नई दिल्ली।
देश में आए दिन रेल हादसों की खबरें आती रहती हैं। इससे जानमाल का नुकसान तो होता ही है, रेलवे की साख को भी धक्का लगता है। अब रेल मंत्रालय ने अगले तीन महीनों में ट्रैक को चुस्त-दुरुस्त करने का काम बड़े पैमाने पर शुरू करने की बात कही है। नए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड को ऐसी सभी रेलवे लाइनों को चिन्हित करने का निर्देश दिया है, जिन पर ट्रैफिक ज्यादा रहता है या फिर जो ट्रैक काफी पुराने हो चुके हैं। मंत्री ने ऐसे रेलवे ट्रैक को जल्द बदलने की बात कही है।
पीयूष गोयल ने रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उन सभी पहलुओं पर चर्चा की, जो दुर्घटना के लिए जि़म्मेदार हो सकते हैं। बता दें कि इस साल आम बजट के साथ पेश हुए रेल बजट में 3500 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की रिपेयरिंग का लक्ष्य रखा गया था। इसके आलावा 3000 किलोमीटर का नया ट्रैक बिछाने की बात भी कही गई थी। रेलवे ट्रैक की मरम्मत के काम को पूरा करने के लिए रेलमंत्री ने 31 दिसंबर की डेडलाइन तय कर दी है। उन्होंने विदेशों से भी ट्रैक मंगवाने को हरी झंडी दे दी है।
रेल एक्सपर्ट विजय दत्त ने रेल सेफ्टी पर बातचीत करते हुए बताया कि रेल को सुरक्षित बनाने के लिए पीयूष गोयल ने जो कदम उठाए हैं वो सराहनीय और स्वागत योग्य हैं। उन्होंने रेलवे के फॉर्मूले का भी जि़क्र किया, जिसके आधार पर किसी भी ट्रैक की लाइफ को निर्धारित किया जाता है। रेलवे को उस अवधि से पहले ट्रैक बदलने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, रेल के नेटवर्क को और तेज़ी से बढ़ाना होगा और इसमें निवेश वृद्धि की ज़रूरत है। भारत को अपने पडोसी देश चीन से सीख लेनी चाहिए, जिसने रेल नेटवर्क का तेजी से विकास किया है। मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त करने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक रेलवे लाइनों की मरम्मत का कार्य इस वर्ष दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि रेलवे तीन हजार नई लाइन बिछाने के लक्ष्य को पूरा नहीं करेगा। रेलवे की ओर से दोनों लक्ष्यों को समय रहते पूरा करने की बात कही गई है। कहा गया कि यह जोनल रेलवे के लिए एक चुनौती होगी कि समय रहते सभी कार्यों को पूरा किया जाए।
जब सुरक्षा पर इतना ध्यान दिए जाने की बात कही जा रही है तो इसके लिए काफी लोगों की भी जरूरत होगी। ऐसे में रेलवे ने एक लाख नए लोगों की भर्ती का फैसला किया है। जूनियर और सीनियर इंजिनयरों की भर्ती की जाएगी। अगले तीन महीनों में बड़ी संख्या में अस्सिटेंट स्टेशन मास्टर और गार्डों की भी नियुक्तियां होंगी। यही नहीं, कर्मचारियों के इंटरजोनल ट्रांसफर पर भी 15 दिन के अंदर फैसला होगा। लोकोपायलटो के विश्राम, घर और अन्य समस्याओं का भी तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि मरम्मत संसाधनों की ज्यादा जरूरत के मद्देनजर रेल यात्रियों पर किराए का बोझ नहीं डाला जाएगा और न ही कोई अतिरिक्त सुरक्षा कर लगाया जाएगा। उन्होंने साल 2019 तक 3300 किमी लंबे डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया।
देश में आए दिन रेल हादसों की खबरें आती रहती हैं। इससे जानमाल का नुकसान तो होता ही है, रेलवे की साख को भी धक्का लगता है। अब रेल मंत्रालय ने अगले तीन महीनों में ट्रैक को चुस्त-दुरुस्त करने का काम बड़े पैमाने पर शुरू करने की बात कही है। नए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड को ऐसी सभी रेलवे लाइनों को चिन्हित करने का निर्देश दिया है, जिन पर ट्रैफिक ज्यादा रहता है या फिर जो ट्रैक काफी पुराने हो चुके हैं। मंत्री ने ऐसे रेलवे ट्रैक को जल्द बदलने की बात कही है।
पीयूष गोयल ने रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उन सभी पहलुओं पर चर्चा की, जो दुर्घटना के लिए जि़म्मेदार हो सकते हैं। बता दें कि इस साल आम बजट के साथ पेश हुए रेल बजट में 3500 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की रिपेयरिंग का लक्ष्य रखा गया था। इसके आलावा 3000 किलोमीटर का नया ट्रैक बिछाने की बात भी कही गई थी। रेलवे ट्रैक की मरम्मत के काम को पूरा करने के लिए रेलमंत्री ने 31 दिसंबर की डेडलाइन तय कर दी है। उन्होंने विदेशों से भी ट्रैक मंगवाने को हरी झंडी दे दी है।
रेल एक्सपर्ट विजय दत्त ने रेल सेफ्टी पर बातचीत करते हुए बताया कि रेल को सुरक्षित बनाने के लिए पीयूष गोयल ने जो कदम उठाए हैं वो सराहनीय और स्वागत योग्य हैं। उन्होंने रेलवे के फॉर्मूले का भी जि़क्र किया, जिसके आधार पर किसी भी ट्रैक की लाइफ को निर्धारित किया जाता है। रेलवे को उस अवधि से पहले ट्रैक बदलने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, रेल के नेटवर्क को और तेज़ी से बढ़ाना होगा और इसमें निवेश वृद्धि की ज़रूरत है। भारत को अपने पडोसी देश चीन से सीख लेनी चाहिए, जिसने रेल नेटवर्क का तेजी से विकास किया है। मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त करने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक रेलवे लाइनों की मरम्मत का कार्य इस वर्ष दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि रेलवे तीन हजार नई लाइन बिछाने के लक्ष्य को पूरा नहीं करेगा। रेलवे की ओर से दोनों लक्ष्यों को समय रहते पूरा करने की बात कही गई है। कहा गया कि यह जोनल रेलवे के लिए एक चुनौती होगी कि समय रहते सभी कार्यों को पूरा किया जाए।
जब सुरक्षा पर इतना ध्यान दिए जाने की बात कही जा रही है तो इसके लिए काफी लोगों की भी जरूरत होगी। ऐसे में रेलवे ने एक लाख नए लोगों की भर्ती का फैसला किया है। जूनियर और सीनियर इंजिनयरों की भर्ती की जाएगी। अगले तीन महीनों में बड़ी संख्या में अस्सिटेंट स्टेशन मास्टर और गार्डों की भी नियुक्तियां होंगी। यही नहीं, कर्मचारियों के इंटरजोनल ट्रांसफर पर भी 15 दिन के अंदर फैसला होगा। लोकोपायलटो के विश्राम, घर और अन्य समस्याओं का भी तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि मरम्मत संसाधनों की ज्यादा जरूरत के मद्देनजर रेल यात्रियों पर किराए का बोझ नहीं डाला जाएगा और न ही कोई अतिरिक्त सुरक्षा कर लगाया जाएगा। उन्होंने साल 2019 तक 3300 किमी लंबे डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया।
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