को हुए नुकसान की जानकारी देने से इनकार कर दिया। मंत्रालय ने इस बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं होने के कारण जम्मू निवासी आरटीआई आवेदक रमन शर्मा से जम्मू कश्मीर सरकार से यह जानकारी मांगने को कहा है।  साल 2003 में 795 स्थानीय नागरिकों और 1494 आतंकवादियों की मौत के अलावा 341 सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए।
इसके बाद साल 2008 से स्थानीय नागरिकों और सुरक्षा बल के जवानों की मौत का आंकड़ा दो अंकों में सिमट गया है। साल 2010 से साल 2016 तक स्थानीय नागरिकों की मौत का आंकड़ा 47 से गिर कर 15 तक आ गया है। इसके उलट इस अवधि में शहीद हुए सुरक्षा बल के जवानों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान शहीद हुए सुरक्षा बल के जवानों की संख्या 69 से बढ़कर साल 2016 में 82 तक पहुंच गई।  हालांकि साल 2017 में 9 अप्रैल तक 5 स्थानीय नागरिक और 35 आतंकवादी मारे गए, जबकि सुरक्षा बल के 12 जवान शहीद हुए हैं। वहीं इस साल 31 मार्च तक सुरक्षा बल के 219 जवान घायल हो चुके हैं।
आंकड़ों के विश्लेषण में स्पष्ट होता है कि तीन दशक के हिंसक दौर में मौत के लिहाज से साल 2001 सर्वाधिक हिंसक वर्ष रहा। इस साल हुई 3552 मौत की घटनाओं में 996 स्थानीय लोग और 2020 आतंकवादी मारे गए, जबकि सुरक्षा बल के 536 जवान शहीद हुए। हालांकि स्थानीय नागरिकों की सबसे ज्यादा मौत (1341) साल 1996 में हुई। आंकड़ों के मुताबिक साल 2001 में आतंकवादी हिंसा से जानमाल को सर्वाधिक नुकसान होने के बाद साल 2003 से इसमें लगातार गिरावट दर्ज की गई है। 
 

महबूबा ने रात में श्रीनगर का औचक दौरा किया

अधिकारियों को सेवा वितरण में तत्काल सुधार करने का निर्देश दिया, भविष्य में भी ऐसे दौरे किए जाएंगे

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
श्रीनगर।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संबंधित विभागों द्वारा शहरवासियों को दी जा रही विभिन्न सेवाओं और इन क्षेत्रों में इन विभागों की जमीनी उपस्थिति का मौके पर जायजा लेने के लिए गत रात श्रीनगर शहर के विभिन्न इलाकों का औचक दौरा किया।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से बिजली आपूर्ति की उपलब्धता और स्थिति, कटौती कार्यक्रम का कार्यान्वयन, स्ट्रीट लाइट के कामकाज, गलियों की सफाई, निचले इलाकों में जल निकासी की सुविधा और लोगों को उपलब्ध कराई गई अन्य नागरिक सुविधाएं की विशेष जांच की।
औचक दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने डलगेट, बौलीबर्ड, निशात, हजरतबल, नगीन, काठीदरवाजा, जिंदाशाह मस्जिद, रैनावाड़ी, खन्यार, खैयाम, नवपोरा, मुन्नवराबाद, टीआरसी, लाल चौक, महाराजा बाजार, जवाहर नगर, राजबाग और सोनवर का दौरा किया और मौके पर इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बिजली आपूर्ति की उपलब्धता की जांच की। उन्होंने देर रात शहर के इन क्षेत्रों का दो घंटे के निरीक्षण के दौरान स्वच्छता, जल निकासी और सड़क प्रकाश व्यवस्था की स्थिति की भी जांच की।
औचक यात्रा के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री ने शहर प्रशासन से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक बुलाई।
बैठक के दौरान महबूबा मुफ्ती ने कुछ क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं के खराब सेवा वितरण की रिपोर्ट पर रोश जताया। उन्होंने कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट्स के गैर-कार्यान्वयन के बारे में भी अपनी नाराजगी व्यक्त की और क्षतिग्रस्त स्ट्रीट लाइट की जरूरी मरम्मत और बड़े जंक्शनों या चौकों व व्यस्त क्षेत्रों में हाई मास्ट लाईट लगाने का निर्देष दिया। उन्होंने शहर में नालियों और सड़कों और गलियों की नियमित और नियमित सफाई और कचरे के उचित डंपिंग का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने इन क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं और अन्य सुविधाओं के स्तर को बेहतर बनाने
के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने सेवाओं को मात्रात्मक और गुणात्मक जरंच के लिए शहर के इलाकों में नियमित दौरे के लिए उपायुक्त, श्रीनगर को निर्देश दिया।
महबूबा मुफ्ती ने अधिकारियों से कहा कि भविष्य में वे शहर और अन्य शहरी क्षेत्रों विशेषकर उन क्षेत्रों से जहां वह सार्वजनिक सेवाओं की गैर-वितरण की शिकायतों को प्राप्त हो रही है, ऐसे औचक दौरे करें।
मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान, पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर एसजेएम जिलानी, उपायुक्त श्रीनगर डा फारूक अहमद लोन, उपाध्यक्ष एसडीए तहसीन मुस्तफा, मुख्य अभियंता पीडीडी शहनाज गोनी, आयुक्त एसएमसी डॉ शफकत खान और अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

कैबिनेट बैठक, हुए कई बड़े फैसले

कैबिनेट बैठक में हुए कई बड़े फैसले 

  1. जेल, एफईएसडी स्टाफ का आरएमए बढ़ेगा
  2. आरईसीपीडीसीएल आईटी कंसल्टेंट नियुक्त
  3. सात आई/सी चीफ इंजीनियर नियमित 
  4. जेके सिविल ला, वैट आर्डनेंस में संशोधन  
  5. रियासत के शहरी क्षेत्रों में एसबीएम लागू होगा
  6. एसएंडटी विभाग को 72 कैनाल जमीन स्थानांतरित
  7. सामिया रशीद की नियुक्ति को मंजूरी 
  8. विधानसभा सचिव का पद सेक्रेट्री जनरल के रूप में उच्चीकृत 
  9. आलोक कुमार के प्रमोशन को मजूरी 
  10. पीओ का पद एओ के रूप में उच्चीकृत 
  11. रंगरेथ में पुलिस पोस्ट की स्थापना को मंजूरी 
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 
जम्मू कश्मीर सरकार की कैबिनेट बैठक में शनिवार को कई बड़े फैसलों को मंजूरी दी गई। इस दौरान कैबिनेट ने क्षतिग्रस्त दरबा-चंदक  सिंगल सर्किट 132केवी ट्रांसमिशन लाइन के रि-अलाइनमेंट और पुनर्निर्माण के लिए पीजीसीआईएल के इंगेजमेंट को मंजूरी दे दी। इस पर 29.03 करोड़ का खर्च आएगा।
साथ ही एम्स के लिए 293 कैनाल और 13 मरला जमीन के ट्रांसफर को भी  कैबिनेट ने मंजूरी दी।
जिला सांबा, तहसील विजयपुर में चक दीवान भीम सेन, रख बरोटियां गांवों की यह जमीन जेएंडके हेल्थ एंड मेडिकल डिपार्टमेंट को ट्रांसफर होगी।  पूरी पेंशन के लिए सेवा की अधिकतम अर्हता के वर्ष 28 से घटाकर 20 किए जाने को भी मंजूरी मिल गई। सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की स्थिति में पांच साल की अतिरिक्त अर्ह सेवा का लाभ वापस कर लिया गया।  कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में 8 पदों के सृजन को भी मंजूरी दी। इनमें से तीन पद, जिनमें दो बेंच सेक्रेट्री और डिप्टी रजिस्ट्रार का पद शामिल हैं,  ग्रेड पे 7600 के साथ सेलेक्शन ग्रेड 15600-39100 में होंगे। बाकी पांच पदों में से तीन पद बेंच सेक्रेट्री और दो पद डिप्टी रजिस्ट्रार के स्पेशल स्केल 37400-67000 में होंगे। ग्रेड पे 8700 रहेगा।

जेल, एफईएसडी स्टाफ का आरएमए बढ़ेगा
कैबिनेट ने जेल विभाग और फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज डिपार्टमेंट के नॉन गजेटेड स्टाफ के लिए राशन मनी अलाउंस (आरएमए) में बढ़ोत्तरी की है। यह बढ़ोत्तरी एक हजार रुपये से दो हजार रुपये प्रति व्यक्ति, प्रति माह के आधार पर एक अप्रैल, 2017 से लागू मानी जाएगी।

आरईसीपीडीसीएल आईटी कंसल्टेंट नियुक्त

कैबिनेट ने आरएपीडीआरपी पार्ट-1 के बाकी कार्यों के लिए एक साल को नामिनेशन आधार पर आरईसीपीडीसीएएल को आईटी कंसल्टेंट नियुक्त किया है। आरएपीडीआरपी सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तौर पर रियासत के 30 शहरों में, जिनमें जम्मू और श्रीनगर शामिल हैं, में चल रही है। 

सात आई/सी चीफ इंजीनियर नियमित

कैबिनेट ने सात आई/सी चीफ इंजीनियरों के रेगुलर प्रमोशन को मंजूरी दे दी। इनमें आलोक मेंगी, ओम कुमार, पूरन भारत गांधी, नईम अहमद, तिलक राज भगत, देवीदास, पुरुषोत्तम लाल शुमार हैं। इन्हें चीफ इंजीनियर (सिविल) के रूप में 14300-18300 के पे स्केल, रिवाइज्ड 37400-67000, ग्रेड पे-8700 पर नियमित किया गया।
 
जेके सिविल ला, वैट आर्डनेंस में संशोधन

कैबिनेट ने जेएंडके सिविल ला (स्पेशल प्रोविजंस) आर्डनेंस-2017 को मंजूरी दी। साथ ही जेएंडके वैट (संशोधित) आर्डनेंस-20107 को भी मंजूरी दी गई।

रियासत के शहरी क्षेत्रों में एसबीएम लागू होगा
रियासत के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) लागू किया जाएगा। इसके तहत हाउसहोल्ड टायलेट्स, कम्युनिटी टायलेट्स, प्राइवेट टायलेट्स, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स चलाए जाएंगे।

एसएंडटी विभाग को 72 कैनाल जमीन स्थानांतरित

हंदवाड़ा में इंडस्ट्रियल बायोटेक्नोलाजी पार्क की स्थापना के लिए एसएंडटी विभाग को 72 कैनाल जमीन स्थानांतरण की मंजूरी मिली। बरारीपोरा गांव की यह जमीन वर्तमान में डिपार्टमेंट आफ यूथ सर्विसेज एंड स्पोर्ट्स के कब्जे में है।

सामिया रशीद की नियुक्ति को मंजूरी

कैबिनेट ने डा. सामिया रशीद की गवर्नमेंट मेडिकल कालेज, श्रीनगर के प्रिंसिपल पद पर नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी।

विधानसभा सचिव का पद सेक्रेट्री जनरल के रूप में उच्चीकृत
कैबिनेट ने सेक्रेटरी, जम्मू एंड कश्मीर विधानसभा सचिव पद को सेक्रेट्री जनरल के रूप में अपग्रेड किए जाने की मंजूरी दे दी। इसमें यह शर्त भी जोड़ी गई कि जैसे ही वर्तमान पद धारी पद छोड़ेंगे पोस्ट मूल पोजीशन में रिवर्ट बैक हो जाएगी।

आलोक कुमार के प्रमोशन को मजूरी

कैबिनेट ने जेएंडके कैडर के 1997 बैच के आईपीएस आफिसर को सुपर टाइम स्केल (2) के तहत आईजीपी पद पर प्रमोशन को मंजूरी दे दी। यह फैसला एक अप्रैल, 2016 से लागू होगा।

पीओ का पद एओ के रूप में उच्चीकृत 

कैबिनेट ने सेरीकल्चर डिपार्टमेंट में पर्सनल आफिसर के पद को एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर के रूप में उच्चीकृत किए जाने को मंजूरी दी है। यह पद जीएडी से डेपुटेशन पर भरा जाएगा। पे स्केल 9300-34800, ग्रेड पे 4800 होगा।

रंगरेथ में पुलिस पोस्ट की स्थापना को मंजूरी

कैबिनेट ने रंगरेथ, श्रीनगर में पुलिस पोस्ट की स्थापना को मंजूरी दे दी है। गृह विभाग के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने 29 पदों के सृजन की संस्तुति की है। पुलिस पोस्ट का न्याय क्षेत्र डीजीपी से कंसल्टेशन के बाद गृह विभाग नोटिफाई करेगा। 

शाम ने दिए जल्द फाइलें निपटाने के निर्देश

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।  

पीएचई, सिंचाई एंव बाढ़ नियंत्रण मंत्री शाम लाल चौधरी ने गत वित्त वर्ष के दौरान सुचेतगढ़ में विभिन्न विभागों की उपलब्धियों और प्रगति और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए उनके द्वारा निर्धारित लक्ष्य की समीक्षा की बैठक की अध्यक्षता की।
जम्मू कश्मीर अनुसूचित जाति के विकास व कल्याण राज्य सलाहकार बोर्ड के उप चयेरमैन भूषण लाल डोगरा, गुज्जर-बक्करवाल विकास बोर्ड के उप चयेरमैन चौधरी जफर अली, एसडीएम आरएसपुरा सुनील शर्मा, तहसीलदार, बीडीओ, एईईएस, जेईईओ और विभिन्न अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
बैठक के दौरान मंत्री ने प्रधान मंत्री आवास योजना, प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना, सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम, प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना, मनरेगा, आईएचएचएल और अन्य विकास योजनाओं सहित राज्य और केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत होने वाली प्रगति के बारे में पूछताछ की। मंत्री ने एसडीएम कार्यालय के साथ लंबित पीआरसी और पीओके विस्थापित व्यक्तियों से संबंधित फाइलों की स्थिति के बारे में जानकारी ली और जल्द से जल्द लंबित फाइलों को निपटाने के लिए राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पटवारियों को अपने संबंधित पटवार हलका में बैठना चाहिए और राहत पैकेज प्राप्त करने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि आम जनता की सुविधा के लिए पटवारियों के संपर्क नंबर को कार्यालयों के बाहर भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
बैठक में मंत्री को बताया गया था कि पोरोवाना को पूरी तरह से खुले शौच से मुक्त बनाया जाएगा और इस संबंध में काम करने की संभावना सबसे तेज दर पर चल रही है।
उन्हें यह भी सूचित किया गया कि विद्युत विकास विभाग ने सुचेतगढ़ में सीडीएफ और बीएडीपी के तहत विभिन्न कार्यों को उठाया है जिसमें खंभे लगाने, बिजली के केबल बिछाने और कंडक्टर के प्रतिस्थापन शामिल हैं। मंत्री ने पीडीडी अधिकारियों को क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर की मरम्मत और जहां कहीं भी आवश्यक हो, नए ट्रांसफार्मर स्थापित करने का निर्देश दिया, ताकि गर्मी के मौसम में लोगों को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
मंत्री ने सुचेतगढ़ में काम कर रहे विभिन्न सरकारी स्कूलों के प्रदर्शन की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने जेडईओ को कि छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में सूचित किए जाने को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया। उन्होंने उनसे छात्रों को विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के अलावा, उन्हें मुफ्त यूनिफार्म और मिड डे मील पर भोजन उपलब्ध करवाए जाने को भी सुनिश्चित करने के लिए कहा।
बैठक के दौरान, मंत्री को इस क्षेत्र में कार्य करने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों और आम जनता के कल्याण के लिए सरकार द्वारा कार्यान्वित सामाजिक कल्याण योजनाओं की प्रगति के बारे में भी सूचित किया गया।
मंत्री ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के अधिकारियों को राशन कार्ड के वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के अलावा सीमांत क्षेत्रों में समय पर राशन आपूर्ति प्रदान करने के लिए कहा।
उन्होंने कृषि विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को उन किसानों को, जिनकी जिविका एकमात्रकृषि और पशुधन पर निर्भर करती है, को दी जाने वाली सब्सिडी का अधिकतम लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया।
मंत्री ने ईओ नगर समिति, आरएस पुरा को नालियों को ठीक तरह से साफ करने और सड़कों के दोनों तरफ लगे हुए कूड़े के ढेर को उठाने का निर्देश दिया।
उन्होंने पीएचई विभाग के अधिकारियों से गर्मी के मौसम के दौरान शुद्ध पेय जल प्रत्येक सीमांत गांव तक पहुंचाने को भी सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में ट्यूबवेल से पानी ठीक से नहीं पहुंचता है, वहां हैंड पंप लगाए जाने चाहिए।
इसके उपरांत, मंत्री ने राजकीय उच्च विद्यालय कडरूाल कादियां में अतिरिक्त कक्षाओं का भी उद्घाटन किया। कक्षा 6 लाख रुपए की लागत से बीएडीपी के तहत बनाई गई है।
स्कूल के हेडमास्टर, पुरषोत्तम लाल दुबे ने कहा कि स्कूल में कंप्यूटर लैब का निर्माण किया जाना चाहिए और विद्यालय परिसर में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सौर पैनल भी स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने स्कूल में एक बहुउद्देश्यीय हॉल के निर्माण की भी मांग की।
सभा को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि छात्रों को उनके विकास और प्रगति के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए स्कूल के मेधावी छात्रों को जल्द ही सम्मानित किया जाएगा।