दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
कश्मीर में आतंकवादी अब अमरनाथ यात्रा पर हमले की फिराक में हैं और उनका मकसद बड़ी संख्या में अमरनाथ यात्रियों को हताहत कर देशभर में सांप्रदायिक दंगे करवाने का है। कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक ने एक बेहद गोपनीय
इस चिट्ठी में कहा गया है कि आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रा में विघ्न पैदा करने के लिए अपनी रणनीति बदली है। उनकी योजना है कि यात्रा के दौरान इस तरह हमला किया जाए कि 100-150 यात्री हताहत हों और साथ ही पुलिस के जवानों व अफसरों को भी बड़े पैमाने पर निशाना बनाया जाए। ऐसे हमले से देशभर में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो जाएंगे और उनका काम आसान हो जाएगा। हमले की आशंका के चलते जम्मू-कश्मीर पुलिस को रैड अलर्ट पर रखा गया है।
29 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा हमेशा आतंकियों के निशाने पर रही है, लेकिन इस बार कश्मीर में हालात पहले की तुलना में ज्यादा बिगड़े हुए हैं।
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए इस बार दोनों यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की संख्या पर भी बंदिश लगाई गई है। पहलगाम और बालटाल मार्गों से 7500-7500 श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। इसमें हेलिकॉप्टर सेवा का इस्तेमाल करने वालों को शामिल नहीं किया गया है।
अमरनाथ यात्रा 29 जून से आरंभ होकर सात अगस्त तक कुल 40 दिनों तक चलेगी। इस बार भी वार्षिक यात्रा में 13 साल से छोटे बच्चे व 75 साल से अधिक आयु वाले शामिल नहीं हो सकते।बालटाल और चंदनबाड़ी मार्ग से यात्रा करने के लिए अभी तक 2.40 लाख श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं। यात्रा करने के लिए पहले की तरह ही श्रद्धालु के लिए स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र लेना जरूरी है। प्रमाण-पत्र केवल विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा नियुक्तकिए गए डॉक्टरों से ही मान्य होगा। यात्रा से संबंधित सभी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
यात्रा के दौरान यात्रियों को हर कदम पर क्या करना चाहिए, इसकी पूरी जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर डाली जा रही है। बिना पंजीकरण किसी भी श्रद्धालु को यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।
हर दिन बदलेगा परमिट का रंग
पिछले वर्ष काफी श्रद्धालुओं से यात्रा पंजीकरण परमिट बरामद हुए थे। ऐसे में बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार हर दिन यात्रा पंजीकरण परमिट का रंग निर्धारित किया है।
पहलगाम रूट - सोमवार-घिया रंग। मंगलवार - पिंक, बुधवार - बैंगनी। वीरवार - पीच। शुक्रवार - लेमन। शनिवार - नीला। रविवार - हल्का पीला रंग। बालटाल रूट : सोमवार-लेमन रंग। मंगलवार - नीली। बुधवार - हल्का पीला। वीरवार - घिया। शुक्रवार - पिंक। शनिवार - बैंगनी। रविवार - पीच।
कश्मीर मे कट्टरपंथी ताकतो के सक्रिय होने का असर एक दशक से यात्रा पर धीरे धीरे पड़ता नजर आ रहा है। दो साल से कश्मीर मे आतंकवादी हमलो मे भी वृद्धि हुई है। कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग ङ्क्षहसा से ज्यादा प्रभावित है। श्रीनगर, सोपोर, गांदरबल मे पथराव व ङ्क्षहसा की घटनाएं हो रही हैं।
बेरीनाग से अनंतनाग की तरफ रास्ता जाता है जिससे पहलगाम रूट के जरिये यात्रा करते हैं। गांदरबल से बालटाल रूट से यात्रा की जाती है। सारे इलाको मे सेना, सीआरपीएफ, पुलिस की पर्याप्त तैनाती की तरफ सरकार का ध्यान रहेगा।
आठ जुलाई 2016 को हिजबुल कमांडर बुरहानी वानी सुरक्षा बलो के साथ मुठभेड़ मे मारा गया था। उसके बाद ही कश्मीर मे ङ्क्षहसा का दौर शुरू हुआ जो आज तक थमा नही है। यात्रा के दौरान ही आठ जुलाई को बुरहान वानी के मरने का एक साल पूरा हो रहा है। ऐसे मे शरारती तत्व नापाक मंसूबो को अंजाम देने की कोशिशे कर सकते हैं। पिछले दिनो केद्रीय गृह मंत्री बैठक भी कर चुके हैं।
राज्य के मुख्य सचिव बीबी ब्यास व पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद दिल्ली जाकर उच्च स्तरीय बैठक मे भाग ले चुके हैं। लंगर लगाने वाले संगठन सरकार व श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड से मिल कर सुरक्षा का मुद्दा उठा चुके है। सरकार से लंगर संगठनो को भरोसा दिलाया जा रहा है कि उन्हे पर्याप्त सुरक्षा मिलेगी।
यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण एक मार्च से शुरू हुआ था। अब तक 1.70 लाख श्रद्धालुओ ने देशभर मे पंजीकरण करवा लिया है। सरकार की कोशिश होगी कि यात्री जम्मू मे सुरक्षा दस्ते के साथ ही यात्रा पर जाए। अधिकतर श्रद्धालु सीधे जम्मू मे रुके बिना अपने वाहनो मे पहलगाम व बालटाल पहुंच जाते हैं। सुरक्षा एजेसियो, प्रशासन व अन्य विभागो मे बेहतर तालमेल कायम किया जा रहा है।
जम्मू व श्रीनगर मे करंट पंजीकरण के भी प्रबंध होगे। बड़ी संख्या मे ऐसे यात्री आते है जिन्होने एडवांस पंजीकरण नही करवाया होता है। प्रशासन व श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से जम्मू मे करंट पंजीकरण के काउंटर यात्रा शुरू होने के अगले दिन से लगेगे।
चिट्ठी में इस बात की जानकारी देकर महकमे को अलर्ट किया है।
जम्मू।
कश्मीर में आतंकवादी अब अमरनाथ यात्रा पर हमले की फिराक में हैं और उनका मकसद बड़ी संख्या में अमरनाथ यात्रियों को हताहत कर देशभर में सांप्रदायिक दंगे करवाने का है। कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक ने एक बेहद गोपनीय
इस चिट्ठी में कहा गया है कि आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रा में विघ्न पैदा करने के लिए अपनी रणनीति बदली है। उनकी योजना है कि यात्रा के दौरान इस तरह हमला किया जाए कि 100-150 यात्री हताहत हों और साथ ही पुलिस के जवानों व अफसरों को भी बड़े पैमाने पर निशाना बनाया जाए। ऐसे हमले से देशभर में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो जाएंगे और उनका काम आसान हो जाएगा। हमले की आशंका के चलते जम्मू-कश्मीर पुलिस को रैड अलर्ट पर रखा गया है।
29 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा हमेशा आतंकियों के निशाने पर रही है, लेकिन इस बार कश्मीर में हालात पहले की तुलना में ज्यादा बिगड़े हुए हैं।
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए इस बार दोनों यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की संख्या पर भी बंदिश लगाई गई है। पहलगाम और बालटाल मार्गों से 7500-7500 श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। इसमें हेलिकॉप्टर सेवा का इस्तेमाल करने वालों को शामिल नहीं किया गया है।
अमरनाथ यात्रा 29 जून से आरंभ होकर सात अगस्त तक कुल 40 दिनों तक चलेगी। इस बार भी वार्षिक यात्रा में 13 साल से छोटे बच्चे व 75 साल से अधिक आयु वाले शामिल नहीं हो सकते।बालटाल और चंदनबाड़ी मार्ग से यात्रा करने के लिए अभी तक 2.40 लाख श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं। यात्रा करने के लिए पहले की तरह ही श्रद्धालु के लिए स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र लेना जरूरी है। प्रमाण-पत्र केवल विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा नियुक्तकिए गए डॉक्टरों से ही मान्य होगा। यात्रा से संबंधित सभी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
यात्रा के दौरान यात्रियों को हर कदम पर क्या करना चाहिए, इसकी पूरी जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर डाली जा रही है। बिना पंजीकरण किसी भी श्रद्धालु को यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।
हर दिन बदलेगा परमिट का रंग
पिछले वर्ष काफी श्रद्धालुओं से यात्रा पंजीकरण परमिट बरामद हुए थे। ऐसे में बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार हर दिन यात्रा पंजीकरण परमिट का रंग निर्धारित किया है।
पहलगाम रूट - सोमवार-घिया रंग। मंगलवार - पिंक, बुधवार - बैंगनी। वीरवार - पीच। शुक्रवार - लेमन। शनिवार - नीला। रविवार - हल्का पीला रंग। बालटाल रूट : सोमवार-लेमन रंग। मंगलवार - नीली। बुधवार - हल्का पीला। वीरवार - घिया। शुक्रवार - पिंक। शनिवार - बैंगनी। रविवार - पीच।
कश्मीर मे कट्टरपंथी ताकतो के सक्रिय होने का असर एक दशक से यात्रा पर धीरे धीरे पड़ता नजर आ रहा है। दो साल से कश्मीर मे आतंकवादी हमलो मे भी वृद्धि हुई है। कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग ङ्क्षहसा से ज्यादा प्रभावित है। श्रीनगर, सोपोर, गांदरबल मे पथराव व ङ्क्षहसा की घटनाएं हो रही हैं।
बेरीनाग से अनंतनाग की तरफ रास्ता जाता है जिससे पहलगाम रूट के जरिये यात्रा करते हैं। गांदरबल से बालटाल रूट से यात्रा की जाती है। सारे इलाको मे सेना, सीआरपीएफ, पुलिस की पर्याप्त तैनाती की तरफ सरकार का ध्यान रहेगा।
आठ जुलाई 2016 को हिजबुल कमांडर बुरहानी वानी सुरक्षा बलो के साथ मुठभेड़ मे मारा गया था। उसके बाद ही कश्मीर मे ङ्क्षहसा का दौर शुरू हुआ जो आज तक थमा नही है। यात्रा के दौरान ही आठ जुलाई को बुरहान वानी के मरने का एक साल पूरा हो रहा है। ऐसे मे शरारती तत्व नापाक मंसूबो को अंजाम देने की कोशिशे कर सकते हैं। पिछले दिनो केद्रीय गृह मंत्री बैठक भी कर चुके हैं।
राज्य के मुख्य सचिव बीबी ब्यास व पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद दिल्ली जाकर उच्च स्तरीय बैठक मे भाग ले चुके हैं। लंगर लगाने वाले संगठन सरकार व श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड से मिल कर सुरक्षा का मुद्दा उठा चुके है। सरकार से लंगर संगठनो को भरोसा दिलाया जा रहा है कि उन्हे पर्याप्त सुरक्षा मिलेगी।
यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण एक मार्च से शुरू हुआ था। अब तक 1.70 लाख श्रद्धालुओ ने देशभर मे पंजीकरण करवा लिया है। सरकार की कोशिश होगी कि यात्री जम्मू मे सुरक्षा दस्ते के साथ ही यात्रा पर जाए। अधिकतर श्रद्धालु सीधे जम्मू मे रुके बिना अपने वाहनो मे पहलगाम व बालटाल पहुंच जाते हैं। सुरक्षा एजेसियो, प्रशासन व अन्य विभागो मे बेहतर तालमेल कायम किया जा रहा है।
जम्मू व श्रीनगर मे करंट पंजीकरण के भी प्रबंध होगे। बड़ी संख्या मे ऐसे यात्री आते है जिन्होने एडवांस पंजीकरण नही करवाया होता है। प्रशासन व श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से जम्मू मे करंट पंजीकरण के काउंटर यात्रा शुरू होने के अगले दिन से लगेगे।
चिट्ठी में इस बात की जानकारी देकर महकमे को अलर्ट किया है।
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