कश्मीर समस्या के स्थायी हल के लिए 5-सी फार्मूला
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
जम्मू।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने जम्मू कश्मीर दौरे पर कहा कि वो कश्मीर की समस्याओं के दूर करने की भरपूर इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि वो हर एक प्रयास और प्रयत्न करने के लिए तैयार हैं, जिससे कश्मीर को समस्या को सुलझाया जा सके। राजनाथ सिंह के मुताबिक कश्मीर घाटी की स्थिति में सुधार हो रहा है। हम प्रत्येक कश्मीरी चेहरों पर मुस्कान देखना चाहते हैं।
राजनाथ सिंह ने कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान की बात कही और फाइव-ष्ट का फार्मूला दिया, जिसके तहत कम्पैशन (सहानुभूति), कम्यूनिकेशन-(संवाद), को -एक्सिस्टेंस (सहअस्तित्व), कांफिडेंशन बिल्डिंग- (विश्वास निर्माण), कंस्सिटेंसी- (स्थिरता) की बात कही।
राजनाथ सिंह ने कश्मीर में अमन की आशा की बात कही। कश्मीर में शान्ति की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर घाटी में शांति के दरख्त अभी सूखे नहीं है । उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने कश्मीरियों की कई पीढिंयों को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन अब मैं कश्मीर की अगली पीढ़ी को बर्बाद नहीं होने दूंगा। कश्मीर में सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वालों में युवा, व्यापारी, मजदूर और गरीब तबका रहा है।
आतंकवाद ने राज्य में टूरिज्म को बहुत नुकसान पहुंचाया है। मैं सभी देशवासियों से कश्मीर आने की अपील करता हूं।केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में टूरिज्म प्रोत्साहन के लिए विशेष कार्यक्रम चलाएगी। आर्टिकल 35ए पर बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर की जनता की भावना और इच्छा के विरुद्ध कुछ भी नहीं करेगी राजनाथ सिंह कहा कि कश्मीर में शान्ति के लिए उन्हें पांच बार क्या अगर पचास बार भी आना पड़े तो वे कश्मीर आएंगे।
उन्होंने कहा कि लालकिले से पीएम ने जो कहा थो उसे अमलीजामा पहनाने के लिए मैं प्रयत्नशील हूं। सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करूंगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की हालात पहले से बेहतर है। मैं किसी को छोडऩा नहीं चाहता जिससे मेरा संवाद न हो। शहीद अब्दुल रशीद की बेटी जोहरा का चेहरा भूलता नहीं है।
राजनाथ सिंह ने कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान की बात कही और फाइव-ष्ट का फार्मूला दिया, जिसके तहत कम्पैशन (सहानुभूति), कम्यूनिकेशन-(संवाद), को -एक्सिस्टेंस (सहअस्तित्व), कांफिडेंशन बिल्डिंग- (विश्वास निर्माण), कंस्सिटेंसी- (स्थिरता) की बात कही।
राजनाथ सिंह ने कश्मीर में अमन की आशा की बात कही। कश्मीर में शान्ति की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर घाटी में शांति के दरख्त अभी सूखे नहीं है । उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने कश्मीरियों की कई पीढिंयों को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन अब मैं कश्मीर की अगली पीढ़ी को बर्बाद नहीं होने दूंगा। कश्मीर में सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वालों में युवा, व्यापारी, मजदूर और गरीब तबका रहा है।
आतंकवाद ने राज्य में टूरिज्म को बहुत नुकसान पहुंचाया है। मैं सभी देशवासियों से कश्मीर आने की अपील करता हूं।केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में टूरिज्म प्रोत्साहन के लिए विशेष कार्यक्रम चलाएगी। आर्टिकल 35ए पर बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर की जनता की भावना और इच्छा के विरुद्ध कुछ भी नहीं करेगी राजनाथ सिंह कहा कि कश्मीर में शान्ति के लिए उन्हें पांच बार क्या अगर पचास बार भी आना पड़े तो वे कश्मीर आएंगे।
उन्होंने कहा कि लालकिले से पीएम ने जो कहा थो उसे अमलीजामा पहनाने के लिए मैं प्रयत्नशील हूं। सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करूंगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की हालात पहले से बेहतर है। मैं किसी को छोडऩा नहीं चाहता जिससे मेरा संवाद न हो। शहीद अब्दुल रशीद की बेटी जोहरा का चेहरा भूलता नहीं है।
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