बुधवार, सितंबर 27, 2017

'दीपाक्षर टाइम्स की कार्टूनिस्ट महक ने जीता प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार

पहल के चेयरमैन श्री दीपक अग्रवाल की प्रेरणा से कार्टूनिंग के क्षेत्र में आई: महक शर्मा


दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
जम्मू विश्वविद्यालय में आयोजित डिस्प्ले योर टेलेंट में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं जिसमें ड्राइंग व कार्टूनिंग प्रतियोगिता में फिजिक्स की महक शर्मा ने बाजी मारते हुए प्रथम स्थान हासिल किया। डिस्प्लें योर टेलेंट प्रतियोगिता में महक पिछले तीन वर्षों से हिस्सा ले रही हैं और पिछले वर्ष भी इन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया था। इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के अलावा इंजीनियरिंग आदि इंस्टीटय़ूट के विद्यार्थी भी भाग लेते हैं। डिपार्टमेंट आफ स्टूडेंट वेलफेयर यूनीवर्सिटी आफ जम्मू द्वारा आयोजित डिस्पले योर टेलेंट 2017-18 के छठे दिन स्केचिंग, कार्टूनिंग, निबंध लेखन और लघुकथा लेखन की प्रतियोगिताएं हुईं। कार्यक्रम में प्रो. ध्यान सिंह बाहु के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया।
कार्टूनिंग प्रतियोगिता के लिए जो विषय दिए गए थे, उनमें ट्रैफिक जाम, जीएसटी और पेट्रोलियम पदार्थों में मूल्य वृद्धि शामिल थे। इसमें जम्मू यूनिवर्सिटी की फिजिक्स्ट डिपार्टमेंट की महक शर्मा, प्रथम, जीडीसी अखनूर की प्रियंका द्वितीय और डोगरा लॉ कालेज के रिषब वैद को तृतीय स्थान मिला। डा. सुनीता गुप्ता इस इवेंट की इंचार्ज थीं जबकि मनोज चोपड़ा, चंद्र शेखर व कुलदीप राज जज थे जबकि इस कार्यक्रम में सुमीत शर्मा, अंजलि शर्मा, नम्रता चिब, सुहेल अहमद, सुविधा खजूरिया, सोनिका, रमणीक, आरती देवी और दिव्या शर्मा ने सहयोगात्मक भूमिका निभाई।
उल्लेखनीय है कि करीब दो वर्ष पहले एक प्रतिभा खोज कार्यक्रम में सामाजिक संस्था 'पहल के चेयरमैन दीपक अग्रवाल ने महक की प्रतिभा को पहचाना और हिंदी समाचार पत्र 'दीपाक्षर टाइम्स के लिए कार्टून बनाने के लिए अनुबंधित कर लिया। महक तभी से दीपाक्षर टाइम्स के लिए कार्टून बनाती आ रही हैं। दीपाक्षर टाइम्स में छपे उनके कार्टूनों पर पत्रकारिता जगत में काफी सराहना भी मिली है। श्री दीपक अग्रवाल ने इस उपलब्धि पर महक को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
बातचीत में महक ने बताया कि उन्हें बचपन से पेंटिंग और ड्राइंग का शौक था। सामाजिक संस्था पहल के चेयरमैन श्री दीपक अग्रवाल की प्रेरणा से वे कार्टूनिंग के क्षेत्र में आ गईं।

आतंकी 700 हों या 7 हजार, घुसपैठ करेंगे तो मारे जाएंगे- हंसराज अहीर

नई दिल्ली।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने पाकिस्तान की तरफ से लॉन्चिंग पैड पर आतंकियों को इकठ्ठा किए जाने के सवाल पर कहा कि आतंकी कितनी भी संख्या में सीमा के उस पार से घुसपैठ करें उनको सीमा पर ही ढेर कर दिया जाएगा। हंसराज अहीर ने कहा कि 700 आतंकी आएं 7000 आतंकी, एक भी अगर भारत के अंदर घुसपैठ करेंगे तो वह बच नहीं पाएंगे।
यही नहीं गृह राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि आर्मी और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों को पूरी छूट है कि वो आतंकियो को खत्म करने के लिए कोई भी ऑपरेशन कर सकती हैं। जरूरत पड़े तो सर्जिकल स्ट्राइक भी कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को भारत ने जिस तरीके से अलग-अलग मंच से पटखनी दी है इसलिए वह अब बौखलाहट में आतंक का सहारा ले रहा है।
आपको बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक के एक साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में पाकिस्तान बौखलाहट में भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए आतंकियो की घुसपैठ कराने की फिराक में है। मिली ख़ुफिय़ा रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि सीमापार अलग-अलग लॉन्चिंग पैड पर 759 आतंकी पाक अधिकृत कश्मीर (क्कह्र्य) मौजूद हैं। वहीं ख़ुफिय़ा सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि केरन, तगंधार और नौगांव में पाकिस्तान की एसएसजी के साथ बैट (क्च्रञ्ज) यानी पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम भी इन लॉन्चिंग पैड पर आतंकियों के साथ मौजूद है। जो घात लगाकर सुरक्षा बलों पर हमला कर सकते हैं।
कश्मीर से लेकर यूएन तक दुनिया के हर मंच पर नाकाम हुआ पाकिस्तान फिर से भारत में आतंक फैलाने की साजिश में जुट गया है। खुफिया एजेंसियो को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक पीओके में पाकिस्तानी सेना की सरपरस्ती में फिर से बने लांचिग पैड पर आतंकियों की एक बड़ी संख्या घुसपैठ कर तबाही मचाने की फिराक में है। पाकिस्तानी फौज इन आतंकियों को हिंदुस्तान में घुसपैठ कराने में जुटी है। उरी में सुरक्षा बलों ने चार आतंकियों को मार मुठभेड़ में मार गिराया था लेकिन यह आतंकियों की उस खेप का एक छोटा सा हिस्सा है जो उरी सेक्टर में सीमापार से हिंदुस्तान में घुसने की फिराक में हैं।
खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक उरी सेक्टर में सीमा के उस पार सबसे ज्यादा 112 आतंकी लॉन्चिंग पैड पर है। गुरेज सेक्टर में 52 आतंकी सीमा के उस पार पाक सेना की सरपरस्ती में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। माछिल में बॉर्डर के उस पार 89 आतंकियों के लॉन्चिंग पैड पर होने की जानकारी है। केरन में 91 आतंकियों के साथ पाकिस्तान की कुख्यात बैट और एसएसजी के फौजी भी मौजूद हैं। तंगधार में 20 आतंकियों के साथ में बैट और एसएसजी के लॉन्चिंग पैड पर होने की पुख्ता जानकारी है। नौगांम में 45 आतंकी और बैट और एससजी के लोग अत्याधुनिक हथियारों के साथ बने हुए हैं।
इसके अलावा दूसरे हिस्सों में पाकिस्तानी सेना ने लॉन्चिंग पैड पर आतकियों की एक बड़ी तादाद को भारत में घुसाने के लिए तैयार रखा हुआ है। बर्फ गिरने से पहले घुसपैठ कराने और कश्मीर में आतंक फैलाने की इस नापाक साजिश में पीओके में कई पैड पर आतंकियों का जमावड़ा है। रामपुर सेक्टर के उस पार 32 आतंकी लॉन्चिंग पैड पर मौजूद हैं।
पूंछ के बॉर्डर पार 78 आतंकी की मौजूदगी की जानकारी है। भिम्बर गली के पीओके एरिया में  58 आतंकी मौजूद हैं। कृष्णा घाटी के पीओके एरिया में  57 आतंकियों के होने की पुख्ता खबर है। इसके अलावा राजौरी के सीमापार के इलाके में 5, नौशेरा के दूसरी तरफ 35 और सुंदरबनी के दूसरी ओर 15 आतंकियों के लॉन्चिंग पैड पर होने की जानकारी खुफिया एजेंसियों को मिली है।
पाकिस्तान की पूरी कोशिश है कि एक के बाद एक एनकाउंटर में मारे जाने के बाद कश्मीरी आतंकियों के टूटे हुए इरादों को फिर से अपनी नापाक साजिश के साथ खड़ा कर सके। भारतीय सुरक्षा बलों की मुस्तैदी ने हाल के दिनों में इन लाचिंग पैड से होने वाली घुसपैठ को लगातार नाकाम किया है। पाकिस्तानी सेना की कवर फायर के बावजूद आतंकियों को भारतीय सीमा में अंदर घुसने की जगह नहीं मिली है। आतंकियों को सुरक्षा बलों ने या तो सीमा पर ही मार गिराया है या फिर अंदर आते ही उनको ठिकाने लगा दिया है। सूत्रों के मुताबिक टैरर फंडिंग को रोकने में मिली सफलता और कश्मीर में आतंकी सरगनाओं के सफाए से पाकिस्तानी आतंकी आकाओं में बौखलाहट है। इसी के चलते इतने लॉन्चिंग पैड्स को एक्टिव कर एक बार फिर से पाकिस्तान कश्मीर में आतंक की फसल बोने की कोशिश मे जुट गया है।

जम्मू की उम्मीदों पर फिर नाकाम साबित हुई भाजपा

नहीं घोषित हुआ महाराजा हरि सिंह के जन्म दिवस पर सरकारी अवकाश
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
 
जम्मू-कश्मीर राज्य के आखिरी शासक महाराजा हरि सिंह के जन्मदिवस पर सरकारी अवकाश को लेकर लचर रुख अपनाने के कारण भारतीय जनता पार्टी जम्मू संभाग के लोगों की उम्मीदों पर एक बार फिर खरा नहीं उतर सकी और 23 सितंबर को सरकारी अवकाश घोषित नहीं हो सका। राज्य जम्मू-कश्मीर का देश में विलय करने का एतिहासिक फैसला लेने वाले महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन पर सरकारी छुट्टी घोषित करने की जम्मू की मांग पर कश्मीर केंद्रित राजनीति भारी पड़ी। जम्मू में महाराजा का जन्मदिन तो मनाया जा रहा है, लेकिन सरकारी छुट्टी नहीं हुई।
पीडीपी के दबाव में आकर भाजपा के नेताओं की इस मामले में चुप्पी को जम्मू की जनता अपने साथ विश्वासघात के रूप में देख रही है। जम्मू संभाग में भाजपा को पूर्ण बहुमत से जिताने के बाद संभाग की जनता को उम्मीदें थीं कि अब जम्मू को कश्मीर के आगे हर बार मुंह की नहीं खानी पड़ेगी, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी जम्मू संभाग की जनता की उम्मीदों पर पानी फिर गया और स्थानीय भाजपा नेता उसकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।  कश्मीर केंद्रित पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने सहयोगी भाजपा की मांग मानने के बजाए कश्मीर में अपने वोट बैंक को अधिक महत्व देकर 23 सितंबर को जम्मू में छुट्टी करने के मुद्दे को नकार दिया है।
शुक्रवार रात तक उम्मीद की जा रही थी कि इस संबंध में फैसला हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्लेखनीय है कि राज्य में महाराजा के खिलाफ विद्रोह करते हुए मारे गए कश्मीर के निवासियों की याद में 13 जुलाई को शहीद दिवस मनाया जाता है। ऐसे में महाराजा के जन्मदिन के नाम पर अवकाश घोषित करने से कश्मीर में पीडीपी को अपना जनाधार खोना पड़ता। महाराजा के जन्मदिन पर छुट्टी के मुद्दे पर दोनों सत्ताधारी पार्टियों के हित टकराए व पीडीपी हावी रही।
उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने न सिर्फ इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से अलग से बैठक की थी, बल्कि पत्र लिखकर भी आग्रह किया था कि महाराजा ने राज्य के इतिहास में अहम भूमिका है। ऐसे में उनके जन्मदिन की छुट्टी घोषित कर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जाए।
छुट्टी न होने से अब भाजपा अंदर ही अंदर सुलग रही है। पीडीपी के छुट्टी न करने के फैसले का प्रभाव आधार क्षेत्र जम्मू में पडऩा लाजिमी है और पार्टी को विपक्ष के साथ कुछ सामाजिक, व्यापारिक संगठनों के गुस्से को भी झेलना पड़ सकता है। यह सब उस समय हुआ है, जब मुख्यमंत्री खुद भी जम्मू में मौजूद थींं।
भाजपा के एक वरिष्ठ मंत्री ने का कहना है कि पार्टी स्तर पर पूरी कोशिश की गई कि छुट्टी हो जाए, लेकिन सहयोगी पार्टी ने इस मामले में चुप्पी साधे रखी। उन्होंने माना कि सहयोगी पार्टी के इस फैसले से पार्टी में रोष है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि वे अब अपने इलाकों में जनता के सामने क्या मुंह लेकर जाएं? उल्लेखनीय है कि जम्मू आधारित सभी राजनीतिक, सामाजिक संगठन पिछले कई दिनों से महाराजा के जन्मदिवस पर अवकाश घोषित करने की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। 18 सितंबर को चेंबर के जम्मू बंद में भी इस मांग को शामिल किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब देखना है कि जम्मू की जनता और भाजपा के स्थानीय नेता अपनी मांग पूरी न होने पर क्या फैसला करते हैं और आगे क्या रणनीति बनाते हैं?

हनीप्रीत ने खाई थी गुरमीत राम रहीम को बर्बाद करने की कसम!


चंडीगढ़।
डेरा प्रमुख राम रहीम की गोद ली बेटी हनीप्रीत को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हालांकि इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं और इसे हनीप्रीत के प्रति सहानुभूति पैदा करने या उसे पीडि़त की तरह दिखाने की कोशिश भी माना जा रहा है। अब कहा जा रहा है कि हनीप्रीत ने गुरमीत राम रहीम द्वारा शोषण के बाद उसे तबाह  करने की कसम खाई थी। दूसरी ओर, हनीप्रीत को आत्मसमर्पण करने की सलाह दे चुकी हरियाणा पुलिस अब उसे भगोड़ा घोषित करने की तैयारी में है।
गुरमीत राम रहीम का ड्राइवर रहे खट्टा सिंह के बेटे गुरदास का कहना है कि हनीप्रीत डेरा प्रमुख को तबाह करने की नीयत से ही उसके साथ रह रही थी। हनीप्रीत का पूर्व पति विश्वास गुप्ता हालांकि उसे गुरमीत की लवर मानता है, लेकिन गुरदास के मुताबिक सच्चाई कुछ और है।
एक निजी टीवी चैनल के अनुसार, गुरदास का कहना है कि गुरमीत ने हनीप्रीत पर बुरी नजर डाली थी। उसने हनीप्रीत की शादी करवाई और शादी के फौरन बाद रात में उसको अपनी गुफा में बुला लिया। गुरदास का कहना है कि वह उस रात गुफा के बाहर ड्यूटी पर तैनात था। अगली सुबह हनीप्रीत बाबा की गुफा से रोती हुई बाहर निकली थी।
टीवी चैनल के मुताबिक, गुरदास ने बताया, उन दिनों हनीप्रीत के दादा डेरे के खजांची हुआ करते थे। गुफा से निकलने के बाद हनीप्रीत सीधे दादा के पास गई। हनीप्रीत की हालत देख कर तब उसके दादा ने डेरे में काफी हंगामा किया और गुरमीत के खिलाफ खुल कर बोलने लगे, लेकिन उन्हें तब हथियारों के दम पर चुप करा दिया गया।
बताया जाता है कि इसके बाद हनीप्रीत डेरा छोड़ कर अपने घर फतेहाबाद के लिए निकल गई। लेकिन हनीप्रीत का पीछा किया गया और हथियारों के दम पर उसे रास्ते में ही एक ढाबे से उठा कर डेरे पर वापस ले आया गया। बताया जाता है कि यही वह दिन था, जब हनीप्रीत ने कसम खाई कि वह गुरमीत को बर्बाद करके छोड़ेगी।
गुरदास को अब लगता है कि गुरमीत की इस तबाही के पीछे शायद हनीप्रीत की वह कसम ही है। हनीप्रीत ने ही गुरमीत को फिल्मों का चस्का लगाया। हनीप्रीत के कहने पर ही गुरमीत डिजाइनर बाबा बना और इसके बाद उसके बर्बादी की कहानी शुरू हो गई।

छात्र संघ चुनाव के रूप में जम्मू यूनीवर्सिटी में जुड़ा एक और अध्याय

लॉ स्कूल में गहमागहमी के बीच 
अभिषेक कैथ ने मारी बाजी

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
 
जम्मू विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव होने के साथ ही एक अध्याय जुड़ गया है। असल में जम्मू यूनिवर्सिटी में पहली बार छात्र संघ के चुनाव करवाए गए हैं। पहले चरण में सोमवार को विवि परिसर में मतदान करवाया गया। यह मतदान सीआर और डीआर पद के लिए था। छात्रों ने इसमें बढ़ चढकऱ भाग लिया। कुल 40 विभागों के लिए चुनाव करवाया गया। छात्रों का उत्साह इसी बात से देखते हुए बनता है कि 95 प्रत्याशी किस्मत अजमाने चुनावी चुनावी मैदान में उतरे। पिछले दिनों लॉ स्कूल में चुनावी पोस्टर फाडऩे के विवाद ने माहौल को गरमा दिया था और ये चुनाव एकदम से चर्चा का विषय बन गए थे। लॉ स्कूल के लिए अभिषेक कैथ ने प्रबल प्रतिद्वंद्वी उर्वशी रैना को शिकस्त देते हुए १७६ मत हासिल किए जबकि उर्वशी केवल ११४ मत ही प्राप्त कर सकी। अपनी जीत के बाद अभिषेक ने सभी छात्रों का आभार प्रकट किया और कहा कि जिस विश्वास के साथ उन्हें मत देकर जिताया है, वे छात्रों को निराश नहीं करेंगे और उनकी हर उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।
वहीं विवि ने भी उम्मीदवारों के लिए अलग से किसी तरह के भी आब्जर्वर की व्यवस्था नहीं की थी बल्कि उन्हीं को आब्जर्वर बना दिया गया।
दोपहर दो बजे तक मतदान हुआ और उसके बाद ब्रेक दी गई और काउंटिंग भी शुरू हो गई और परिणाम भी घोषित कर दिए गए। जम्मू यूनिवर्सिटी में जीत की खुशी का जश्र मनाने के लिए छात्रों ने डांस किया और जीते हुए उम्मीदवारों की रैली भी निकाली। चुनावों में पुलिस भी व्यवस्था भी रही। बिना आईकार्ड के किसी भी छात्र को आने की अनुमति नहीं दी गई।
यह हैं जीते हुए उम्मीदवार
इलेक्टानिक्स विभाग: सीआर आयुष
संस्कृत विभाग: सीआर रमणीक और डीआर राहुल शर्मा
रूरल डेवलपमेंट: सीआर सनी परिहार
मनेाविज्ञान विभाग: सीआर रोशन हांडा
राजनीति विज्ञान विभाग: सीआर साजिद और डीआर भवानी सिंह
कामर्स :सीआर अनिता ठाकुर
लॉ कालेज: सीआर अभिनंदन और डीआर अरूण प्रभात
अर्थशास्त्री: सीआर रंजीत सिंह
डोगरी: सीआर नरेन्द्र सिंह
बुद्धिस्ट स्टडीज :सीआर जुल्फिकार
एमबीए: सीआर निखिल
इंगलिश: सीआर अविनाश
जियोग्राफी: सीआर गुरलीन
इतिहास : सीआर उमर
लॉ स्कूल: डीआर अभिषेक कैथ
 

शनिवार, सितंबर 23, 2017

धनी लोग गिफ्ट में क्या देते हैं अपने प्रियजनों को

शाहजहां ने दिया ताजमहल तो अंबानी ने गिफ्ट में दिया हवाई जहाज, रईसों के तोहफे भी होते हैं कुछ कुछ हटके, तो देखें सुपर अमीर क्या देते हैं तोहफों में।
हर बच्चे को पेट्स पसंद होते हैं पर हर बच्चा सुपर वेल्दी क्रिस ब्राउन की बेटी तो नहीं हो सकता, जिन्होंने बच्ची को क्रिसमस गिफ्ट में दिया एक तिब्बती मैस्टिफ़ पपी जिसकी कीमत है करीब डेढ़ मिलियन डॉलर यानि 1 मिलियन पाउंड।
केवल हीरे मोती, महल और शानदार गाडिय़ां नहीं सर सेसिल चब ने तो अपनी पत्नी को प्यार के तोहफे में प्रागैतिहासिक स्मारक गिफ्ट कर दिये थे। 1915 में एक नीलामी से सर सेसिल ने अब यूनेस्को की विश्व धरोहर बन चुके स्टोनहेंज लगभग 10,000 डॉलर में खरीदे और अपनी पत्नी को तोहफे में दे दिए।
981 में जब अबुधाबी के शेख मोहम्मद की शादी शहजादी सलमा से हुई तो शेख के पिता ने मेहमानों के स्वागत के लिए 10.5 मिलियन डॉलर का 20,000 लोगों की क्षमता वाला एक स्टेडियम खरीद लिया ताकि मेहमानों का स्वागत कर सके और वो शादी का पूरा आनंद लें। बाद में उन्होंने ये ये स्टेडियम अपने बेटे बहु को गिफ्ट कर दिया। 
जीहां तोहफों की कीमत नहीं देखी जाती शायद यही सोच कर मशहूर हॉलीवुड फिल्म मेकर एरॉन स्पेलिंग्स ने अपने बच्चों को व्हाइट क्रिसमस का अनुभव कराने के लिए एक बार 2 मिलियन डॉलर की बर्फ मंगा कर अपने लॉस एंजिलस के अपने घर को सजवाया।
रिर्चड बर्टन ने जो भी तोहफे अपनी महबूबा पत्नी एलिजाबेथ टेलर को दिए वो चर्चा का विषय बनें। ऐसा ही एक तोहफा था क्वीन मेरी1 का एक बेशकीमती हार जिसमें विश्व का सबसे कीमती मोती ला पेलेग्रीना जड़ा था। बर्टन ने इसे 1969 की एक नीलामी में 37,000 का खरीद कर अपनी बेगम को गिफ्ट किया थाा।
जीहां था तो ये एक ऑलिव का पेड़ ही पर इसकी कीमत थी 18,500 डॉलर। ये पेड़ हॉलीवुड एक्ट्रेस एंजेलीना जोली ने अपने प्यार अभिनेता ब्रैड पिट को 2008 में सरप्राइज वेलेंटाइन गिफ्ट के रूप में दिया था। ये बेशकीमती ऑलिव का पेड़ करीब 200 साल पुराना बताया जाता है।  एंजेलीना की सोच गिफ्ट के बारे में काफी हट कर थी, तभी तो वे यहीं नहीं रुकीं बल्कि 2012 में उन्?होंने ब्रैड के लिए 1.6 मिलियन डॉलर में कैलिफोर्निया का जलप्रपात खरीदा और क्रिसमस पर गिफ्ट कर दिया।  ना ना जोली यहीं नहीं रुकीं बल्कि उन्होंने अपनी दीवानगी को आसमान के पार पहुंचा दिया और 2012 में ही उन्होंने अपने दिलबर पिट के लिए उनका फेवरेट गिफ्ट एक हैलीकॉप्टर खरीद कर दिया जिसकी कीमत थी 1.6 मिलियन डॉलर। 
चलिए चले इतिहास में और याद करें वो अनमोल हीरा जो आज भी ब्रिटेन के संग्राहलय में रखा है और हर भारतीय को आकर्षित करता है। जीहां हम बात कर रहे हैं 105 कैरेट के बहुमूल्य कोहेनूर की जिसे 1950 में लाहौर (तब भारत का हिस्सा) के महाराजा दलीप सिंह ने ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को तोहफे में दे दिया था।

एक साथ सबसे ज्यादा बियर मग उठाकर तोड़ा अपना पिछला रिकॉर्ड

जी हां, रिकॉर्ड की बात आती है तो लोग कुछ अनोखा ही करने की कोशिश करते हैं। अब जर्मनी के ब्राविया शहर के रहने वाले ऑलीवर स्ट्रंफल को ही देख लीजिए। उन्होंने हाल ही में एक साथ सबसे ज्यादा बियर मग उठाने का वल्र्ड रिकॉर्ड बनाने का प्लान किया था। जिसमें उनका टारगेट यह था कि वह एक टेबल पर से बियर से भरे 31 मग एक साथ उठाकर 40 मीटर की दूरी तय करेंगे। उसके बाद उन सभी बियर मग को दूसरी टेबल पर रखेंगे। इस दौरान ऑलीवर स्ट्रंफल को सफल हुए। उन्होंने एक साथ 29 मग उठाकर वल्र्ड रिकॉर्ड बनाया है। बियर से भरे इन मगों का वजन करीब 69  किलोग्राम से ज्यादा था।
ऑलीवर स्ट्रंफल अपने इस रिकॉर्ड को बनाकर काफी खुश हैं। उनका कहना है कि वह पिछले कई सालों से इसके लिए मेहनत कर रहे थे। वह बियर से भरे मग लेकर चलने की कोशिश करते थे। जिसमें वह करीब 27 मग एक साथ उठाकर चलते भी थे। सबसे खास बात तो यह है ऑलीवर स्ट्रंफल ने जो बियर मग उठाने का जो पिछला रिकॉर्ड तोड़ा है वह भी उनका अपना ही रिकॉर्ड था। ऑलीवर स्ट्रंफल ने 2014 में 25 मग उठाने का रिकॉर्ड बनाया था।

मौत के एक घंटे बाद जी उठी महिला

घटना केरल के इदुक्की जिले की है। जहां बीमारी से पीडि़त एक महिला मौत के कुछ घंटो बाद फिर से जिंदा हो गई। महिला को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। 40 वर्षीय रत्नम को मॉर्चरी में जिंदा पाया गया। मदुरई के एक अस्पताल में रत्नम का ज्वाइंडिस का इलाज पिछले दो महीनो से चल रहा था। रत्नम के अंदरूनी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने रत्नम के परिवार वालों से कहा कि रत्नम को अब अस्पताल में रखने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उसकी बॉडी रिकवर नहीं कर रही है। इसके बाद रत्नम का परिवार उन्हें एंबूलेंस से वंदनमेद नाम गांव लेकर गया। उस दौरान रत्नम के शरीर में कोई भी हरकत नहीं हो रही थी।
जिसके बाद रत्नम के परिवार ने उन्हें मॉर्चरी में रखने का फैसला किया। जब रत्नम मॉर्चरी पहुंची इसके कुछ घंटे बाद उनके परिवार ने शरीर में हरकत महसूस की। उन्होंने फौरन रत्नम को कटप्पना गांव मे नजदीकी प्राईवेट अस्पताल में भर्ती करवाकर पुलिस को घटना की सूचना दी। पुलिस ने जांच के बाद बताया कि महिला के परिवार ने उसे मॉर्चरी में शिफ्ट करने से पहले डॉक्टर से बात नहीं की थी। कर्नाटका में भी एक टीनेजर के साथ कुछ ऐसी ही घटना देखने को मिली थी। जिसे एक कुत्ते ने काट लिया था और फिर उसे मरा हुआ समझ लिया गया। मौत के कुछ घंटे बाद ही वो फिर से जिंदा हो गया।

थाने पहुंची पत्नी बोली- पति ने घर में की है चोरी, करो शिकायत दर्ज

लुधियाना।
मानकवाल एन्क्लेव इलाके में एक महिला ने पति पर ही घर में चोरी करने का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि दो दिन पूर्व हुई चोरी में अलमारी से 40 हजार रुपये, एक सोने की चेन सहित तीन जोड़ी इयर रिंग व एक एलईडी शामिल है। महिला सोनिया आनंद ने इसकी शिकायत थाना सदर पुलिस से की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर एसबीएस नगर निवासी पति जगदीप सिंह पर कर लिया है। शिकायतकर्ता सोनिया ने बताया कि साल 2014 में उसकी शादी जगदीप से हुई थी। इसके बाद अकसर किसी न किसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा होता रहता था। इसी वजह से दोनों अलग रहने लगे थे। महिला ने आरोप लगाया कि 14 सितंबर को घर में ताला लगाकर किसी काम से गई हुई थी। तकरीबन रात 8.30 जब घर के अंदर आकर देखा तो कमरे में सामान बिखरा पड़ा हुआ था और अलमारी में रखी नकदी, जेवर व कीमती सामान गायब था। महिला का दावा है कि आरोपी सीढ़ी के ऊपर लगी सीमेंट की चादर तोड़ कर घर के अंदर दाखिल हुए थे। इसके अलावा सोनिया का आरोप है कि कमरे में लगे ताले की चाबी वह कहां रखकर जाती थी इसकी जानकारी सिर्फ जगदीप को थी। महिला ने इसकी सूचना थाना सदर पुलिस को दी। उधर जांच अधिकारी सारज कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

अब ट्रैक से नहीं उतरेगी रेल, सुरक्षा के साथ पकड़ेगी विकास की रफ्तार

नई दिल्ली।
देश में आए दिन रेल हादसों की खबरें आती रहती हैं। इससे जानमाल का नुकसान तो होता ही है, रेलवे की साख को भी धक्का लगता है। अब रेल मंत्रालय ने अगले तीन महीनों में ट्रैक को चुस्त-दुरुस्त करने का काम बड़े पैमाने पर शुरू करने की बात कही है। नए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड को ऐसी सभी रेलवे लाइनों को चिन्हित करने का निर्देश दिया है, जिन पर ट्रैफिक ज्यादा रहता है या फिर जो ट्रैक काफी पुराने हो चुके हैं। मंत्री ने ऐसे रेलवे ट्रैक को जल्द बदलने की बात कही है।
पीयूष गोयल ने रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उन सभी पहलुओं पर चर्चा की, जो दुर्घटना के लिए जि़म्मेदार हो सकते हैं। बता दें कि इस साल आम बजट के साथ पेश हुए रेल बजट में 3500 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की रिपेयरिंग का लक्ष्य रखा गया था। इसके आलावा 3000 किलोमीटर का नया ट्रैक बिछाने की बात भी कही गई थी। रेलवे ट्रैक की मरम्मत के काम को पूरा करने के लिए रेलमंत्री ने 31 दिसंबर की डेडलाइन तय कर दी है। उन्होंने विदेशों से भी ट्रैक मंगवाने को हरी झंडी दे दी है।
रेल एक्सपर्ट विजय दत्त ने रेल सेफ्टी पर बातचीत करते हुए बताया कि रेल को सुरक्षित बनाने के लिए पीयूष गोयल ने जो कदम उठाए हैं वो सराहनीय और स्वागत योग्य हैं। उन्होंने रेलवे के फॉर्मूले का भी जि़क्र किया, जिसके आधार पर किसी भी ट्रैक की लाइफ को निर्धारित किया जाता है। रेलवे को उस अवधि से पहले ट्रैक बदलने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, रेल के नेटवर्क को और तेज़ी से बढ़ाना होगा और इसमें निवेश वृद्धि की ज़रूरत है। भारत को अपने पडोसी देश चीन से सीख लेनी चाहिए, जिसने रेल नेटवर्क का तेजी से विकास किया है। मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त करने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक रेलवे लाइनों की मरम्मत का कार्य इस वर्ष दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि रेलवे तीन हजार नई लाइन बिछाने के लक्ष्य को पूरा नहीं करेगा। रेलवे की ओर से दोनों लक्ष्यों को समय रहते पूरा करने की बात कही गई है। कहा गया कि यह जोनल रेलवे के लिए एक चुनौती होगी कि समय रहते सभी कार्यों को पूरा किया जाए।
जब सुरक्षा पर इतना ध्यान दिए जाने की बात कही जा रही है तो इसके लिए काफी लोगों की भी जरूरत होगी। ऐसे में रेलवे ने एक लाख नए लोगों की भर्ती का फैसला किया है। जूनियर और सीनियर इंजिनयरों की भर्ती की जाएगी। अगले तीन महीनों में बड़ी संख्या में अस्सिटेंट स्टेशन मास्टर और गार्डों की भी नियुक्तियां होंगी। यही नहीं, कर्मचारियों के इंटरजोनल ट्रांसफर पर भी 15 दिन के अंदर फैसला होगा। लोकोपायलटो के विश्राम, घर और अन्य समस्याओं का भी तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि मरम्मत संसाधनों की ज्यादा जरूरत के मद्देनजर रेल यात्रियों पर किराए का बोझ नहीं डाला जाएगा और न ही कोई अतिरिक्त सुरक्षा कर लगाया जाएगा। उन्होंने साल 2019 तक 3300 किमी लंबे डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया।
 

सरदार सरोवर बांध देश की ताकत का प्रतीक बनेगा : पीएम मोदी

ये किसी एक पार्टी का प्रोजेक्ट नहीं, किसानों का जीवन बदलेगा

दभोई ।
नेशनल ट्राइबल फ्रीडम फाइटर्स म्यूजियम का उद्घाटन करने के मौके पर उपस्थित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं दभोई बहुत बार आया। कभी बस से आया कभी। स्कूटर से आया। कभी कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली, कभी जनसभाओं को संबोधित किया। लेकिन, दभोई में ऐसा विराट दृश्य पहले कभी नहीं देखा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के महापुरुषों में सरदार पटेल और बाबा साहब अंबेडकर कुछ समय और जिंदा रहते तो सरदार सरोवर डैम बहुत पहले बन गया होता, लेकिन दुर्भाग्य से हमने उन्हें बहुत पहले खो दिया। उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध देश की ताकत का प्रतीक बनेगा। भारत में जलक्रांति का श्रेय अंबेडकर को जाता है और सरदार पटेल जीवित होते, ये बांध 60 के दशक में ही बन जाता।
प्रधानमंत्री ने वर्ल्ड बैंक पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने गुजरात के पसीने से सरदार सरोवर बांध बनाया है।
उन्होंने कहा कि ये विराट जनसैलाब मां नर्मदा की भक्ति का जीता जागता प्रतीक है। आज विश्वकर्मा जयंती है। भारत में सदियों से जो हाथ से काम करते हैं, पसीना बहाते हैं। श्रम करते हैं। निर्माण का कार्य करते हैं। तकनीशियन हो, मिस्त्री हो, मिट्टी का काम करने वाले, भिस्त्री हो जो भी स्थापत्य से जुड़ा है।
उन सबको भारत में विश्वकर्मा के रूप में देखा जाता है। आज ऐसे विश्वकर्मा की जयंती है। आज ऐसा संयोग है कि विश्वकर्मा के उपासकों ने सरदार सरोवर डैम का निर्माण किया है। उनकी साधना का स्मरण करते हुए हिंदुस्तान को सरदार सरोवर डैम देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि विकास के रास्ते में पानी की कमी सबसे बड़ी बाधा थी, और विश्व बैंक ने पर्यावरण का हवाला देते हुए फंड देने से मना कर दिया। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना तो लोगों को पीने के पानी के लिए तमाम मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। हमारे जवानों को पानी के लिए मेहनत करनी पड़ती थी। ऊंट से पानी ढोना पड़ता था। मोदी ने कैनाल नेटवर्क को इंजीनियरिंग का जादू करार दिया और कहा कि 700 किलोमीटर दूर से जब भारत-पाकिस्तान सीमा तैनात जवानों के पास पहुंचा, तो उनके चेहरे पर खुशी देखने लायक थी।
मोदी ने कहा कि हम पर अनाश शनाप आरोप लगाए गए। हमने हमेशा इसको राजनीतिक विवाद से बचाने की कोशिश की। सबने राजनीति की और मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की। गुजरात के संतों ने हमारा साथ दिया और गुजरात के मंदिरों से भी पैसे दिए गए थे और तब जाकर सरदार सरोवर डैम बना। ये कोटि-कोटि जनों का काम है। पानी के लिए तड़पते लोगों का है।
प्रधानमंत्री ने जन्मदिन की शुभकामना देने वाले सभी लोगों को शुक्रिया कहा और देशवासियों के सपने को सच करने के लिए कठिन परिश्रम करने से पीछे नहीं हटेंगे।
मोदी ने कहा कि एक दुबले पतले गांधी ने साधना करते-करते देशवासियों को आजादी के लिए जोड़ा।  मां नर्मदा के आशीर्वाद से सवा सौ करोड़ देशवासी आजादी के 75 साल पूरे होने पर आपके सपने पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि ये सरदार सरोवर डैम भारत के लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल की आत्मा जहां भी हम पर सब ढेर सारे आशीर्वाद बरसाती होगी। दिव्य दृष्टा किसे कहते हैं, ये सरदार पटेल ने साबित किया। हमारे जन्म से पहले सरदार साहब ने सरदार सरोवर का सपना देखा था।
इस मौके पर जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। आज ही प्रधानमंत्री का जन्मदिन है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं कि उन्होंने इतना बड़ा गिफ्ट देश को दिया। इस राह में कई बाधाएं थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी बाधाओं से लड़ाई लड़ी और इस प्रोजेक्ट को पूरा करवाया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुझे रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी है। मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं कि प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए अगले तीन महीने में प्रोजेक्ट से जुड़े तीन उद्घाटन किए जाएंगे। हम 90 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराएंगे।
6 करोड़ से ज्यादा गुजरातियों की ओर से प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि 1946 में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने एक सपना देखा था और 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे पूरा कर दिखाया है। इस बांध के खिलाफ गुजरात विरोधियों और एनजीओ ने डैम के खिलाफ खूब साजिशें रचीं।
रुपाणी ने कहा कि गुजरात की महिलाओं को पानी के लिए 2-2 किलोमीटर तक पैदल जाना पड़ता। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि बांध के कार्य को रोककर विकास के इस कदम को रोकने के लिए कौन जिम्मेदार है।
नर्मदा किनारे बसे आदिवासियों ने प्रधानमंत्री को तीर और धनुष भेंट कर उनका सम्मान किया।

30 सितंबर के बाद इनवैलिड होंगे इन बैंकों के चेक

नई दिल्ली।
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) ने अपने पांच पूर्व एसोसिएट बैंक के ग्राहकों से नई चेक बुक के आवेदन के लिए कहा है। एसबीआई बैंक ने ग्राहकों को तुरंत प्रभाव से नई चेक बुक का आवेदन करने के लिए इसलिए कहा है क्योंकि 30 सितम्बर, 2017 के बाद पुराने बैंक के चेक और आईएफएस कोड वैलिड नहीं होंगे। यानी कि दी गई तारीख के बाद इन्हें इनवैलिड करार दिया जाएगा।
एसबीआई ने ग्राहकों से कहा है कि नई चेक बुक के लिए इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम या फिर शाखा में जाकर तुरंत आवेदन कर लें।
जानकारी के लिए बता दें कि जिन सहयोगी बैंकों का एसबीआई में विलय किया गया है उनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रवणकोर और भारतीय महिला बैंक शामिल हैं। स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में एसबीआई का 90 पर्सेंट हिस्सा था जबकि बीकानेर एंड जयपुर में 75.07 पर्सेंट था। त्रवणकोर में एसबीआइ की हिस्सेदारी 79.09 पर्सेंट है।

देश के लिए खतरा

कुछ रोहिंग्या शरणार्थियों का पाक के आतंकियों से संपर्क
नई दिल्ली। 
रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने की योजना पर केंद्र सरकार ने 16 पन्नों का हलफनामा दायर किया है। इस हलफानामे में केंद्र ने कहा कि कुछ रोहिग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क का पता चला है। ऐसे में ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरा साबित हो सकते हैं। केंद्र ने अपने हलफनामे में साथ ही कहा, 'जम्मू, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में सक्रिय रोहिंग्या शरणार्थियों के आतंकी कनेक्शन होने की भी खुफिया सूचना मिली है। वहीं कुछ रोहिंग्या हुंडी और हवाला के जरिये पैसों की हेरफेर सहित विभिन्न अवैध व भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा कि कई रोहिंग्या मानव तस्करी में भी शामिल पाए गए। वे बिना किसी दस्तावेज के एजेंटों की मदद से म्यांमार सीमा पार कर भारत आ गए और फिर यहां पैन कार्ड और वोटर आईडी जैसे भारतीय पहचान पत्र बनवाकर यहां अवैध तरीके से रह रहे हैं। केंद्र ने साफ किया कि इन अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को देश के नागरिकों जैसे अधिकार नहीं दिए जा सकते।
रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ म्यांमार में शुरू हुई सैन्य कार्रवाई की वजह से सैकड़ों-हजारों महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को अपने घर छोडऩे को मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में केंद्र ने एक आशंका यह भी जताई कि ये रोहिंग्या देश में रहने वाले बौद्ध नागरिकों के खिलाफ हिंसक कदम उठा सकते हैं।
केंद्र ने यह भी चिंता जताई कि अवैध शरणार्थियों की वजह से कुछ क जगहों पर आबादी का अनुपात गड़बड़ हो सकता है। ऐसे में वे रोहिंग्या शरणार्थी जिनके पास संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें भारत से जाना ही होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर तक के लिए टाल दी है। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह से जब इस हलफनामें पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कोर्ट में एफेडेविट फ़ाइल किया गया है, जो फैसला करना है कोर्ट को करना है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने भारत में अवैध रूप से रह रहे म्यामांर के रोहिंग्या समुदाय के लोगों के भविष्य को लेकर सरकार से अपनी रणनीति बताने को कहा था। सरकार द्वारा रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस म्यांमार भेजने के फैसले के खिलाफ याचिका को सुनने के लिए स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था।
दो रोहिंग्या शरणार्थियों मोहम्मद सलीमुल्लाह और मोहम्मद शाकिर द्वारा पेश याचिका में रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने की सरकार की योजना को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार नियमों का उल्लंघन बताया गया है। दोनों याचिकाकर्ता भारत में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग में रजिस्टर्ड हैं। इन शरणार्थियों की दलील है कि म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ व्यापक हिंसा के कारण उन्हें भारत में शरण लेनी पड़ी है।
गृह मंत्रालय ने बीती जुलाई में रोहिंग्या समुदाय के अवैध अप्रवासियों को भारत से वापस भेजने के लिए राज्य सरकारों को इनकी पहचान करने के निर्देश के बाद यह मुद्दा चर्चा का विषय बना था। सरकार द्वारा अपने रुख पर कायम रहने की प्रतिबद्धता जताए जाने के बाद अदालत में यह याचिका दायर की गई थी।
 

शाम चौधरी ने युवाओं को खेल गतिविधियों में भाग लेने को प्रेरित किया

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

पीएचई, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री शाम चौधरी ने मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए खेल को आवश्यक तत्व बताते हुए युवाओं पर उनके व्यक्तित्व विकास के लिए अतिरिक्त गतिविधियों को अपनाने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने के लिए चौधरी चूनीलाल मेमोरियल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, चकरोई में आयोजित एक समारोह में मंत्री ने यह कहा।
मंत्री ने पदक विजेताओं की प्रशंसा करते हुए, अन्य विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा से प्रेरणा लेने और स्वयं के लिए एक जगह बनाने के लिए अपने हित के खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि संभावित छात्रों में विशिष्ट खेल प्रतिभाओं की पहचान करने और उनके स्कूल और राज्य को भी पुरस्कार देने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाए।
मंत्री ने समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए सभी स्तरों पर खेल पदोन्नति के महत्व पर जोर देते हुए कहा, 'खेल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और इसमें भागीदारी हमारी मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
उन्होंने कहा कि खेल में भागीदारी हमारी युवा पीढ़ी को नशे के खतरे के शिकार होने से बचा सकती है और शिक्षक और माता-पिता की भूमिका पर जोर दिया जा सकता है जो खेल और अन्य संबंधित रचनात्मक गतिविधियों के प्रति अपने वार्ड को प्रेरित कर सकते हैं।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार राज्य के हर हिस्से में खेल के बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में खेल खेल स्टेडियम को खेलों की दुनिया में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नवीनतम सुविधाओं के साथ सुसज्जित करने के लिए कई प्रमुख पहल की शुरुआत की गई है।
उन्होंने कहा कि खेल और शिक्षाविदों को समान फोकस की जरूरत है क्योंकि दोनों छात्रों को भविष्य के सही दिशा की ओर आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

विकास प्रोजेक्टों को समय पर पूरा करें : जितेंद्र सिंह

जम्मू।
प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र में विकास को बड़े प्रोजेक्टों को गति देकर उन्हें समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
रविवार दोपहर को पीडब्लयूडी गेस्ट हाउस में राज्य प्रशासन की बैठक को संबोधित करते हुए जितेंद्र सिंह ने जोर दिया कि जिला प्रशासन विकास कार्यो की पूरी निगरानी कर सुनिश्चित करें कि लोगों को जल्द इनका लाभ मिल सके। बैठक में ऊधमपुर, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़, रामबन, रियासी जिलों के विकास परिदृश्य के बारे में जानकारी ली।
बैठक में वनमंत्री चौधरी लाल सिंह, यातायात राज्यमंत्री सुनील शर्मा, योजना राज्यमंत्री अजय नंदा व जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर एमके भंडारी भी मौजूद थे। जितेंद्र सिंह ने भंडारी से कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे विकास प्रोजेक्टों पर चल रहे काम की सही निगरानी हो सके। समय-समय पर बैठकों कर विकास को तेजी दी जाए।
बैठक में एमपी लोकल एरिया डेवलपमेंट व प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व विकास संबंधी अन्य प्रोजेक्टों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने जोर दिया कि स्थानीय लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विकास को बढ़ावा दिया जाए।
इस दौरान संसदीय क्षेत्र के विधायकों ने अपने क्षेत्रों के मसलों को भी उजागर किया। उजागर किए गए मुद्दों में सड़कों, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा संबंधी मामले शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने प्रशासन के अधिकारियों से इन मसलों को प्राथमिकता पर हल करने के निर्देश दिए।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा केंद्रीय विद्यालय निधार्रित जगहों पर ही बनेंगे। उन्होंने जिलों में स्टेडियम बनाने पर भी स्टेटस रिपोर्ट मांगी। इस दौरान सीवरेज ट्रीटमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट व ग्रामीण विकास के प्रोजेक्टों पर भी चर्चा हुई।

बी.एड. पाठ्यक्रम के लिए 20,000 सेवा स्नातक शिक्षकों को इग्नू के साथ पंजीकृत किया जाएगा-अल्ताफ बुखारी

श्रीनगर।
शिक्षा मंत्री सईद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने एक बैठक आयोजित कर बी.एड.(ओडीएल) प्रोग्राम में स्कूली शिक्षा विभाग के सेवा स्नातक शिक्षकों के नामांकन पर चर्चा की।
उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव डॉ. हसन समून, स्कूली शिक्षा सचिव फारूक अहमद शाह, बोस के चेयरपर्सन, इग्नू के निदेशक, स्कूली शिक्षा निदेशक कश्मीर, स्कूली शिक्षा निदेशक जम्मू, कॉलेज निदेशक कश्मीर, एसएसए एवं रमसा निदेशक तथा अन्य सम्बंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग ने इग्नू के साथ एक ज्ञापन सहयोग (एमओसी) में प्रवेश किया तथा निर्णय लिया कि बी.एड. पाठ्यक्रमों के लिए करीब 20,000 सेवा-स्नातक शिक्षकों को इग्नू के साथ पंजीकृत किया जाएगा जो अप्रैल 2019 तक पूरा हो जाएगा।
इसी तरह सरकार ने प्राथमिक शिक्षा डिप्लोमा (डी.ईएल.एड.) के लिए 6,000 से अधिक अंडर ग्रेजूएट शिक्षकों का पंजीकरण करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) के साथ एमओसी में भी प्रवेश किया है।
मंत्री ने स्कूली शिक्षा निदेशक (कश्मीर) को बी.एड. कोर्स के लिए पंजीकृत होने वाले उम्मीदवारों के बारे में एक सप्ताह के भीतर विवरण तैयार करने के निर्देश दिये।

जुल्फकार ने मीडिया से लोगों के अनुकूल कार्यक्रमों के प्रभावी प्रक्षेपण के लिए आग्रह किया

मीडिया हाउस, पत्रकारों के लिए सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया
जम्मू। 
वर्तमान समय में जनमत के गठन के लिए मीडिया को सबसे शक्तिशाली उपकरण बताते हुए, सूचना, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री चौधरी जुल्फार अली ने मीडिया को उचित और निष्पक्ष समाचार पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कहा। वे जम्मू न्यूजपेपर्स एडिटर्स गिल्ड द्वारा आयोजित एक चर्चा सत्र में मंत्री बोल रहे थे।
मंत्री ने कहा कि सूचना विभाग सरकार एवं मीडिया के बीच एक अंतरफलक के रूप में कार्य करता है और सरकार के लोगों की नीतियों के बारे में जानकारी और प्रक्षेपण के प्रभावी प्रसार के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मीडिया विश्वसनीय और विश्वसनीय जानकारी वाले लोगों तक पहुंचने के लिए सहज जिम्मेदारी रखता है, जो बदले में सरकारी नीतियों पर जन प्रतिक्रियाओं की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि राज्य भारी चुनौतियों का सामना कर रहा है और मीडिया की सकारात्मक भूमिका शांति और विकास लाने के लिए सरकार की पहल को मजबूत करने में काफी मदद कर सकती है।
उन्होंने कहा,''राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार पर्यटन है और मीडिया राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर राज्य की सकारात्मकता को पेश करके इस क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रेस राज्य की दोनों मनोरम प्रा.तिक सुंदरता और इसके समग्र सांस्.तिक लोकाचार को दिखाने में मदद कर सकती है, जो इसे एक अनूठी पहचान देती है।
सूचना विभाग की विभिन्न पहलों की सूची में मंत्री ने कहा कि उसने मीडिया संगठनों और पत्रकारों को अपने कर्तव्यों को प्रभावी रूप से करने के लिए एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
उन्होंने कहा कि प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए, सरकार ने प्राप्त होने के बाद 10 दिनों के भीतर विज्ञापन बिलों का भुगतान करने का आदेश दिया। इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, संबंधित विज्ञापन निदेशकों को सरकारी विज्ञापन और भुगतान जारी करने के लिए पहले से ही स्वतंत्र नियंत्रक प्राधिकरण के रूप में नामित किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि समाचार पत्रों के वर्गीकरण के लिए कदम पहले ही शुरू किए जा चुके हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि श्रीनगर और राजौरी में प्रेस क्लब की इमारतों पर काम प्रगति पर है और सरकार दूसरे जिलों में प्रेस क्लब स्थापित करने पर विचार कर रही है।
इस अवसर पर निदेशक सूचना मुनीर-उल-इस्लाम, संयुक्त निदेशक सूचना जम्मू मनीषा सरीन, संयुक्त निदेशक सूचना (मुख्यालय) अब्दुल माजिद जरगर, अध्यक्ष जम्मू न्यूज पेपर्स एडिटर्स गिल्ड राज दालुजा, ए के साहनी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम कुमार दुबे, राजीव महाजन, सैयद इकबाल काजमी, सुभाष मेहरा, महासचिव विजय गुप्ता, संयुक्त सचिव, विशाल चोपड़ा और अन्य सदस्य उपस्थित थे।
इससे पहले, गिल्ड के सदस्यों ने अपने मुद्दों के बारे में मंत्री को अवगत कराया।

गुरुवार, सितंबर 21, 2017

रोहिंग्याओं पर सरकार के दायर हलफनामे पर उमर ने उठाए सवाल

श्रीनगर। 
 जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला नें केंद्र सरकार द्वारा रोहिंग्याओं के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामें पर सवाल खड़े किए हैं।
रोहिंग्याओं पर दायर सरकार के हलफनामें के बाद उमर ने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर ये एक खतरा है तो ऐसा 2014 के बाद हुआ होगा। उमर ने कहा कि इससे पहले तो यूनिफाइड हेडक्वार्टर की बैठक में इस तरह की कोई इंटेलिजेंस रिपोर्ट सामने नहीं आई थी। उमर का बयान उस वक्त आया है जबकि केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमान भारत में अवैध तरीके से रह रहे हैं। उनका यहां रहना देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
ऐसी खुफिया सूचनाएं मिली हैं कि कुछ रोहिंग्या मुसलमानों के आतंकवादी संगठन आईएसआईएस और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी संबंध हैं।
केंद्र द्वारा दिए गए हलफनामे के अनुसार, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, मेवात (हरियाणा) और हैदराबाद में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों में से कुछ आतंकी पृष्ठभूमि के भी मिले हैं। इसके अलावा, कुछ रोहिंग्या देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। कुछ हवाला के लेनदेन और मानव तस्करी में भी शामिल पाए गए हैं। ऐसे बहुत से लोगों ने गैरकानूनी तरीके से वोटर आईडी और पैन कार्ड जैसे पहचान पत्र भी बनवा लिए हैं।  आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन इन रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में हिंसा फैलाने के लिए टारगेट कर सकते हैं।
वहीं हलफनामे पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि गैरकानूनी तरीके से भारत आये रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस भेजने के मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख दिया है। अब इस मामले में अदालत के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए।

कटड़ा में रहेगी नवरात्र महोत्सव की धूम

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।

21 सितंबर से नवरात्र महोत्सव की धूम आरंभ होगी। आधार शिविर कटड़ा में 29 सितंबर तक चलने वाले नवरात्र महोत्सव के माध्यम से पर्यटकों को राज्य की लोक-संस्कृति व परंपरा से जोडऩे के लिए पर्यटन विभाग विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रहा है। कटड़ा में नवरात्र महोत्सव का शुभारंभ 21 सितंबर को एशिया चौक कटड़ा से निकाली जाने वाली कलश यात्रा के साथ होगा। कलाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से योग आश्रम कटड़ा में आल इंडिया डिवोशनल साग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा। इस वर्ष 3 लाख, 1 लाख एवं 50,000 रुपये की राशि इनाम में वितरित की जाएगी। इसके अलावा सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन संगीत एवं नाटक डिवीजन, भारत सरकार द्वारा सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल कटड़ा में आयोजित किया जाएगा। महोत्सव का मुख्य आकर्षण अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता रहेगा। इसका आयोजन जेएंडके इंडियन स्टाइल रेसलिंग एसोसिएशन द्वारा किया जाएगा। विदेश से आने वाले पहलवान स्थानीय पहलवानों के साथ मुकाबला करेंगे। यह जानकारी पर्यटन राज्यमंत्री प्रिया सेठी ने रविवार को सिदड़ा स्थित गाल्फ कोर्स में नवरात्र महोत्सव के कर्टन रेजऱ कार्यक्रम के दौरान दी। कार्यक्रम के दौरान कटड़ा में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन द्वारा दी गई।       
मुख्य आयोजन

21 सितंबर : उद्घाटन : एशिया चौक कटड़ा-सुबह 11 बजे
21 से 28 सितंबर :
शोभायात्रा : एशिया चौक कटड़ा से बस स्टैंड तक-रोजाना सुबह 11 बजे व शाम पांच बजे।
22 से 29 सितंबर :
प्रभातफेरी : बस स्टैंड से बाणगंगा तक रोजाना शाम साढ़े पांच बजे से।
21 से 28 सितंबर :
नटरंग की ओर से नाटक 'माता की कहानी का मंचन
स्थान : अध्यात्म केंद्र कटड़ा
समय : दोपहर तीन से शाम छह बजे तक
21 से 26 सितंबर :
दीवान मंदिर जम्मू, रामलीला मंडली सैनिक कॉलोनी व रियासी के कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन
स्थान : गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल कटड़ा
समय : शाम सात से नौ बजे तक
21 से 29 सितंबर :
सांग एंड ड्रामा डिवीजन की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम
स्थान : गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल कटड़ा
समय : रात नौ बजे से
21 से 29 सितंबर :
आल इंडिया डिवोशनल सांग प्रतियोगिता
स्थान : योग आश्रम ग्राउंड कटड़ा
समय : रात साढ़े आठ बजे से
22 से 28 सितंबर :
छात्रों, सूचना विभाग व कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से कार्यक्रम 'गुलदस्ता'
स्थान : गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल कटड़ा
समय : सुबह 11 बजे से।
24 सितंबर :
अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता, जिसमें यूक्रेन, बीलोरशिया, जार्जिया व भारत के पहलवान हिस्सा लेंगे।
स्थान : कटड़ा स्टेडियम
26 सितंबर : लोक उत्सव
स्थान : बस स्टैंड कटड़ा
समय : शाम चार बजे से।

हताश कांग्रेस सरकार गिराने को किसी भी हद तक जा सकती है

डिप्टी सीएम ने राहुल गांधी को गैर जिम्मेदार करार दिया
जम्मू। 
उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को गैर जिम्मेदार व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ओछी सियासत करने के बजाय जनता की बेहतरी के लिए राज्य व केंद्र सरकार का सहयोग करते हुए सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए। निर्मल सिंह अपने निवास पर भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल के नेतृत्व में हुई भाजपा की कश्मीर इकाई के नेताओं व कार्यकर्ताओं की बैठक में भाग लेने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर राम लाल ने भी सवालों के जवाब दिए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जम्मू-कश्मीर में पीडीपी को खत्म करने का आरोप लगाया था। डॉ. निर्मल सिंह ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि वह गैर जिम्मेदार व्यक्ति हैं।
वह कुछ भी बोल सकते हैं। कांग्रेस इस समय हताश है और जम्मू-कश्मीर में सत्तासीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार को गिराने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। वह लोगों में भ्रम और अविश्वास का माहौल पैदा करना चाहती है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कश्मीर का दौरा कर लौटे कांग्रेस के पॉलिसी एंड प्लानिंग ग्रुप के बारे में निर्मल सिंह ने कहा हम एक लोकतांत्रिक मुल्क में रहते हैं, जहां कोई भी कहीं आ-जा सकता है। किसी से भी मिल सकता है, बशर्ते वह देश की एकता व अखंडता के खिलाफ न हो। मैं उम्मीद करता हूं कि पॉलिसी एंड प्लानिंग ग्रुप की आड़ में कांग्रेस कोई ओछी सियासत नहीं करेगी बल्कि कश्मीर में अमन बहाली और कश्मीर समस्या के सर्वमान्य हल में सहयोग करेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद के बयान का भी जिक्र करना चाहूंगा। उन्होंने भी कांग्रेस को कश्मीर समस्या के समाधान में केंद्र सरकार का सहयोग करने के लिए कहा है।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल ने धारा 35ए से जुड़े सवाल से बचते हुए कहा कि यह मामला अदालत में है। इसमें अदालत का ही फैसला सर्वोपरि होगा।
जम्मू संभाग के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी गोलाबारी से पैदा हालात पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान नहीं चाहता कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता रहे। इसलिए जंगबंदी का उल्लंघन कर रहा है। हम उसकी नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए अपने सीमावर्ती नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं।
भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि यह कश्मीर में पार्टी की गतिविधियों का जायजा लेने के लिए बुलाई गई है। हमने कार्यकर्ताओं को जनता और प्रशासन के बीच एक पुल बनकर शांति और विकास का माहौल बनाने को कहा है।
 

पाक की छह चौकियां तबाह

पाकिस्तान नहीं आ रहा बाज तो सिखाया भारतीय सेना ने सबक
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
 
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पांच दिन से गोलाबारी कर रहे पाकिस्तान को भारत ने कड़ा जवाब दिया। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने एक के बदले तीन गोले दागकर पाकिस्तान की छह चौकियों को तबाह कर दिया।
भारत के कड़े प्रहार का ही नतीजा था कि पाकिस्तान रेंजर्स रविवार रात को हमारे इलाकों में सटीक गोलाबारी नहीं कर पाए। सोमवार सुबह तक हुई गोलाबारी में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन लोगों में दहशत है। सीमा पर गोलाबारी से दोनों तरफ तनाव बना हुआ है। भारत ने पाकिस्तान की नापाक हरकतों को देखते हुए और सोमवार रात सीमा से सटे कई गांवों से लोगों को पीछे हटा दिया। रात को आरएसपुरा के कोरोटाना खुर्द, अब्दुल्लियां व साथ सटे कुछ इलाकों के लोगों को अपने रिश्तेदारों के घर चले जाने की सलाह दी गई। इन गांवों के कुछ ही घरों में अब केवल पुरुष ही हैं। पाकिस्तान ने रविवार रात साढ़े नौ बजे से गोलाबारी शुरू की जो सोमवार सुबह सुबह साढ़े पांच बजे तक जारी रही। पाकिस्तान की गोलाबारी से अरनिया व साथ लगते आरएसपुरा के करीब दो दर्जन गांव प्रभावित हुए। इन इलाकों में लोग रात को आठ घंटे घरों में दुबके रहे। जिला प्रशासन के आदेश पर सीमा के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूल भी पांच दिन से बंद हैं। अरनिया में पांच दिन से गोलाबारी में सीमा प्रहरी समेत दो लोगों की मौत हो गई है व छह लोग घायल हो चुके हैं। एक दर्जन से अधिक घरों को भी नुकसान पहुंचा है। छह मवेशी मारे गए हैं, जबकि तीन दर्जन के घायल होने की सूचना है।
गोलाबारी से अरनिया में पलायन भी जारी है। करीब बीस हजार लोग सुरक्षित इलाकों में अपने रिश्तेदारों के घर पहुंच चुके हैं।
पाक गोलाबारी से रामगढ़ सब सेक्टर के दो दर्जन गावों के करीब 25 हजार लोग दहशत में हैं। वे अपनी व परिवार की जान की सलामती के लिए हर पल ईश्वर से दुआएं मांग रहे हैं।
अरनिया सेक्टर में हो रही पाक गोलाबारी का असर रामगढ़ सब सेक्टर के लोगों की जिंदगी पर भी पडऩे लगा है। रामगढ़ क्षेत्र में भले ही सरहद पर खामोशी कायम है, मगर सीमात लोग इसके पीछे किसी बड़े तूफान की आशकाओं को महसूस कर रहे हैं।
वहीं जिला प्रशासन हर आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी सभी तैयारियों को अंजाम दे रहा है, लेकिन अगर कहीं रामगढ़ सब सेक्टर में भी पाक गोलाबारी शुरू हो गई, तो सरहद के साथ लगते करीब 23 गावों के 25 हजार लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।
पिछले करीब तीन साल से पाक रेंजर्स सरहद पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करके भारतीय क्षेत्र के गावों को निशाना बनाकर गोलाबारी कर रहे हैैं। पाक रेंजर्स द्वारा की जाने वाली गोलाबारी में जानमाल को नुकसान पहुंचाने का इरादा साफ दिखाई देता है।
गत वर्ष भी पाक रेंजर्स ने एक नवंबर 2016 को रामगढ़ सब सेक्टर में भारी हथियारों से गोलाबारी करके हर तरफ कोहराम मचाया था। पाक गोलाबारी में रामगढ़ सब सेक्टर के छह लोगों की मौत तथा नौ लोग घायल हुए थे।
इसके अलावा गृहस्थी मूलभूत ढाचा, निजी औद्योगिक इकाइया, माल-मवेशी आदि का भी भारी नुकसान हुआ था। उसी तरह से वर्तमान में भी अरनिया सब सेक्टर में पाक रेंजर्स अपनी नापाक हरकतों को अंजाम दे रहे हैं, उससे रामगढ़ क्षेत्र के लोगों को भी आने वाले बुरे दिनों की आशका सताने लगी है। पाक गोलाबारी की आशका को देखते हुए रामगढ़ क्षेत्र के निवासी संयोगिता देवी, कमला देवी, लक्ष्मी देवी, बचनो देवी, नागर मल, सुरेश कुमार, पवन कुमार, बोधराज, मंगल राम आदि ने कहा कि करीब ग्यारह माह की खामोशी के बाद फिर सरहद पर तोपें गूंजने लगी हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी सरहद पर तनाव की स्थिति बनती है, तो सबसे पहले लोगों को अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सीमात लोगों की सुरक्षा के कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए। ऐसे में खुले आसमान के तले रहकर लोग अपने बाल-बच्चों की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे।
  अरनिया सेक्टर में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ऐसे कई स्कूल हैं जहां हर समय गोलाबारी की आशंका बनी रहती है। इस कारण जब भी संघर्ष विराम उल्लंघन होता है इन स्कूलों को बंद कर दिया जाता है। यहां पढऩे वाले हजारों बच्चों का भविष्य पाकिस्तान गोलाबारी में धूमिल होकर रह जाता है। इस समय अरनिया सेक्टर में पचास से अधिक सरकारी व निजी स्कूल बंद पड़े हुए हैं। ये स्कूल पांच दिनों से बंद हैं। अभी इनके जल्दी खुलने की कोई संभावना भी नहीं है। अगर पाकिस्तान इसी तरह संघर्ष विराम उल्लंघन करता रहा तो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित रहेगी। इससे बच्चे व उनके अभिभावकों के चेहरों पर भी चिंता की लकीरें हैं। वे चाहते हैं कि सरकार को ऐसे स्कूली बच्चों के लिए कोई वैकल्पिक प्रबंध करना चाहिए। अला गांव के रहने वाले बलबीर सिंह पूर्व सरपंच भी हैं। उनका कहना है कि हर साल कई दिन स्कूल गोलाबारी के कारण बंद रहते हें और इससे पढाई का बहुत नुकसान होता है। सरकार को इस बारे में कुछ सोचना चाहिए। गांव सुहागपुर के पूर्व सरपंच मोहन लाल और चानना के रघुवीर सिंह का भी यही दर्द है। कैसे उनके बच्चे शहरी क्षेत्रों में रहने वालों से प्रतिस्पर्धा करें। हर साल तो स्कूल बंद रहते हैं और बच्चों व सभी को दरबदर होना पडता है।
सीमांत क्षेत्रों में पढऩे वाले बच्चों का दर्द यह है कि हर बार उन्हें दरबदर होना पड़ता है। कैंप में रह रहे आठवीं कक्षा के छात्र सोहन शर्मा ने बताया कि दो साल पहले कई दिन स्कूल बंद रहे थे। बाद में उन्हें पाठ्यक्रम पूरा करने में बहुत परेशानी आई थी। विद्यार्थियों का कहना है कि स्कूल बंद होना ही परेशानी नहीं है। घरों से बेघर होना सबसे अधिक समस्या देता है।
सिर्फ अरनिया सेक्टर में ही नहीं बल्कि परगवाल, राजौरी, पुंछ, आरएस पुरा सहित कई जगहों पर पाकिस्तान की गोलाबारी के कारण स्कूल प्रभावित हैं। इन स्कूलों को प्रशासन को बंद करना पडता है।
 

बुधवार, सितंबर 20, 2017

जम्मू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट यूनियन का चुनाव हुआ हिंसक

दूसरे दिन भी तनाव, लॉ स्कूल में पढ़ाई बाधित
जम्मू। 
जम्मू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट यूनियन के चुनाव में हावी राजनीति के बीच लॉ स्कूल में विद्यार्थियों के दो गुट आपस में भिड़ गए। मारपीट में छात्रा समेत पांच विद्यार्थियों को चोटे आईं। उन्हें जीएमसी में भर्ती करवाया गया। इस घटना के अगले दिन भी लॉ स्कूल में तनाव रहा और कक्षाओं में पढ़ाई नहीं हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को सुबह साढ़े ग्यारह बजे लॉ विभाग में विद्यार्थियों का समर्थन जुटाने के लिए पोस्टर लगाए जा रहे थे। बताया जाता है कि छात्र सतविंद्र शिंगारी ने एबीवीपी के पोस्टर फाड़ दिए जिस पर पीयूष खजूरिया ने भी दूसरे गुट के पोस्टरों से छेड़छाड़ शुरू कर दी। यही विवाद तू-तू मैं-मैं से होता हुआ हाथापाई तक पहुंच गया जिसमें पीयूष की पिटाई कर दी गई। जब उर्वशी ने इसका बीचबचाव कराना चाहा तो उसके साथ भी धक्का मुक्की हुई जिसमें उर्वशी को माइनर र्फैक्चर आ गया। बहस में कुछ और विद्यार्थी कूद गए। थोड़ी ही देर में मारपीट शुरू हो गई। मारपीट में पांच छात्र उर्वशी रैना, श्रेयांस सेठी, पीयूष खजूरिया, अभिनव पंडोत्रा और सतविंद्र सिंह घायल हो गए। पांचों का एमएलसी केस बना है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जाता है कि सतविंद्र ने डीन प्रो. सतनाम कौर के पास जाकर अपनी जान की को खतरा बताते हुए सिक्योरिटी की गुहार लगाई । पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
विभागीय प्रतिनिधियों के चुनाव 25 सितंबर को होने तय हुए हैं। लॉ स्कूल में मारपीट की जानकारी मिलते ही विभागाध्यक्ष, विवि के सुरक्षा अधिकारी कैप्टन एसआर दुबे और अन्य सुरक्षाकर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए। लॉ स्कूल के डायरेक्टर प्रो. संजय गुप्ता ने घायल विद्यार्थियों के बयान दर्ज किए। यह घटना उस समय हुई जब विवि के जनरल जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में यूथ पार्लियामेंट कार्यक्रम चल रहा था। अधिकतर स्टाफ सदस्य व विद्यार्थी कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए हुए थे। मारपीट का मामला सामने आने के बाद एबीवीपी के कार्यकर्ता विभाग में इक_ा हो गए। जबकि सतिंद्र सिंह के पिता सुरेंद्र सिंह शिंगारी अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ विभाग में पहुंचे। स्टूडेंट यूनियन की मुख्य बॉडी के चुनाव छह अक्टूबर को होने तय हैं। हालांकि चुनाव किसी दल के नाम पर नहीं करवाए जा रहे हैं, लेकिन विद्यार्थी संगठन अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव मैदान में उतार रहे हैं।      स्टूडेंट यूनियन चुनाव में प्रचार के दौरान जम्मू विवि के लॉ स्कूल में हुई मारपीट की घटना को विश्वविद्यालय प्रबंधन देर रात तक सुलझाने में लगा रहा।
 डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. सतनाम कौर के कार्यालय में विद्यार्थियों को बुलाकर उनकी बात सुनी गई। उन्हें समझाने के प्रयास किए गए। यह कोशिश की जा रही है मामला पुलिस में जाने के बजाए आपसी सहयोग से सुलझ जाए। डीन सतनाम कौर ने कहा कि यह मामला विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। इसलिए मामले को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

शुक्रवार, सितंबर 15, 2017

प्यार के सामने मिट गई सरहदें, भारतीय युवक से शादी करने दौड़ी चली आई पाक युवती

अंबाला। 
आयरलैंड में डेराबस्सी निवासी युवक को पाकिस्तानी युवती का रिश्ता आया तो पहले तो युवक कुछ समझ नहीं पाया। युवक ने युवती से फोन पर बातचीत करनी शुरू कर दी। दो देशों के बीच की नफरत और सरहदों की दूरियां मिटाते हुए दोनों के बीच प्यार मजबूत होने लगा। दोनों ने एक-दूसरे से शादी करने का फैसला लिया और भारत आ गए। दोनों जून महीने में परिणय सूत्र में बंधे।
दरअसल, पाकिस्तान स्थित पेशावर के हयाताबाद निवासी पूर्णिमा कोमल चौहान का भाई आकाश ही सबसे पहले विश्वास के पास बहन के लिए रिश्ता लेकर आया था। जीबीपी-एन्क्लेव, इको ग्रीन, 427 ग्राउंड फ्लोर डेराबस्सी निवासी विश्वास ने उसकी बात को ठुकराया नहीं, बल्कि अपने पिता संजीव से बात करके पूरा मामला बताया और उन्होने भी उसे हां कर दी। इसके बाद पूर्णिमा और विश्वास की पहले व्हाट्स एप चैटिंग और बाद में वीडियो काङ्क्षलग से बातचीत होनी शुरू हो गई।
दोनों में प्यार बढ़ता गया और एक-दूसरे के साथ शादी के लिए हामी भर दी। जून महीने में पूर्णिमा ने पाकिस्तान से अपना पासपोर्ट बनवाया और अपनी मां राधा के साथ विश्वास से मिलने आयरलैंड पहुंच गई। इसके बाद पूरी प्लानिंग करके विश्वास, पूर्णिमा और उसकी मां राधा को टूरिस्ट वीजा पर लेकर भारत पहुंचा। विश्वास व पूर्णिमा की अंबाला छावनी के रेजीमेंट गुरुद्वारे में शादी हुई।
पूर्णिमा व उसकी मां राधा का टूरिस्ट वीजा की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें वापस आयरलैंड जाना होगा। वहीं, इनके साथ विश्वास भी अपनी पढ़ाई पूरी करने आयरलैंड वापस चला जाएगा। विश्वास की पढ़ाई पूरी हो जाने तक पूर्णिमा उसके साथ आयरलैंड में ही रहेगी और उसकी मां राधा वापस पाकिस्तान चली जाएगी। वहीं, पूर्णिमा को अभी स्थाई रूप से इंडिया में अपनी ससुराल में हमेशा रहने के लिए लंबे वक्त का इंतजार करना होगा। इसके लिए भी इन्हें तीन महीने के अंदर-अंदर छावनी नगर निगम कार्यालय में अपनी शादी भी रजिस्टर्ड करवानी होगी।
पूर्णिमा और उसकी मां राधा कुमारी को भारतीय दूतावास की ओर से देश के केवल पांच शहरो में ही घूमने के लिए इजाजत दी गई है। 90 दिन के वीजा पर ये अंबा, गोवा, शिमला, आगरा और अमृतसर में ही घूम सकते हैं। शादी के बाद विश्वास पत्नी पूर्णिमा के साथ हनीमून पर घूमने के लिए निकल गया है।

राम रहीम के बाद फिर चर्चा में आई 'राधे मां

नई दिल्ली।
विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रहे सुरेंद्र मित्तल ने एक स्वयंभू संयासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह संत उनसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए उन्हें उत्तेजित करने की कोशिश किया करती थी। वह लगातार आई लव यू इत्यादि कहा करती थी, लेकिन वह कभी कामयाब नहीं हुई। जब मैनें इनकार कर दिया तो उन्होंने मुझे गालियां देना और बुरा भला कहना शुरू कर दिया। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में उनके अनुयायी इन्हें राधे मां के नाम से पुकारते हैं और उन्हें दुर्गा का अवतार बताया जाता है।
ये महिला न तो कुछ बोलती हैं और न कोई प्रवचन देती हैं, लेकिन पंजाबी मूल की इस महिला के आयोजनों में लाखों लोग शरीक होते हैं और शहर भर में बड़े-बड़े बैनर पोस्टर लगाकर इस महिला का प्रचार किया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि पंजाब से मुंबई आई एक लडकी चंद सालों में एकाएक देवी की तरह कैसे पूजे जाने लगी? कौन हैं वे लोग जिन्होंने उसकी ये इमेज हासिल करने में मदद की?
राधे मां का जन्म पंजाब के होशियारपुर जिले के एक सिख परिवार में हुआ था। इनकी शादी पंजाब के ही रहने वाले व्यापारी सरदार मोहन सिंह से हुई है। शादी के बाद एक दिन इनकी मुलाकात शिव मंदिर के पास महंत श्री रामदीन दास से हुई। उन्होंने इनकी धार्मिक प्रतिभा तो पहचाना।
महंत रामदीन के प्रभाव में आने के बाद राधे मां की ख्याति बढ़ी। कथित रूप से वह लोगों के व्यक्तिगत, व्यापारीक और पारिवारिक समस्याओं को दूर करने लगी। आज राधे मां का जलवा देश-विदेश में फैला हुआ है। मुंबई उनके लिए बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं।
स्थानीय लोग उन्हें सत्संग, जागरण, पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बुलाने लगे। राधे मां के आशीर्वाद से लोगों के व्यक्तिगत, व्यापारिक और पारिवारिक समस्याओं का समाधान होने लगा। आज राधे मां का जलवा देश के अलावा विदेशों में फैला हुआ है।
होशियारपुर से मुंबई का लम्बा सफऱ राधे मां ने कैसे तय किया इस के बारे में कोई कुछ नहीं जानता। यहां वो एक बड़े कारोबारी संजीव गुप्ता से मुलाकात हुई।
इस मुलाकात के बाद दोनों की निकटता बढती गयी। गुप्ता की कंपनी ग्लोबल मीडिया विज्ञापन इंडस्ट्री से जुडी है। सूत्र बताते है कि गुप्ता ने राधे मां को बताया की कैसे वो उनके साथ मिल कर रातों रात ख्याति पा सकती हैं। यहीं से शुरु हुआ प्रसिद्धी और ?श्वर्य पाने का सिलसिला। बोरीवली पश्चिम में रेलवे स्टेशन से 10 मिनट की दूरी पर 'राधे देवी माँ
यहां दिखता है राधे माँ का जलवा। स्टेज पर राधे मां दुल्हन की तरह फुल मेकप कर अवतरित होती हैं और झूमती नाचती रहती हैं। इस सबके बीच जो अद्भुत नज़ारा होता है वो ये कि राधे मां जब किसी पर प्रसन्न होती हैं तब झूमते हुए उसकी गोद में कूद जाती हैं। कहा जाता है कि जिस भक्त की गोद में वो छलांग लगाती हैं उसके सभी कष्ट उसी समय से दूर हो जाते हैं। राधे माँ के भक्तों में दलेर मेंहदी, मनोज तिवारी, डॉली बिन्द्रा, हंसराज हंस, प्रहलाद कक्कड़, एमएस बिट्टा, अनूप जलोटा, शार्दुल सिंकदर, लखबीर सिंह लख्खा, अनुराधा पौडवाल, रूप कुमार राठौड़, नरेंद्र चंचल के साथ ही और भी कई शामिल हैं7
लेकिन रातों रात प्रसिद्धी और ऐश्वर्य पाने वाली राधे मां का जीवन विवादों से घिरा रहा है। वे केवल मात्र सांसारिक विवादों में ही नहीं घिरी बल्कि जूना अखाड़े द्वारा उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि देना भी विवादों में आ गया। उन पर लगाए गए आरोप सही पाए जाने पर अखाड़े ने उनसे महामंडलेश्वर की उपाधि वापिस भी ले ली।
भवन है, इसी के ग्राउंड फ्लोर पर एक बड़ा हॉल है, जिसे 'माता की चौकी कहा जाता है। राधे मां यहीं भक्तों को अपने दर्शन देती हैं।

राजनीति में नौकरशाही के शुभ संकेत

तीन साल के शासन काल में मोदी मंत्रिमंडल का यह तीसरा विस्तार है। नौ नए मंत्रियों में चार भूतपूर्व नौकरशाह हैं। मोदी ने पहली बार केजे अल्फोंस और हरदीप सिंह पुरी के रूप में दो ऐसे नौकरशाहों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया है, जो सांसद भी नहीं हैं। रिटायर्ड डिप्लोमैट हरदीप सिंह पुरी को राज्य मंत्री के रूप में शहरी विकास मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट इस सरकार का महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट होने के अलावा मोदी का भी पसंदीदा प्रोजेक्ट है। पूर्व गृह सचिव राज कुमार सिंह को राज्य मंत्री के रूप में विद्युत विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। वह भी तब जबकि बिहार विधानसभा चुनावों में हार की समीक्षा करते हुए सिंह ने आरोप लगाया था कि वहां टिकट 'बेचे
दूसरा नतीजा यह है कि वे यह संदेश देने से कभी नहीं चूकते कि सत्ता का केंद्र अकेले वह हैं। मंत्रिमंडल विस्तार से संबंधित सारी अटकलों को झुठलाते हुए उन्होंने न केवल निर्मला सीतारमण को मंत्रिमंडल में बनाए रखा, बल्कि उन्हें बड़ी प्रोमोशन भी दी। उनके और अमित शाह के अलावा अंत तक किसी को खबर नहीं थी कि मंत्रिमंडल विस्तार में असल में क्या होने वाला है। तीसरा और अत्यंत महत्त्वपूर्ण नतीजा यह है कि मोदी पार्टी में किसी से कोई चुनौती नहीं चाहते। कुछ लोग कहते हैं कि भाजपा में योग्य लोगों की कमी है। यह सच है कि भाजपा में योग्य प्रशासकों की कमी खलती है, लेकिन उससे भी बड़ा सच यह है कि मोदी अच्छे जनाधार वाले योग्य लोगों को बर्दाश्त नहीं करते। उनके मंत्रिमंडल में एक भी ऐसा मंत्री नहीं है जो उन्हें चुनौती दे सके। योगी आदित्यनाथ मीडिया में छाए और मोदी के विकल्प के रूप में उनके नाम की चर्चा भर हुई तो शिव प्रसाद शुक्ल को वित्त राज्य मंत्री बनाकर योगी को संकेत देने का काम किया गया है। शिव प्रसाद शुक्ल सन् 1989 से लगातार पांच बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में चुने गए। वह कल्याण सिंह से लेकर राजनाथ सिंह तक के मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा, ग्रामीण विकास और कारागार जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे हैं लेकिन 2002 में भाजपा की सरकार का कार्यकाल खत्म होने के बाद मानो शुक्ल के राजनीतिक जीवन पर भी ग्रहण लग गया।
दरअसल उनका चुनाव क्षेत्र गोरखपुर जिला में था, जहां से उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सांसद रहे हैं। जिला में शुक्ल के बढ़ते प्रभाव को योगी सहन नहीं कर पाए। सन् 2002 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने शिवप्रताप शुक्ल के खिलाफ एक निर्दलीय उम्मीदवार राधा मोहन अग्रवाल को लड़ाया और योगी के प्रभाव के सामने शुक्ल पराजित हो गए। उसके बाद से उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा। वह गुहार ही लगाते रह गए कि उन्हें कहीं तो एडजस्ट किया जाए, लेकिन मोदी और अमित शाह के उदय से पूर्व उनकी सुनवाई नहीं हुई। पिछले वर्ष उन्हें अचानक राज्यसभा भेज दिया गया और अब केंद्रीय मंत्रिपरिषद् में ले लिया गया है। योगी आदित्यनाथ राजपूत हैं और उनके उन्नयन और कामकाज के तरीके से ब्राह्मण वर्ग में बेचैनी थी। उत्तर प्रदेश से शिव प्रसाद शुक्ल और बिहार से अश्विनी कुमार चौबे को मंत्रिमंडल में शामिल करके ब्राह्मण समुदाय को खुश करने का राजनीतिक प्रयास भी किया गया है। चौथा नतीजा यह है कि नारों और जुमलों के कारण लोकप्रियता के चरम पर पहुंची इस सरकार को आखिर कुछ करके भी दिखाना जरूरी था। मोदी और शाह दोनों को इस सच का एहसास है कि रोजगार बढ़ नहीं रहे हैं। नोटबंदी और जीएसटी की वे जितनी भी प्रशंसा करें, लेकिन असल में इनसे रोजगार छिने हैं, अर्थव्यवस्था में सुस्ती आई है और व्यावसायिक संगठन बड़ी शिद्दत से महसूस करने लगे हैं कि मोदी मजबूत नेता तो हैं लेकिन उनके बहुत से निर्णय अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक साबित हुए हैं। आम आदमी अभी इस असलियत को नहीं समझ पाया है, इसलिए मोदी की लोकप्रियता बरकरार है। यदि आम आदमी तक भी यह संदेश चला गया कि मोदी के निर्णय असल में अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक साबित हुए हैं तो उनकी लोकप्रियता ही नहीं, विश्वसनीयता भी खतरे में पड़ जाएगी। ऐसे में मोदी का करिश्मा और अमित शाह की चुनावी रणनीति के बावजूद 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करना बड़ी चुनौती बन सकता है। इस आशंका को भांपते हुए उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार में राजनीतिज्ञों के बजाय नौकरशाहों को तरजीह दी है। मंत्रिमंडल विस्तार के विश्लेषण का पांचवां नतीजा यह है कि सभी खासियतों के बावजूद मोदी की भी सीमाएं हैं और वह एकदम से संघ के विरुद्ध नहीं जा सकते। उमा भारती नरेंद्र मोदी के लिए सदैव से सिरदर्द रही हैं। वह भाजपा से बाहर गईं तो भी वह संघ की प्रिय बनी रहीं। गंगा की सफाई के मामले में फिसड्डी साबित हो चुकी उमा भारती की मंत्रिमंडल से छुट्टी की चर्चा गर्म थी, लेकिन उनका कद घटाने के बावजूद अगर उन्हें मंत्रिमंडल में रखा गया है तो इसका कारण यह है कि वह संघ की प्रिय हैं और संघ प्रमुख उन्हें मंत्रिमंडल में ही देखना चाहते थे। मोदी को इस एक मुद्दे पर संघ प्रमुख की बात माननी पड़ी है। मोदी और शाह की सहमति से बने इस मंत्रिमंडल में नौकरशाहों का आगमन एक अच्छी शुरुआत साबित हो सकती है। प्रोफेशनल्स का राजनीति में आना अच्छा है, बशर्ते वे राजनीति की गंदगी के गुलाम न हो जाएं। मोदी और शाह का यह प्रयोग कितना सफल हो पाएगा, इसका निर्णय तो भविष्य करेगा लेकिन यदि यह प्रयोग सफल रहा तो देश की राजनीति के लिए शुभ संकेत ही होगा।
गए हैं। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी केजे अल्फोंस को राज्य मंत्री के रूप में पर्यटन मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार देने के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में भी राज्य मंत्री बनाया गया है, तो इसलिए भी कि वह ईसाई हैं और केरल से संबंधित हैं। मोदी और शाह केरल में ईसाई समुदाय में भाजपा की पैठ बनाने की जुगत में हैं। अल्फोंस इसके लिए उपयुक्त उम्मीदवार हैं। ये तीनों प्रशासनिक अनुभव वाले लोग हैं। यही कारण है कि इन्हें बेहद महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों में स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। मंत्रिमंडल के इस फेरबदल की सबसे बड़ी खबर निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्री बनाया जाना है। निर्मला सीतारमण की योग्यता पर संदेह नहीं किया जा सकता। रक्षा मंत्री बनने के कारण अब वह सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की सदस्य भी हो गई हैं। यह सरकार की फैसले लेने वाली शीर्ष समिति है और इसका अपना अलग रुतबा है। मोदी मंत्रिमंडल के इस विस्तार का विश्लेषण करें तो कई नतीजे सामने आते हैं। पहला तो यह कि मोदी अपनी इस शैली के मुरीद हैं कि वह हर बार कुछ ऐसा नया करें कि इतिहास में उनका नाम जाए। निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्री बनाना ऐसा ही निर्णय है।

डेरा मुख्यालय में 2 रूम सील, भारी मात्रा में कैश-प्लास्टिक करेंसी बरामद

चंडीगढ़।
सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के गेट नंबर-7 से टीम ने तलाशी अभियान की शुरूआत की। सबसे पहले टीम बाबा के मीडिया मॉनिटरिंग रूम में दाखिल हुई। वहां से मिले लैपटॉप, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और दूसरे उपकरण टीम ने सीज किए हैं। दो रूम सील कर दिए गए हैं। टीम को तलाशी के दौरान भारी मात्रा में कैश और प्लास्टिक करेंसी भी मिली है। डेरे की तलाशी में मदद के लिए रूड़की से एक फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया था। डेरे की तलाशी कर रही टीम के साथ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का एक दस्ता भी शामिल रहा। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने आशंका जताई थी कि डेरे के अंदर विलुप्तप्राय: प्रजाति के वन्यजीव भी हो सकते हैं।
अदालत के आदेश पर सिरसा में मौजूद डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में सर्च ऑपरेशन शुरू हो गय़ा है। सुरक्षाबल हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा हेडक्वार्टर में घुस गएं। 5000 जवानों को सर्च ऑपरेशन के लिए तैनात किया गया था। इसमें अर्द्धसैनिक बल, सेना, पुलिस की टीमें शामिल रहींं। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई। निगरानी के लिए हाईकोर्ट ने एक रिटायर्ड जज एके पवार को नियुक्त किया, जिनकी निगरानी में ही यह सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपश्यना इंसान ने कहा है कि हेडक्वार्टर में कानूनी प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत कैंपस में छानबीन की प्रक्रिया चल रही है। डेरा सच्चा सौदा हमेशा से कानून का पालन करता रहा है। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि कानून का साथ दें और शांति बनाए रखें।
हाई कोर्ट के पूर्व जज एके पवार ने गुरुवार को सिरसा में सर्च ऑपरेशन के मद्देनजर सभी अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें आईजी, एसपी, डीसी के अलावा सीआरपीएफ, बीएसएफ और एसएसबी के आला अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में सुरक्षा के हालात और बंदोबस्त को लेकर चर्चा की गई थी।
बैठकों को ये दौर पूरी रात चलता रहा। अधिकारी हर कदम फूंक फूंक कर रख रहे हैं।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के सिरसा स्थित डेरे में पुलिस की छानबीन शुरू होने से पहले ही यहां के प्रवक्ता का बयान आया। डेरा प्रमुख के जेल जाने वाले दिन से लेकर अब तर डेरा की ओर से सभी मसलों पर बोल रहीं डेरा की प्रवक्ता विपश्यना इंसां ने  एक फिर बयान जारी किया।
विपश्यना इंसां ने कहा कि डेरा हमेशा से कानून का पालन करता रहा है। हम लोगों से अपील करते हैं कि सभी समर्थक शांति बनाए रखें। गौरतलब है कि मंगलवार (5 अगस्त)को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से डेरा सच्चा सौदा की तलाशी के आदेश दिए जाने के बाद यह तलाशी अभियान हुआ। बता दें कि राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद से उनके डेरे में विभिन्न प्रकार की गैर कानूनी गतिविधि होने की बात सामने आ रही थी।

बाबा के चक्कर में पूरे परिवार ने की आत्महत्या

जयपुर।
जयपुर में बुधवार को सामूहिक आत्महत्या करने वाले प्रॉपर्टी व्यवसायी के परिवार का आखिरी चिराग भी गुरुवार को बुझ गया। इस घटना में चार लोगों की मौत बुधवार को ही हो गई थी। सबसे छोटा बेटा धर्मेंद्र अस्पताल में भर्ती था, लेकिन गुरुवार को उसने भी दम तोड़ दिया। प्रॉपर्टी व्यवसायी के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आत्महत्या का कारण बने बाबा को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रॉपर्टी व्यवसायी ने अपने सुसाइड नोट में इस बाबा का उल्लेख किया था। सामने आया है कि बाबा ने इस प्रॉपर्टी व्यवसायी को तंत्र-मंत्र से व्यापार का घाटा खत्म करने का झांसा दे रखा था। प्रॉपर्टी व्यवसायी के भाई ने बाबा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज कराया है। जयपुर में बुधवार को प्रॉपर्टी व्यवसायी डूंगरराम ने अपनी पत्नी और बच्चों सहित जहर खा लिया था। इस घटना में डूंगरराम, उसकी पत्नी सुमन, बेटे जितेंद्र और बेटी खुशबू की मौत हो गई, वहीं सबसे छोटा बेटा धर्मेंद्र अस्पताल में भर्ती था। उसकी हालत गंभीर थी। गुरुवार सुबह उसने भी दम तोड़ दिया। पुलिस ने पांचों शवों का पोस्टमार्टम करवा कर परिजन को सौंप दिया।
मृतक के चेचरे भाई नथमल ने पुलिस मे बाबा विश्वंभर दास के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस को डूंगरराम के यहां तलाशी में एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें व्यवसाय में घाटे की बात थी और यह भी लिखा हुआ था कि उसने किसी बाबा विश्वंभर दास को रुपये दे रखे हैं, जो उसे लौटा नहीं रहा है और इसी कारण वह परिवार सहित आत्महत्या कर रहा है।
पुलिस ने देर रात इस बाबा को उसके आश्रम से हिरासत में ले लिया। पुलिस के अनुसार पूछताछ में यह सामने आया कि नेपाल से आया यह बाबा कुछ वर्षों से जयपुर में रह रहा है। डूंगरराम व्यापार में घाटा होने के बाद कर्ज में डूब गया था और बाबा ने उसे घाटा खत्म करने और फिर से व्यापार अच्छा बनाने के लिए तंत्र-मंत्र का झांसा दिया और काफी रुपये ऐंठ लिए। लेकिन इस सबसे कोई फायदा नहीं हुआ तो दोनों के बीच कहासुनी हुई और हार कर आखिर डूंगरराम ने परिवार सहित आत्महत्या करने जैसा कदम उठा लिया। पुलिस इस बाबा से आगे की पूछताछ कर रही है।

जेल की कोठरी तक पहुंचाने वाली लत के कारण परेशान है राम रहीम

जेल में बंद दुष्कर्म का दोषी राम रहीम परेशान है। 
चंडीगढ़।
हरियाणा की रोहतक जेल में बंद दुष्कर्म का दोषी राम रहीम परेशान है। उसकी रातों की नींद उड़ गई है। शनिवार को जेल प्रबंधन ने डॉक्टर्स की एक टीम से उसकी जांच कराई, जांच के दौरान डायबिटीज की परेशानी के साथ ही उसने बेचैनी की भी शिकायत की। इतना ही नहीं सूत्रों की मानें तो टीम के एक डॉक्टर ने बताया कि राम रहीम सेक्स का आदी है। ऐसे में जेल में बंद होने की वजह से उसकी शारीरिक जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही है।
इसी वजह से राम रहीम मानसिक रूप से परेशान और बेचैन है। ये पता करने के लिए शनिवार को जेल पहुंचीं डॉक्टर्स की टीम में एक मनोवैज्ञानिक भी था।
राम रहीम के पुराने सेवादार और डेरा सदस्य गुरदास सिंह तूर की मानें तो वो 1988 से पहले शराब पीता था। क्योंकि इससे जुड़ी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। मगर डेरा प्रमुख बनने के बाद वो शराब पीता है कि नहीं इसका पता नहीं। वहीं तूर ने कहा कि वो अपनी शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए एनर्जी ड्रिंक के अलावा ऑस्ट्रेलिया से खास तौर पर मंगाई गई सेक्स टॉनिक का लंबे वक्त से इस्तेमाल करता रहा है।
गुरमीत सिंह ने सीबीआई कोर्ट के सामने दुष्कर्म के मामले में खुद को बेदाग साबित करने के लिए कई पैंतरे आजमाए थे। उसने खुद कोर्ट को कहा था कि वो नपुंसक है। वहीं 1990 में डेरा प्रमुख बनने के बाद भी राम रहीम ने सार्वजनिक तौर पर ये ऐलान किया था। उसका अब सांसरिक चीजों से कोई रिश्ता नहीं। मगर जैसी ही रेप पीडि़ता की एक चिठ्ठी सामने आई तो उसने पीडि़ता पर ही विरोधियों से घूस लेकर दबाव में झूठा बयान देने का आरोप लगाया।
इस मामले में सीबीआई की तरफ से गवाह के तौर पर पेश हुए गुरदास सिंह तूर की मानें तो डेरा प्रमुख राम रहीम झूठा है और वो कभी नामर्द था ही नहीं। जब साल 1990 में गुरमीत सिंह डेरा प्रमुख बना था तो उसका एक बच्चा था। रेप का आरोप लगने के बाद जब लोगों ने उसे मर्दानगी की जांच कराने को कहा था। तो वो अपने पुराने बयान से पलट किया और कहा कि उसके केवल अपनी पत्नी से रिश्ते हैं। इसके बाद भी आजतक उसकी मर्दानगी की जांच नहीं कराई गई।
राम रहीम के सेक्स एडिक्ट होने की बात इसलिए भी जोर पकड़ रही है, क्योंकि जेल में बंद होने के बाद से ही राम रहीम जेल प्रबंधन से हनीप्रीत को जेल में भेजने की मांग कर रहा है। ताकि वो अपनी करीबी हनीप्रीत से मसाज करा  सके। इसके लिए उसने प्रबंधन को तर्क भी दिया कि हनीप्रीत उसकी फिजियोथेरेपिस्ट है। ऐसे में उसे जेल में रहने दिया जाए।
ऐसे में सवाल राम रहीम पर खड़े हो रहे हैं कि पत्नी और बेटी के होने के बाद भी दुष्कर्मी राम रहीम ने हनीप्रीत को ही अपनी सेवा में रखने के लिए जेब प्रबंधन पर दबाव क्यों बनाया।
सूत्रों की मानें को जब प्रबंधन ने राम रहीम की ये मांग पूरी नहीं कि तो वो हनीप्रीत से फोन पर बात कराने के लिए गिड़गिड़ाने लगा। मगर राम रहीम की ये मुराद भी मिट्टी में मिल गई, क्योंकि उसके जेल जाने के बाद से ही उसकी हनी यानि हनीप्रीत गायब है।

धार्मिक स्वतंत्रता का हनन मुस्लिम समुदाय बर्दाश्त नहीं करेगा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक
भोपाल। 
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रविवार को भोपाल में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की पहली बैठक इस नतीजे के साथ समाप्त हो गई कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता है, लेकिन शरीअत में किसी भी प्रकार का दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बोर्ड ने फिलहाल कोर्ट के फैसले के अध्ययन के लिए कानूनी जानकारों की दस सदस्यीय समिति बनाने का फैसला किया है। यह समिति इस बात का अध्ययन करेगी कि कोर्ट के फैसले में शरीयत को लेकर कोई विसंगति तो नहीं है। वहीं, बाबरी मस्जिद मामले पर बोर्ड ने कहा कि किसी खास पार्टी के सदस्य के कहने पर कोर्ट जल्दबाजी कर रहा है।
बैठक के बाद हुई पत्रकार वार्ता में बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने कहा कि एक साथ तीन तलाक पाप है, लेकिन वैध है। उन्होंने कहा कि बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे पर नाखुशी जाहिर की। कमाल फारूकी ने कहा कि यह मुस्लिम पर्सनल लॉ पर हमला है। केंद्र सरकार संविधान में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता का हनन कर रही है और मुस्लिम समुदाय इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना रब्बे हाशमी नदवी, महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी, उपाध्यक्ष डॉ. सैयद कल्बे सादिक, मोहम्मद सलीम कासमी, सचिव जफरयाब जिलानी, सांसद असदुद्दीन ओवैसी सहित बोर्ड की वर्किंग कमेटी के लगभग 45 सदस्य मौजूद थे।
बैठक में सदस्यों की राय जानने के बाद बोर्ड को लगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अभी सभी लोगों ने ठीक से नहीं समझा है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने करीब दो घंटे कानून के जानकारों के साथ बातचीत करके फैसले का सार तैयार किया। इसे सभी सदस्यों को बांटा गया।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि एक साथ तीन तलाक के खिलाफ बोर्ड पहले भी प्रस्ताव पारित कर चुका है। अब इसे लेकर बड़े पैमाने पर सामाजिक सुधार कार्यक्रम चलाया जाएगा और एक साथ तीन तलाक देने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों को जागरूक करने के लिए नए कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके लिए बोर्ड ने केंद्र सरकार से वित्तीय मदद भी मांगी है।
कमाल फारूकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद मामले में जल्दबाजी हो रही है। उन्होंने कहा कि किसी खास पार्टी के एक सदस्य के कहने पर इस मामले में जल्दबाजी हो रही है।
केंद्र सरकार हिंदू और मुसलमानों को लड़ाकर सियासी फायदा उठाना चाहती है- जफरयाब जिलानी, सचिव, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड।
तीन तलाक पर एक फिजूल की हवा खड़ी की गई है। ये सामाजिक मसला है, इसे यहीं सुलझाया जा सकता है- असमा जेहरा, सदस्य, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड।
तीन तलाक शरीयत में कहीं मान्य नहीं है,लेकिन यह चलन में आ गया और इसके कारण काफी महिलाओं की जिंदगी खराब हो रही है- आफरीन रहमान, तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची याचिकाकर्ता।
हमारी लड़ाई यह है कि एक साथ तीन तलाक देना उचित नहीं है। अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस पर सहमत है-अतिया साबरी, तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची याचिकाकर्ता।
शरई अदालत दारुल कजा तीन तलाक पीडि़ताओं को इंसाफ देने में नाकामयाब रहा है।
बोर्ड संविधान की दुहाई दे रहा है, लेकिन संविधान में पुरुष व महिलाओं को बराबर के अधिकार दिए गए हैं- शाईस्ता अंबर, अध्यक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुसलमानों में 1400 वर्षों से प्रचलित एक बार में तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को असंवैधानिक करार देकर निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने तीन-दो के बहुमत से फैसला देते हुए कहा था कि एक साथ तीन तलाक संविधान में दिए गए बराबरी के अधिकार का हनन है। तलाक-ए-बिद्दत इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। इसलिए इसे धार्मिक आजादी के तहत संरक्षण नहीं मिल सकता।

गुरुवार, सितंबर 14, 2017

राज्य विकास के नए युग का साक्षी बन रहा: कविंद्र

रायपुर सतवारी में जन कार्य का शुभारंभ किया 
जम्मू ।  
जम्मू कश्मीर विधान सभा के अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता ने आज कहा कि राज्य वर्तमान शासन के तहत विकास गतिविधियों एक नए युग का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा, ''पूरे राज्य में शुरू हुई विशाल विकास गतिविधियों के प्रभाव को  राज्य के लोगों के जीवन स्तर में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
अध्यक्ष रायपुर सतवारी में जन कार्य शुरू करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लोगों से उनके संबंधित क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता पर नजदीकी नजर रखकर विकास प्रक्रिया में भाग लेने की अपील की।
कविंन्द्र ने कहा कि वर्तमान सरकार अछूते क्षेत्रों पर ध्यान देने के साथ राज्य के हर हिस्से में बेहतर मूलभूत सेवाओं का विस्तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
क्षेत्र के लोगों ने अध्यक्ष को बिजली, सड़कों का निर्माण और शौचालयों सहित अन्य संबंधित मांगों के बारे में जानकारी दी।
मांगों पर कविंद्र ने उन्हें आश्वासन दिया कि रायपुर सतवारी की मुख्य सड़क का निर्माण शीघ्र ही शुरू हो जाएगा और उनके अन्य वास्तविक समस्याओं की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जाएगी और तदनुसार संबोधित किया जाएगा।
अध्यक्ष ने संबंधित विभाग को सड़क के निर्माण का विवरण जमा कराने का निर्देश दिया ताकि आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके।
बाद में, अध्यक्ष ने रायपुर सतवारी में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निष्पादित गली और शुमाली मोहल्ला में निकास का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर पूर्व नगर निगम पार्षद, पवन सिंह संबंधित ब्लॉक के अधिकारी और वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
 
 

सुनील शर्मा ने राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप के विजेताओं को सम्मानित किया

श्रीनगर। 
परिवहन, युवा सेवा एवं खेल राज्य मंत्री सुनील कुमार शर्मा, जो कराटे संघ के अध्यक्ष भी हैं, ने युवा सेवा एवं खेल विभाग द्वारा 6 से 8 सितंबर तक कारगिल में आयोजित राज्य स्तरीय कराटे चौंपियनशिप में पदक विजेताओं का आज अपने आधिकारिक निवास, श्रीनगर में सम्मानित किया।
एक चर्चा सत्र में, मंत्री ने खिलाडिय़ों को आश्वासन दिया कि कराटे के खेल को बढ़ावा देने के लिए अवसंरचना और अन्य सभी सुविधाएं मौलाना आजाद स्टेडियम जम्मू तथा राज्य के अन्य हिस्सों में विकसित की जा रही हैं।
मंत्री ने अपनी संस्थाओं, माता-पिता और पूरे राज्य के लिए ख्याति अर्जित वाले खिलाडिय़ों बधाई दी और कहा कि सरकार ऐसी प्रतियोगिताओं को आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों में विद्यार्थियों की छिपी प्रतिभा का पता लगाया जा सके।
गारिमा परिहार, रक्षित मेहता और वसुर्धन सिंह सहित सभी स्वर्ण पदक विजेता खिलाडिय़ों और रजत पदक विजेता मुमुक्षु प्रताप सिंह, कोच अभिजीत सिंह चिब, ब्लैक बेल्ट -2 डीएएन को सम्मनित किया गया।

गंगा ने जन शिकायत निवारण शिविर में लोगों के मुद्दों को सुना

महिला लाभार्थियों को सिलाई मशीन वितरित
जम्मू। 
लोगों के दरवाजे पर जन की सेवा करने के लिए, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने आज रामगढ़ में आयोजित एक जन शिकायत निवारण शिविर में स्थानीय लोगों के मुद्दों को सुना।
बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क संपर्क, जलापूर्ति, बिजली, बुनियादी सुविधाओं और अन्य सुविधाओं से संबंधित अपनी मांगों को रखा।
मंत्री ने लोगों की मांगों को गंभीरता से सुना और संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द स्थानीय लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को अच्छा प्रशासन देना चाहती है जिसके लिए हर विभाग को अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए।  उन्होंने जन सेवा गारंटी अधिनियम (पीएसजीए) के प्रावधानों के अनुसार लोगों को शामिल करने के लिए विभागों से कहा।
इस अवसर पर उपायुक्त साम्बा शीतल नंदा, एसडीएम विजयपुर रविंदर शर्मा, अतिरिक्त एसपी संाबा आदिल हामिद, जिला अधिकारी और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
लोगों की मांगों के जवाब में, मंत्री ने बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए 15 दिनों के भीतर क्षेत्र में 10 एमवीए ट्रांसफार्मर स्थापित करने का निर्देश दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पानी के पंपों को स्थापित करके और कम पानी वाले इलाकों में पाइपलाइनों को बढ़ाकर पानी की कमी की समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया।
मंत्री ने टीएसओ को राशन कार्ड के मुद्दे को हल करने तथा सप्लाई डिपो पर राशन के वितरण की प्रक्रिया को सुचारू करने का का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों के दरवाजे तक आपूर्ति करने के लिए अधिक राशन डिपो खोलने का निर्णय लिया है।
गंगा ने संबंधित अधिकारियों को इस क्षेत्र में बेहतर सड़क संपर्क स्थापित करने के लिए भी निर्देश दिया और आगे कहा कि वह लोगों को बेहतर बुनियादी सुविधा प्रदान करने के लिए दृढ़ है।
स्व रोजगार पर जोर देते हुए, मंत्री ने स्थानीय महिलाओं के बीच अपने विवेकाधीन अनुदान से 10 सिलाई मशीनों को वितरित किया ताकि वे अपने परिवार की आय को पूरक कर सकें।
शिक्षा को विकास की कुंजी बताते हुए मंत्री ने युवाओं के अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूलों के उन्नयन की आवश्यकता पर बल दिया।
मंत्री ने क्षेत्र की एक गरीब विधवा को मुत राशन प्रदान करने और संबंधित विभाग को विधवा पेंशन के लिए मामले की प्रक्रिया के लिए निर्देशित करने की भी सिफारिश की। मंत्री ने विधवा को 10,000 रुपये की नकद सहायता भी सौंपी।  उन्होंने यह भी बताया कि पेंशन के लिए इलाके के लगभग 550 योग्य व्यक्तियों के मामलों की सिफारिश की गई है और इस मामले में अधिक योग्य लोगों के मामले की प्रक्रिया होगी।े
मंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार लोगों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार का एजेंडा राज्य के हर कोने में विकास करना है जिसके लिए उसने एक व्यापक योजना तैयार की है।
 भागीदारी प्रशासन पर बल देते हुए मंत्री ने लोगों को विकास प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए कहा। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न कल्याण योजनाओं के लाभ लेने के लिए कहा।
मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को भूमिहीनों के लिए जमीन की पहचान करने और सभी योजनाओं के लिए आवास के तहत उन्हें कवर करने का निर्देश दिया।
मंत्री ने क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा भी की और उनके पहले के दिशा-निर्देशों की प्रतिक्रिया मांगी। उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों का निवारण करने के लिए ऐसी सार्वजनिक सभाएं आयोजित की जाएंगी।