बुधवार, मई 03, 2017

अनंतनाग उपचुनाव रद

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू। 

जम्मू-कश्मीर में अशांति के माहौल के बीच चुनाव आयोग ने 25 मई को होने वाले अनंतनाग लोकसभा उपचुनाव को दूसरी बार टाल दिया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि अभी घाटी में चुनाव के लिए हालात सही नहीं हैं। कानून व्यवस्था की खराब स्थिति व सुरक्षा बलों की कमी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
उधर, अनंतनाग लोकसभा उपचुनाव को दोबारा टाले जाने से गुस्साए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मौजूदा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा है और राज्य के ताजा हालात के लिए उनकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
गौरतलब है कि इससे पहले श्रीनगर इलाके में 9 अप्रैल को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था, लेकिन हिंसा की वारदातों को देखते हुए अनंतनाग में उपचुनाव टाल दिया गया था। वहीं वर्तमान में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा है कि औसतन संसदीय चुनाव के लिए 10 कंपनियां तैनात की जाती हैं यानी 1000 सुरक्षा कर्मी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय चुनाव आयोग से कहने वाला है कि इतनी जल्दी ये संभव नहीं है। आयोग को उसे कुछ समय देना होगा। आज की तारीख में 150 कंपनियां घाटी में तैनात हैं यानी 15000 अर्ध सैनिक बल। कुल मिलाकर अर्ध सैनिक बलों की संख्या दस लाख के करीब है, लेकिन वो अलग-अलग राज्यों में तैनात हैं। हालांकि पीडीपी चुनाव को टालने के लिए आयोग को पहले ही चि_ी लिख चुकी है।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा है कि उसे 747 कंपनियां चाहिए, जो 12 मई तक उसे मिल जानी चाहिए ताकि तैनाती हो सके। एक कंपनी में 100 सुरक्षाकर्मी होते हैं। चुनाव आयोग की ये मांग इसलिए थोड़ी चौंकाने वाली भी है क्योंकि हाल में पांच राज्यों में चुनाव खत्म हुए हैं और सभी राज्यों में कुल मिलाकर 70,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। सिर्फ उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा की सीटें हैं और 80 लोकसभा की।

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