सिरसा।
भले ही डेरा सच्चा सौदा में सर्च अभियान पूरा हो चुका है, लेकिन कहा जा रहा है कि आपत्तिजनक सामान तो पहले ही हटाया जा चुका था। लोगों का मानना है कि अधिकतर सुबूत पहले ही मिटाए जा चुके हैं। सर्च ऑपरेशन के बाद भी कई सवाल अधूरे रह गए हैं। आसपास के लोग जानने को उत्सुक है कि पहले की तरह दहशत भरे माहौल से उन्हें हमेशा के लिए छुटकारा मिलेगा या फिर कुछ दिन ठहरने के बाद वही हालात फिर से बनेंगे। उधर, प्रशासन सर्च अभियान की अंतिम रिपोर्ट तैयार करने में जुटा हुआ है। अब अगला कदम हाईकोर्ट के आदेश पर ही उठाया जाएगा।
डेरे में कई लग्जरी और मोडिफाइड गाडिय़ां थी। कुछ गाडिय़ां तो ऐसे भी थी, जिन पर सवार होकर डेरा प्रमुख अलग-अलग तरह से कार्यक्रमों में एंट्री मारता था। इन गाडिय़ों को डेरा के आसपास की कालोनियों में छुपाया गया। मगर प्रशासन ने इन कालोनियों में कोई तलाशी अभियान नहीं चलाया। डेरे में बिना नंबर की लेक्सस कार भी मिली है।
बताया जाता है कि एक ही नंबर की छह गाडिय़ां थी, जिनमें से अभी तक प्रशासन को सिर्फ दो का ही पता चल पाया है। बाकी चार गाडिय़ां कहां गई, इसकी कोई जानकारी नहीं है। अगर उन गाडिय़ों को भी खंगाला जाए तो और भी मामले सामने आ सकते हैं।
डेरा सच्चा सौदा में सर्च अभियान से पहले ही रिकार्ड नष्ट करने का काम शुरू हो गया था। डेरे में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी नष्ट कर दिया गया। सर्च अभियान में जुटी टीम को सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने के सबूत मिले हैं। पुलिस ने इसकी तह तक जाने के लिए डेरा सच्चा सौदा के आइटी हेड को गिरफ्तार कर लिया है।
डेरा सच्चा सौदा में ऐसा कोई स्थान नहीं था जहां सीसीटीवी कैमरे न लगे हों। सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर कैमरे लगे हुए थे और इनका एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया था। इस कंट्रोल रूम से पूरे डेरे के सीसीटीवी कैमरे जोड़े गए थे। यहां तक कि प्रशासनिक खंड और गुरमीत की गुफा में बाहरी छोर पर मुलाकाती कक्ष पर भी सीसीटीवी कैमरे थे।
डेरा प्रबंधन की अनेक गतिविधियां सीसीटीवी कैमरों में कैद रही हैं। यहां तक कि 25 अगस्त को बाबा को सजा से दंडित करने के बाद सिरसा में हुए उपद्रव के तार कहीं डेरे से न जुड़े इसीलिए कई हार्ड डिस्क गायब करने का अंदेशा पैदा हो गया है। पुलिस ने कुछ लोगों को पूर्व में हिरासत में लिया तो उसमें सामने आया कि डेरे में ही दो धड़े बन गए थे और एक धड़ा उपद्रव पर उतारू था। डेरे में ही कई लोग उपद्रव के लिए उकसा रहे थे इस तरह की फुटेज बाहर न जाए इसीलिए सीसीटीवी फुटेज नष्ट कर दी गई हैं। सूत्र यह बताते हैं कि सीसीटीवी फुटेज में डेरे से निकलते वाहन भी कैद हो रहे थे और यह भी डेरे के लिए परेशानी भरा था।
अश्विन शैणवी, पुलिस अधीक्षक, सिरसा का कहना है कि डेरे में सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करने का मामला सामने आया है। इसे गंभीरता से लिया गया है। हर पहलू की जांच कर रहे हैं और डेरे के आइटी हेड विनीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी तफ्तीश से कई जानकारियां सामने आने की संभावना हैं।
सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा से शवों को लखनऊ के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भेजने के मामले की जांच अब केंद्र की टीम करेगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने जांच टीम का गठन कर दिया है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने दी।
चंडीगढ़ में अश्विनी चौबे ने कहा कि जांच टीम का गठन कर दिय गया है। उन्होंने जांच पूरी करने की कोई तय समय सीमा नहीं बताई लेकिन कहा कि जल्द ही जांच रिपोर्ट आएगी। डेरा के विवाद पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पर कार्रवाई कर रही है। उल्लेखनीय है कि डेरे की जांच के दौरान पाया गया कि 15 शव लखनऊ के किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भेजे गए थे और इसका रिकार्ड भी सही तरीके से नहीं रखा था।
भले ही डेरा सच्चा सौदा में सर्च अभियान पूरा हो चुका है, लेकिन कहा जा रहा है कि आपत्तिजनक सामान तो पहले ही हटाया जा चुका था। लोगों का मानना है कि अधिकतर सुबूत पहले ही मिटाए जा चुके हैं। सर्च ऑपरेशन के बाद भी कई सवाल अधूरे रह गए हैं। आसपास के लोग जानने को उत्सुक है कि पहले की तरह दहशत भरे माहौल से उन्हें हमेशा के लिए छुटकारा मिलेगा या फिर कुछ दिन ठहरने के बाद वही हालात फिर से बनेंगे। उधर, प्रशासन सर्च अभियान की अंतिम रिपोर्ट तैयार करने में जुटा हुआ है। अब अगला कदम हाईकोर्ट के आदेश पर ही उठाया जाएगा।
डेरे में कई लग्जरी और मोडिफाइड गाडिय़ां थी। कुछ गाडिय़ां तो ऐसे भी थी, जिन पर सवार होकर डेरा प्रमुख अलग-अलग तरह से कार्यक्रमों में एंट्री मारता था। इन गाडिय़ों को डेरा के आसपास की कालोनियों में छुपाया गया। मगर प्रशासन ने इन कालोनियों में कोई तलाशी अभियान नहीं चलाया। डेरे में बिना नंबर की लेक्सस कार भी मिली है।
बताया जाता है कि एक ही नंबर की छह गाडिय़ां थी, जिनमें से अभी तक प्रशासन को सिर्फ दो का ही पता चल पाया है। बाकी चार गाडिय़ां कहां गई, इसकी कोई जानकारी नहीं है। अगर उन गाडिय़ों को भी खंगाला जाए तो और भी मामले सामने आ सकते हैं।
डेरा सच्चा सौदा में सर्च अभियान से पहले ही रिकार्ड नष्ट करने का काम शुरू हो गया था। डेरे में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को भी नष्ट कर दिया गया। सर्च अभियान में जुटी टीम को सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने के सबूत मिले हैं। पुलिस ने इसकी तह तक जाने के लिए डेरा सच्चा सौदा के आइटी हेड को गिरफ्तार कर लिया है।
डेरा सच्चा सौदा में ऐसा कोई स्थान नहीं था जहां सीसीटीवी कैमरे न लगे हों। सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर कैमरे लगे हुए थे और इनका एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया था। इस कंट्रोल रूम से पूरे डेरे के सीसीटीवी कैमरे जोड़े गए थे। यहां तक कि प्रशासनिक खंड और गुरमीत की गुफा में बाहरी छोर पर मुलाकाती कक्ष पर भी सीसीटीवी कैमरे थे।
डेरा प्रबंधन की अनेक गतिविधियां सीसीटीवी कैमरों में कैद रही हैं। यहां तक कि 25 अगस्त को बाबा को सजा से दंडित करने के बाद सिरसा में हुए उपद्रव के तार कहीं डेरे से न जुड़े इसीलिए कई हार्ड डिस्क गायब करने का अंदेशा पैदा हो गया है। पुलिस ने कुछ लोगों को पूर्व में हिरासत में लिया तो उसमें सामने आया कि डेरे में ही दो धड़े बन गए थे और एक धड़ा उपद्रव पर उतारू था। डेरे में ही कई लोग उपद्रव के लिए उकसा रहे थे इस तरह की फुटेज बाहर न जाए इसीलिए सीसीटीवी फुटेज नष्ट कर दी गई हैं। सूत्र यह बताते हैं कि सीसीटीवी फुटेज में डेरे से निकलते वाहन भी कैद हो रहे थे और यह भी डेरे के लिए परेशानी भरा था।
अश्विन शैणवी, पुलिस अधीक्षक, सिरसा का कहना है कि डेरे में सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करने का मामला सामने आया है। इसे गंभीरता से लिया गया है। हर पहलू की जांच कर रहे हैं और डेरे के आइटी हेड विनीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी तफ्तीश से कई जानकारियां सामने आने की संभावना हैं।
सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा से शवों को लखनऊ के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भेजने के मामले की जांच अब केंद्र की टीम करेगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने जांच टीम का गठन कर दिया है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने दी।
चंडीगढ़ में अश्विनी चौबे ने कहा कि जांच टीम का गठन कर दिय गया है। उन्होंने जांच पूरी करने की कोई तय समय सीमा नहीं बताई लेकिन कहा कि जल्द ही जांच रिपोर्ट आएगी। डेरा के विवाद पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पर कार्रवाई कर रही है। उल्लेखनीय है कि डेरे की जांच के दौरान पाया गया कि 15 शव लखनऊ के किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भेजे गए थे और इसका रिकार्ड भी सही तरीके से नहीं रखा था।
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