हम सभी जानते हैं कि काम करने के पैसे मिलते हैं आराम करने के लिए नहीं लेकिन अगर आपसे ये कहा जाए कि आप बस आराम करिए और 12 लाख रुपये ले जाइए वो भी 70 दिनों में तो क्या कहेंगे आप। हर कोई यही जानता है कि पैसे कमाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। लोग आच्छा पैसा कमाने के चक्कर में बचपन से पढ़ते लिखते हैं। लेकिन अगर कोई आपको कहें कि आपको लाखों कमाने के लिए कोई मेहनत नहीं करनी बस बेड पर सोना है तो आपको कैसा लगेगा।
जी हां एक जगह ऐसी भी है जहां 70 दिन तक बेड पर सोने के १२ लाख रुपए दिए जाते हैं। नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को माइक्रोग्रौविटी पर लंबे समय तक रहना होता है, जो काफी कठिन होता है।
इसलिए नासा इससे होने वाले प्रभावों की स्टडी करने के मकसद से इस तरह के शोध करता है। इस शोध को पूरा करने वालों को नासा की तरफ से 12 लाख रुपये से ज्यादा का इनाम दिया जाता है। बेड रेस्ट, बेड रेस्ट स्टडीज और दूसरें अन्य नामों से नासा वर्षों से इस तरह के शोध कराता रहा है। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेश नासा अपनी सीरिज बेड स्टडीज की तहत वॉलेंटियर्स से आवेदन लेती है इसमें 70
नासा का यह शोध तीन चरणों में पूरा किया जाता है। पहले हिस्से में दोनों समूह बेड में सामान्य ढंग से रह सकते हैं और हिल-डुल भी सकते हैं। कार्यक्रम का दूसरा हिस्सा होता है बेड रेस्ट पीरियड। इसमें वॉलेंटियर्स को बेड में लेटे रहना होता है। इस चरण में वालेंटियर्स का सिर थोड़ा नीचे किया जाता है, पैर थोड़ा ऊपर रखा जाता है।
इस शोध में वॉलेंटियर्स को अधिकतर समय लेटकर ही बिताना होता है। ऐसे में नहाने और खुद को साफ-सुथरा रखने के लिए वॉलेंटियर्स को एक प्लास्टिक बेडपैन और हाथ से संचालित होने वाला शॉवर दिया जाता है।
दिन तक बैड पर अलग अलग तरीके से सोना होता है।
जी हां एक जगह ऐसी भी है जहां 70 दिन तक बेड पर सोने के १२ लाख रुपए दिए जाते हैं। नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को माइक्रोग्रौविटी पर लंबे समय तक रहना होता है, जो काफी कठिन होता है।
इसलिए नासा इससे होने वाले प्रभावों की स्टडी करने के मकसद से इस तरह के शोध करता है। इस शोध को पूरा करने वालों को नासा की तरफ से 12 लाख रुपये से ज्यादा का इनाम दिया जाता है। बेड रेस्ट, बेड रेस्ट स्टडीज और दूसरें अन्य नामों से नासा वर्षों से इस तरह के शोध कराता रहा है। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेश नासा अपनी सीरिज बेड स्टडीज की तहत वॉलेंटियर्स से आवेदन लेती है इसमें 70
नासा का यह शोध तीन चरणों में पूरा किया जाता है। पहले हिस्से में दोनों समूह बेड में सामान्य ढंग से रह सकते हैं और हिल-डुल भी सकते हैं। कार्यक्रम का दूसरा हिस्सा होता है बेड रेस्ट पीरियड। इसमें वॉलेंटियर्स को बेड में लेटे रहना होता है। इस चरण में वालेंटियर्स का सिर थोड़ा नीचे किया जाता है, पैर थोड़ा ऊपर रखा जाता है।
इस शोध में वॉलेंटियर्स को अधिकतर समय लेटकर ही बिताना होता है। ऐसे में नहाने और खुद को साफ-सुथरा रखने के लिए वॉलेंटियर्स को एक प्लास्टिक बेडपैन और हाथ से संचालित होने वाला शॉवर दिया जाता है।
दिन तक बैड पर अलग अलग तरीके से सोना होता है।
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