परंपरागत विविधताओं से भरे देश भारत में विवाह के भी कई प्रकार हैं, जिन्हें आम लोग शायद कम ही जानते हैं। हिंदू विवाह की प्रचलित आम मान्यातों से अलग, जिन विवाहों के बारे में हम आपको बता रहे हैं, उन्हें जानकर आप भी कहेंगे ओह माई गॉड! ये मेरा इंडिया-
मेघालय में महिलाएं कर सकती हैं कई विवाह
भारत में कई जनजातियां हैं। जिनमें शादी को लेकर सबकी अपनी-अपनी प्रथाएं हैं। ऐसे में मेघालय की खासी जनजाति में एक अनोखी प्रथा प्रचलित है। यहां एक महिला जितनी मन चाहे उतनी शादियां कर सकती है। वे चाहें तो अपने शादी के बाद पतियों को ससुराल में ही रख भी सकती है। इस समुदाय में पुरुषों का नहीं बल्कि महिलाओं का सिक्का चलता है, हालांकि इस प्रथा को बदलने की मांग भी हो रही है।
हिमाचल प्रदेश में एक ही लड़की से सभी भाई करते हैं शादी
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में शादी को लेकर एक अलग ही प्रथा हैं। इस प्रथा को यहां की भाषा में घोटुल प्रथा कहते हैं। सदियों पुरानी इस प्रथा के चलते सभी भाई एक साथ एक लड़की से शादी करते हैं। इस रिवाज को लेकर पांडवों और द्रौपदी को उदाहरण माना जाता हैं। मान्यता है कि महाभारत काल के दौरान पांडवों ने द्रौपदी और मां कुंती के साथ अज्ञातवास के कुछ पल किन्नौर जिले की गुफाओं में बिताए थे।
छत्तीसगढ़ में होती है भाई-बहनों के बीच शादी
छत्तीसगढ़ आदिवासी समाज में भी शादी को लेकर कई अनोखी प्रथाएं हैं। यहां पर धुरवा आदिवासी जनजाति में भाई-बहन आपस में शादी करते हैं। यहां पर ममेरे फुफेरे भाई बहन के बीच शादी का चलना है। ऐसे में जो लोग शादी का प्रस्ताव आने पर मना कर देते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जाता है। यही कारण है कि आज इस समाज में भी बहुत से लोग शादी करवाने की इस अनोखी परम्परा के खिलाफ हैं।
राजस्थान में शादी करने के लिए पहले पैदा करना होता है बच्चा
राजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिलो में और गुजरात में रहने वाले गरासिया जनजाति में शादी की एक अनोखी प्रथा है। गरासिया जनजाति गुजराती, भीली, मेवाड़ी और मारवाड़ी भाषा बोलते हैं। यहां पर शादी से पहले बच्चा पैदा करने का रिवाज है। यहां शादी से पहले लड़के-लड़कियां एक साथ रहते हैं। उसके बाद अगर उन्हें बच्चा नहीं पैदा होता है तो इस रिश्ते को मान्यता नहीं मिलती है।
दक्षिण भारत में कराई जाती है मामा-भांजी के बीच शादी
दक्षिण भारतीय समाज में सगे मामा-भांजी में शादी काफी उत्तम मानी जाती है। बड़ी
संख्या में आज भी यहां पर लोग इसे सबसे पहले वरीयता देते हैं। कई बार मामा-भांजियों के न चाहते हुए भी उनका विवाह करा दिया जाता है। इस अनोखी प्रथा के पीछे जमीन-जायदाद मुख्य वजह मानी जाती है। कहा जाता है कि बहन मायके में हक न मांगे, इसलिए उसकी बेटी को घर में शादी करके रख लिया जाता है।
मेघालय में महिलाएं कर सकती हैं कई विवाह
भारत में कई जनजातियां हैं। जिनमें शादी को लेकर सबकी अपनी-अपनी प्रथाएं हैं। ऐसे में मेघालय की खासी जनजाति में एक अनोखी प्रथा प्रचलित है। यहां एक महिला जितनी मन चाहे उतनी शादियां कर सकती है। वे चाहें तो अपने शादी के बाद पतियों को ससुराल में ही रख भी सकती है। इस समुदाय में पुरुषों का नहीं बल्कि महिलाओं का सिक्का चलता है, हालांकि इस प्रथा को बदलने की मांग भी हो रही है।
हिमाचल प्रदेश में एक ही लड़की से सभी भाई करते हैं शादी
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में शादी को लेकर एक अलग ही प्रथा हैं। इस प्रथा को यहां की भाषा में घोटुल प्रथा कहते हैं। सदियों पुरानी इस प्रथा के चलते सभी भाई एक साथ एक लड़की से शादी करते हैं। इस रिवाज को लेकर पांडवों और द्रौपदी को उदाहरण माना जाता हैं। मान्यता है कि महाभारत काल के दौरान पांडवों ने द्रौपदी और मां कुंती के साथ अज्ञातवास के कुछ पल किन्नौर जिले की गुफाओं में बिताए थे।
छत्तीसगढ़ में होती है भाई-बहनों के बीच शादी
छत्तीसगढ़ आदिवासी समाज में भी शादी को लेकर कई अनोखी प्रथाएं हैं। यहां पर धुरवा आदिवासी जनजाति में भाई-बहन आपस में शादी करते हैं। यहां पर ममेरे फुफेरे भाई बहन के बीच शादी का चलना है। ऐसे में जो लोग शादी का प्रस्ताव आने पर मना कर देते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जाता है। यही कारण है कि आज इस समाज में भी बहुत से लोग शादी करवाने की इस अनोखी परम्परा के खिलाफ हैं।
राजस्थान में शादी करने के लिए पहले पैदा करना होता है बच्चा
राजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिलो में और गुजरात में रहने वाले गरासिया जनजाति में शादी की एक अनोखी प्रथा है। गरासिया जनजाति गुजराती, भीली, मेवाड़ी और मारवाड़ी भाषा बोलते हैं। यहां पर शादी से पहले बच्चा पैदा करने का रिवाज है। यहां शादी से पहले लड़के-लड़कियां एक साथ रहते हैं। उसके बाद अगर उन्हें बच्चा नहीं पैदा होता है तो इस रिश्ते को मान्यता नहीं मिलती है।
दक्षिण भारत में कराई जाती है मामा-भांजी के बीच शादी
दक्षिण भारतीय समाज में सगे मामा-भांजी में शादी काफी उत्तम मानी जाती है। बड़ी
संख्या में आज भी यहां पर लोग इसे सबसे पहले वरीयता देते हैं। कई बार मामा-भांजियों के न चाहते हुए भी उनका विवाह करा दिया जाता है। इस अनोखी प्रथा के पीछे जमीन-जायदाद मुख्य वजह मानी जाती है। कहा जाता है कि बहन मायके में हक न मांगे, इसलिए उसकी बेटी को घर में शादी करके रख लिया जाता है।
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