गुरुवार, सितंबर 07, 2017

वित्त मंत्रालय ने प्रतिबंधित नोट जमा करने के एक और मौका देने से किया इनकार

नई दिल्ली ।
वित्त मंत्रालय ने 500 और 1000 रुपये के बंद पुराने नोट जमा करने के लिए एक और अवसर देने की संभावना से इन्कार किया है। दूसरी ओर सरकार का कहना है कि उसे उम्मीद थी कि बंद किए गए पूरे नोट बैंकों में पास आ जाएंगे जो रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुरूप है। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों में से 99 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ गए हैं। पुराने बंद हो चुके नोट वापस लिये जाने के मांग पर आर्थिक मामलों के सचिव एस. सी. गर्ग ने कहा कि फिलहाल इसकी कोई संभावना नहीं है।
रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के बाद सरकार कह रही है कि उसे उम्मीद थी कि पुराने नोटों में से ज्यादातर वापस आ जाएंगे। हालांकि, तत्कालीन अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सरकार को उम्मीद है कि बंद नोटों में से सिर्फ 10-11 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकिंग प्रणाली में लौटेंगे।
राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने सात दिसंबर को ट्वीट किया था, 'हम यह भविष्यवाणी नहीं करते हैं कि सरकार उम्मीद करती है कि बंद किए गए सभी नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ जाएंगे। गर्ग ने कहा कि ज्यादातर परिवारों के पास ऊंचे मूल्य के नोट थे जिनका इस्तेमाल वे नोटबंदी से पहले भुगतान के लिए करते थे। उन्होंने कहा, 'इस बात की पूरी उम्मीद थी कि ज्यादातर नोट वापस आ जाएंगे। लोग इसके बारे में अलग-अलग अनुमान लगा रहे थे। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में से 99 फीसद का लौट आना नोटबंदी की बड़ी सफलता को बयान करता है। मंत्री ने कहा कि यह भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ सरकार की लड़ाई को भी दर्शाता है। गोयल ने कहा कि सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार से इतर ईमानदार प्रशासन के रास्ते पर बढ़ रही है। पिछली सरकार लोगों को भ्रष्टाचार में लिप्त रहने और अनैतिक तरीके से व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित करती थी।

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