शुक्रवार, जून 16, 2017

96 बच्चों के 3 पिता ने कहा, 'अल्लाह पूरी करेगा जरूरत

100 बच्चों की चाहत में चौथी शादी करने की तमन्ना

बन्नू।
पाकिस्तान में बढ़ती जनसंख्या समस्या बन रही है, वहीं करीब 100 बच्चों के ऐसे 3 पिता भी हैं जिन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। वे बड़ी सहजता से कहते हैं, 'अल्लाह उनकी जरूरतें पूरी कर देगा। 19 साल बाद देश में जनगणना की गई है और उसकी रिपोर्ट जुलाई में आने की संभावना है। जानकारों का अनुमान है कि देश की जनसंख्या करीब 20 करोड़ हो जाएगी जो 1998 में 13.5 करोड़ थी।
विश्व बैंक और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान दक्षिण एशिया में सबसे अधिक जन्मदर वाला देश है जहां हर महिला पर करीब 3 बच्चे हैं। वहीं, विशेषज्ञ आगाह करते हुए कहते हैं देश की बढ़ती जनसंख्या आर्थिक लाभ और सामाजिक कार्यों को प्रभावित कर रही है।
इधर, 36 बच्चों के पिता गुलजार खान ने कहा, 'अल्लाह ने पूरी दुनिया और इंसानों को बनाया है, इसलिए मैं बच्चा पैदा करने की प्राकृतिक प्रक्रिया को क्यों रोकूं? उनका कहना है कि इस्लाम फैमिली प्लानिंग के खिलाफ है। कबायली इलाके बन्नू के रहने वाले गुलजार (57) की तीसरी पत्नी गर्भवती हैं। गुलजार ने बताया, 'हम मजबूत होना चाहते हैं। उनका कहना है कि क्रिकेट मैच खेलने के लिए उनके बच्चों को दोस्तों की जरूरत नहीं है।
पाकिस्तान में बहुविवाह वैध है, लेकिन बहुत कम ही देखा जाता है। गुलजार जैसा परिवार भी कम ही है, लेकिन जो सोच उसकी है, वैसी सोच वहां कई लोगों की है। गुलजार के भाई मस्तान खान वजीर (70) की भी तीन पत्नियां हैं। वजीर के 22 बच्चे हैं। उनका कहना है कि उनके पोते-पोतियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि वह गिन नहीं सकते।
उन्होंने बताया, अल्लाह ने वादा किया है कि वह खाना और अन्य संसाधन देंगे, लेकिन लोगों का भरोसा कम है। वहीं, बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा में रहने वाले जान मोहम्मद के 38 बच्चे हैं। जान ने बातचीत में कहा था कि वह चौथी शादी करना चाहते हैं क्योंकि उनका लक्ष्य 100 बच्चे पैदा करना हैं। कोई भी महिला उनसे शादी नहीं करना चाहती, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी है। उन्होंने कहा, जितने ज्यादा मुस्लिम होंगे, उनके दुश्मन उनसे उतना ही डरेंगे। मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा बच्चा पैदा करना चाहिए।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को देखें तो यह इस दशक में तेजी से बढ़ी है और पिछले महीने पाकिस्तान ने अपने विकास बजट में 40 प्रतिशत की वृद्धि भी की थी। वहीं, पर्यवेक्षक आगाह करते हुए कहते हैं कि बढ़ती जनसंख्या प्रगति में बाधक है।
संयुक्त राष्ट्र की जनसंख्या परिषद की कंट्री निदेशक जेबा ए. साथर ने कहा, यह वाकई में समस्या है क्योंकि यह हमारी स्वास्थ्य सेवा को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है और विकास के पर भी बुरा असर हो रहा है।

0 टिप्पणियाँ :

एक टिप्पणी भेजें