बुधवार, जून 21, 2017

भारत की हार से जम्मू के क्रिकेट प्रेमी हतप्रभ

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
जम्मू।
चैंपियंस ट्राफी में फाइनल मैच में पाकिस्तान के हाथों भारत को मिली मात से जम्मू के क्रिकेट प्रेमी हतप्रभ रह गए। पहले खेलते हुए पाकिस्तानी टीम ने जब 338 रनों का लक्ष्य भारतीय टीम के सामने रखा तब भी जम्मू के क्रिकेट प्रेमी उत्साहित थे और उन्हें भरोसा था कि भारतीय टीम इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेगी, लेकिन भारतीय टीम के खेलने उतरने के बाद पहले ही ओवर में रोहित शर्मा के आउट हो जाने के बाद भी लोगों को भरोसा था कि शिखर धवन, विराट कोहली, युवराज और धोनी मिलकर इस नुकसान की भरपाई कर लेंगे, लेकिन एक के बाद एक विकेट गिरने के साथ ही क्रिकेट प्रेमियों का भी भरोसा जवाब दे गया। कुछ क्रिकेट प्रेमियों ने इस मैच को फिक्सिंग का शिकार करार दिया क्योंकि जिस तरह से भारतीय बल्लेबाज आउट हुए, वह किसी के गले नहीं उतर रहा। जबर्दस्त बल्लेबाजी कर रहे हार्दिक पंड्यिा को जडेजा द्वारा रन आउट करा देने का गुस्सा भी जडेजा पर लोगों ने जमकर निकाला।  कई लोगों ने इस मैच को एकतरफा करार देते हुए भारतीय क्रिकेट खिलाडिय़ों के प्रति रोष का इजहार किया और कहा कि भारतीय टीम ने यह मैच जानबूझकर हारा है। लोगों की प्रतिक्रियाओं से साफ लग रहा था कि भारतीय टीम की हार किसी भी क्रिकेटप्रेमी के गले नहीं उतर रही है और वे इसे एक बुरा दुस्वप्न मान रहे हैं।
पाकिस्तान की टीम बढिय़ा संतुलन और तालमेल के साथ मजबूत मानसिकता के साथ खेली। वहीं, भारतीय टीम न सिर्फ अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप प्रदर्शन करने में चूकी बल्कि मैदान पर दृढ़ मानसिकता दिखाने में भी विफल रही।
भारतीय गेंदबाजों ने काफी खराब प्रदर्शन किया। भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या के अलावा किसी गेंदबाज ने अच्छी गेंदबाजी नहीं की। भारतीय गेंदबाज विकेट चटकाने में नाकाम रहे, वहीं उन्होंने लापरवाही के साथ खूब अतिरिक्त रन भी लुटाए। जसप्रीत बुमराह की नो बॉल पर फखर जमान को जीवनदान मिला और उन्होंने शतक जड़ डाला। वहीं, 10 ओवर में आश्विन ने 70 रन लुटाए। भारतीय गेंदबाजों ने अतिरिक्त रन के तौर पर न सिर्फ 23 रन दिए बल्कि हर अतिरिक्त रन के साथ मिलने वाली एक एक्स्ट्रा बॉल ने पाकिस्तान को 338 रनों का विशाल लक्ष्य तक भी पहुंचा दिया।
भारतीय गेंदबाजों की तरह ही बल्लेबाजों ने भी मैच में खूब लापरवाही के साथ बल्लेबाजी की। मोहम्मद आमिर और हसन अली जैसे गेंदबाजों की सटीक लाइनअप वाली गेंदों के सामने विश्वस्तरीय भारतीय बैटिंग लाइनअप का दम फूल गया। बिना खाता खोले रोहित शर्मा पविलियन लौटे। रोहित शर्मा के बाद पहुंचे विराट कोहली आमिर की गेंद को पढ़ पाने में असफल रहे। दबाव और असहज स्थिति ने कोहली को स्लिप में शादाब के हाथों लपकवा दिया।
विराट कोहली और शिखर धवन के आउट होने के बाद क्रीज पर थे सबसे अनुभवी खिलाड़ी युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी। युवराज लय में लग रहे थे और उन्हें जमने का भी मौका मिल गया। बावजूद इसके 18 साल के हसन ने अनुभवी युवराज को चलता कर दिया। युवराज के पैड से गेंद बैट पर लगी, लेकिन अंपायर ने नॉट आउट करार दिया। हसन के कहने पर कप्तान सरफराज ने रिव्यू मांगा और थर्ड अंपायर का फैसला युवराज के खिलाफ गया। इसके बाद गेंद की लेंथ पहचानने में नाकाम धोनी ने जोरदार शॉट के चक्कर में 16 गेंदों पर 4 रन बनाकर कैच थमा दिया।
मध्यक्रम के ढह जाने के बाद क्रीज पर थे युवा हार्दिक पंड्या और ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा। हार्दिक शानदार लय में थे और ऐसा लग रहा था कि यह जोड़ी फिर एक बार टीम के हाथों में चमचमाती ट्रोफी थमाएगी। 43 गेंदों में हार्दिक ने 76 रन ठोक डाले थे और बेखौफ अंदाज में लंबे छक्के जड़ रहे थे। ऐसे वक्त में जडेजा ने उन्हें रन के लिए कॉल किया। रफ्तार के साथ हार्दिक भागे और जडेजा की तरफ क्रीज पर पहुंच गए। जडेजा तालमेल बिठाने में नाकाम रहे और थोड़ी दूर भागकर लौटकर फिर अपनी क्रीज पर पहुंच गए। जब पंड्या शानदार लय में थे रविंद्र जडेजा आसानी से अपने विकेट की कुर्बानी टीम के लिए दे सकते थे। ऐसा उन्होंने किया नहीं और रन आउट होकर हार्दिक वापस लौट गए। जडेजा के इस व्यवहार की सीनियर खिलाडिय़ों कपिलदेव, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण समेत फैंस ने काफी आलोचना की।
एक कप्तान से हर मैच में सूझबूझ भरी कप्तानी की ही उम्मीद रहती है। इस लिहाज से बतौर कप्तान प्रतिभाशाली कोहली फेल हो गए। मैदान पर उन्होंने कुछ बहुत ही खराब फैसले लिए। रन लुटा रहे अश्विन से लगातार 10 ओवर डलवाना, पिछले मैच में 2 विकेट ले चुके केदार जाधव को 39वें ओवर में गेंद थमाने जैसे फैसले समझ से परे हैं। पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार थी इसके बाद भी उमेश यादव की जगह 2 स्पिनरों को खिलाया, जबकि फखर जमान और अजहर अली जैसे पाकिस्तानी बल्लेबाज स्पिन को कुशलता से खेलते हैं। वहीं, मेन बोलरों के विकेट लेने में नाकाम रहने पर भी युवराज सिंह जैसे पार्ट टाइम गेंदबाजों का वैकल्पिक तौर पर भी प्रयोग नहीं किया गया।

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