शुक्रवार, जून 16, 2017

16 जून से रोज बदलेंगे डीजल-पेट्रोल के दाम डीलरों की परेशानी बढ़ी


नई दिल्ली।
सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने ईंधन के दाम में रोज बदलाव की योजना 16 जून से देश भर में लागू करने का फैसला किया है। बहरहाल इसकी व्यावहारिकता और डीलरों के भंडार प्रबंधन को लेकर चिंता जताई जा रही है। इस समय इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम के मुताबिक हर पखवाड़े ईंधन के खुदरा मूल्य की समीक्षा करती हैं।
आईओसी ने आज एक बयान में कहा, पेट्रोल और डीजल के दाम के रोजाना पुनरीक्षण से खुदरा कीमतें बाजार की मौजूदा स्थितियों का बेहतर प्रतिनिधित्व करेंगी। इससे खुदरा बिक्री मूल्य में उतार चढ़ाव कम होगा। इसके अलावा इससे व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी। इससे रिफाइनरी और खुदरा आउटलेट के  डिपो से उत्पादों का कारोबार बेहतर होगा। तमाम विकसित देशों में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव किया जाता है।
देश के 5 स्थानों पुदुच्चेरी, चंडीगढ़, जमशेदपुर, उदयपुर और विशाखापत्तनम में 1 मई को गतिशील ईंधन मूल्य मॉडल प्रायोगिक तौर पर लागू किया गया था, जिससे वैश्विक तर्ज पर कारोबार किया जा सके। इन शहरों में ईंधन के निजी क्षेत्र के खुदरा कारोबारियों जैसे एस्सार ऑयल और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी इस व्यवस्था का पालन किया।
सीआईपीडी के अध्यक्ष एडी सत्यनारायण ने कहा, डीलरों के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि उन्हें रोजाना के अपने भंडारण का प्रबंधन करने में मुश्किल होगी।
देश भर में सभी खुदरा पेट्रोल पंप ऑटोमेटेड नहीं हैं। इससे हमारे मुनाफे पर भी असर पड़ सकता है।
सीआईपीडी की केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र में मौजूदगी है। मासिक आधार पर देखें तो प्रत्येक आउटलेट पर औसतन 170 केएल ईंधन की खपत होती है। यूरोप में जहां भंडार का प्रबंधन कंपनियां करती हैं, वहीं अमेरिका में डीलर अंतिम मूल्य तय करते हैं।
इस साल मार्च के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 56,190 पेट्रोल पंप हैं, जो पेट्रोल डीजल की बिक्री करते हैं। इनमें से आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल के नेटवर्क में 52,604 खुदरा आउटलेट हैं। निजी कंपनियां शेल, रिलायंस और एस्सार ऑयल इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। चंडीगढ़ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने कहा, हमारे लिए धीरे धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। उपभोक्ता और डीलर दोनों ने ही नई व्यवस्था से तालमेल बिठाना शुरू कर दिया है।
डीलरों की प्रमुख चिंता घटते स्टॉक वैल्यू को लेकर थी और वे मांग कर रहे थे कि डीलर के कमीशन में बढ़ोतरी की जाए जो इस समय 2-3 प्रतिशत है। सूत्रों का कहना है कि ओएमसी डीलरों के कमीशन पर 30 जून तक फैसला कर सकती हैं। आईओसी ने अपने बयान में कहा है, सार्वजनिक क्षेत्र की ओएमसी उपभोक्ता को हर दिन कीमतें बताने के लिए उचित व्यवस्था करने के लिए कदम उठा रही हैं। इसमें रोजाना अखबारों में पेट्रोल के दाम प्रकाशित करना, खुदरा दुकानों पर प्रमुखता से पेट्रोल के दाम लिखना, मोबाइल ऐप आदि के माध्यम से जानकारी देना और केंद्रीकृत स्थानों से कीमत से जुड़े एसएमएस भेजा जाना शामिल है।

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