रामायण के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। आप लोग राम, लक्ष्मण और सीता से तो परिचित होंगे ही। क्या आप जानते है की राम की पत्नी सीता के साथ-साथ उर्मिला जो की लक्ष्मण की पत्नी थी ने भी बहुत बड़ा बलिदान दिया था। ये रामायण का एक भूला हुआ अध्याय है।
संभव है कि आपने राजकुमारी उर्मिला और उसके बलिदान के बारे में नहीं सुना होगा। आइये हम आपको राजकुमारी उर्मिला से परिचित करवाते है।
लक्ष्मण का जन्म :- कहते हैं कि जब लक्ष्मण का जन्म हुआ तो वह जन्म होने के बाद तब तक रोते रहे जब तक उन्हें राम के बगल में नहीं रखा गया था। उस दिन के बाद से वह हमेशा से राम के बगल में ही र थे। चाहे वो उनके साथ विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के लिए जाना हो या जंगल में निर्वासन के लिए।
लक्ष्मण का विवाह :- लक्ष्मण का विवाह सीता की छोटी बहन उर्मिला से हुआ। अयोध्या के राजकुमार राम को कैकेयी की इच्छाओं के अनुसार १४ साल के लिए जंगल में निर्वासित किया गया था। लक्ष्मण जो की राम भक्त थे और हमेशा राम के बगल में रहते थे साथ में गए। राम अपनी पत्नी के जोर देने पर उसे जंगल में साथ लेकर गए।
उर्मिला की विनती :- जब उर्मिला ने साथ जाने को कहा तो लक्ष्मण ने कहा कि वो तो राम भैया और उनकी पत्नी सीता भाभी की देखभाल के लिए साथ में जा रहे है। उर्मिला को लेकर जाने से लक्ष्मण पर उर्मिला की जिम्मेदारी भी आ जाएगी। इस तरह से लक्ष्मण जंगल में राम के साथ गए और अपनी पत्नी को साथ ले जाने से इनकार कर दिया।
निर्वासन की पहली रात :- निर्वासन की पहली ही रात को वन में राम और सीता सो गए, लक्ष्मण ने उन पर नजर रखी हुई थी। थोड़े समय बाद निद्रा देवी (नींद की देवी) ने लक्ष्मण का दरवाजा खटखटाया और लक्ष्मण को नींद में जाने के लिए कहा।
लक्ष्मण नहीं सोए :- लक्ष्मण ने निद्रा देवी से धर्म विनती करते हुए कहा की वो अगले १४ वर्षों के लिए नहीं सो सकते क्यूंकि वो अपने बड़े भइया और भाभी की रक्षा करने के लिए लगे हुए हैं। देवी उनकी भक्ति से प्रभावित हो गई थी और अगले १४ साल के लिए उन्हें छोडऩे के लिए सहमत हो गई थी।
देवी निंद्रा ने कहा कि प्रकृति के कानून के अनुसार किसी और को लक्ष्मण की नींद की हिस्सेदारी लेनी पड़ेगी। तब लक्ष्मण ने निद्रा देवी से अनुरोध किया की वो उनकी पत्नी उर्मिला के लिए पास जाए और उसे लक्ष्मण के हिस्से की नींद दे दे। लक्ष्मण जानते थे कि कर्तव्यवश उर्मिला आसानी से सहमत हो जाएगी।
निद्रा देवी उर्मिला के पास पहुंची और उन्हें लक्ष्मण की दशा समझाई। तब उर्मिला ने जवाब दिया की 'मुझे अगले १४ साल के लिए मेरे पति की नींद की हिस्सेदारी दे दो ताकि वह लगातार किसी भी तनाव या थकान के बिना जागे रह सके।उर्मिला रात और दिन सोती रही :- इस प्रकार उर्मिला १४ वर्ष के लिए रात और दिन सोती रही और लक्ष्मण ध्यान से राम और सीता की सेवा करते रहे। इस प्रकार उर्मिला ने १४ वर्ष तक सोकर अपने पति को धर्म निभाने में मदद की।
संभव है कि आपने राजकुमारी उर्मिला और उसके बलिदान के बारे में नहीं सुना होगा। आइये हम आपको राजकुमारी उर्मिला से परिचित करवाते है।
लक्ष्मण का जन्म :- कहते हैं कि जब लक्ष्मण का जन्म हुआ तो वह जन्म होने के बाद तब तक रोते रहे जब तक उन्हें राम के बगल में नहीं रखा गया था। उस दिन के बाद से वह हमेशा से राम के बगल में ही र थे। चाहे वो उनके साथ विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के लिए जाना हो या जंगल में निर्वासन के लिए।
लक्ष्मण का विवाह :- लक्ष्मण का विवाह सीता की छोटी बहन उर्मिला से हुआ। अयोध्या के राजकुमार राम को कैकेयी की इच्छाओं के अनुसार १४ साल के लिए जंगल में निर्वासित किया गया था। लक्ष्मण जो की राम भक्त थे और हमेशा राम के बगल में रहते थे साथ में गए। राम अपनी पत्नी के जोर देने पर उसे जंगल में साथ लेकर गए।
उर्मिला की विनती :- जब उर्मिला ने साथ जाने को कहा तो लक्ष्मण ने कहा कि वो तो राम भैया और उनकी पत्नी सीता भाभी की देखभाल के लिए साथ में जा रहे है। उर्मिला को लेकर जाने से लक्ष्मण पर उर्मिला की जिम्मेदारी भी आ जाएगी। इस तरह से लक्ष्मण जंगल में राम के साथ गए और अपनी पत्नी को साथ ले जाने से इनकार कर दिया।
निर्वासन की पहली रात :- निर्वासन की पहली ही रात को वन में राम और सीता सो गए, लक्ष्मण ने उन पर नजर रखी हुई थी। थोड़े समय बाद निद्रा देवी (नींद की देवी) ने लक्ष्मण का दरवाजा खटखटाया और लक्ष्मण को नींद में जाने के लिए कहा।
लक्ष्मण नहीं सोए :- लक्ष्मण ने निद्रा देवी से धर्म विनती करते हुए कहा की वो अगले १४ वर्षों के लिए नहीं सो सकते क्यूंकि वो अपने बड़े भइया और भाभी की रक्षा करने के लिए लगे हुए हैं। देवी उनकी भक्ति से प्रभावित हो गई थी और अगले १४ साल के लिए उन्हें छोडऩे के लिए सहमत हो गई थी।
देवी निंद्रा ने कहा कि प्रकृति के कानून के अनुसार किसी और को लक्ष्मण की नींद की हिस्सेदारी लेनी पड़ेगी। तब लक्ष्मण ने निद्रा देवी से अनुरोध किया की वो उनकी पत्नी उर्मिला के लिए पास जाए और उसे लक्ष्मण के हिस्से की नींद दे दे। लक्ष्मण जानते थे कि कर्तव्यवश उर्मिला आसानी से सहमत हो जाएगी।
निद्रा देवी उर्मिला के पास पहुंची और उन्हें लक्ष्मण की दशा समझाई। तब उर्मिला ने जवाब दिया की 'मुझे अगले १४ साल के लिए मेरे पति की नींद की हिस्सेदारी दे दो ताकि वह लगातार किसी भी तनाव या थकान के बिना जागे रह सके।उर्मिला रात और दिन सोती रही :- इस प्रकार उर्मिला १४ वर्ष के लिए रात और दिन सोती रही और लक्ष्मण ध्यान से राम और सीता की सेवा करते रहे। इस प्रकार उर्मिला ने १४ वर्ष तक सोकर अपने पति को धर्म निभाने में मदद की।
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