शनिवार, जून 24, 2017

अमिताभ बच्चन होंगे जीएसटी के ब्रांड अंबेसडर, आजादी की उद्घोषणा की तरह ही होगी जीएसटी की शुरुआत

दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
नयी दिल्ली।बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन माल एवं सेवाकर (जीएसटी) का प्रचार करते नजर आयेंगे। वहीं, जीएसटी को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि देश में जिस तरह से आजादी की घोषणा हुई थी, उसी तर्ज पर आगामी एक जुलाई को पूरे देश में एक साथ जीएसटी लागू होने की भी घोषणा की जायेगी। जीएसटी के प्रचार और उसके ब्रांड अंबेसडर को लेकर कहा जा रहा है कि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क विभाग बच्चन को जीएसटी का ब्रांड एंबेसडर बनायेगा। उनके साथ 40 सेकेंड की एक विज्ञापन फिल्म पहले ही शूट कर ली गयी है। वित्त मंत्रालय ने इस वीडियो को साझा करते हुए ट्वीट में लिखा है कि जीएसटी-एक पहल एकीकृत बाजार बनाने के लिए। इससे पहले बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू जीएसटी की ब्रांड अंबेसडर थीं।
जीएसटी व्यवस्था नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली की शुरुआत 30 जून की आधी रात को संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में होगी, जहां 15 अगस्त, 1947 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्राी जवाहरलाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण नियति के साथ मिलन  दिया था। सरकार संभवत: पहली बार नयी कराधान प्रणाली शुरू करने के लिए केंद्रीय कक्ष का उपयोग करेगी। नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली 2,000 अरब डॉलर से अधिक अर्थव्यवस्था को नया रूप देगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जीएसटी लागू होने की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम संभवत: 30 जून को रात 11 बजे शुरू होगा और आधी रात तक चलेगा। एक जुलाई से जीएसटी लागू होना है। आधी रात में घंटा बजेगाश् जो यह रेखांकित करेगा जीएसटी आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता होंगे, जहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी आमंर्तति किया जायेगा। पूर्व संप्रग सरकार में मुखर्जी जब वित्त मंत्री थे, उन्होंने जीएसटी विधेयक को आगे बढ़ाया था।
कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद होंगे। इसके अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी केंद्रीय कक्ष में मौजूद रहेंगे। सूत्रों ने कहा कि सभी राज्यों के मुख्यमंर्तयिों को भी कार्यक्रम में आमंर्तति किया जायेगा, क्योंकि जीएसटी राजकोषीय संघवाद की दिशा में अप्रत्याशित मुहिम को प्रतिबिंबित करता है। जीएसटी परिषद के सदस्य अतिथि होंगे। केंद्र एवं राज्य सरकारों को एक साथ लाने वाली जीएसटी परिषद की 17 बार बैठक हुई, ताकि नयी कर व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा सके।
पहले जीएसटी की शुरुआत विज्ञान भवन से होनी थी, लेकिन नयी कर संहिता की अहमियत को देखते हुए केंद्रीय हाल को बेहतर विकल्प माना गया। नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था एक दर्जन से अधिक शुल्कों को स्वयं में समाहित कर एकल बाजार तैयार करेगा, जिसकी आबादी अमेरिका, यूरोप, ब्राजील, मैक्सिको तथा जापान को मिलाकर अधिक है।

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