अंबाला।
आयरलैंड में डेराबस्सी निवासी युवक को पाकिस्तानी युवती का रिश्ता आया तो पहले तो युवक कुछ समझ नहीं पाया। युवक ने युवती से फोन पर बातचीत करनी शुरू कर दी। दो देशों के बीच की नफरत और सरहदों की दूरियां मिटाते हुए दोनों के बीच प्यार मजबूत होने लगा। दोनों ने एक-दूसरे से शादी करने का फैसला लिया और भारत आ गए। दोनों जून महीने में परिणय सूत्र में बंधे।
दरअसल, पाकिस्तान स्थित पेशावर के हयाताबाद निवासी पूर्णिमा कोमल चौहान का भाई आकाश ही सबसे पहले विश्वास के पास बहन के लिए रिश्ता लेकर आया था। जीबीपी-एन्क्लेव, इको ग्रीन, 427 ग्राउंड फ्लोर डेराबस्सी निवासी विश्वास ने उसकी बात को ठुकराया नहीं, बल्कि अपने पिता संजीव से बात करके पूरा मामला बताया और उन्होने भी उसे हां कर दी। इसके बाद पूर्णिमा और विश्वास की पहले व्हाट्स एप चैटिंग और बाद में वीडियो काङ्क्षलग से बातचीत होनी शुरू हो गई।
दोनों में प्यार बढ़ता गया और एक-दूसरे के साथ शादी के लिए हामी भर दी। जून महीने में पूर्णिमा ने पाकिस्तान से अपना पासपोर्ट बनवाया और अपनी मां राधा के साथ विश्वास से मिलने आयरलैंड पहुंच गई। इसके बाद पूरी प्लानिंग करके विश्वास, पूर्णिमा और उसकी मां राधा को टूरिस्ट वीजा पर लेकर भारत पहुंचा। विश्वास व पूर्णिमा की अंबाला छावनी के रेजीमेंट गुरुद्वारे में शादी हुई।
पूर्णिमा व उसकी मां राधा का टूरिस्ट वीजा की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें वापस आयरलैंड जाना होगा। वहीं, इनके साथ विश्वास भी अपनी पढ़ाई पूरी करने आयरलैंड वापस चला जाएगा। विश्वास की पढ़ाई पूरी हो जाने तक पूर्णिमा उसके साथ आयरलैंड में ही रहेगी और उसकी मां राधा वापस पाकिस्तान चली जाएगी। वहीं, पूर्णिमा को अभी स्थाई रूप से इंडिया में अपनी ससुराल में हमेशा रहने के लिए लंबे वक्त का इंतजार करना होगा। इसके लिए भी इन्हें तीन महीने के अंदर-अंदर छावनी नगर निगम कार्यालय में अपनी शादी भी रजिस्टर्ड करवानी होगी।
पूर्णिमा और उसकी मां राधा कुमारी को भारतीय दूतावास की ओर से देश के केवल पांच शहरो में ही घूमने के लिए इजाजत दी गई है। 90 दिन के वीजा पर ये अंबा, गोवा, शिमला, आगरा और अमृतसर में ही घूम सकते हैं। शादी के बाद विश्वास पत्नी पूर्णिमा के साथ हनीमून पर घूमने के लिए निकल गया है।
दरअसल, पाकिस्तान स्थित पेशावर के हयाताबाद निवासी पूर्णिमा कोमल चौहान का भाई आकाश ही सबसे पहले विश्वास के पास बहन के लिए रिश्ता लेकर आया था। जीबीपी-एन्क्लेव, इको ग्रीन, 427 ग्राउंड फ्लोर डेराबस्सी निवासी विश्वास ने उसकी बात को ठुकराया नहीं, बल्कि अपने पिता संजीव से बात करके पूरा मामला बताया और उन्होने भी उसे हां कर दी। इसके बाद पूर्णिमा और विश्वास की पहले व्हाट्स एप चैटिंग और बाद में वीडियो काङ्क्षलग से बातचीत होनी शुरू हो गई।
दोनों में प्यार बढ़ता गया और एक-दूसरे के साथ शादी के लिए हामी भर दी। जून महीने में पूर्णिमा ने पाकिस्तान से अपना पासपोर्ट बनवाया और अपनी मां राधा के साथ विश्वास से मिलने आयरलैंड पहुंच गई। इसके बाद पूरी प्लानिंग करके विश्वास, पूर्णिमा और उसकी मां राधा को टूरिस्ट वीजा पर लेकर भारत पहुंचा। विश्वास व पूर्णिमा की अंबाला छावनी के रेजीमेंट गुरुद्वारे में शादी हुई।
पूर्णिमा व उसकी मां राधा का टूरिस्ट वीजा की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें वापस आयरलैंड जाना होगा। वहीं, इनके साथ विश्वास भी अपनी पढ़ाई पूरी करने आयरलैंड वापस चला जाएगा। विश्वास की पढ़ाई पूरी हो जाने तक पूर्णिमा उसके साथ आयरलैंड में ही रहेगी और उसकी मां राधा वापस पाकिस्तान चली जाएगी। वहीं, पूर्णिमा को अभी स्थाई रूप से इंडिया में अपनी ससुराल में हमेशा रहने के लिए लंबे वक्त का इंतजार करना होगा। इसके लिए भी इन्हें तीन महीने के अंदर-अंदर छावनी नगर निगम कार्यालय में अपनी शादी भी रजिस्टर्ड करवानी होगी।
पूर्णिमा और उसकी मां राधा कुमारी को भारतीय दूतावास की ओर से देश के केवल पांच शहरो में ही घूमने के लिए इजाजत दी गई है। 90 दिन के वीजा पर ये अंबा, गोवा, शिमला, आगरा और अमृतसर में ही घूम सकते हैं। शादी के बाद विश्वास पत्नी पूर्णिमा के साथ हनीमून पर घूमने के लिए निकल गया है।
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