दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
नई दिल्ली।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो जाएगा और राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को है। मुखर्जी 25 जुलाई को अपना पद छोड़ेंगे। कार्यालय छोडऩे के एक माह पहले राष्ट्रपति ने 2 मामलों में दया याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही राष्ट्रपति द्वारा अब तक खारिज की गई कुल दया याचिकाओं की संख्या 30 हो गई। पहला मामला 2012 में इंदौर में एक चार वर्षीय लड़की के रेप व मर्डर का है जिसमें तीन अपराधी हैं और दूसरा एक कैब चालक और उसके सहयोगी द्वारा पुणे में एक आइटी प्रोफेशनल के गैंगरेप व मर्डर का है। ये दोनों मामले अप्रैल और मई में राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
इंदौर केस में 3 दोषी बाबू उर्फ केतन जितेंद्र उर्फ जीतू व देवेंद्र उर्फ सनी को 4 वर्ष की बच्ची के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी पाया गया। पुणे केस में वर्ष 2007 में 22 वर्षीय विप्रो कर्मचारी के दुष्कर्म व हत्या के दोषी पुरुषोत्तम दशरथ बोराटे व प्रदीप यशवंत कोकाडे को मृत्युदंड दिया गया। मुखर्जी द्वारा खारिज की गई दया याचिकाओं में 26/11 मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब, वर्ष 2001 संसद हमले का दोषी अफजल गुरु और वर्ष 1993 मुंबई आतंकी हमले के दोषी याकूब मेनन के मामले शामिल हैं। दया याचिकाओं पर निर्णय के लिए राष्ट्रपति के लिए कोई निश्चित समय नहीं होता है। प्रतिभा पाटिल ने किसी भी दया याचिका पर निर्णय लिए बिना ही पद छोड़ दिया था।
नई दिल्ली।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो जाएगा और राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को है। मुखर्जी 25 जुलाई को अपना पद छोड़ेंगे। कार्यालय छोडऩे के एक माह पहले राष्ट्रपति ने 2 मामलों में दया याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही राष्ट्रपति द्वारा अब तक खारिज की गई कुल दया याचिकाओं की संख्या 30 हो गई। पहला मामला 2012 में इंदौर में एक चार वर्षीय लड़की के रेप व मर्डर का है जिसमें तीन अपराधी हैं और दूसरा एक कैब चालक और उसके सहयोगी द्वारा पुणे में एक आइटी प्रोफेशनल के गैंगरेप व मर्डर का है। ये दोनों मामले अप्रैल और मई में राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
इंदौर केस में 3 दोषी बाबू उर्फ केतन जितेंद्र उर्फ जीतू व देवेंद्र उर्फ सनी को 4 वर्ष की बच्ची के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी पाया गया। पुणे केस में वर्ष 2007 में 22 वर्षीय विप्रो कर्मचारी के दुष्कर्म व हत्या के दोषी पुरुषोत्तम दशरथ बोराटे व प्रदीप यशवंत कोकाडे को मृत्युदंड दिया गया। मुखर्जी द्वारा खारिज की गई दया याचिकाओं में 26/11 मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब, वर्ष 2001 संसद हमले का दोषी अफजल गुरु और वर्ष 1993 मुंबई आतंकी हमले के दोषी याकूब मेनन के मामले शामिल हैं। दया याचिकाओं पर निर्णय के लिए राष्ट्रपति के लिए कोई निश्चित समय नहीं होता है। प्रतिभा पाटिल ने किसी भी दया याचिका पर निर्णय लिए बिना ही पद छोड़ दिया था।
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