बुधवार, जून 21, 2017

कोविंद की राह अब मुश्किल नही

राष्ट्रपति चुनाव:
बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया
दीपाक्षर टाइम्स संवाददाता
नई दिल्ली।

बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया तो विपक्ष के साथ तल्खी फिर एकबार सामने आ गई। कांग्रेस ने बीजेपी पर आमसहमति का दिखावा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दलों के साथ बैठक के बाद वे अपना रुख साफ करेंगे। एक तरफ जहां एनडीए में शामिल शिवसेना ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं वहीं दूसरी बीजेडी जैसे गैरएनडीए दल भी कोविंद के नाम पर सहमत दिख रहे हैं। आइए नजर डालते हैं क्या है समीकरण राष्ट्रपति चुनाव को लेकर फिलहाल...कोविंद के नाम के ऐलान की एकतरफा फैसला अगर बीजेपी ने किया है तो उसके पीछे वर्तमान समीकरणों का सीधा हाथ है।राष्ट्रपति चुनाव के लिए अगर इलेक्टोरल कॉलेज पर नजर डालें तो 57.85प्रतिशत समीकरण सत्ताधारी एनडीए के पक्ष में दिख रहे हैं। ऐसे में अगर विपक्ष अपना उम्मीदवार उतारता भी है तो जीत की संभावना कम ही है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए अगर इलेक्टोरल कॉलेज में एनडीए के पक्ष में है 5,37,683 जो कि कुल का 48.93 प्रतिशत पड़ता है। लेकिन टीआरएस, एआईएडीएमके, वाईएसआर कांग्रेस ने एनडीए  उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है तो अब एनडीए के पक्ष में कुल 57.85 प्रतिशत वोट हो जाते हैं।
ओडिशा के सीएम और बीजेडी चीफ नवीन पटनायक ने सोमवार शाम रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी के समर्थन का ऐलान किया। इससे एनडीए के पक्ष में 2.99 प्रतिशत की और वृद्धि हो गई। हालांकि, विपक्ष की ओर से मीरा कुमार समेत कई नामों पर चर्चा की अटकलें हैं लेकिन यूपी के दो दलों बसपा और सपा के लिए कोविंद का विरोध करना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि रामनाथ कोविंद दलिक समुदाय से आते हैं। बीजेपी के लिए उनकी उम्मीदवारी मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकती है।
सपा और बसपा की ओर से कोविंद की उम्मीदवारी पर ठोस विरोध सामने नहीं आया है। 2019 चुनाव से पहले दलित उम्मीदवार का विरोध करता कोई भी दल नहीं दिखना चाहेगा। वहीं जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार का रुख भी कोविंद की उम्मीदवारी पर नरम दिख रहा है। रामनाथ कोविंद अभी बिहार के राज्यपाल हैं और नीतीश कुमार के साथ उनके अच्छे तालुक्कात रहे हैं। नीतीश कुमार ने कोविंद की उम्मीदवारी का स्वागत किया है हालांकि, समर्थन के मामले पर विपक्ष की बैठक के बाद फैसले की बात भी कही है।
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के खिलाफ विपक्ष संयुक्त उम्मीदवार उतार सकता है। वाम दलों में सूत्रों ने सोमवार की रात यह बात कही। गैर-एनडीए दलों के 22 जून को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक करने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, भारिपा बहुजन महासंघ के नेता और डॉ. बी आर अंबेडकर के पौत्र प्रकाश यशवंत अंबेडकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र और सेवानिवृत नौकरशाह गोपालकृष्ण गांधी और कुछ अन्य नामों पर विपक्षी पार्टियां विचार कर रही हैं।



0 टिप्पणियाँ :

एक टिप्पणी भेजें