दीपाक्षर टाइम्स संवाददा
जम्मू।
पूर्व जजों को पर्याप्त सुरक्षा देने वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार को पूर्व जजों को पर्याप्त सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अलोक आराध्य और जस्टिस संजीव कुमार ने कहा कि सरकारी वकील ने न्यायालय को यह जानकारी दी कि 14 मार्च 2016 और 17 फरवरी 2017 को उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश जिसमें पूर्व जजों को सुरक्षा देने बारे निर्देश दिए गए है को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। खंडपीठ ने इसके जबाव में कहाकि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने तक उच्च न्यायालय के पुराने निर्देश को लागू किया जाए। उन्होने कहाकि वित्तीय विभाग के आयुक्त सचिव, गृह विभाग के आयुक्त सचिव, विधि व न्याय विभाग के सचिव बैठक कर इस बाबत रणनीति तैयार करें। इस बैठक में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जरनल को भी शामिल किया जाए। वहीं, खंडपीठ ने एसएसपी ट्रैफिक को निर्देश दिए कि कोर्ट परिसर के वकीलों व सुनवाई के लिए आने वाले वाहन केवल पार्किंग स्थल में ही खड़े हो यह सुनिश्चित करने के लिए चार अतिरिक्त कांस्टेबलों को कोर्ट परिसर में तैनात किया जाए।
जम्मू।
पूर्व जजों को पर्याप्त सुरक्षा देने वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार को पूर्व जजों को पर्याप्त सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अलोक आराध्य और जस्टिस संजीव कुमार ने कहा कि सरकारी वकील ने न्यायालय को यह जानकारी दी कि 14 मार्च 2016 और 17 फरवरी 2017 को उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश जिसमें पूर्व जजों को सुरक्षा देने बारे निर्देश दिए गए है को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। खंडपीठ ने इसके जबाव में कहाकि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने तक उच्च न्यायालय के पुराने निर्देश को लागू किया जाए। उन्होने कहाकि वित्तीय विभाग के आयुक्त सचिव, गृह विभाग के आयुक्त सचिव, विधि व न्याय विभाग के सचिव बैठक कर इस बाबत रणनीति तैयार करें। इस बैठक में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जरनल को भी शामिल किया जाए। वहीं, खंडपीठ ने एसएसपी ट्रैफिक को निर्देश दिए कि कोर्ट परिसर के वकीलों व सुनवाई के लिए आने वाले वाहन केवल पार्किंग स्थल में ही खड़े हो यह सुनिश्चित करने के लिए चार अतिरिक्त कांस्टेबलों को कोर्ट परिसर में तैनात किया जाए।
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