बुधवार, मई 17, 2017

आतंकी संगठन में बगावत की शुरुआत

बुरहान वानी के बाद वह आतंक का नया चेहरा बन गया हिज्बुल मुजाहिद्दीन का भी सिर दर्द


 


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

राज्य जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में अब बगावत की शुरुआत हो चुकी है, जिसे भारत और कश्मीर के लिए एक अच्छी शुरुआत माना जा रहा है।
हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की बीते साल एक मुठभेड़ में हुई मौत के बाद जाकिर रशीद भट्ट को उसकी जगह पर नया कमांडर बनाया गया था। घाटी में बुरहान वानी के बाद वह आतंक का नया चेहरा बनकर सामने आया। जाकिर रशीद भट्ट को जाकिर मूसा के नाम से भी जाना जाता है। वहीं जाकिर मूसा जितनी तेजी से हिज्बुल का नया चेहरा बनकर सामने आया था वहीं अब वह हिज्बुल से दूर होता जा रहा है। दरअसल जाकिर हिज्बुल से भी आगे जाकर कश्मीर को भारत से अलग करन की नहीं बल्कि वहां पर इस्लामिक शरिया लाने की बात करता है। जाकिर ने कुछ अलगाववादी नेताओं को श्रीनगर के लाल चौक पर सिर कलम करके, उन्हें मारने की धमकी दी थी जिसके बाद हिज्बुल ने जाकिर से दूरियां बना ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जाकिर ने उन अलगाववादी नेताओं को मारने की धमकी दी थी जिनकी नजर में कश्मीर एक राजनीतिक मसला है। वहीं जाकिर का मानना है कि कश्मीर कोई राजनीतिक नहीं बल्कि एक इस्लामिक राज्य स्थापित करने की लड़ाई है।
जाकिर मूसा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है। चंडीगढ़ कॉलेज से वह सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था लेकिन 2013 में उसने पढ़ाई छोड़ दी और वापिस पुलवामा में अपने गांव नूरपुर चला गया था। जाकिर एक पढ़े-लिखे सशक्त परिवार से भी आता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसके सभी भाई-बहन डॉक्टरी या मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर जाकिर हिज्बुल में शामिल हो गया था। माना जाता है वह जिहादी साहित्य/बातों से काफी प्रभावित हुआ था जिसके बाद उसने हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने का फैसला लिया था। हाल ही में जाकिर मूसा का एक नया वीडियो सामने आया था। इसमें उसने इस्लामिक शरिया के मुताबिक खलिफा राज्य स्थापित करने की बात कही थी। वहीं इसी वीडियो में जाकिर ने हिज्बुल से अपने संबंध खत्म करने की बात भी कही थी। उसने कहा था- 'अगर हिज्बुल मुझे रिप्रजेंटन नहीं करती तो मैं भी उसे रिप्रजेंट नहीं करता। हिज्बुल से मेरा कोई वास्ता नहीं हैÓ अपने वीडियो मेसेज में उसने यह भी कहा कि कश्मीर उसके लिए कोई फ्रीडम स्ट्रगल नहीं है बल्कि इस्लामिक स्ट्रगल है। अपनी इन्हीं बातों को लेकर हिज्बुल ने जाकिर से दूरी बना ली है।
बता दें 8 जुलाई 2016 को जम्मू-कश्मीर में एक पुलिस मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बुरहान वानी मारा गया था। बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में बढ़ते उग्रवाद को लेकर 21 मार्च, 2017 को केंद्र सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी, कि 2016 में साल 2010 के मुकाबले युवाओं के उग्रवादी संगठनों में शामिल होने के मामलों में 55 प्रतिशत बढ़त देखने को मिली है।

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