दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
गणेश चतुर्थी से प्रारंभ हुए शहर में चल रहे गणपति महोत्सव का अनंत चौदस के दिन समापन हो गया। एक और जहां जम्मू में तवी नदी में भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया तो वहीं अखूनर स्थित चिनाब में भी गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित कर विदाई दी गई। इस दौरान शहर के विभिन्न इलाकों में अलग-अलग मंदिरों में स्थापित गणपति की शोभायात्राओं का आयोजन किया गया जिसमें भक्तों ने गुलाल उड़ाते हुए गजानन के नारों से माहौल को भक्तिमय कर दिया। बैंड-बाजों और डीजे के साथ गणपति बप्पा मोरया के जयघोष के साथ निकली शोभायात्राओं में महिलाओं और बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था और उन्होंने जमकर डांस भी किया। शहर का मुख्य गणेशोत्सव सराजा ढक्की स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में आयोजित किया गया था जिसमें वृंदावन से आई मंडली ब्रजकला आदर्श राम कृष्ण लीला संस्थान द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की लीला का क्रमबद्ध तरीके से प्रतिदिन मंचन किया गया जिसे भक्तों ने बहुत सराहा। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में शहर में गणपति महोत्सव की लोकप्रियता काफी बढ़ी है।
जम्मू।
गणेश चतुर्थी से प्रारंभ हुए शहर में चल रहे गणपति महोत्सव का अनंत चौदस के दिन समापन हो गया। एक और जहां जम्मू में तवी नदी में भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया तो वहीं अखूनर स्थित चिनाब में भी गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित कर विदाई दी गई। इस दौरान शहर के विभिन्न इलाकों में अलग-अलग मंदिरों में स्थापित गणपति की शोभायात्राओं का आयोजन किया गया जिसमें भक्तों ने गुलाल उड़ाते हुए गजानन के नारों से माहौल को भक्तिमय कर दिया। बैंड-बाजों और डीजे के साथ गणपति बप्पा मोरया के जयघोष के साथ निकली शोभायात्राओं में महिलाओं और बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था और उन्होंने जमकर डांस भी किया। शहर का मुख्य गणेशोत्सव सराजा ढक्की स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में आयोजित किया गया था जिसमें वृंदावन से आई मंडली ब्रजकला आदर्श राम कृष्ण लीला संस्थान द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की लीला का क्रमबद्ध तरीके से प्रतिदिन मंचन किया गया जिसे भक्तों ने बहुत सराहा। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में शहर में गणपति महोत्सव की लोकप्रियता काफी बढ़ी है।
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